कुमार गौरव अजीतेन्दु के 100 शेर

SHARE:

मेरे सौ शेर चाहता तो हूँ बहुत लिखना ग़ज़ल तुझपे सनम, देश के हालात से लेकिन नजर हटती नहीं। (1) शौक से बिछवाइए काँटे हमारी राह में, मुश्किलो...

मेरे सौ शेर

clip_image002

चाहता तो हूँ बहुत लिखना ग़ज़ल तुझपे सनम,
देश के हालात से लेकिन नजर हटती नहीं। (1)

शौक से बिछवाइए काँटे हमारी राह में,
मुश्किलों के बिन मिली मंजिल मजा देती नहीं। (2)

हारने की ले नहीं पाये कभी तालीम हम,
जीतना भर सीख के शिक्षा ही लेनी छोड़ दी। (3)

रोज ही दिखला रहे जो आप हमको आइने,
एक दिन फुरसत से उनमें खुद को भी तो देखिए। (4)

तारीफें करते नहीं थकते थे कलतक आप तो,
ये अचानक क्या हुआ, सबसे बुरे हम हो गये। (5)

तन ढके इसके लिये पहले कमाते थे सभी,
अब कमाने के लिये तन को उघारा जा रहा। (6)

जा रहे हो दूर लेकिन याद रखना जानेमन,
गर्दिशों में लौटकर वापस यहीं तुम आओगे। (7)

लाख तूफां भी जिसे मिलकर डिगा पाये नहीं,
वो गिरे कैसे भला तुम पिद्दियों के जोर से। (8)

आपका ईमान बाजारू था सो वो बिक गया,
हमसे ऐसी कोई भी उम्मीद रखिएगा नहीं। (9)

यूँ हमारे सब्र को मत आजमाओ जालिमों,
खाक हो मिट जाओगे नक्शे से ही संसार के। (10)

हाँ बहुत हथियार होंगे पास में तेरे मगर,
जंग लड़ने के लिए हमसे तो जिगरा चाहिए। (11)

दे रहा पहरा खड़ा मुस्तैद कुत्ता क्या करे,
चोरियाँ मालिक ही मर्जी से अगर करवाए तो। (12)

चीथड़े तनपर पड़े "मैडम" के भी "फुलवा" के भी,
फर्क केवल शौक औ' मजबूरियों का है यहाँ। (13)

हाथ से तलवार गिरने की नहीं परवाह कर,
हिम्मतों की डोर को बस छूटने देना न तू। (14)

कहाँ है शुद्धता बाकी बाजारों से नजारों तक,
सभी चीजों में "गौरव" अब मिलावट का जमाना है। (15)

आनेवाले कल की जाने ये कैसी तैयारी है,
देसी रोटीपर बाहर का पिज्जा-बर्गर भारी है। (16)

बारूदी उन थैलों की भारी बेशर्मी तो देखो,
खुद को भाईचारे का संदूक बताते फिरते हैं। (17)

घर के कुछ गद्दारों की जहरीली कारस्तानी है,
जुर्म किया अंगारों ने, कहलाया दोषी पानी है। (18)

शर्म होती दुश्मनों में दोस्तों से सौ गुना,
वो निभाते धर्म अपनी जानपर भी खेलकर। (19)

चार पन्ने क्या किये काले कि शायर बन गये,
घूमते हैं महफिलों में खूब गरदन तानकर। (20)

हमने बसाया देश को अपने जिगर में इस कदर,
बच ही नहीं पाई जगह महबूब अब तेरे लिये। (21)

सुना है भेड़ियों के घास खाने के अभी दिन हैं,
पिएंगे खून फिर आराम से वो बाद में आकर। (22)

वतन के काम से इक पल की फुरसत ही नहीं मिलती,
कहाँ है वक्त महबूबा की खातिर सोच पाने का। (23)

कहें कुछ पर करें कुछ और, काफी लोग हैं ऐसे,
तभी तो आज दुनिया में जहन्नुम का नजारा है। (24)

सुना अब तक सिखाती ठोकरें इंसान को सबकुछ,
जो ठोकर खा के भी सीखें नहीं उनको कहें क्या हम। (25)

लगता है युग बीत गया अब कोयल-मैना-तोते का,
तब ही सुर-सरगम के नगरों मे गदहे चिल्लाते हैं। (26)

सुखाये थे कुएं, तालाब, दरिया आपने कितने,
लगी जब आग तो कीमत हुई मालूम पानी की। (27)

नजर का कीजिए उतना यकीं जितना जरूरी हो,
नजर से खा चुके धोखा मिले हमको कई अब तक। (28)

वो आये थे लगाने के लिए कालिख हमें लेकिन,
पुता अपने ही चेहरों पर बड़े मायूस हो लौटे। (29)

वहाँ बारूद बरसों से जमा था,
गिरी तो आज बस चिनगारियाँ हैं। (30)

शीशे का घर ही बनाना चाहता है वो तभी,
पत्थरों को दूर दरिया में कहीं फिंकवा रहा। (31)

