अर्नेस्ट हेमिंग्वे की कहानी - बारिश में बिल्ली

SHARE:

बारिश में बिल्‍ली अर्नेस्‍ट हेमिंग्‍वे रूपांतर - ब्रजेश कृष्ण उस इतालवी होटल में केवल दो अमेरिकी ठहरे हुए थे ।   कमरे में आते-जाते समय सीढ़...

image

बारिश में बिल्‍ली

अर्नेस्‍ट हेमिंग्‍वे

रूपांतर - ब्रजेश कृष्ण

उस इतालवी होटल में केवल दो अमेरिकी ठहरे हुए थे  कमरे में आते-जाते समय सीढ़ियों पर जो भी मिलता था, उनमें से वे किसी को नहीं जानते थे। उनका कमरा दूसरी मंज़िल पर था और समुद्र की ओर खुलता था। यहाँ से एक बगीचा और युद्ध का एक स्‍मारक भी दिखाई पड़ता था। बगीचे में बड़े-बड़े ताड़ के वृक्ष और हरी बेंचें थीं। अच्‍छे मौसम में वहाँ हमेशा एक कलाकार अपने ईज़ल के साथ आता था। कलाकार ताड़ के उगने की शैली और बगीचे एवं समुद्र के समक्ष होटलों के तीव्र रंगों को पसंद करते थे। दूर-दूर से इतालवी नागरिक युद्ध के उस स्‍मारक को देखने आते थे। यह कांसे का बना हुआ था और बारिश में चमकता था। इस समय बारिश हो रही थी। ताड़ के वृक्षों से बारिश की बूँदें झर रहीं थीं। बजरी के बने हुए रास्‍ते पर गड्‌ढों में पानी भर गया था। बारिश में समुद्र भी उफान पर था। वह तट की रेखा को तोड़ते हुए आगे बढ़ता, पीछे जाता और तट-रेखा को तोड़ने फिर आगे आता। युद्ध-स्‍मारक से होकर चौराहे की सभी कारें जा चुकीं थीं। चौराहे के दूसरी तरफ कैफ़े के दरवाज़े पर खड़ा हुआ एक वेटर सूने चौराहे को देख रहा था।

अमेरिकी पत्‍नी उठी और खिड़की से बाहर झाँकने लगी। उनकी खिड़की के ठीक नीचे एक बिल्‍ली बारिश में टपकती हुई हरी टेबिल के नीचे दुबकी हुई थी। बिल्‍ली खुद को लगातार सिकोड़ने की कोशिश कर रही थी ताकि वह टपकती हुई बूँदों से खुद को बचा सके।

“मैं नीचे जा रही हूँ और वह बिल्‍ली लेकर आऊँगी,” अमेरिकी पत्‍नी ने कहा।

“यह मैं कर देता हूँ,” उसके पति ने बिस्‍तर में से प्रस्‍ताव रखा।

“नहीं, मैं ले आऊँगी। बेचारी बिल्‍ली बाहर बारिश में टेबिल के नीचे खुद को बचाने की कोशिश कर रही है।”

दो तकियों पर पैरों को टिका कर लेटे हुए पति ने अपनी किताब पढ़ना ज़ारी रखा।

“तुम भीगना नहीं,” उसने कहा।

पत्‍नी सीढ़ियों से नीचे उतरी और जब वह ऑफ़िस के सामने से गुज़री, तब होटल-मालिक उठ कर खड़ा हो गया और उसने उसे झुक कर नमस्‍कार किया। उसकी टेबिल ऑफ़िस के एक किनारे पर थी। वह एक वृद्ध और लम्‍बा व्‍यक्‍ति था।

“इल पिओवे, ;बारिश हो रही हैद्ध” पत्‍नी ने इतालवी में कहा। उसे होटल मालिक पसंद था।

“सि, सि, सिग्‍नोरा, ब्रुत्तो तेम्‍पो। (हाँ, हाँ मैडम, बहुत खराब मौसम है।)”

वह कमरे की मिद्धम रोशनी में काफी दूर अपनी टेबल के पीछे खड़ा था। पत्‍नी को अच्‍छा लगा। उसका किसी भी शिकायत को पूरी गम्‍भीरता से लेना वह पसंद करती थी। वह उसकी गरिमा को पसंद करती थी। वह उसकी सेवा प्रदान करने की आतुरता को पसंद करती थी। उसके अपने होटल-मालिक होने के एहसास को भी वह पसंद करती थी। उसका भारी, वृद्ध चेहरा और लम्‍बे हाथ उसे अच्‍छे लगते थे।

