अपनी रचना इंटरनेट पर प्रकाशित करते-करवाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें –

SHARE:

  रचनाकार में प्रकाशनार्थ हर विधा की रचनाओं का स्वागत है.   अपनी या अपने रचनाकार मित्रों की रचनाएँ  हिन्दी के किसी भी फ़ॉन्ट यथा -  कृतिदेव...

 रचनाकार में प्रकाशनार्थ हर विधा की रचनाओं का स्वागत है. अपनी या अपने रचनाकार मित्रों की रचनाएँ हिन्दी के किसी भी फ़ॉन्ट यथा - कृतिदेवडेवलिसश्रीलिपिशुषावेबदुनियाजिस्ट-आईएसएम, लीप या किसी भी अन्य फ़ॉन्ट में पेजमेकर या एमएस वर्ड फ़ाइल के रूप में अपनी रचना ई-मेल के जरिए rachanakar@gmail.com. के पते पर भेज सकते हैं. ध्यान दें - रचनाएँ पीडीएफ़ (PDF) फ़ाइल फ़ॉर्मेट में न भेजें, इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है. यदि हिंदी यूनिकोड में रचना हो तो बेहतर. रचनाएं ईमेल से भेजना संभव नहीं हो तो रचनाओं को स्थानीय स्तर पर साइबर कैफ़े या डीटीपी सेंटर पर कम्प्यूटर पर टाइप करवाकर उसकी सीडी (इस विधि से संजय विद्रोही तथा असगर वज़ाहत जैसे दर्जनों नामचीन लेखकों के कहानी संग्रह/उपन्यास/संस्मरण/कविता संग्रह इत्यादि का प्रकाशन रचनाकार में किया जा चुका है) निम्न पते पर भेज सकते हैं:
रचनाकार
रविशंकर श्रीवास्तव
101, आदित्य एवेन्यू, एयरपोर्ट रोड, भोपाल मप्र 462002 (भारत)
कृपया ध्यान दें: (१) रचनाकार का प्रकाशन अवैतनिक अव्यावसायिक किया जाता है अतः रचनाओं के प्रकाशन के एवज में किसी तरह का मानदेय/रायल्टी प्रदान करना संभव नहीं है. ध्येय यह है कि उत्कृष्ट रचनाएँ इंटरनेट के माध्यम से जन जन को सर्वसुलभ हों. अतः रचनाओं के अप्रकाशित होने जैसा कोई बंधन नहीं है. प्रिंट मीडिया में पूर्व-प्रकाशित, चर्चित, पुरस्कृत रचनाएँ हो तो और अच्छा. इंटरनेट / अपने ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित रचनाओं को दोबारा रचनाकार पर या इंटरनेट पर अन्यत्र प्रकाशित करने का कोई अर्थ नहीं है, अतः कृपया ऐसी रचनाएँ न भेजें. 

यदि प्रकाशन हेतु ग़ज़ल / कविता भेज रहे हों तो कृपया कम से कम 10 कविताएं एक साथ प्रकाशनार्थ भेजें.
रचनाएँ भेजने से पूर्व वर्तनी  व व्याकरण इत्यादि की जाँच अवश्य कर लें.

(२) ई-मेल से रचना भेजने के पश्चात् कृपया एक सप्ताह इंतजार करें. उसके पश्चात् ही स्मरण दिलाएँ. कई दफा तात्कालिक व्यस्तताओं तथा अन्य रचनाओं के अनुक्रम के कारण तत्काल प्रकाशन नहीं हो पाता है. एक सप्ताह बाद किसी तरह की सूचना प्राप्त न होने पर रचना फिर से भेजें या सूचित करें क्योंकि कई मर्तबा जेनुइन ई-मेल स्पैम भी हो जाता है.

