कहानी संग्रह - 21 वीं सदी की चुनिन्दा दहेज कथाएँ - (10) भैयाजी का आदर्श

SHARE:

कहानी संग्रह 21 वीं सदी की चुनिन्दा दहेज कथाएँ संपादक - डॉ. दिनेश पाठक 'शशि' अनुक्रमणिका 1 -एक नई शुरूआत - डॉ0 सरला अग्रवाल 2 ...

image

कहानी संग्रह

21 वीं सदी की चुनिन्दा दहेज कथाएँ

संपादक - डॉ. दिनेश पाठक 'शशि'

अनुक्रमणिका

1 -एक नई शुरूआत - डॉ0 सरला अग्रवाल
2 -बबली तुम कहाँ हो -- डॉ0 अलका पाठक
3 -वैधव्‍य नहीं बिकेगा -- पं0 उमाशंकर दीक्षित
4 - बरखा की विदाई -- डॉ0 कमल कपूर
5- सांसों का तार -- डॉ0 उषा यादव
6- अंतहीन घाटियों से दूर -- डॉ0 सतीश दुबे
7 -आप ऐसे नहीं हो -- श्रीमती मालती बसंत
8 -बिना दुल्‍हन लौटी बारात -- श्री सन्‍तोष कुमार सिंह
9 -शुभकामनाओं का महल -- डॉ0 उर्मिकृष्‍ण
10- भैयाजी का आदर्श -- श्री महेश सक्‍सेना
11- निरर्थक -- श्रीमती गिरिजा कुलश्रेष्‍ठ
12- अभिमन्‍यु की हत्‍या -- श्री कालीचरण प्रेमी
13- संकल्‍प -- श्रीमती मीरा शलभ
14- दूसरा पहलू -- श्रीमती पुष्‍पा रघु
15- वो जल रही थी -- श्री अनिल सक्‍सेना चौधरी
16- बेटे की खुशी -- डॉ0 राजेन्‍द्र परदेशी
17 - प्रश्‍न से परे -- श्री विलास विहारी

(10) भैया जी का आदर्श

महेश सक्‍सेना

रामपुर नाम के एक छोटे से गाँव में रामदयाल गुरुजी रहा करते थे। वे बड़ी लगन और मेहनत से गाँव के बच्‍चों को पढ़ाते और सदाचार अपनाने की शिक्षा देते थे। गाँव के लोगों को गुरुजी अपने से लगते थे। गुरुजी के परिवार में उनकी पत्‍नी तथा चार बेटियाँ थीं जिन्‍हें वे समान रूप से स्‍नेह करते थे।

गाँव में कोमलप्रसाद नाम के एक प्रभावशाली सज्‍जन भी रहते थे जिनकी गिनती बड़े काश्‍तकारों में होती थी। वे सरल और सादा स्‍वाभाव के थे। गाँव के विकास कार्योंे में वे बड़ी रुचि लेते थे। गाँव की तरक्‍की का जब भी कोई काम आ पड़े तो वे ऐड़ी-चोटी का जोर लगाकर उसे कराके ही दम लेते थे। वे गाँव के प्रत्‍येक परिवार के सुख-दुःख में शामिल रहते थे। गाँव के लोग उनकी बड़ी इज्‍जत करते और आदर से उन्‍हें भैया जी कहते थे। उनके आराम के वक्‍त भी दुखियारा आ जाये तो सारे काम छोड़कर उसके साथ चल देते थे।

रामदयाल गुरुजी भैयाजी को अपना बड़ा भाई जैसा भी मानते थे। शाला और घर के कामकाज से फुर्सत पाते ही गुरुजी प्रायः रोज रात को भैयाजी के पास आकर बैठते और गाँव तथा शाला के विकास कार्यों पर चर्चा किया करते थे। रामदयाल गुरुजी की बड़ी बेटी पूनम बहुत लगन से पढ़ती थी। वह अच्‍छे अंकों से परीक्षा में पास होती। घर के कामकाज में भी वह पूरी तरह रुचि लेकर माँ का हाथ बंटाती थी। वह अपने शिष्‍ट और नम्र व्‍यवहार से सभी का मन मोह लिया करती थी। पूनम गाँव की शाला में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी थी। वह आगे पढ़ना चाहती थी। गाँव में उच्‍च पढ़ाई की व्‍यवस्‍था न होने से रामदयाल ने उसे शहर के हॉस्‍टल में रखकर पढ़ाने का फैसला किया। जब इस बात की चर्चा उन्‍होंने अपनी पत्‍नी से की तो वे बोली ‘पूनम अब ब्‍याह योग्‍य हो गई है। आगे पढ़ाने के बजाय अब तो कोई अच्‍छा लड़का देखकर उसके हाथ पीले कर दो।

