व्यंग्य लेखन पुरस्कार आयोजन - श्याम बाबू शर्मा का व्यंग्य : अथ कथा श्रीरंगीलाल

SHARE:

(प्रविष्टि क्रमांक - 15) श्रीरंगीलाल जी मेरे ही मुहल्ले के जीव हैं। एक यही तो हैं हमारे सगे पडोसी। वैसे तो हमारे और भी कई पडोसी है...

rachanakar-vyangya

(प्रविष्टि क्रमांक - 15)

श्रीरंगीलाल जी मेरे ही मुहल्ले के जीव हैं। एक यही तो हैं हमारे सगे पडोसी। वैसे तो हमारे और भी कई पडोसी हैं। परन्तु जैसा अपनापन श्रीरंगीलाल जी के साथ है वैसा और किसी के साथ नहीं। इसका भी एक कारण है- वह हैं भाभी जी। भाभी जी माने श्रीरंगीलाल जी की एकमात्र सुंदर, सुशील धर्मपत्नी और उनके हाथ की बनी इलायची वाली चाय। अकसर हमारी शामें उन्हीं के घर गुजरती हैं। हम अपने-अपने अनुभव, सुख-दुख एक-दूसरे से बांटते और भाभी जी के हाथ की बनी इलायची वाली चाय और साथ में बाय का आनन्द उठाते।

श्रीरंगीलाल जी प्रदेश सरकार के किसी विभाग के मुलाजिम हैं। वैसे तो प्रदेश सरकार के किसी विभाग का मुलाजिम होना अपने आप में काफी अहमियत रखता है। यहां ऊपरी कमाई की काफी गुंजाईश रहती है। यह ऊपरी कमाई वेतन से अधिक मानी जाती है। यहां रोज कोई न कोई मुर्गा फंस ही जाता है। परन्तु इसके विपरीत श्रीरंगीलाल जी के बारे में सुना जाता है कि वे काफी ईमानदार व्यक्ति हैं। इसका भी एक कारण है वे प्रदेश सरकार के एक ऐसे विभाग से संबध्द हैं, जिसका दूर-दूर तक पब्लिक से कोई भी डीलिंग नहीं है। उनका विभाग सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का कार्य करता है। भई जब पब्लिक से डीलिंग ही नहीं है तो ऊपरी कमाई का जरिया ही कहां से आए। देखा जाए तो श्रीरंगीलाल जी का ईमानदार होना भी अपने आप में एक मजबूरी ही है। वैसे कहा भी जाता है कि व्यक्ति ईमानदार तभी तक रह पाता है, जब तक उसे बेईमानी करने का मौका नहीं मिलता। मौका मिले तो विभाग ही बेच दे। हां तो वैसे तो श्रीरंगीलाल जी ईमानदार व्यक्ति हैं, परन्तु कभी-कभार बच्चों की फरमाइश पर विभाग से लेखन सामग्री मतलब रजिस्टर, पेन्सिल, फोटोपेपर आदि ले आते हैं, इसे बेईमानी की श्रेणी में नहीं लाया जा सकता है। क्योंकि यह प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के मौलिक अधिकार की श्रेणी में आता है। इसी प्रकार सरकारी आयोजनों की व्यवस्था में से उनके द्वारा कुछ बचा लेना भी बेईमानी की श्रेणी में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इसे भाग-दौड़ की एवज में बचाया हुआ पारिश्रमिक माना जाना चाहिए।

