ये चुनाव जुल्मी
ये चुनाव जुल्मी जब भी आता है
नेताओं पर बहुत जुल्म ढाता है
जीतने के नाम पर इतने नाटक करवाता है
की पूरा माहौल फिल्मिया नजर आता है
जनता को रिझाकर वोट पाने के लिए
राजनेता ऐसा संजीदा अभिनय दिखाता है
जिसके सामने Hollywood का सिनेमा भी
फीका नजर आता है
कोई एंग्री यंग मैन बनकर
हीरो की तरह स्टेज से कागज फाड़ जाता है
जिस किसी को टिकट नहीं मिलपाता है
वो पाला बदलकर विलेन का रोल निभाता है
कोई कोमेडियन की तरह
चुटकियाँ लेकर पब्लिक का मनोरंजन कराता है
कोई पुराने फ़िल्मी ठाकुर की तरह
रोटी कपड़ा और मकान का लालच दिखाकर
वोट पर अंगूठे लगवा लेना चाहता है
कोई महलों को छोड़ कर
धूल भरी सड़कों पर चक्कर लगता है
कोई बीबी बच्चों के नाम पर
वोट के लिए झोली फैलाता है
कोई कोई तो खुद के साथ – साथ
अभिनेताओं से भी अभिनय करवाता है
मगर फिर भी बात नहीं बनती है
क्योकि अभिनेता जनता के सामने
रोल ठीक से अदा नहीं कर पाता है
क्योंकि बिना रीटेक के सीन करने का
वो आदी नहीं होता है
ये सब देखकर लगता है
ये चुनाव जुल्मी जब भी आता है
नेताओं पर बहुत जुल्म ढाता है
और बेबस नेता इसके सामने नाटक दिखता है
क्योंकि कोई भी नेता
इस जुल्मी को जेल में बंद नहीं कर पाता है
और ये चुनाव जुल्मी जब भी आता है
नेताओं पर बहुत जुल्म ढाता है
- शंकर लाल, इंदौर मध्यप्रदेश
24.02.2012
टाल के बाल
जब से उड़ने लगे हैं टाल के बाल
आदमी के हो गये हैं बुरे हाल
घर में शम्पू मचा रहे हैं धमाल
हेयर ऑइल से भरी पड़ी है चाल
हजारों कंपनियों ने रिसर्च में
लगा दिए है सैंकड़ों साल
मगर
कोई भी नुस्खा कर नहीं रहा है कमाल
और टाल बनी हुई है अभी भी ढाल
जब से उड़ने लगे हैं टाल के बाल
आदमी के हो गये हैं बुरे हाल
हैरान परेशान आदमी ने गुस्से में
भगवान की कार्य प्रणाली पर उठाए सवाल
जब संभाल नहीं सकते थे
तो तुमने क्यों उगाये टाल पर बाल ?
तभी दूसरा बोला मुझे तो लगता है
इसको रास नहीं आया आदमी खुशहाल
इसीलिए इसने उगा दिये टाल पर बाल !
हल्ला सुनकर भगवान धरती पर चला आया
आदमी से पूछा
कहो मेरे लाल क्यों मचा रखा है बवाल ?
आदमी ने बतलाया भगवान
जब से उड़ने लगे हैं टाल के बाल
हमारे के हो गये है बुरे हाल
भगवान से फ़रमाया
टाल के बाल से कैसे बिगड़े हाल ?
जरा खुल कर बताओ मेरे लाल
तभी बोला एक कुँवारा गोपाल
भगवान मेरी टाल पर नहीं है बाल
इसलिए
भरी जवानी में भी है शादी का मलाल
मौका देखकर एक शादीशुदा ने फरमाया
भगवान कल बड़ी मुश्किल से
लाया मैं १०० रूपये की एक किलो दाल
मगर खा नहीं पाया क्योंकि
उसमें आ गया बीबी का बाल
इसी बात पर मच गया घर में बवाल
और हो गया वर्षों पुराना प्यार
एक ही झटके में हलाल
इसलिए आप परमानेंटली हटा दो ये बाल
फिर ना रहेंगे टाल पर बाल और
ना ही होंगे हमारे ये हाल |
भगवान ने फ़रमाया
परमानेंटली तो नहीं हटा सकते टाल के बाल
क्योकि मुझे रखना है औरों का भी ख्याल
अगर नहीं होंगे टाल पर बाल
तो कवि और नेता किसकी निकालेंगे खाल
और भूखे ही मर जायेंगे नाई के बाल गोपाल
इसलिए अपने दिल से निकल दो ये ख्याल
इस पर आदमी ने फ़रमाया
तो फिर परमानेंटली लगा दो टाल पर बाल
भगवान ने फ़रमाया सुनो मेरे लाल
मैंने तो परमानेंटली ही लगाये थे टाल पर बाल
अगर यकीन नहीं हो तो जाकर देख लो
कुत्ते, गधे, और शेर की टाल
उस पर अभी है बाल
मगर तूने इस टाल में टेंसन ली है ड़ाल
इसलिए उड़ गये हैं तुम्हारी टाल के बाल
अब ध्यान से सुन मेरे लाल
अगर चाहिए टाल पर बाल
तो पहले टेंसन दे निकाल
क्योंकि बालों की है टेंसन से
दुश्मनी है बेमिसाल
इसलिए या तो टेंसन रहेगी
या फिर रहेंगे टाल पर बाल
अब तय तुमको करना है मेरे लाल
की टेंसन रखना है या टाल पर बाल
वरना कहते रहो
जब से उड़ने लगे हैं टाल के बाल
आदमी के हो गये है बुरे हाल |
-----शंकर लाल , इंदौर
dono rachnaaye bahut majedaar lagi sachchaai ke saath haasya ..vaah
उत्तर देंहटाएं