राजू सी.पी. का आलेख : भैरव प्रसाद गुप्त के कथा-साहित्य में गरीबी की समस्या

SHARE:

भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए आज भी भारत को विकासशील देशों में मान्यता मिली है। स्वतंत्रता के पश्चात् हमारी बिगड़ी आर्थिक स्थिति क...

clip_image002

भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए आज भी भारत को विकासशील देशों में मान्यता मिली है। स्वतंत्रता के पश्चात् हमारी बिगड़ी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए भारत सरकार द्वारा कई ठोस कदम उठाए गए। पर इन आर्थिक सुधारों के बावजूद भी देश में गरीबों की संख्या अधिक है। गरीबी की समस्या से पीड़ित लोगों को उभारने के लिए सरकार कई राहत की योजनाएँ बना चुकी हैं। कर्ज में करोड़ों रुपये दे-ले चुकी हैं। इससे भारत सरकार विश्व बैंक की कर्जदार भी बन चुकी है। फिर भी देश से इस गरीबी को हटाने में सफल नहीं हो पायी। गरीबी को प्रभावित करने वाले कारणों में अशिक्षा, अज्ञान, जनसंख्या, बेरोज़गारी आदि प्रमुख है। समाज में आज भी ऐसे कई परिवार है जिनका पेट भर भोजन या तन पर कपड़ा प्राप्त नहीं होता।

टिड्डे कहानी में गाँव की गरीबी का दयनीय एवं मार्मिक चित्रण गुप्तजी इस प्रकार किया है *औरतों की कमर से ऊपर के अंग भी फटी-पुरानी साड़ी के आँचल से ही ढँके हैं, कुर्ती या झूला कुछ नहीं है। बच्चों और बच्चियों की कमर में सिर्फ भगई लिपटी है । सबके चेहरे सुखे हैं, आँखें सूनी हैं, पंसलियाँ गिनी जा सकती हैं, हाथ बेजान-लटके से हैं, टाँगे लड़खड़ाती हैं और पाँव नंगे और गन्दे हैं। मर्दों के सिर, दाढी और मूँछ के बाल बढे, सूखे और बिखरे हैं और औरतों के सिर के बाल चील के खोते की तरह लगते हैं। न मर्दों को अपने शरीर की सुध है और न औरतों को*१।

कफन कहानी में गुप्तजी रमुआ के परिवार की गरीबी पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं-*जो धनिया के कपड़े की ओर इशारा कर-कर कहता है-यह रमुआ की स्त्री धनिया है ! इसके कपड़े को न देखो ! जैसे नग्नता भी लजा रही है !*२। समाज के गरीब लोगों में गरीबी इस प्रकार फैला है कि मनुष्य के लिए कफन खरीदने के लिए तक पैसा नहीं है। पर अमीर लोगों के पास उनके जानवरों को कफन खरीदने के लिए पैसा है। इसका उल्लेख कफन कहानी में चित्रित है-*आखिर उस गरीब की लाश एक पुराने, फटे-नुचे कपड़े से ढक गंगा में लुढ़का दी गई। पर आज इस सेठ की भैंस के कफन के लिए नई दरी और मलमल का इन्तजाम हो रहा है। गरीब मज़दूर और सेठ की भैंस-इन्सान और जानवर ! मगर नहीं, गरीब इन्सान का रुतबा उस जानवर के बराबर नहीं है, जिसका सम्बन्ध एक दौलत वाले से है ! यह दौलत है, जो एक इन्सान को जानवर से भी बदतर गया-गुज़रा बना देती है, और एक जानवर को इन्सान से भी उँचा रुतबा दिलाती है ! यह दौलत है, जिसके शिकज्जों में कस कर इन्सानित का गला घुट जाता है, और जिसके साये में पशुत्व भी मौज की जिन्दगी बिताता है !*३

इस प्रकार लोहे की दीवार कहानी में बाबूजी के घर की गरीबी चित्रण किया है। *पिछले चार-पाँच महीनों से एकाध गड्डी धनिया की पत्तियों, दो-चार हरी मिर्चों और एक-दो टमाटरों के सिवा सब्जी के नाम पर आया ही क्या था? ऐसा ही चल रहा है, आजकल। घर में हर चीज़ का अकाल पडा हुआ है। रोटी-चटनी के भी लाले पड़े हुए हैं*४। एक पाँव जूता कहानी में भी गरीब परिवार का चित्रण दर्शनीय है-*कैसे कटे थे बब्बू की माँ के वे दिन ! भगवन दुश्मन को भी न दिखाये वैसे दिन। लोग उनके पास भी आते सहमते। घर में एक दाना नहीं। रात को कोई पड़ोसी सोता पड़ने पर छुपकर कुछ खाने को दे जाता, तो अधम काया की भूख मिटती, वर्ना फाका*५।

गुप्तजी ने अपने सती मैया का चौरा उपन्यास में भी समाज की गरीबी की नग्न चित्रण की है-*घर निहायत गंदा था, ऐसा मालूम होता था कि झाडू तक न लगती हो। फर्श पर, दीवारों पर गर्द जमी थी। चारों ओर बीड़ी के जले हुए टुकड़े, दियासलाई की जली हुई तीलियाँ, पीक, पान की सीठियाँ और मुर्गियों और कबूतरों की बीटें बिखरी पडी थी। सामान के नाम पर तीन-चार खाटें, एक छोटा तख्त, कुछ मामूली बिस्तरें, दो मिट्टी के घड़े और अल्मोनियम के कुछ बर्तन थे। जिल्ले मियाँ, भाभी और उनके लड़कों के शरीर के कपड़ों पर भी घर की दशा की ही छाप थी*६।