कृपया नीचे दी गई बातों का भी ध्यानपूर्वक पालन करें:

हिन्द युग्म में एक पोस्ट प्रकाशित हुई है - "किसी अन्य की रचना को अपना कहने का जोखिम ना लें, इंटरनेट आपकी चोरी पकड़ लेगा".  इसी तारतम्य में देखा जा रहा है कि इंटरनेट पर लगभग मुफ़्त में (आमतौर पर ब्लॉगों में) छपाई की सुविधा हासिल हो जाने के बाद अचानक हर कोई अपनी रचना हर संभव तरीके से इंटरनेट पर हर कहीं लाने को तत्पर दीखता है. देखने में आया है कि इंटरनेट पर रचनाकार अपनी रचना रचनाकार में प्रकाशित करने भेज रहा है तो साथ साथ साहित्य शिल्पी, हिन्द युग्म, अनुभूति-अभिव्यक्ति, सृजन-गाथा, शब्दकार और ऐसे ही दर्जनों अन्य जाल-प्रकल्पों पर भी अपनी वही रचनाएं प्रकाशनार्थ भेज रहा है. कुछ अति उत्साही किस्म के लोग अपनी ब्लॉग रचनाओं को एक-दो नहीं, बल्कि तीन-तीन, चार-चार जगह पर छाप रहे हैं. परंतु इसका कोई अर्थ, कोई प्रयोजन है? शायद नहीं. दरअसल, ऐसा करके हम इंटरनेट पर और ज्यादा कचरा फैला रहे होते हैं. आप सभी सुधी रचनाकारों से आग्रह है कि इंटरनेट पर रचनाएँ प्रकाशित करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें तो उत्तम होगा -

(1) यदि आपका अपना स्वयं का ब्लॉग है, तो उसमें पूर्व प्रकाशित रचनाओं को फिर से प्रकाशनार्थ न भेजें. इंटरनेट एक बड़े खुले किताब की तरह है. जिसमें सर्च कर किसी विशेष पृष्ठ पर आसानी से व तुरंत जाया जा सकता है. एक ही रचना को कई-कई पृष्ठों पर प्रकाशित करने का कोई अर्थ नहीं है. इंटरनेट पर अप्रकाशित (प्रिंट मीडिया में पूर्व प्रकाशित का तो स्वागत है) रचनाओं को ही इंटरनेटीय पत्रिकाओं को प्रकाशनार्थ भेजें. रचना एक ही इंटरनेट पत्रिका को भेजें. एक पत्रिका में प्रकाशित रचना को, अपवादों को छोड़कर, अन्य दूसरी पत्रिका में प्रकाशित न करवाएँ. आमतौर पर रचनाएँ जल्द ही प्रकाशित हो जाती हैं क्योंकि इंटरनेटी पत्रिकाओं में पृष्ठ सीमा इत्यादि का बंधन नहीं होता. आपको ईमेल से त्वरित सूचना भी प्राप्त हो जाती है. रचना के प्रकाशन के उपरांत आप चाहें तो अपने ब्लॉग में संक्षिप्त विवरण देकर उसका लिंक लगा सकते हैं.

(2) यह अवधारणा गलत है कि जितनी ज्यादा जगह में एक रचना प्रकाशित होगी उतना ज्यादा लोग पढ़ेंगे. 5-10 प्रतिशत शुरूआती हिट्स भले ही ज्यादा मिल जाएं, परंतु अंतत: लंबे समय में खोजबीन कर बारंबार पठन पाठन में वही रचना प्रयोग में आएगी जिसमें स्तरीय, सारगर्भित सामग्री होगी. लोगबाग खुद ही ब्लॉगवाणी पसंद जैसे पुस्त-चिह्न औजारों (भविष्य में ऐसे दर्जनों औजारों के आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता) का प्रयोग आपकी रचना को लोकप्रिय बनाने में करेंगे. अत: रचना इंटरनेट पर एक ही स्थल में प्रकाशित करें. यदि आपका अपना स्वयं का ब्लॉग या जाल-स्थल है तो आपकी रचना के लिए इंटरनेट पर इससे बेहतर और कोई दूसरा स्थल नहीं. यदि आप अपना स्वयं का डोमेन लेकर रचनाएँ प्रकाशित कर रहे हैं तब भी यह अनुशंसित है कि वर्डप्रेस या ब्लॉगर जैसे सदा सर्वदा के लिए मुफ़्त उपलब्ध प्रकल्पों के जरिए अपनी रचना प्रकाशित करें, व डोमेन पते से रीडायरेक्ट करें. कल को हो सकता है कि आप डोमेन का नवीनीकरण करवाना भूल जाएं, या फिर कोई पचास साल बाद आपके वारिसों को आपका डोमेन फालतू खर्च वाला लगने लगे.