उसे पसंद करते हुए उसने दरवाज़ा खोला और बाहर देखने लगी। बारिश पहले से तेज़ हो गई थी। एक आदमी रबड़ का एक लबादा ओढ़े कैफ़े की ओर बढ़ते हुए सुनसान चौराहे को पार कर रहा था। बिल्‍ली दाहिनी ओर कहीं पर होगी। शायद वह दीवार के बाहर निकले छज्‍जे के साथ-साथ कहीं खिसक गई हो। जैसे ही वह दरवाज़े पर खड़ी हुई, उसके पीछे एक छाता खुला। यह नौकरानी थी, जो उनके कमरे की देखभाल करती थी।

“आपको भीगना नहीं चाहिए,” इतालवी में कहते हुए वह मुस्‍कराई। निश्‍चय ही, होटल मालिक ने उसे भेजा था। नौकरानी ने छाता अपने हाथ में पकड़े हुए उसके सिर पर कर लिया। वह नौकरानी के साथ छाते में बजरी की सड़क पर अपनी खिड़की के नीचे तक गई। टेबल वहाँ थी। बारिश में धुली हुई, गहरी हरी। लेकिन बिल्‍ली जा चुकी थी। वह सहसा निराश हो गई। नौकरानी ने उसकी ओर देखा।

“ह पेर्दूतो क़्‍वाल्‍क्‍यू कोसा, सिग्‍नोरा? ;क्‍या कुछ खो गया है, मैडम?द्ध”

“यहाँ एक बिल्‍ली थी,” अमेरिकी लड़की ने कहा।

“बिल्‍ली?”

“सि, इल गत्तो। (हाँ, एक बिल्‍ली)”

“बिल्‍ली?” नौकरानी हँस पड़ी। “बारिश में एक बिल्‍ली?”

“हाँ,” उसने कहा, “उस टेबिल के नीचे। तब वह मुझे बहुत अच्‍छी लगी थी। मैं उसे बहुत चाहती थी। मैं एक किटी चाहती हूँ।”

जब वह अँग्रेज़ी में बोलती थी तो नौकरानी का चेहरा कुछ तन जाता था।

“कम, सिग्‍नोरा, (आइए मैडम)” उसने इतालवी में कहा। “हमें अब अन्‍दर वापस चलना चाहिए। आप भीग जाएँगी।”

“मैं भी यही सोचती हूँ,” अमेरिकी लड़की ने कहा।

वे बजरी की सड़क पर चलते हुए वापस मुड़े और दरवाज़े में घुसे। नौकरानी छाता बन्‍द करने के लिए बाहर ही रुक गई। जैसे ही अमेरिकी लड़की ऑफ़िस के सामने से गुज़री, होटल मालिक ने अपनी टेबल से नमस्‍कार किया। लड़की ने अपने भीतर कुछ संक्षिप्‍त और मधुर, मगर कसा हुआ-सा कुछ महसूस किया। होटल मालिक ने उस क्षण उसे बहुत महत्‍वपूर्ण महसूस करा दिया था। उसे स्‍वयं के अति महत्‍वपूर्ण होने की सुखद अनुभूति हुई। वह सीढ़ियों से ऊपर गई और उसने अपने कमरे का दरवाज़ा खोला। जॉर्ज़ अपने बिस्‍तर पर था और पढ़ रहा था।

“क्‍या तुम्‍हें बिल्‍ली मिल गई?” उसने किताब नीचे रखते हुए कहा।

“वह जा चुकी थी।”

“अचरज है, वह कहाँ चली गई,” उसने पढ़ना रोकते हुए कहा।

वह बिस्‍तर पर बैठ गई।

“मैं उसे बहुत चाहती थी,” उसने कहा। “मैं नहीं जानती कि मैं उसे इतना क्‍यों चाहने लगी थी। मैं उस बेचारी किटी को वाक़ई चाहती थी। बाहर बारिश में बिल्‍ली होना कोई हँसी-खेल नहीं है। बेचारी।”

जॉर्ज़ ने दुबारा पढ़ना शुरू कर दिया था।

वह उठी और ड्रेसिंग टेबिल के आइने के सामने बैठ कर हाथ में एक छोटा आइना लेकर खुद को निहारने लगी। उसने अपने शरीर की संरचना को पहले एक ओर से फिर दूसरी ओर से गौर से देखा। इसके बाद उसने अपने सिर का पृष्‍ठ भाग और ग्रीवा को ध्‍यान से देखा।

