श्याम गुप्त की संतुलित कहानी- अतिसुखासुर

SHARE:

  ( डॉ श्याम गुप्त ) पृथ्वी गाय का रूप धर कर ब्रह्मलोक पहुँची। उसी समय सभी देव-गण भी त्राहिमाम -त्राहिमाम कहते हुए ब्रह्म लोक पहुंचे। भगवान ...

 
( डॉ श्याम गुप्त )
पृथ्वी गाय का रूप धर कर ब्रह्मलोक पहुँची। उसी समय सभी देव-गण भी त्राहिमाम -त्राहिमाम कहते हुए ब्रह्म लोक पहुंचे। भगवान ! यह अतिसुखासुर व उसके मित्रगण, मंत्रीगण.. आतंकासुर, प्लास्टिकासुर, भ्रष्टासुर, कूड़ासुर..मंडली ने तीनों लोकों में त्राहि-त्राहि मचा रखी है , सभी एक साथ ' पितामह बचाइये' की गुहार करने लगे।
पृथ्वी बोली , भगवन! ये कूडासुर-प्लास्टिकासुर के आतंक से कब मुक्ति मिलेगी? प्रभो! बहुत समय से मैं अपने सारे शरीर में, गर्भ में, उदर में घाव सहकर भी पृथ्वी के मानवों-जीवों के हितार्थ सब कुछ धारण -धरण करती रही हूँ, सहन करती रही हूँ।

अब तो मेरा सारा बदन भी जीर्ण-शीर्ण कर दिया है इन मानवों ने ही, इन असुरों के साथ मिलकर। अट्टालिकाओं के बोझ, खनन-यंत्रों आदि से मेरा शरीर, अंग-भंग करके रख दिया है। मेरे ह्रदय रूपी रक्त-भण्डार -सभी भूगर्भीय जलाशय सूखते जा रहे हैं। नदियों-नहरों रूपी रक्त-वाहिनियों में, नस-नस में कूडासुर व्याप्त है। अब तक तो फल-फूल, पत्ती-घास आदि के प्राकृतिक अंशों के उच्छिष्ट को तो मैं अपने उदर में पुनः समाहित कर लेती थी। वायुदेव, वरुणदेव सूर्यदेव, इंद्र, अग्नि आदि की सहायता-कृपा से उनका वातावरण में पुनर्समाहित कर लेती थी। परन्तु इस नवीन अप्राकृतिक असुर-तत्व कूडासुर के अंशों को तो मैं भी नाश नहीं कर पाती। सूर्य, अग्नि, वायु, वरुण आदि भी विवश हैं। न जाने कौन से दानवी-वाजीकरण विद्या से इस प्लास्टिकासुर का अवतार हुआ है कि यह मेरे, जल, अग्नि, वर्षा, धूप, वायु, गर्मी किसी के वश में नहीं आरहा है ! भोग, एश्वर्य ,सुख के लालच की राह दिखाकर इस अति-सुखासुर के मंत्री लोभासुर ने मानव को इतने वश में कर लिया है कि मानव स्वयं ही दानव बनने की कगार पर है।"


मातरिश्वा पवनदेव बड़े दीन स्वर में कहने लगे, 'देव, इस अतिसुखासुर नामक दैत्य के वशीकरण में मानव ने भी दानव का रूप धारण कर लिया है , और हमें विविध भांति से बंदी बनाया गया है। एयर-कंडीशन नामक तंत्र-शक्ति से हमारा स्वतंत्र विचरण तो आबद्ध हुआ ही है अब तो स्वयं मानव भी मुक्त गगन में विचरण योग्य नहीं रह गया है। कमरे के अंदर कृत्रिम शीतलता हेतु वायुमंडलीय वातावरण अति-गर्म होता जा रहा है। हम वर्षा करने लायक भी नहीं रह पारहे हैं।'


वरुणदेव बोले, 'पितामह! हमें तो मानवों ने स्वनिर्मित सागरों जिन्हें तरण-ताल कहते हैं , व् नकली जलधारा-फाउंटेन, शावर आदि में कैद कर लिया है। नदियों, झीलों, सागरों में अब लोग स्नान करने आते ही नहीं। उन्हें तो मल-मूत्र, विष्ठा, कूड़ा-करकट बहाने का स्रोत बना रखा है। मेरा स्वयं का नगर..सागर ..भी कूड़े के अम्बार से प्रदूषित है। जल-जीवों का अस्तित्व खतरे में है साथ में जीवन का अस्तित्व भी। आचमन योग्य जल बोतलों-पाउचों में आबद्ध होकर बिक्रय होने लगा है।.