(3) रचना ईमेल से भेजने के पश्चात् एक सप्ताह का समय दें. आमतौर पर इतने समय में इंटरनेटी पत्रिकाओं से प्रकाशन बाबत सूचना रचनाकारों तक पहुँच जाती है. उसके पश्चात् ही रचनाएं दोबारा भेजें. यदि संभव हो तो रचना दोबारा भेजने से पहले पूछ-ताछ कर लें, ताकि बार बार बड़ी फाइलों को अपलोड-डाउनलोड करने से बचा जा सके. आमतौर पर अच्छी प्रकाशन योग्य रचना को त्वरित ही प्रकाशित कर दिया जाता है. यदि रचना स्मरण दिलाने के बाद भी प्रकाशित नहीं होती हो तो कृपया अन्यथा न लें, क्योंकि बहुधा फरमा में नहीं बैठ पाने के कारण रचना प्रकाशित नहीं हो पाती. साथ ही हर रचना के बारे में प्रत्युत्तर की आशा न रखें. आधुनिक इंटरनेटी युग में सबसे कीमती वस्तु है समय. समयाभाव और साधनाभाव में बहुधा प्रत्येक को प्रत्युत्तर दे पाना संभव नहीं होता. अतः कृपया कृपा बनाए रखें. धैर्य भी.

(4) इंटरनेटी पत्रिका का स्वरूप, उसका तयशुदा फरमा, सामग्री इत्यादि को एक बार देख लेने के उपरांत ही अपनी रचनाएँ भेजें. इंटरनेट का प्रचार प्रसार चहुँओर फैलने से सामग्री की स्तरीयता में तेजी से कमी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. साथ ही, आमतौर पर इंटरनेट के साहित्यिक प्रकल्प रचनाकार जैसे स्थल राजनीतिक आलेख व टिप्पणियाँ प्रकाशित नहीं करते हैं, अत: इन्हें प्रकाशनार्थ न भेजें. इस तरह की तमाम सामग्री आप अपने ब्लॉग में बेधड़क प्रकाशित कर सकते हैं. यदि आपका ब्लॉग नहीं है तो, यकीन मानिए, ब्लॉग बनाना और उसमें लिखना बेहद आसान है. बाजू पट्टी में दी गई कड़ियों से और जानकारी प्राप्त करें.

(5) इंटरनेटी पत्रिकाओं के संपादकों से आग्रह है कि रचना के प्रकाशन से पूर्व वे रचना की कोई शुरूआती पंक्ति गूगल सर्च में डालकर देख लें कि वह कहीं पूर्व प्रकाशित तो नहीं है. यदि रचना पूर्व प्रकाशित है तो रचयिता को सूचित करें, और अपवाद स्वरूप कुछ विशिष्ट रचनाओं को छोड़ कर आमतौर पर इंटरनेट पर पूर्व प्रकाशित रचना को फिर से प्रकाशित न करें. पहले जब यूनिकोड प्रचलित नहीं था, तब एक ही रचना के शुषा, कृतिदेव, अर्जुन इत्यादि फोंटों में अलग अगल स्थलों पर प्रकाशित होने की बात तो ठीक थी, परंतु अब इसकी न तो जरूरत है, न ही प्रयोजन.
(6) यदि आप पुराने फ़ॉन्टों में लिख रहे हैं, तो इंटरनेट पर बहुत ही खूबसूरत ऑनलाइन फ़ॉन्ट कन्वर्टर यहाँ पर उपलब्ध है. उसमें अपनी रचना यूनिकोड में परिवर्तित करें, फिर गूगल डॉक में (यदि खाता नहीं है तो एक खाता खोल लें) हिन्दी वर्तनी की जांच (हालांकि यह उतना उन्नत नहीं है, मगर काम लायक तो है ही) कर लें. इस तरह से वर्तनी की जाँच कर ली गई, यूनिकोड में परिवर्तित रचना को प्रकाशनार्थ भेजें तो निश्चित तौर पर ऑनलाइन पत्रिकाओं के संपादक आपके अनुग्रही रहेंगे.

