कहानी लेखन पुरस्कार आयोजन -32- दिलीप भाटिया की कहानी : खाली नहीं, छलकता गिलास

SHARE:

पत्रात्‍मक कहानी खाली नहीं, छलकता गिलास दिलीप भाटिया -----------------------------------------------------------------------------------...

पत्रात्‍मक कहानी

खाली नहीं, छलकता गिलास

दिलीप भाटिया

----------------------------------------------------------------------------------------

रु. 15,000 के 'रचनाकार कहानी लेखन पुरस्कार आयोजन' में आप भी भाग ले सकते हैं. अथवा पुरस्कार स्वरूप आप अपनी किताबें पुरस्कृतों को भेंट दे सकते हैं. अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2012

अधिक जानकारी के लिए यह कड़ी देखें - http://www.rachanakar.org/2012/07/blog-post_07.html

---------------------------------------------------------------------------------------

 

श्रद्धेय अंकल,

प्रणाम फोन मोबाइल ई-मेल, एस.एम.एस. के युग में यह पत्र आपको आश्‍चर्य चकित करेगा परन्‍तु मेरी जीवन यात्रा में आपके योगदान को श्रद्‌घा-सम्‍मान देने हेतु यह पत्र लिख रही हूं। अब तक के जीवन के चलचित्र में इतनी मुख्‍य रीले हैं, जो मुझे हमेशा स्‍मरण हैं व रहेंगी। आज मन कर रहा है कि उन सभी पुरानी-नई बातों केा याद करते हुए आपके साथ बांटू। विश्‍वास है कि मेरी अब तक की कहानी के ये अंश मेरी भावनाओं को आप तक पहुंचाने में सार्थक होंगे।

अंकल, गणित के कठिन प्रश्‍न आप सरलता से हल कर देते थे। ट्‌यूशन छोडकर मैं आपके पास आती थी। ड्‌यूटी से हारे थके होने पर भी आपके चेहरे पर शिकन तक नही आती थी, मात्र इतना कहते थे, बेटी मुझे एक कप चाय तो पीने दो। चाय पीने के पश्‍चात आप मेरी कठिनाईयों को तो सरल करते ही थे, साथ ही टेस्‍ट पेपर बना कर यह भी परीक्षा लेते थे कि मुझे कितना समझ में आया। कक्षा 10 में बोर्ड की परीक्षा में 100 में से 94 अंक आने पर मेरी मिठाई खाते समय आपकी आंखे भरी हुई थी, मैं तो निःशब्‍द थी एवं गुरू दक्षिणा भी तो नहीं दे पाई।

अंकल, जब मेरी मम्‍मी मुझे कॉलेज में पढाई करवाने की अनुमति नहीं दे रहीं थीं, तब आप ने ही उन्‍हें लडकियों को पढ़ाने की आवश्‍यकता एवं महत्‍व समझाया। हमारे परिवार की आर्थिक िस्‍थ्‍ति अच्‍छी नहीं होने के कारण फीस पुस्‍तकों की व्‍यवस्‍था भी की एवं मेरे मन की बैटरी को समय समय पर चार्ज करते रहे। आज मैं ग्रेजुएट के साथ बी.एड. भी हूँ, इसका श्रेय आपको ही तो हैं, अंकल। शिक्षा ने मुझे आत्‍मसम्‍मान भी दिया एवं ज्ञान के साथ जीवन यात्रा के संघर्षो का मुकाबला करने की शक्‍ति ऊर्जा प्रदान की।

अंकल, हर जन्‍मदिन पर आप मुझे पुस्‍तकें उपहार में देते थे, साथ में भावपूर्ण कविता भी मेरी फाइल में वे सभी कविताऐं अनमोल उपहार के साथ सुरक्षित हैं। जिस वर्ष आंटी नही रहीं थीं, उस वर्ष भी आपने चार पंक्‍तियों की छोटी सी ही कविता दी थी, पर उस दर्द में भी आपके पास मेरे लिए समय रहा। आपकी दी हुई पुस्‍तकों से मेरी घरेलू लाइब्रेरी हो गई है, जो हर स्‍थिति में मेरी सखी भी हैं, सहेलियां भीं।