गर्मी इतनी ज्यादा सबके सिरपर चढ़के बोल रही,
जाड़े के मौसम में भी सारे नंगे हो जाते है। (32)

चाहते हैं वो तो आ जायें बनाकर टोलियाँ,
हम अकेले ही बराबर हैं समूची फौज के। (33)

जवानी की खता का भार आया सिर बुढ़ापे के,
बेअक्लों, बेलगामों का यही अंजाम होता है। (34)

तारीफों की तलाश में भटके वो इस कदर,
शिकवों-शिकायतों की ही खाई में जा गिरे। (35)

आग से डर उसे क्या लगे,
जो समंदर सा विकराल है। (36)

बदनामियों के डर से जो करते गुनाह हैं,
ऐसे शरीफ कोढ़ लगाते समाज को। (37)

बदसूरतों के शह्र में मिलता न आइना,
बेकार कोशिशें न करो लौट जाओ घर। (38)

फन चार पैसे को तरस जाता मगर,
मुँहमाँगी कीमत पा जाती हैं बोटियाँ। (39)

अकेला चना भाड़ क्या फोड़ लेगा,
यही सोचना तो पड़ा उनको भारी। (40)

कठपुतलियों के नाच में रक्खा ही क्या होता भला,
उनको नचाते हाथ की बाजीगरी ही देखिये। (41)

बड़ी बातें किया करते थे अंधेरे से लड़ने की,
जरा सा तेल तो दीपक में तुम भर ही नहीं पाए। (42)

गलतियाँ आवाम से चाहे हुई जितनी भी हों,
गालियाँ देती सियासत को हमारी पीढियाँ। (43)

फर्शपर हम थे तो वो हमसे बचाते थे नजर,
अर्शपर आते ही कितने पास देखो आ गये। (44)

रातभर आपने था रुलाया उसे,
माफ कैसे करे वो सुबह आपको। (45)

दुख के आँसू पोंछनेवाला मिला कोई नहीं,
सुख के आँसू बाँटनेवाले हजारों आ गये। (46)

मत अँधेरे में कभी देखा करो तुम आइना,
डूब जाओगे गलतफहमी के इक तालाब में। (47)

आइना जो झूठ बोले मिल नहीं पाया कहीं,
लौट आया आज भी वो घूम के बाजार से। (48)

ऊँची उड़ां की चाह मे नादानियाँ होती रहीं,
सैयाद खुश था जाल बिन उसको परिंदे मिल गये। (49)

मासूमियत क्यों दिख नहीं पाई परिंदों की तुझे,
जो छातियों का मांस बिन देरी नजर में आ गया। (50)

कोई पा गया है जरूरत से ज्यादा,
किसी को जरूरत का आधा मिला है। (51)

थूकने पे भी बज उठती हैं तालियाँ,
चापलूसी का आलम जरा देखिये। (52)

डूबती कैसे भला कश्ती किसी तूफान में,
भाग्य में उसके लिखा था सागरों को जीतना। (53)

सूरमा उनके सभी तो मात खा के भाग निकले,
बेबसी में अब गड़े मुर्दे वो बाहर ला रहे हैं। (54)

दूसरों का खून पी के जी रहे जो फक्र से,
फिक्र उनको ही जियादा है अमन औ' चैन की। (55)

फिक्र क्या थोड़ी नहीं कल की तुम्हें बेगैरतों,
हाथ में बच्चों के जो हथियार पकड़ाने लगे। (56)

दूध, काजू, किशमिशों, बादामवाली खीर वो,
बेमजा, बेकार बस कुछ कंकड़ों से हो गई। (57)

चूक आँखों से ही होती जल्दबाजी में सदा,
आइना वर्ना कभी गलती किया करता नहीं। (58)

जिंदगी जो नहीं कर सकी,
मौत ने काम वो कर दिया। (59)

धुंध ही धुंध है इस जगह,
राह आगे की दिखती नहीं। (60)

बुद्धिजीवी आज का मैं हूँ नहीं,
जो फरिश्ता मान लूँ हैवान को। (61)

जब लगा पाये नहीं इक दाग भी वो सब मुझे तो,
खीज में कीचड़ मेरी परछाईं पर अब फेंकते हैं। (62)

मोमबत्ती से सही में इंकलाब आता अगर,
तो भगत सिंह की जरूरत ही नहीं पड़ती हमें। (63)

मुफलिसी का हाल हमको क्या बताना साथियों,
हमने भी रातें गुजारी झोंपड़ों में खूब है। (64)

किसी का घर जला इससे तनिक मतलब कहाँ उनको,
वो तो मशगूल हैं इस मामले को बस भुनाने में। (65)

धमाका हो गया बाजार में, काफी गिरी लाशें,
खबरिया चैनलों के भाग्य से टूटा पुनः छींका। (66)

आदमीयत की बड़ी बातें वो करते थे सदा,
वक्त आनेपर मगर हैवान पहले बन गये। (67)

कंटकों को पुष्प कहने का चलन ऐसा हुआ,
जख्म खाना बन गई चाहत सभी की आजकल। (68)