(7) एक बेहद महत्वपूर्ण बात - आप अपनी रचनाओं की वर्तनी, मात्रा इत्यादि की भली प्रकार जाँच परख कर प्रकाशनार्थ भेजें. जाल पर गूगल डॉक्स http://docs.google.com/?pli=1 पर हिन्दी की  बढ़िया  वर्तनी जाँच सुविधा है. इसका प्रयोग करें. यदि आपकी हिन्दी, आपको लगता है कि में सुधार की आवश्यकता है, तो अपने अन्य रचनाकार मित्रों जिनकी हिन्दी ठीक है उनसे एक बार परामर्श लेने में संकोच न करें. गलत वर्तनी युक्त रचनाओं को अस्वीकृत कर दिया जाएगा और इस संबंध में कोई पत्राचार नहीं किया जाएगा.

COMMENTS

BLOGGER: 69
  1. जानकारी महत्वपूर्ण है।

    जवाब देंहटाएं
  2. सही कहा आपने। सहमत।

    जवाब देंहटाएं
  3. रवि जी,

    आपने बहुत ही उपयोगी सलाह दिये हैं। मैं यही बात चिल्ला-चिल्लाकर हिन्द-युग्म पर रचनाएँ भेजने वाले रचनाकारों को कहता रहा हूँ कि बस इतना ही मोह रखें कि एक रचना एक ही इंटरनेट पत्रिका को भेजें। ज्यादातर रचनाकार कई जगह एक साथ ही अपनी रचना भेजते हैं। जब ऐसे रचनाकारों की कृतियाँ मैं प्रकाशित करता हूँ तो मुझे बाद में बहुत अफसोस भी होता है। एक कवि विजय कुमार सपत्ती ने तो हमारी यूनिकवि प्रतियोगिता ने एक ऐसी कविता भेज दी, जिसे वे आपके यहाँ प्रकाशित भी करवा चुके थे। कविता प्रथम हो गई थी। बाद में मैंने जब दूसरी कविता प्रकाशित की, तो पाया ऐसे ही कहीं उसे प्रकाशित पाया। फिर मुझे यूनिकविता पर भी संदेह हुआ। गूगल किया तो पाया कि वो कविता इक जगह नहीं, बल्कि कई जगह प्रकाशित थी। उसके बाद मैंने कड़ा निर्णय लिया। पूरी बात यहाँ देखें।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. शैलेष जी नमस्कार
      आपकी २०११ कि प्रतियोगिता अभी भी फ़्लैश हो रही है जैसे अभी को प्रतियोगिता होने वाली है कृपया इसे मेन्टेन करें ,धन्यवाद

      हटाएं
    2. सर मैं भी अपनी कविताएं प्रकाशित करवाना चाहती हू, कृपया मुझे बताए की मुझे क्या कर होगा। धन्यवाद सर

      हटाएं
  4. रवि जी
    अभिवंदन
    "अपनी रचना इंटरनेट पर प्रकाशित करते-करवाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें " के तारतम्य में लिखे गए आलेख को पढ़ कर ऐसा लगा जैसे आपने एक अनुकरणीय कार्य किया हो.
    मुझे उम्मीद है जो भी इस आलेख को पढेंगे वे जरूर आपके बताये हुए बिन्दुओं पर गौर करेंगे.
    - विजय

    जवाब देंहटाएं
  5. रवि जी
    अभिवंदन
    "अपनी रचना इंटरनेट पर प्रकाशित करते-करवाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें " के तारतम्य में लिखे गए आलेख को पढ़ कर ऐसा लगा जैसे आपने एक अनुकरणीय कार्य किया हो.
    मुझे उम्मीद है जो भी इस आलेख को पढेंगे वे जरूर आपके बताये हुए बिन्दुओं पर गौर करेंगे.
    - विजय