अंकल, मुझे दूध, फल, हरी सब्‍जी अच्‍छी नही लगती थीं। मैं जब आपका कहना नहीं मानती थी, तो आप चुप हो जाते थे। आप ने मुझ पर कभी क्रोध नहीं किया, भाषण भी नहीं दिए, बस आप मौन हो जाते थे। एनीमिया की गंभीर अवस्‍था में आप ने मुझे अपना खून देकर मुझे नवजीवन भी दिया एवं पूरे सप्‍ताह अॉफिस से अवकाश लेकर लगातार हास्‍पिटल में मेरी सेवा में ही लगे रहे। दूध, फल का महत्‍व पुनः समझाया एवं फास्‍ट फूड के नुकसान भी बतलाए।

अंकल जब मुझे मोबाइल पर अश्‍लील संदेश मिलते थे एवं अनजान लडके मुझे फोन पर तंग करते थे, तो आप ने टेलीफोन एक्‍सचेंज से उनके नाम घर का पता मालूम किया, उनके मम्‍मी-पापा से बात की एवं इस समस्‍या का निराकरण किया। आपकी समाज में प्रतिष्‍ठा एवं नाम से शैतान लडके कांपने लग गए एवं उन्‍होनें क्षमा भी मांगी एवं इस प्रकार की गलत हरकतों को छोडने का भी संकल्‍प लिया।

अंकल घर, परिवार, ऑफिस, समाज की सब जिम्‍मेदारियां वहन करते हुए भी आप मुसकराते ही रहते, खुशियां लुटाते पर दर्द स्‍वयं ही पीते। माइग्रैन सिर-दर्द से जब आपकेा इंजेक्‍शन लगते थे, तब भी कुछ नहीं कहते। एक बार मेरी सहेली ने जब मुझे बतलाया कि तुम्‍हारे प्रिय अंकल हास्‍पिटल में भरती हैं, तो मुझे गुस्‍सा तो बहुत आया परन्‍तु आपकी हालत देखकर मैं आप से गुस्‍सा कर भी नहीं पाई एवं जितना बन सका बस सेवा करती रही।

अंकल, क्‍या भूलूं, क्‍या याद करूं ? आंटी की असमय मृत्‍यु पर भी जिस धैर्य से आपने अपनी इकलौती बेटी को संभाला वह दृश्‍य मेरे मानस पर आज भी अंकित है। ममता बहन को आपने सम्‍भाला, पढ़ाया, लिखाया, आत्‍मनिर्भर बनाया, सुसंस्‍कार दिए, ममता बहन के लिए आपने ‘पापा‘ के साथ ‘मम्‍मी‘ का रोल भी निभाया। आप थक जाते थे , पर टूटते नही थे, बिना भाषण दिए ही मैं आपसे बहुत कुछ सीखती रही। मेरी मम्‍मी चाहकर भी आपको घर का खाना नहीं खिला पाई, ममता बहन होस्‍टल में पढ़ती थी, आप होटल-मेस-केन्‍टीन का खाना खाकर गिरे हुए स्‍वास्‍थ्‍य को और बिगाडते रहे। हास्‍पिटल में एडमिट होने पर जब मैने आपको हॉस्‍पिटल की थाली खाते हुए देखा, तो मैं अपने आंसू नहीं रोक पाई थी। पर आप तो शान्‍त संतुलित थे पता नहीं मुझे कैसे आप यह सब सहन करते थे, परन्‍तु मैं तो आपको ‘बरगद‘ की संज्ञा देती थी, जो जीवन के हर मौसम खुद ही सहन करता है, परन्‍तु अपनी शरण में आने वाले की रक्षा करता है

अंकल, हमारी जाति में पढ़े लिखे लड़के कम थे, मेरी मम्‍मी बहुत परेशान रहती थीं, परन्‍तु आपके प्रयास से एक परिवार मिल गया। मेरी बुआ, मौसी, ताई, चाची रूढ़िवादी थीं। मंगल-कायोंर् में विधवा तो क्‍या विधुर की उपस्‍थिति भी अपशकुन मानतीं थीं, मम्‍मी-पापा व मैं उन्‍हें समझा कर हार गए। मेरे विवाह में आप दूर से ही सब जिम्‍मेदारी संभालते रहे।‘‘कन्‍यादान‘‘ का लिफाफा देने फेरों के समय भी नहीं आए, किसी मित्र के साथ भिजवा दिया एवं मेरी विदा के समय भी दूर से ही आंसू बहाते रहे। हमारा समाज कितना संकीर्ण है, यह मुझे विवाह में ही पता चल पाया।