“अगर मैं अपने बाल बढ़ा लूँ तो क्‍या अच्‍छा नहीं रहेगा? तुम क्‍या सोचते हो?” उसने फिर से खुद की ओर निहारते हुए जॉर्ज़ से पूछा।

जॉर्ज़ ने अपनी नज़रें उठाईं और उसकी गर्दन को देखा। उसके बाल लड़कों जैसे छोटे और बँधे हुए थे।

“ये जैसे हैं, मुझे वैसे ही अच्‍छे लगते हैं।”

“मैं तो इनसे थक गई हूँ,” उसने कहा। “मैं लड़कों की तरह दिखते हुए बोर हो गई हूँ।”

जॉर्ज़ ने बिस्‍तर पर करवट बदली। जबसे पत्‍नी ने बोलना शुरू किया था, वह उसी की ओर देख रहा था।

“तुम बहुत अच्‍छी दिखती हो,” उसने कहा।

उसने हाथ का शीशा ड्रेसिंग टेबिल पर रखा और खिड़की पर जाकर बाहर देखने लगी। अँधेरा घिरने लगा था।

“मैं अपने बाल पीछे की ओर बाँध कर एक बड़ा-सा जूड़ा बनाना चाहती हूँ जिसे मैं महसूस कर सकूँ,” उसने कहा। “मैं एक बिल्‍ली रखना चाहती हूँ जो मेरी गोद में बैठे और जब मैं उसे प्‍यार से सहलाऊ“” तो धीरे-धीरे म्‍याऊँ-म्‍याऊँ करे।”

“अच्‍छा?” जॉर्ज़ ने बिस्‍तर से कहा।

“और मैं टेबिल पर अपने चाँदी के बर्तनों में खाना चाहती हूँ और मैं मोमबत्तियाँ चाहती हूँ। और मैं एक झरना होना चाहती हूँ और मैं आइने के सामने बैठ कर अपने खुले बालों में कंघी करना चाहती हूँ और मैं एक बिल्‍ली पालना चाहती हूँ और मैं कुछ नए कपड़े चाहती हूँ।”

“ओह, चुप रहो और कुछ पढ़ने के लिए उठा लो,” जॉर्ज़ ने कहा और फिर से पढ़ने लगा।

उसकी पत्‍नी खिड़की के बाहर देख रही थी। इस समय अँधेरा घना हो गया था। और ताड़ के वृक्षों पर अब भी बारिश हो रही थी।

“जो भी हो, मुझे एक बिल्‍ली चाहिए,” उसने कहा, “मैं एक बिल्‍ली चाहती हूँ। मुझे अभी एक बिल्‍ली चाहिए। अगर मैं अपने बाल लम्‍बे नहीं कर सकती या कोई आनन्‍द नहीं पा सकती, तो एक बिल्‍ली तो पा सकती हूँ।”

जॉर्ज़ कुछ नहीं सुन रहा था। वह अपनी किताब पढ़ रहा था। उसकी पत्‍नी ने खिड़की के बाहर देखा। चौराहे पर बत्तियाँ जल गईं थीं।

किसी ने दरवाज़े पर दस्‍तक दी।

“अवान्‍ती, (अन्‍दर आइए)” जॉर्ज़ ने कहा। उसने किताब से नज़रें हटा कर ऊपर देखा।

दरवाज़े पर नौकरानी खड़ी थी। वह एक सुन्‍दर और बड़ी बिल्‍ली कस कर हाथ में पकड़े हुए थी और इस वज़ह से उसका शरीर नीचे की तरफ़ झुका हुआ था।

“माफ़ कीजिए,” उसने कहा, “होटल-मालिक ने मुझे यह बिल्‍ली मैडम को देने के लिए कहा है।”

--

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: अर्नेस्ट हेमिंग्वे की कहानी - बारिश में बिल्ली
अर्नेस्ट हेमिंग्वे की कहानी - बारिश में बिल्ली
http://lh6.ggpht.com/-2Bh-iv65Bks/UNwQWAIth1I/AAAAAAAARJs/4_DDMRz2ERg/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
http://lh6.ggpht.com/-2Bh-iv65Bks/UNwQWAIth1I/AAAAAAAARJs/4_DDMRz2ERg/s72-c/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2012/12/blog-post_1372.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2012/12/blog-post_1372.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content