    जवाब देंहटाएं
  6. "अपनी रचना इंटरनेट पर प्रकाशित करते-करवाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें "

    जानकारी से आपने एक अनुकरणीय कार्य किया है।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत अच्छा व उचित परामर्श ।

    जवाब देंहटाएं
  8. A very useful guide line for the poets and writers. Thanks alot ravi jee. harendra

    जवाब देंहटाएं
  9. खूबसूरत पोस्ट

    जवाब देंहटाएं
  10. mahatbtavpurna janakari hai............

    जवाब देंहटाएं
  11. साहित्यकार से एक बौद्धिक ऊंचाई की आशा की जाती है .......कुछ लोग प्रकाशन को प्रशंसा- प्रसिद्धि पाने का हथियार बना लेते हैं ...दुःख होता है ऐसे लोगों की बुद्धि पर .
    आपने महत्वपूर्ण जानकारी दी ...इसके लिए साधुवाद .

    जवाब देंहटाएं
  12. रवि रतलामी जी नमस्कार बहुत अच्छी जानकारियां दी हैं आप ने यहाँ पर हमारे कवी , लेखक प मुद्रण में लगे लोगों के लिए
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  13. अखिलेश सू. जोशी की हिन्दी साहित्य को एक अद्वितीय एवं अद्भुत प्रस्तुति - स्व. श्री श्रीकृष्ण जोशी 'नक़्शे नवीस' की अद्वितीय काव्य रचनाएँ वर्ष १९१५-१९६१ के बीच रचित हैं परन्तु अब तक केवल पांडुलिपियों तक ही सीमित थी. अपने दादाजी की इन रचनाओं को अखिलेश सू. जोशी ने विश्व के सम्मुख प्रस्तुत करने का बीड़ा उठाया है एवं 'नक़्शे नवीस' की पहली रचना "वसंत विरह" इंदौर से प्रकाशित दैनिक नईदुनिया में दि. २२ जनवरी को प्रकाशित हुई| यहाँ यह उल्लेख करना अनुचित नहीं होगा की लगभग १७५ से अधिक रचनाएं अब तक अप्रकाशित हैं | उनकी रचनाओं के अंश फेसबुक के " स्व. श्री श्रीकृष्ण जोशी 'नक़्शे नवीस' ग्रुप पर प्रेषित किये जा रहे हैं | साथ ही 'नक़्शे नवीस' की रचनाओं का ब्लॉग http://श्रीकृष्णजोशी.ब्लॉगस्पोट .कॉम पर भी रचनाओं की प्रस्तुति के लिए माध्यम बनाया गया है |
    रचनाकार का परिचय http://en.wikipedia.org/wiki/User:Shreekrishna_Joshi_'Nakshe_Navees' पर उपलब्ध है |
    यह उम्मीद की जा सकती है कि आगामी एक वर्ष में सभी रचनाओं का हिन्दी साहित्य प्रेमी रसास्वादन कर सकेंगे |

    जवाब देंहटाएं
  14. रवि जी अभिनन्दन ,
    आपके वेबसाइट पर आना क्या हुआ,धन्य हों गया .......हिंदी ब्लोग्गिं से संबधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ और मार्गदर्शन पाकर मैं अपनी खुशी को व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं |

    जवाब देंहटाएं
  15. रवि जी अभिनन्दन ,
    आपके वेबसाइट पर आना क्या हुआ,धन्य हों गया .......हिंदी ब्लोग्गिं से संबधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ और मार्गदर्शन पाकर मैं अपनी खुशी को व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं |

    जवाब देंहटाएं
  16. umabhatt gadhwali1:08 pm

    आपने महत्वपूर्ण जानकारी दी धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  17. बेनामी12:18 pm

    jankari achhi hai

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत अच्छी सलाह और जानकारी.
    यह जानकारी न केवल पुराने बल्कि उन नए लेखकों के लिए भी महत्वपूर्ण है,जिनके लिए अंतर्जाल का यह माध्यम एकदम नया है और वे इसे पा कर अति -उत्साही हो जाते हैं.

