यशवन्त कोठारी का व्यंग्य : किसी के आदमी बनने का सुख

SHARE:

ज्योंही मैं उनके कमरे में घुसा, उन्होने पूछा-''तुम किसके आदमी हो ?'' मैंने भी तुरत-फुरत जवाब दिया- ''हजूर मैं तो ...

ज्योंही मैं उनके कमरे में घुसा, उन्होने पूछा-''तुम किसके आदमी हो ?'' मैंने भी तुरत-फुरत जवाब दिया- ''हजूर मैं तो आपका ही आदमी हूँ।''
   उन्होंने फिर कहा-''झूठ क्यों बोलते हो ? मेरी तो तुमने ऊपर शिकायत की है और इसी कारण तुम्हें मैनें बुलाया है, सच सच बताओ तुम किसके आदमी हो ?''
   मैंने इस बार सच सच बता दिया- ''मैं मुख्यमंत्री का आदमी हूँ।''
   ''अफसर जी की हवा निकल गई। मुझे कुर्सी पर बैठने को कहा। मंत्री जी आपका ट्रांसफर नहीं चाहते थे, और इसी कारण मैंने आपके आवेदन पर विचार नहीं किया था। ''
   अक्सर दैनिक जीवन में ऐसे अनेक अवसर आते हैं जब कोई न कोई आप से पूछ बैठता है-आप किसके आदमी हो ? मोहल्ले में दादा तक पूछता है-आप किसके आदमी हैं, और यदि आप थानेदार के आदमी हो तो दादा आपको कुछ नहीं कहता।
   इसी प्रकार कॉलेज में एक बार मैंने एक बिगडैल छात्र से पूछा- ''तुम किसके आदमी हो ? वो तुरन्त बोल पड़ा-''पापा पूलिस में एसपी हैं।'   
   मेरी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी। वह होनहार छात्र आगे जाकर प्रथम श्रेणी में पास हुआ और विश्वविधालय छात्रसंघ का अध्यक्ष बना।
   एक पी.एच. डी. छात्रा से मैनें यही प्रश्न पूछा- ''तुम्हारे पास किसका जैक है ?'' छात्रा ने विभाग के कबीना मंत्री का नाम लिया। मैं चुप हो गया । उस सुन्दर छात्रा की थीसिस मैंने ही लिखकर दी और विश्व विधालय से पास कराई।
  यदि आप किसी बड़े आदमी के आदमी हैं तो आपके लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं हैं। मुन्ना भाई एम. बी. बी. एस. ही नहीं एम. डी. भी हो सकते हैं। विश्वविधालयों में, संस्थानों में, सरकारों में, यहां तक कि एन.जी.ओ मे भी ऐसे आदमी भरे है जो किसी न किसी के आदमी हैं। वे स्वतंत्र नहीं है, बस किसी के पिछल्लगू है और इसी कारण वे पावरफुल हैं। यदि आप डाक्टर हैं और किसी मंत्री के आदमी हैं तो आपको ये अधिकार है कि आप मरीज की बांयी टांग के बजाए दांयी टांग का ऑपरेशन कर दें। आप प्रसूति के बाद बच्चा भी बदल सकते हैं, आपका बाल भी बांका नहीं होगा क्योंकि आप चिकित्सा मंत्री के आदमी है। छोटे पदों पर काम करने वाले बड़े लोगों के क्या कहने। विभागाध्यक्ष का चपरासी विभागाध्यक्ष के अलावा किसी को कुछ समझता ही नहीं है। कई आर. ए. एस. मुख्य सचिव या कबीना सचिव के आदमी हो कर रहते हैं।
   यदि आप सम्पादक के आदमी है तो क्या कहने। आपकी तीसरे दर्जे की घाटिया रचना भी छप जाती है, पारिश्रमिक भी डबल मिलता है सो अलग। यदि आप डाकू गब्बर सिंह के आदमी हैं या थानेदार के आदमी हैं तो पूरा कस्बा आपके हवाले है कहीं से भी लूटपाट शुरू कर सकते हैं। यदि आप मुम्बई के किसी भाई के आदमी हैं तो सब खून माफ है, जितनी चाहिये उतनी सुपारी लीजिये। समीक्षकों का आदमी होना भी साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र में काफी मायने रखता है आप रातों रात बड़े लेखक, कलाकार या नाटककार बन जाते हैं। किसी को भी बाप बना लीजिये।
   किसी बड़े आदमी की पूंछ पकड़ लीजिये और ट्रांसफर, पोस्टिंग, नौकरी दिलाने जैसे महान कार्यों में दोनों हाथों से सूंतिये।
   यदि आपने अनाचार, हत्या, अपहरण कर लिया है तो किसी बड़े आदमी की शरण में चले जाईये, वह आपको अपना आदमी घोषित कर दे तो मजाल है कोई आपको हाथ भी लगा सके। किसी का आदमी बन जाईये। बस फिर आपके सौ खून माफ हे। बाप पुलिस में है तो बेटा अपराधी हो सकता है। बाप काबीना मंत्री है तो बेटे को हत्या, बलात्कार का हक स्वयं मिल जाता है। सामाजिक सरोकार बदल जाते हैं। मीडिया के सुर बदल जाते हैं। इलेक्ट्रोनिक मीडिया हो या प्रिन्ट मीडिया विज्ञापन सबको चाहिये।
