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- May 2012
May 2012
मनोहर चमोली ‘मनु' की विज्ञान कथा - मास्करोबोट
00 विज्ञान गल्प मास्करोबोट - मनोहर चमोली ‘ मनु ' वि ज्ञान प्रसार से संबंधित खबरों की कतरनों में उलझे शिक्षक जलीस अहमद का मोबाइल लगाता...
श्याम गुप्त का आलेख - आधुनिक लिंग पुराण
आधुनिक- लिंग पुराण... ( डा श्याम गुप्त...) विश्व की सबसे श्रेष्ठ व उन्नत भारतीय शास्त्र-परम्परा में --- पुराण साहित्य में मूलतः अवतारवाद ...
विष्णु प्रभाकर के पत्र सीताराम गुप्ता के नाम
रचनाकार पर पोस्ट करने हेतु भेजने के लिए प्राप्त पुराने पत्रों को उलटते-पलटते हुए न केवल असंख्य पुरानी यादें ताज़ा हो गईं अपितु समय के साथ कित...
प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बुंदेली लोक कथा - परिश्रम कौ फल
परिश्रम कौ फल बचपना बाकी बचो है अब भी अपने पास में कोई शायद फिर थमा दे झुनझुना,...
यशवन्त कोठारी का व्यंग्य - कथा - समाचार - कथा की
कथा-समाचार -कथा की वे तीन थे। अलग अलग जगहों पर काम करते थे। एक एक अखबार में था। दूसरा एक स्थानीय चेनल में था और तीसरा कला-साहित्य-संस्कृ...
मंजरी शुक्ल की कहानी - रिहाई
डॉ. मंजरी शुक्ल उ.प्र. बहुत बचपना था उसमें मानो ओस की बूंद शरमाकर मिटटी की सोंधी खुशबू लेने के लिए गीली धरती पर चुपके से मोती बन गिरी और ...
प्रमोद कुमार चमोली की कहानी - जाल
मरूस्थली इलाकों में वर्षा आधारित खेती। वर्षा क्या वर्षों में कभी-कभी। बरानी खेती का अंजाम ये कि चार-पाँच साल अकाल तो, फिर कभी मेहरबानी हो...
यशवन्त कोठारी का व्यंग्य - जाँच की महामारी
आजकल हर दिन सरकार की ओर से एक आश्वासन मिलता है- अगर कहीं गलत हुआ है तो जांच करायेंगे। जांचें जारी रहती हैं। परिणाम कभी नहीं आते। हर गलत का...
चाचा जी की चिट्ठी सीताराम गुप्ता के नाम
अब उपरोक्त पत्र को ही लीजिए जो बहुत कम लोगों द्वारा समझी जाने वाली लिपि में लिखा गया है। भाषा तो स्वाभाविक है हिन्दी ही है लेकिन इस लिखावट...
देवेन्द्र पाठक ' महरूम ' की कविताई - 2 मुक्तिकाएँ
मुक्तिका - बिना समर्पण भक्ति नहीँ है । भक्ति नहीँ तो मुक्ति नहीँ है ॥ करुणाहीन हृदय हो यदि तो ; कुछ सार्थक अभिव्यक्ति नहीँ है॥ कथ्य- व...
मोतीलाल की कविताएँ - बादल की बहार, मैं लौटूंगा
बादल की बहार खोई हुई प्रतिध्वनि तैरने लगे हैँ तालाब मेँ बाढ़ मेँ बहते झाड़-झंकार छाती की जेब मेँ समा जाते हैँ और नीरव वेदना की वाणी स...
गिरिजा कुलश्रेष्ठ की बाल कहानी - सूराख वाला गुब्बारा
सूराख वाला गुब्बारा ----------------------- बात बहुत पुरानी है। तब धरती और सूरज बच्चे ही थे। वे साथ-साथ खेलते थे। साथ-साथ खाते थे। और दूसरे...
यशवन्त कोठारी का व्यंग्य - आई पी एल का तमाशा
आई․ पी․ एल․ का तमाशा तमाशा शुरु हो गया है। चार हजार करोड़ रुपये तो केवल टीवी प्रसारण से मिलेंगे। भ्रष्टाचार के तयशुदा मानकों के अनुसार लगभग...
उर्दू शायर कृष्ण मोहन का खत सीताराम गुप्ता के नाम
अंग्रेज़ी-उर्दू में लिखित इस खत में जो उर्दू ग़ज़ल कृष्ण मोहन साहब ने लिख भेजी है उसका देवनागरी लिप्यंतरण भी संलग्न हैः ग़ज़ल मैं क़...
शैलेश मरजी कदम का आलेख - पत्रकारिता में अनुवाद : विविध संदर्भं
प्र स्तावना ः- वर्तमान समय में मीडिया की अनुवाद आवश्यकता बन गई है। मीडिया सीमा विहीन है। इसलिएमीडिया को भौगोलिक सीमा को भूलकर अपने पाठा...
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