    जवाब देंहटाएं
  19. क्या google transliteration पर टाइप कर इमेल dwara भेजी गयी रचना स्वीकार्य होगी .कृपया उचित मार्ग दर्शन करें

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी हाँ बिलकुल स्वीकार्य होगी. बस आप इतना ध्यान रखें कि टाइपिंग की गलतियां न हों, और जो बीच बीच में रोमन में छप जाता है उसे भी सुधार कर भेजें

      हटाएं
  20. क्या google transliteration पर टाइप कर इमेल द्वारा भेजी गयी रचना स्वीकार्य होगी .कृपया उचित मार्गदर्शन करें .

    जवाब देंहटाएं
  21. बेनामी10:55 pm

    aapne tatha kathit sahityakaron ko achhi shiksha di hai
    asha hai log samajh badhayenge.
    manoj 'aajiz'

    जवाब देंहटाएं
  22. Rachanakar. blog per aakar bada achha laga.koti koti pranam.dhyan hai hindi ke rachanakar.aap internet ke madhyam se pure hindi samaj ka alakh jaga rahe hai.aapaka anuj-Brahmanand gupta.maghar

    जवाब देंहटाएं
  23. रचनाकार द्वारा दी गई इस महत्वपूर्ण जानकारी ने मुझे कुछ लिखने के लिए प्रेरित किया हैं....जल्द ही कोई रचन भेजकर अपना योगदान देने की प्रबल अभिलषा हैं ..धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  24. रविशंकर जी, पिछले कुछ समय से मैं अपने ब्लॉग (http://itismypen.blogspot.in/)पर कवितायें लिख रहा हु। आपकी साइट देखकर अब रचनाकार मे अपनी रचनाएँ भेजने की इच्छा हो चली है। इसी उम्मीद के साथ कुछ अप्रकाशित रचनाएँ भेजने को उत्सुक हूँ।
    - सिद्धान्त

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सिद्धांत जी,
      जी हाँ, जरूर भेजिए. स्वागत है.

      हटाएं
  25. रविशंकर जी, पिछले कुछ समय से अपने ब्लॉग (http://itismypen.blogspot.in/) पर कवितायें लिख रहा हूँ। आज आपकी साइट (www.rachanakar.org) देखकर आपको अपनी रचनाएँ भेजने की इच्छा हो चली है। इसी उम्मीद के साथ कुछ अप्रकाशित रचनाए भेजने को उत्सुक हूँ। कृपया मार्गदर्शन करें।
    -सिद्धान्त

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. रचनाएँ इस पते पर भेज दें -

      rachanakar@gmail.com

      सादर,
      रवि

      हटाएं
  26. ऊपर कई लोगों के विचार पड़े. शमा करें लेकिन कविताओं के पुन; प्रकशन के बारे में मेरी अपनी निजी राय थोड़ी अलग है.हर एक इ-पत्रिका के अपने अलग पाठक होते हैं और इन्टरनेट एक खुला प्लेटफार्म होने के बावजूद तब तक आपको या आपकी रचनाओं को कोई नहीं ढूढ़ेगा जब तक आप कोई Celebrity न हो.

    जितनी ज्यादा पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होगी, वो उतने ज्यादा पाठकों तक पहुँचेगी इसमें को २ -राय नहीं हो सकती.

    उदाहरण के तौर पर मेरी कई रचनाओं पर मुझे पाठकों की काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और सभी इन्टरनेट पर उप्लब्थ है मगर मुझे पूरा भरोसा है कि "रचनाकार" पर कई पाठक होगें जिन तक मेरी रचनाएँ अब तक नहीं पहुँची होगी.

    अगर मैं इन नियमों की वजह से अपनी कवितायेँ रचनाकार पर नहीं पोस्ट कर पता हूँ तो मैं अच्छे पाठकों तक नहीं पहुँच पाउँगा और पाठक अच्छी कविताओं तक.