कल बिना छतरी चले तो बारिशों में घिर गये,
आज लेकर आये हैं तो बूँद भी टपकी नहीं। (69)

अपनी सूरत ही बदलने का जतन अब कीजिये,
लाभ कुछ होना नहीं है आइनों को तोड़कर। (70)

बादलों छँट जाओ भी काफी समय से हो घिरे,
देखना दिल चाहता अब साफ-सुथरा आसमां। (71)

शहद में डूबे अल्फाजों के कुछ दाने खिलाकर वो,
हिकारत की बड़ी कड़वी कई घूँटें पिलाते हैं। (72)

बहुत दिन से न फूटे बम न ही इज्जत लुटी कोई,
जरा सोचो खबरिया चैनलों का हाल क्या होगा। (73)

करती शिकायत टूटी सड़कों की चमकती जूतियाँ,
घिसती-लटकती चप्पलों को कुछ नजर आता नहीं। (74)

बड़ा काफी वो खुद को मान के बैठा,
चलो थोड़ा उसे सागर दिखाते हैं। (75)

अब नजर का दोष या अंधी मुहब्बत जो कहें,
पर समझने में उन्हें गलती तो हमसे हो गई। (76)

अगर थूका भी उसने तो बड़ी क्या बात है इसमें,
हमेशा की तरह वो बाद में तो चाट ही लेगा। (77)

दीया जलाने के लिये आया नहीं था वो यहाँ,
अपनी विदेशी ब्रांड की माचिस दिखानी थी उसे। (78)

आसमां को ही न सबकुछ मानना पंछी कभी,
इस जमींपर ही उगे पेड़ों पे तेरा नीड़ है। (79)

दूरतक जाती महकपर नाज है उनको मगर,
इत्र की खुशबू भला टिकती ही कितनी देर है। (80)

अनछुई चीजें नहीं मिलती कहीं भी आजकल,
हर बड़ी-छोटी दुकानों में ही "ट्रायल रूम" है। (81)

रूढ़ियों का फेर भारी है बुरा,
फेंक देता अंधता के कूप में। (82)

गरीबी के ही दमपर तो पनपती ये अमीरी है,
गरीबी मिट गई तो हाल उस दिन जाने क्या होगा। (83)

उन्हें क्या फिक्र है जो खाक गुलशन हो गया भी तो,
परिंदे हैं कहीं जा के नया घर फिर बना लेंगे। (84)

अब जमाना नकलियों का हो गया,
असलियों की खैर लेता कौन है। (85)

दूसरों की जात जो हैं पूछते,
नीच सबसे तो उन्हीं की जात है। (86)

जीत मिल गई तो समझ लो दिन हुआ,
हारने का नाम ही तो रात है। (87)

हमने तो करवट ही बदली थी जरा,
क्या पता था जलजला आ जाएगा। (88)

किसी की मौत की चर्चा नहीं होती,
किसी का छींकना खबरों में आता है। (89)

आपने फेंका हमें गढ्ढे में कहके कोयला,
हम दबे मिट्टी के अंदर और हीरा बन गये। (90)

खिड़कियों को खोलिये पर जाँच के,
संग क्या लेकर हवाएं आ रहीं। (91)

पूर्णिमा हो या अमावस,
रात आखिर रात ही है। (92)

नये कल की कहानी आज स्याही लिख नहीं सकती,
लगाना खून अब होगा हमें हालात हैं ऐसे। (93)

पनपती पौधपर पानी किसी ने भी नहीं डाला,
लगे फल तो चले आये सभी अब हक जताने को। (94)

याद करने के नहीं काबिल किया कुछ आपका,
हाँ बहुत बातें पड़ीं दिल में भुलाने के लिये। (95)

इश्क पहले से बहुत बदनाम है,
तू तो अब कोई न ऐसा कामकर। (96)

जिंदगी ने इस कदर तोड़ा उसे,
मौत को लगने लगा बेकार वो। (97)

कीमतों की देखकर ऊँची उड़ां,
रो पड़ी फिर मुफलिसी बाजार में। (98)

तोड़कर ताले चुरा लो लाख सिक्के तुम भले,
इक भरोसा तोड़ के सूई भी ले जाना नहीं। (99)

करें किससे शिकायत हम यहाँ "गौरव",
सभी तो आये हैं फरियाद ही ले के। (100)

--

रचयिता - कुमार गौरव अजीतेन्दु

शाहपुर, पटना - ८०१५०२ (बिहार)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कुमार गौरव अजीतेन्दु के 100 शेर
कुमार गौरव अजीतेन्दु के 100 शेर
http://lh5.ggpht.com/-bD-MUd-9ecw/UjBfxCGMd7I/AAAAAAAAV5A/AT2mqUIU1UE/clip_image002%25255B4%25255D.jpg?imgmax=800
http://lh5.ggpht.com/-bD-MUd-9ecw/UjBfxCGMd7I/AAAAAAAAV5A/AT2mqUIU1UE/s72-c/clip_image002%25255B4%25255D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/09/100.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/09/100.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content