   यदि आत अभी तक आम आदमी हैं और किसी के आदमी नहीं बन सके हैं तो यह आपका, समाज का और देश का दुर्भाग्य है, तुरन्त किसी पावरफुल सत्ताधारी का आदमी बन जाईये। या स्वय को उसका आदमी घोषित कर दिजिये और यदि वो ना-नुकर करे तो विपक्षी खेमे की और रूख करने की धमकी दे दीजिये। आपका काम तुरन्त हो जायेगा, आपको बचाने की गारण्टी उस बड़े आदमी की स्वतः हो जाएगी। आपका बाल भी बांका नहीं होगा। बस बाप बदल लीजिये। बाप बदलते ही आपके लिए सब रास्ते स्वतः खुल जाते हैं। आजकल बापों का जमाना है। एक बाप से काम नहीं चलता। बस बदलते रहिये जब तक सफलता नहीं मिलती है।
   आपको लोन लेना है, मैनेजर घास नहीं डाल रहा है, तुरन्त बैंक में अफवाह फैला दीजिये, कि आप वित्त मंत्री के आदमी है, आप का काम चुटकियों में हो जायेगा। आपको शास्त्रीय संगीत या पुरस्कार सामारोह का कार्ड नहीं मिला है, तुरन्त स्वयं को कलाकार या अध्यक्ष का रिश्तेदार घोषित कर दीजिए। दस कार्ड आपकी सेवा में उपस्थित हो जायेंगे। मैं ऐसे सैकड़ो लोगों को जानता हूँ जो इसी प्रकार आदमियों के सहारे स्वयं बड़े बन गये। इतिहास गवाह है कई मंत्रियों के पी. ए. स्वयं मंत्री बन गये। कई वैज्ञानिकों के चमचे बड़े वैज्ञानिक बन गये । कई अफसरों के पी. ए. आगे जाकर स्वयं अफसर बन गए। इस कार्य हेतु नियम बदल दिये गये। यदि आप किसी बड़े आदमी से जुड़ी हुई हैं तो क्या कहने, फिर तो बस आप ही आप हैं। चरित्र की चाट चटनी का चमत्कार देखते ही बनता है। चरित्र का इस देश में इतना ही उपयोग हैं। आप प्रमोशन की सीढ़ियां चढ़ना चाहती हैं। तुरन्त बास को अपना बना लीजिये स्वयं को बास का आदमी या औरत घोषित कर दीजिये।
   आप अयोग्य हैं, कमजोर हैं समय पर नहीं आते, काम नहीं करना चाहते ? चिन्ता की कोई बात ही नहीं है। स्वयं को कार्यालयाध्यक्ष का विश्वस्त आदमी घोषित कर दीजिये। अब कोई आपका क्या कर लेगा । पूर्व लेखक हैं या पूर्व कवि हैं, अपने आपको सम्पादक का आदमी घोषित कर दीजिये। सम्पादक न माने आपकी बला से मगर आप साहित्य की सड़क पर धुंआ देते रहिये। प्रदूषण फैलाते रहिये।
   राजधानी में काम करने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी बड़े आदमी का आदमी होता है। राजधानी की पूँछ ही यह आदमी होता है। कस्बे का छुठभैया नेता इसी छोटे आदमी की पूँछ पकड़ कर राजधानी के काम करवाते हैं।
   लेकिन कभी-कभी आप जिसके आदमी होते हैं, सामने वाला उससे भी बड़े आदमी का आदमी होता है, ऐसी स्थिति में आप अपने बड़े आदमी को छोड़िये और उससे भी बड़े आदमी का पल्ला पकड़ लीजिये। सफलता के लिए इतना तो करना ही पड़ता है। जो लोग भवसागर को पार करने के लिए ईश्वर पर आश्रित हैं वे अपने मामले पर पुनर्विचार करें और किसी बड़े आदमी के आदमी बन जाएं ताकि भौतिक संसार में प्रगति होती रहे और आध्यात्मिक संसार किसने देखा है ?


                            0 0 0

यशवन्त कोठारी
86, लक्ष्मीनगर ब्रह्मपुरी बाहर
जयपुर 302002
फोन 2670596

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: यशवन्त कोठारी का व्यंग्य : किसी के आदमी बनने का सुख
यशवन्त कोठारी का व्यंग्य : किसी के आदमी बनने का सुख
http://lh3.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/Sf4-mejDjoI/AAAAAAAAGII/EWoUuNgmfPo/yashwant%20kothari[2].jpg?imgmax=800
http://lh3.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/Sf4-mejDjoI/AAAAAAAAGII/EWoUuNgmfPo/s72-c/yashwant kothari[2].jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_7335.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_7335.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content