अंकल, अपने जीवन साथी अजय से जब मैंने अपने जीवन में आपके योगदान की चर्चा की तो वे भी आपसे बहुत प्रभावित हुए थे। ससुराल में पर्दा-प्रथा थी। अम्‍मा चाहती थीं कि मैं स्‍कूल तो दूर घर पर भी ट्‌यूशन नहीं लूं। मेरी शिक्षा को जंग लग रहा था। आप को अपनी समस्‍या बतलाई तो आपने मेरे पति अजय से बात की, पर मातृभक्‍त श्रवण कुमार ने अपनी असमर्थता स्‍पष्‍ट कर दी। आप हारे नहीं, मेरी अम्‍माजी से मिलने आए एवं पता नहीं आपके कहने का ढ़ंग कैसा था कि अम्‍माजी मान गई, आज मैं स्‍कूल में अध्‍यापिका हूॅ तो आपके प्रयासों से ही एवं गत वर्ष शिक्षक दिवस 5 सितम्‍बर को जब मुझे जिले की श्रेष्‍ठ शिक्षिका का सम्‍मान जिलाधीश से मिला, तो समारोह में मैंने देखा कि मुझे सम्‍मान पुरस्‍कार मिलते समय दर्शक दीर्घा में पीछे की पंक्‍ति में अपने आंसू पोछ रहे थे। मेरे जीवन का गिलास खाली नहीं, परन्‍तु छलक रहा था।

अंकल, मेरी जीवन यात्रा में आपके योगदान से मैं कई मील के पत्‍थर स्‍थापित करती रही, परन्‍तु दो माह पूर्व जो आपने किया यह तो मेरे जीवन के लिए अमूल्‍य निधि है। अम्‍माजी ने मेरी ‘गुड न्‍यूज‘ सुनकर सोनोग्राफी करवाई एवं कन्‍या भ्रूण की पुष्‍टि होने पर एबोर्शन के लिए डॉक्‍टर से तारीख भी ले ली। संकटमोचन के समान आप फिर मेरी ससुराल में प्रकट हुए एवं साम दाम दंड भेद के सभी हथियारों से मुझे मातृत्‍व सुख का वरदान भी दिया एवं अजन्‍मी कन्‍या की हत्‍या के पाप से भी हम सबको बचाया। ‘गुड न्‍यूज‘ जो ‘बेड न्‍यूज‘ बनने वाली थी को ‘गुड न्‍यूज‘ ही रहने दिया। मैं व अजय तो आपके चिरऋृणी हो ही गए हैं।

अंकल, ममता बहन भी अब ससुराल चली गई हैं। आप बिलकुल अकेले। मैं व अजय इस वृद्धावस्‍था में आप की सेवा करना चाहते हैं। अम्‍माजी ने भी अनुमति दे दी है। आप आत्‍मसम्‍मानी हैं, परन्‍तु आप ने ही कहा था, ‘‘ममता से अधिक हक मुझ पर आकांक्षा का है।‘‘ अपनी बेटी आकांक्षा को आप निराश मत करिएगा। प्‍लीज अंकल डॉक्‍टर ने मुझे बेड रेस्‍ट बता रखा है, अगले सप्‍ताह अजय आपके पास आ रहें हैं। ट्रक की बुकिंग करवा ली है। अगले सप्‍ताह मैं अपने घर में आपका स्‍वागत करूंगी। प्‍लीज, अंकल मना मत करिएगा। शेष मिलने पर सादर

आपकी बेटी - आकांक्षा

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. बहुत अच्छी कहानी मन भर आया .... भाग्यशाली लोगो को ऐसा मार्गदर्शक मिलता है .

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कहानी लेखन पुरस्कार आयोजन -32- दिलीप भाटिया की कहानी : खाली नहीं, छलकता गिलास
कहानी लेखन पुरस्कार आयोजन -32- दिलीप भाटिया की कहानी : खाली नहीं, छलकता गिलास
http://lh6.ggpht.com/-4ltYNEAbnjE/T9hXH8LG6XI/AAAAAAAAMmQ/wJ5N28wqOqo/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
http://lh6.ggpht.com/-4ltYNEAbnjE/T9hXH8LG6XI/AAAAAAAAMmQ/wJ5N28wqOqo/s72-c/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2012/08/32.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2012/08/32.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content