रामदयाल को अपनी पत्‍नी की सलाह अच्‍छी लगी। उस दिन से पूनम के लिये अच्‍छे वर की खोज करने में लग गये। सबसे पहले तो उन्‍होंने आसपास के गाँवों मेें जाकर अच्‍छे लड़के की तलाश की। कई जगह जाने के बाद भी बात जम नहीं पाई और कुछ जगह तो भारी दहेज की माँग की गई तो कहीं अति सुन्‍दर लड़की की बात कही गई। कई लड़के तो इतने गर्व भरे अन्‍दाज से बात करते कि दुबारा उनके घर जाने की रामदयाल गुरुजी हिम्‍मत ही नहीं कर पाये। इस तरह लड़के वालों की तरह-तरह की मीन-मेख और डींग भरी बातें सुनकर वे घर लौट आते।

एक दिन रामदयाल ने भैयाजी के पास बैठकर बदलते समय और दहेज की कुरीति पर बात की तो भैयाजी ने उन्‍हें समझाते हुये कहा ‘‘ईमानदारी और मेहनत की गाढ़ी कमाई से जी रहे हो। इसलिये देखना तुम्‍हें दामाद भी नेक और गुणवान ही मिलेगा।''

समय बीतता गया। कई महीनों की भाग-दौड़ के बाद संयोग से एक दिन भोजपुर गाँव के मायाराम के बेटे से विवाह की बात आगे बढ़ी। मायाराम को गुरुजी की लड़की पूनम बहुत पसंद आई और रिश्‍ता पक्‍का हो गया तो विवाह की तारीख भी तय हो गई। दहेज की कोई बात खुलकर सामने नहीं आई। लेकिन हर लड़की वाले की तरह गुरुजी ने भी यह जरुर कहा कि पूनम की शादी तो मैं अपनी हैसियत से ज्‍यादा करुँगा।

रामदयाल बड़े जोर शोर से शादी की तैयारी में जुट गये। हलवाई, शामियाना, बारात ठहराने आदि का प्रबन्‍ध सब कुछ बहुत दिन पहले ही कर लिया। एक दिन गुरुजी के दरवाजे पर बारात आ चुकी थी। सारा गाँव बारात का स्‍वागत बड़े उत्‍साह से कर रहा था। पूनम की सहेलियाँ उसे चारों तरफ से घेरे खड़ी थीं। कई तरह की रस्‍में हुइर्ं। बारात का स्‍वागत भी बड़ी धूमधाम से हुआ। इसी बीच कुछ कानाफूसी शुरु हुई। लड़के के पिता ने रामदयाल को बुलाकर कहा-‘फेरे तो तभी पड़ेंगे जब आप बेटे को मोटरसाइकिल देंगे।'

यह सुनते ही गुरुजी के पैरों से जमीन खिसक गई। उनकी आँखों के सामने अँधेरा सा छा गया। फिर वे स्‍वयं को सम्‍हालते हुये बोले-‘मायारामजी दहेज की तो आपने कोई बात नहीं की थी। मैं गरीब आदमी तो मोटरसाईकल खरीदने की रकम जुटाने में असमर्थ हूँ। हाँ विवाह हो जाने दीजिये। आखिर यह मेरा दामाद ही है भविष्‍य में बन सका तो मैं मोटरसाईकिल दिला दूँगा।

तभी लड़के के मामा बोले ‘देखो जीजाजी मैंने आपसे पहले ही कहा था ऐसे लोगों के यहाँ रिश्‍ता न करें लेकिन आप मेरी बात मानें तब न। अब आपको जरा सी भी अपनी प्रतिष्‍ठा का ध्‍यान हो तो बारात वापस ले चलिये।'

रामदयाल बोले ‘आप मेरी इज्‍जत धूल में मिलाने को क्‍यों तुले हैं। बारात वापिस गई तो पूरे गाँव में मखौल बन जायेगा।'