परेशान ब्रह्मदेव ने अग्नि की ओर देखा तो वे कहने लगे,' प्रभु, मेरी स्वतंत्र गतिविधियों पर भी पावंदी लगा दी गयी है। बल्ब, सीएफएल ,ट्यूब, इलेक्ट्रिक-हीटर, गीज़र,हॉट-प्लेट, प्रेसर-कूकर, ओवन न जाने क्या क्या विविध शास्त्रों को मानव ने प्रयोग करके मेरे विविध रूपों को माइक्रोवेव, इलेक्ट्रिक,इलेक्ट्रोनिक-शक्ति, सोलर-पावर आदि में सजाकर मेरे स्वतंत्र विचरण व् पंख फैलाकर उड़ने की शक्ति को स्तंभित कर रखा है।'


तभी देवर्षि नारद जी ..नारायण..नारायण के स्वर के साथ वीणा बजाते हुए अवतरित हुए, बोले,' श्रीहरि नारायण ही कुछ उपाय सुझा सकते हैं।.
ब्रह्मा जी तुरंत पृथ्वी व सभी देवों के साथ क्षीर-सागर स्थित नारायण-धाम पहुंचे। श्रीहरि विष्णु शेषशय्या पर शयनरत थे, माता लक्ष्मी उनके चरण दबा रहीं थी। मुस्कुराते हुए नारायण ने नेत्र खोले।


नारायण..नारायण...नारद जी ने हाथ जोड़ कर अभिवादन किया।
कहिये देवर्षि, 'संसार के क्या समाचार हैं।', विष्णु जी बोले। 'प्रणाम ब्रह्मदेव, स्वागत है।'
ब्रह्मा जी बोले , 'आप तो सर्वज्ञ हैं नारायण ! हे श्रीहरि, पृथ्वी व देवों के कष्ट दूर करने का उपाय बताएं।'


अपनी मोहिनी मुद्रा में मुस्कुराते हुए नारायण कहने लगे, 'मैं देख रहा हूँ कि मानव अपने मानवीय गुणों -सदाचरण, परोपकार, अपरिग्रह आदि को भूल चुका है। इसीलिये उसपर आसुरी तत्व हावी हो रहे हैं। लगता है इस बार दैत्यों ने नवीन व्यूह व कूटनीति रची है। मानव को आचरणहीन करके उसमें दानवत्व-असुरत्व भाव उत्पन्न करके, उनके द्वारा देवों को दाय-भाग, यज्ञ-भाग से बंचित करके देवों को कमजोर, श्रीहीन व असहाय करके स्वर्ग-लोक पर अधिकार हेतु नवीन रणनीति अपनाई है। क्योंकि हर बार मानव ही देवासुर संग्रामों में देवों का सहायक होता रहा है।'
'त्राहिमाम..त्राहिमाम...भगवन ! सबने करबद्ध होकर आशान्वित भाव से विष्णु की ओर देखा।'


'कुछ करिए, श्री हरि !,' ब्रह्माजी व नारद जी बोले। पृथ्वी भी कातर दृष्टि से टकटकी लगा कर विष्णु जी की ओर देखने लगी।
विष्णु जी गंभीर वाणी में कहने लगे,' हे देवो ! आप स्वयं ही अपने प्रमाद वश अकर्मण्यता व अहं के कारण असुरों को अपनी विविध शक्तियों का प्रयोग करने दिया करते हैं। उचित समय रहते उपयुक्त आवश्यक क्रियाशीलता प्रदर्शित नहीं करते। अतः मानव पर आसुरों का प्रभाव बढ़ने लगता है जो सृष्टि व देवत्व के लिय एवं स्वयं मानव के लिए घातक होता है।'


' मै शीघ्र ही भूलोक पर श्री सत्याचरण जी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती धर्मचारिणी के पुत्र सदाचरण के रूप में अवतार लूंगा। लक्ष्मी जी सत्कर्म रूप से उपार्जित धन-धान्य श्री के रूप में, एवं शेष जी नीति-युक्त कर्म के रूप में जन्म लेंगें। श्री कमल-प्रकृति -प्रेम के रूप में, श्री चक्र--दुष्ट-दमनक जन सुखकारक राज्य-चक्र के रूप में , शंख -जन सद-सुविचार क्रान्ति तथा गदा कठोर धर्मानुशासन के रूप में मेरे साथ जन्म लेंगे। सारे देवता भी न्याय, धर्म, नीति, कर्म, सत्संग,करुणा, प्रेम, भक्ति व ज्ञान आदि के रूप में जन्म लेकर मानव आचरण को पुनर्स्थापित करेंगे।'


' अति-सुखासुर में ही सभी अन्य असुरों -- प्लास्टिकासुर , कूडासुर, भ्रष्टासुर, आतंकासुर, लोभासुर आदि के प्राण बसते हैं। मैं उसका संहार करके, आसुरी माया का विनाश करके पृथ्वी का उद्धार करूंगा।.


इतना कहकर श्री हरि नारायण पुनः योग-निद्रा में लीन होगये। सारे देवता, ब्रह्माजी, पृथ्वी व नारद जी नारायण..नारायण..कहते हुए अपने-अपने धाम को पधारे।


---- डॉ. श्याम गुप्त , सुश्यानिदी, के-३४८, आश्याना, लखनऊ-२२६०१२......मो. ९४१५१५६४६४...

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: श्याम गुप्त की संतुलित कहानी- अतिसुखासुर
श्याम गुप्त की संतुलित कहानी- अतिसुखासुर
http://lh3.ggpht.com/-a4f4UYOdEm4/T9bDaZgzRGI/AAAAAAAAMjg/v1ecG8XEItY/image_thumb.png?imgmax=800
http://lh3.ggpht.com/-a4f4UYOdEm4/T9bDaZgzRGI/AAAAAAAAMjg/v1ecG8XEItY/s72-c/image_thumb.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2012/07/blog-post_3935.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2012/07/blog-post_3935.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content