ऐसे ही एक दिन शाम को भाभी जी के हाथ की बनी चाय पीने की गरज से जब मैं श्रीरंगीलाल जी के घर पहुंचा तो देखा कि श्रीरंगीलाल जी गहरी सोच की मुद्रा में बैठे हैं। उनके माथे पर चिन्ता की गहरी लकीरें उभर आईं हैं। मुझे देखते ही बोले- आइए शर्मा जी। आप की ही प्रतीक्षा कर रहा था। मैंने पूछा- क्या बात है। काफी चिन्तित दिख रहे हैं। कुशल मंगल तो है ना। बोले- वही तो नहीं है। मुख्यालय से खबर आई है एक घाघ अफसर की तैनाती यहां हो रही है। सुना है कि वह बड़ा ही बेईमान किस्म का अफसर है। बात-बात में रिश्वत मांगता है और न दो तो अनुशासनिक कार्रवाई कर देता है। अब हमारी ईमानदारी का क्या होगा। इसकी लाज कैसे बचेगी। मैंने कहा- इसमें कौन सी बड़ी बात है। मुख्यालय में आपकी पैठ है ही। उसका स्थानांतरण रूकवा दो। कहने लगे- वह भी कोशिश करके देख ली। वह भी बड़ा सोर्स वाला है। उसी ने अपने प्रयास से यहां इस जिले में स्थानांतरण करवाया है। मैं ही नहीं पूरा का पूरा स्टाफ चिन्तित है। अब क्या होगा शर्मा जी।

मामला वाकई काफी गंभीर था। आज की चाय में वह स्वाद महसूस नहीं हो रहा था। अनमने मन से चाय सुड़की और घर आ गया। इसी उधेड़बुन में एक सप्ताह गुजर गया भाभी जी के हाथ की बनी वह इलायची वाली चाय पीए। एक सप्ताह बाद जब मैं श्रीरंगीलाल जी के घर गया तो श्रीरंगीलाल जी को आफिस की फाइलों में सिर खपाए पाया। काफी अचम्भा हुआ, जो शख्स यह कहता था कि आफिस में कोई काम नहीं है सारा दिन मक्खी मारते बीत जाता है। आज अचानक इतना सारा काम कहां से टपक गया जो आफिस के बाद घर पर भी उसे निपटाने की नौबत आ गई हो। रहा न गया पूछ ही लिया। श्रीरंगीलाल जी रूहासे हो गए और उसी अंदाज में कहने लगे- उस घाघ अफसर ने ज्वाइन कर लिया है और सारे स्टाफ की नाक में दम कर दिया है। आफिस के सारे पोर्शनों के स्टेटमेंट तैयार करवा रहा है। नया-पुराना सभी विवरण मांग रहा है। प्रस्तुत नहीं करने पर अनुशासनिक कार्रवाई की धमकी दे रहा है। कहते-कहते मानो श्रीरंगीलाल जी अभी रो ही पड़ेंगे। मुझे उनकी दशा पर सहानुभूति होने लगी। जिस व्यक्ति ने अपने अब तक कार्यकाल में कभी कोई फाइल पलटकर नही देखी। सारे दिन आफिस में मक्खी मारता था। अचानक इतना सारा काम कैसे निपटाएगा। मैं सांत्वना के दो शब्द बोलने ही वाला था कि वे गिड़गिड़ाने लगे- आप ही कोई युक्ति बताओ कैसे इस विजातीय तत्व से छुटकारा पाया जाए। मैंने कहा- इसमें कौन सी बड़ी बात है। हम भारतीयों में इतनी क्षमता तो है ही किसी को भी जड़ से उखाड़ फेक सकते हैं। जब हमने तीन सौ वर्ष पुराने अंग्रेजी शासन के दरख्त को उखाड़ फेका तो फिर इसकी क्या बिसात।