    शमा करे ये मेरी अपनी निजी राय है, हो सकता है आप लोग इससे इत्तफाक न रखते हो ..
    Dinesh Gupta
    https://www.facebook.com/dineshguptadin

    जवाब देंहटाएं
  27. achchi salah di hai badhai ,maira sujhav hai ki blog par prakashit rachnaon ko svikriti kai uprant ek jagah netjal mai praashit kiya jave tb kahi adhik log padkar ek doosre se jud sakte hai

    जवाब देंहटाएं
  28. आज रचनाकार से प्रथम परिचय हुआ ...थोडा अफ़सोस भी हो रहा है की इतनी देर बाद ..... कुछ दिन पहले अखबार से जानकारी मिली तब संपर्क किया ..वाकई अभिभूत हूँ ...बधाई ...

    जवाब देंहटाएं
  29. रविशंकर जी... अच्छी जानकारी.. और इस से लेखक को प्रोत्साहन भी मिलता है... अगर एक लेखक कवि अपनी रचना को अपने ब्लॉग में पोस्ट करता है तो उसे उतनी संतुस्ती नहीं होती जितनी की वह अपनी रचना का मान अन्य जगह भी देखता है... आपका सहृदय धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  30. नैतिकता के नए मानदंड..........

    जवाब देंहटाएं
  31. नैतिकता के नए प्रतिमान.........

    जवाब देंहटाएं
  32. AAP KA MARGDARSHAN ATI AVASHYAK AVM ATI UPYOGI HAI. MAIN BHI APNI RACHNAAIN AAP KO BHEJNA CHAAHTA HUN ,KRIPYA BTAIN KYA AAP UNHEN UCHIT STHAN DENE KI KRIPA KAREN GE ? AAP KE UTTER KI PRATIKSHA MEIN . DHANYAWAD , ATAM PRAKASH .

    जवाब देंहटाएं
  33. हिन्‍दी में अंतरजाल पर व्‍यावसायिक लेखन की संभावनाओं पर प्रकाश डालिए।

    जवाब देंहटाएं
  34. रवि भाई एक बात बताएं कितने लोग ब्लॉग पड़ते हैं या इन्टरनेट से पठनीय सामग्री का प्रयोग करते हैं ,अगर किसी पत्रिका के माध्यम से हमारी बात ज्यादा दिलों तक पहुंचती है तो उसमें क्या दुविधा हो सकती है
    सब पत्रिकाएं अपने अपने क्षेत्र में ही ज्यादा बिकती हैं
    कुछेक को छोड़ कर ..
    इसलिए आपको अच्छी रचनाओं को मौका देना चाहिए चाहे कहीं भी छपी हो क्या फरक पड़ता है ,मेरा तो सुझाव मात्र है ,फैसला तो आपका है

    जवाब देंहटाएं
  35. सरिता जी,
    रचनाकार का प्राथमिक उद्देश्य है ऐसे रचनाकारों को प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करना जो अपने स्वयं के ब्लॉग पर रचना प्रकाशित करने में अड़चनें महसूस करते हैं. - जैसे कि फ़ॉन्ट इत्यादि की समस्याएँ.

    रहा सवाल अच्छी रचना का, तो अच्छी रचनाएँ तो पाताल से भी पाठक खींच लाने में समर्थ होती हैं. यकीन मानिए!

    जवाब देंहटाएं
  36. बहुत ही उत्तम प्लेटफ़ॉर्म लग रहा है ..........हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  37. बेनामी9:38 am

    sir ek br m 10 poems bhejna jruri h kya??
    plz rply....

    जवाब देंहटाएं
  38. ashwani kumar sharma1:05 pm

    jaankaari ke lie thanks..............

    जवाब देंहटाएं
  39. ashwani kumar sharma1:10 pm

    jaankaari ke lie thanks...

    जवाब देंहटाएं
  40. ashwani kumar sharma1:18 pm

    sir, many many thanks for the information............

    जवाब देंहटाएं
  41. ashwani kumar sharma1:19 pm

    many many thanks for the information....