आठ घण्टे काम करने पर भी मज़दूरों के परिवारों में गरीबी की स्थिति है। उनकी इस दशा का यथार्थ चित्रण मशाल उपन्यास में मिलता है। *हम रोज़ आठ घण्टे छाती फाड़कर काम करते हैं और जानते हो क्या मिलता है? सवा डेढ रूपया रोज़। इस महंगाई के जमाने में इससे दो जून भरपेट रोटी चलाना और एक जोड़े कपड़े बनवाना, घर का किराया क्या मुमकिन है? गाँव में देखते हो किसान मज़दूर कितना काम करते हैं? लेकिन किसी को दो जून भरपेट मयस्सर होता है? किसी के तन पर कभी साबित कपड़े देखने को मिलते हैं?*७।

इस प्रकार गुप्तजी के सती मैया का चौरा उपन्यास में गाँव के लोगों की गरीबी का चित्रण दर्शाते हुए मुन्नी कहता है-*जिनके पास दो जून खाने को अन्न नहीं, तन ढकने को कपड़े नहीं, जो खेत की उपज बढ़ाने के लिए सदा प्रयत्नशील रहते हैं, लेकिन बेचारे कुछ कर नहीं पाते, क्योंकि उनके पास न पर्याप्त साधन है, न सुविधा*८

गरीबी के कारण भर पेट भोजन न मिलने पर परीक्षा में उत्तीर्ण होना असंभव बन जाता है। इसका दर्दनीय विवरण ज्योतिष कहानी में देखने को मिलता है-*मुझे भर पेट खाना मिला होता तो मेरा कोई भी पर्चा खराब न होता। मैं ने हाईस्कूल द्वितीय श्रेणी में पास किया था, चाचाजी।*९

इसी कहानी में गरीबी की विकराल रूप भी दर्शनीय है। गरीबी के कारण परिवारों में खाने का चीज़ तक उपलब्ध नहीं होता, तब परिवार के सदस्य कुछ भी खाने के लिए तैयार रहते हैं। इसका उल्लेख करते हुए कहानी के पात्र द्वारा गुप्तजी कहते हैं-*भूख भैया, बड़ी जालिम चीज़ है, उसकी आवाज़ कहीं बडे गहरे से आती हुई सुनायी दी, भूख में लोग गोली भी खा लेते हैं*१०।

गुप्तजी के धरती अपने उपन्यास में किसान-मज़दूर दिन भर तन-तोड़ मेहनत करके अपने परिवार चलाते हैं। फिर भी उनके परिवार में गरीबी हैं। उपन्यास में मोहन अपनी पत्नी से कहता है *हमारे देश के गरीब किसान और मज़दूर अपने जीवन निर्वाह के लिए हाड़-तोड़ मेहनत करते हैं, फिर भी वे सुखी नहीं है*११। एक पाँव जूता कहानी में बाबूजी आशा करते हुए कहते हैं-*हाय हम कितने गरीब हैं, कितने दुखी हैं। जिस दिन यह गरीबी दूर होगी, दर असल वही खुशी का दिन होगा*१२।

संक्षेप में भारतीय समाज में गरीबी की समस्या पहले की भांति जारी है, बल्कि इसमें वृद्धि की गति और बढ़ गयी है। गरीब अपने आप को घोर उपेक्षित, लाचार, अधीन और तुच्छ महसूस करते हैं। उनकी आकांक्षाएँ कम होती जा रही है। इस प्रकार की प्रवृत्तियाँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मिलती हैं। इसलिए गरीबों के बच्चों में आम तौर पर बदलती हुई परिस्थितियों और जीवन में आए अवसरों का लाभ उठाने का उत्साह ही नहीं दिखाई देता। इस प्रकार गरीबी की समस्या और पुष्ट होती है।

---

संदर्भ

मंगली की टिकुली पृष्ठ सं १५४

बिगड़े हुए दिमाग पृष्ठ सं ३६

वही पृष्ठ सं ३८

मंगली की टिकुली पृष्ठ सं ५७

वही पृष्ठ सं १३२

सती मैया का चौरा पृष्ठ सं २०२

मशाल पृष्ठ सं १८२

सती मैया का चौरा पृष्ठ सं ३६८

९. मंगली की टिकुली पृष्ठ सं ८४

१०. वही पृष्ठ सं ९५

११. धरती पृष्ठ सं ७७

१२. मंगली की टिकुली पृष्ठ सं १३४

---

संपर्क:

राजू.सी.पी, प्रवक्ता, सेन्ट थॉमस कॉलिज, तृश्शूर, केरल।

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. आज भी देश मे उतनी गरीबी व्याप्त है, जितना पहले था । कुछ दशक् पहले, देश मे इतना विकाश नही था लेकिन सब साधन होने के वाजूद गरीबी चरम् पर है

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: राजू सी.पी. का आलेख : भैरव प्रसाद गुप्त के कथा-साहित्य में गरीबी की समस्या
राजू सी.पी. का आलेख : भैरव प्रसाद गुप्त के कथा-साहित्य में गरीबी की समस्या
http://lh5.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/Sx9uEoovuhI/AAAAAAAAG24/k26GtxySf4A/clip_image002%5B3%5D.jpg?imgmax=800
http://lh5.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/Sx9uEoovuhI/AAAAAAAAG24/k26GtxySf4A/s72-c/clip_image002%5B3%5D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2009/12/blog-post_4142.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2009/12/blog-post_4142.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content