श्रीरंगीलाल जी ने मानो इस महामंत्र को आत्मसात कर लिया हो। जोर-जोर से सिर हिलाने लगे। इस महाअभियान को चलाने के लिए अगले दिन ही पूरे स्टाफ की गुप्त बैठक श्रीरंगीलाल जी के घर पर आहूत की गई। गहन विचार विमर्श हुआ। निर्णय के अनुसार चार दल का गठन हुआ। सबके कार्य निर्धारित हुए। कार्य निर्धारण के अनुसार पहले दल, जिसमें नरम मिजाज के सदस्य थे, को असहयोग आंदोलन छेड़ना था। दूसरे दल, जिसमें गरम मिजाज के सदस्य थे, को बात-बात में डराना धमकाना था। तीसरे दल, जिसमें कूटनीति शास्त्र के विशेषज्ञ थे, को कथित विजातीय तत्व का शुभचिंतक बनकर उससे गलत-सलत कार्य के लिए उकसाना और उसे सतर्कता मामलों में उलझाना था। सबसे महत्वपूर्ण कार्य चौथे दल के रूप में महिला मोर्चा को सौपा गया था। इसके अंतर्गत विजातीय तत्व जब तीन तरफा प्रहार से किसी तरह बचकर निकलना चाहे तो उस पर अपना संविधान प्रदत्त ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना था। सभी अपने-अपने कार्य में निपुण थे। और जो नहीं थे उन्हें बकायदा क्रैश कोर्स कराया गया। इस बीच मुझे आवश्यक कार्यवश करीब एक पखवाड़े के लिए शहर से बाहर जाना पड़ा। व्यस्तता के कारण न ही मैं अपने सगे पड़ोसी का हाल-चाल ले सका और न ही उनकी ओर से कोई समाचार दिया गया। एक पखवाड़े के पश्चात जब मैं वापस आया तो सोचा आज शाम को भाभी जी के हाथ की बनी चाय पीने अवश्य जाऊंगा और लगे हाथ श्रीरंगीलाल जी के आफिस का हाल-चाल भी पूछ लूंगा। परन्तु यह क्या शायद श्रीरंगीलाल जी को मेरे वापस आने की खबर मिल चुकी थी। आफिस का काम निपटाकर जैसे ही शाम को मैं घर पहुंचा वे मुझे मेरे ही घर पर मिल गए। उनके हाथ में मिठाई का डिब्बा था। प्रसन्न मुद्रा में उन्होंने मुझे लपककर अपनी बांहों में भर लिया। बोले- शर्माजी, आज हम उस विजातीय तत्व के चंगुल से हमेशा के लिए मुक्त हो गए हैं जिसने हम जैसे सरकारी दामादों को अपना गुलाम बनाना चाहा। आपके मंत्र के प्रभाव से ही उसे काले पानी की सजा हो गई है। पूरा स्टाफ आपका हार्दिक शुक्रगुजार है। घर-घर मिठाईयां बांटी जा रही हैं। हम सबकी तरफ से यह मिठाई आपके लिए है।

श्रीरंगीलाल जी को प्रसन्न देखकर मुझे भी हार्दिक प्रसन्नता हुई और होती भी क्यों ना। आखिर वे जो ठहरे मेरे सगे पड़ोसी ही ना। अपने सगों को प्रसन्न देखकर कौन अभागा प्रसन्न नहीं होगा। अत: मेरा प्रसन्न होना स्वभाविक था। परन्तु साथ ही एक हार्दिक कष्ट भी हुआ कि आज भाभी जी के हाथ की बनी इलायची वाली चाय से महरूम जो होना पड़ा। फिर भी यह तो पता चल ही गया कि यह मंत्र साधारण मंत्र नहीं है बल्कि महामंत्र है। इस महामंत्र का प्रयोग अगर किसी पर कर दिया जाए तो समझो वो गया ही गया। इस महामंत्र के प्रयोग से जैसे श्रीरंगीलाल एंड पार्टी का भला हुआ वैसे ही भगवान अन्य मुसीबत के मारो का भी भला करे।
इति  श्रीरंगीलाल कथा समाप्तम्।

----

 

श्याम बाबू शर्मा
729, गड़ेरिया टोला,
बशारतपुर, गोरखपुर-273004
ईमेल- rajbhasha1@gmail.com
         shyam_gkp@rediffmail.com

ब्लाग- http://shyamgkp.blogspot.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: व्यंग्य लेखन पुरस्कार आयोजन - श्याम बाबू शर्मा का व्यंग्य : अथ कथा श्रीरंगीलाल
व्यंग्य लेखन पुरस्कार आयोजन - श्याम बाबू शर्मा का व्यंग्य : अथ कथा श्रीरंगीलाल
http://lh3.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/SpzA1EICZ3I/AAAAAAAAGbk/fxBYh9xrmFs/rachanakar-vyangya%5B4%5D.jpg?imgmax=800
http://lh3.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/SpzA1EICZ3I/AAAAAAAAGbk/fxBYh9xrmFs/s72-c/rachanakar-vyangya%5B4%5D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2009/10/blog-post_13.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2009/10/blog-post_13.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content