    जवाब देंहटाएं
  42. में भी एक लेख देना चाहता हु
    क्या वह छपेगा मेरा लेख किसानो
    से सम्बधित हे !

    जवाब देंहटाएं
  43. इस जानकारी के लिए धन्य्वाद

    जवाब देंहटाएं
  44. काव्य पुस्तकों के रचनाकार में प्रकाशित होने की नियमावली पढ़ा. मैं इस नियमावली के अधीन ही अपनी रचनाएँ प्रकाशनार्थ भेजता हूँ. कोशिश करूँगा ई-मेल के जरिए अपनी काव्य पुस्तक को प्रकाशनार्थ भेजने की.

    जवाब देंहटाएं
  45. जानकारी देने के लिए, धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  46. प्रिय बन्ध
    सस्नेह नमन।
    रचनाकार का अवलोकन करके बड़ा ही अच्छा लगा।एक श्लाघ्य प्रयास है।मैं भी पूरी तैयारी कर लिया,कि कुछ दूँ आपको भी.किन्तु आपकी नियमावली देखा तो अपना खजाना खाली लगा । फिलहाल,जो भी था सब punyarkkriti,akulahat,sonbhadra को दे चुका हूँ।आगे कुछ नया होगातो आपसे भी अवश्य जुड़ना चाहूँगा।
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  47. रविशंकरजी , रचनाओं के सन्दर्भ में इतनी विस्तृत और सटीक जानकारी हेतु आप सह्रदय आभार के पात्र हैं ..मेने यदा -कदा 'इ.प्रकाशन' के सन्दर्भ में इस तरह का मार्गदर्शन पूर्ववत नहीं देखा सहमति और असहमति द्वितीयक हैं किंतु आपने निःसंदेह मार्गदर्शक होने का अपना कर्तव्य पूर्ण निष्ठां से निभाया .आपका तात्पर्य रचनाओं को लेकर निःसंदेह अनुचित अतिव्रता को लेकर हैं ..किसी भी परामर्श से सभी इत्तेफाक रखे यह आवश्यक नहीं ..किन्तु परामर्श मिलता रहे ये बेहद महत्वपूर्ण और आवश्यक हैं ...

    शुभेच्छु
    शोभा जैन
    इंदौर

    जवाब देंहटाएं
  48. बहुत अच्छी जानकारी दिया .
    धन्यबाद

    जयचन्द प्रजापति

    जवाब देंहटाएं
  49. रचनाकार से काफी जानकारी प्राप्त हुई और अच्छी रचनाएं और लेख भी उपलब्ध है.आप को बधाई देती हूं.धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  50. सुंदर सार्थक अनुपम आयोजन , हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  51. मैं अपनी सभी रचनाएें अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर चुकी हूँ।। रचनाकार में भेजने के लिए खजाना खाली ही लग रहा है।

    जवाब देंहटाएं
  52. आदरणीय संपादक महोदय,
    मै नवनीता कुमारी, मैने आपको अपनी कविता
    बाते आपको भेजी है अगर आपको सही लगा तो कपया मुझे सूचित करने का कषट करे ताकी मै अपनी और रचनाए भेज सकू

    जवाब देंहटाएं
  53. Surendra Kumar mirrey4:49 pm

    Sampadak mahoday ko Mera savinay pranam.yah mahatvapurn jaankari dene ke liye dhanyavaad .Mai bhi apna rachnaye prakashit karna chahta hun Jo hamari rachna betiyon ke sandarbh me hoga

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: अपनी रचना इंटरनेट पर प्रकाशित करते-करवाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें –
अपनी रचना इंटरनेट पर प्रकाशित करते-करवाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें –
http://bp2.blogger.com/_t-eJZb6SGWU/RxDJ3_1ZEJI/AAAAAAAABwo/EGQb0YU5jgo/S980-R/rachanakar+logo.JPG
http://bp2.blogger.com/_t-eJZb6SGWU/RxDJ3_1ZEJI/AAAAAAAABwo/EGQb0YU5jgo/S980-s72-c-R/rachanakar+logo.JPG
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2009/03/blog-post_1074.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2009/03/blog-post_1074.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content