पास ही में खड़े कुछ बुजुर्गांे ने मायाराम को तरह-तरह समझाने की कोशिश की परन्‍तु मायाराम टस से मस नहीं हुये। रामदयाल मन ही मन सोच रहे थे बारात वापिस चली गई तो बड़ी बदनामी होगी। जितने मुँह उतनी बातें होंगी। लड़की के चरित्र पर भी लांछन लगाने में लोग नहीं चूकेंगे। फिर दूसरी जगह रिश्‍ता तय करना भी तो मुश्‍किल ही होगा। यह सोचते ही उनकी आँखों से आँसू छलक पड़े। आगे बढ़कर उन्‍होंने मायाराम के पैर पकड़ लिये और बोेले ‘समधी साहब, मेरी लाज रख लीजिये। मेरी बेटी का जीवन बर्बाद न कीजिये। भगवान मायाराम भला कब मानने वाले थे और बोले ‘हमने जो निश्‍चय कर लिया है वह तो पूरा होना ही चाहिये। वरना यह समझो कि बारात वापिस ही जायेगी।'

मायाराम के बदलते तेवर को देखकर उनका बेटा भी गुस्‍से में बल खा रहा था। उसे अपनी हेठी लग रही थी। वह बोला - ‘‘बापू बारात वापिस ही जायेगी।''

जब पूनम ने यह सब सुना तो उसके सब्र का बाँध टूट गया। उसने अपने रिश्‍ते के एक भाई से सिसकते हुये कहा - ‘‘पिताजी से कह दो कि वह इस लड़के से ब्‍याह करेगी ही नहीं।''

बेटी का यह संदेश पाकर गुरुजी बोले - ‘‘मायाराम जी आप मेरे सारे किये पर पानी क्‍यों फेर रहे हैं। मेरी विवशता और प्रतिष्‍ठा पर तो जरा सहानुभूति से विचार कीजिये।''

मायाराम ने यह सुनकर मुँह टेढ़ाकर इशारे से बारातियों को वापिस चलने को कहा। यह सुनकर रामदयाल गुरुजी बारातियों को रोकने के लिये आगे बढ़े ही थे कि एक बुलंद आवाज गूँजी - ‘‘गुरुजी इन दहेज लोभियों से कहो कि एक पल देर किये बिना ही बारात वापिस ले जायें और अपने बेटे को किसी अच्‍छी जगह बेचें।''

गुरुजी भैयाजी की ऐसी बात सुनकर और उनका मुँह देखकर चकित होकर बोले - ‘‘अरे भैयाजी यह क्‍या कह रहे हो। मेरी बेटी क्‍या अनव्‍याही ही रह जायेगी।''

भैयाजी बोले - ‘‘घबराओं नहीं, मेरे बेटे के साथ पूनम का विवाह आज अभी इसी मंडप में होगा। इतना सुनते ही बाराती सकते में आ गये और अपना सा मुँह लिये मायाराम और बाराती के बैरंग लौट जाने के बाद पूनम सजी संवरी मंडप में बैठाई गई और थोड़ी देर में ही भैयाजी का बेटा श्‍याम दूल्‍हा बनकर मंडप में आ पहुँचा।

महिलाओं ने ढोलक की थाप पर मंगलगीत गाना शुरु किया। तब पूरे गाँव के सामने श्‍याम और पूनम विवाह के बन्‍धन में बंध गये। बिदा के समय रामदयाल भैयाजी का हाथ पकड़कर बोले - ‘‘आपने मुझ पर सचमुच ही बहुत बड़ा उपकार किया है। समाज में एक आदर्श उपस्‍थित किया है।''

भैयाजी बोले - ‘‘मैं पूनम जैसी सुन्‍दर और सुशील बहू पाकर प्रसन्‍न हूँ।'' उस दिन उस गाँव के लोगों ने यह निश्‍चित किया कि दहेज जैसी घिनौनी कुप्रथा को समाप्‍त करने के लिये न स्‍वयं दहेज लेंगे और दूसरों को भी दहेज लेने और न देने के लिये कहेंगे।

'''

ई. डब्‍लू. एस. - 9,

कस्‍तूरबा स्‍कूल के पीछे,

नार्थ टी.टी. नगर भोपाल।

--

(क्रमशः अगले अंकों में जारी...)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कहानी संग्रह - 21 वीं सदी की चुनिन्दा दहेज कथाएँ - (10) भैयाजी का आदर्श
कहानी संग्रह - 21 वीं सदी की चुनिन्दा दहेज कथाएँ - (10) भैयाजी का आदर्श
http://lh5.ggpht.com/-GUWmI6mPdIU/TeXzQpwhnsI/AAAAAAAAJ70/oag_xPrFNws/image2.png?imgmax=800
http://lh5.ggpht.com/-GUWmI6mPdIU/TeXzQpwhnsI/AAAAAAAAJ70/oag_xPrFNws/s72-c/image2.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2011/06/21-10.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2011/06/21-10.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content