प्रमोद यादव का व्यंग्य - दीवाली दिलवाली की

SHARE:

दीवाली दिलवाली की / प्रमोद यादव बहुत ही मशक्कत-भरा और खर्चीला त्यौहार है- दीवाली. अच्छे-अच्छे दिलवालों के भी छूट जाते हैं पशीने. तब दि...

दीवाली दिलवाली की / प्रमोद यादव



बहुत ही मशक्कत-भरा और खर्चीला त्यौहार है- दीवाली. अच्छे-अच्छे दिलवालों के भी छूट जाते हैं पशीने. तब दिलवाली (घरवाली, गृहस्वामिनी, घर की लक्ष्मी) ही इस त्यौहार से तालमेल बिठाने में होती हैं - कामयाब. अन्य महीनों के तीज- त्यौहार तो बड़े आराम से निपटा लेती हैं पर दीवाली वाला महीना....उफ़...जान ही निकल जाती है....हाडतोड मेहनत और अनाप-शनाप खर्च...और समय पर पतिदेव को वेतन-बोनस न मिले तो बेडा ही गर्क..फिर भी सारी परिस्तिथियों-विपत्तियों.को’एडजेस्ट’कर येन-केन-प्रकारेन हर साल दीवाली मना ही लेती हैं दिलवालियाँ. दिलवाले ( मर्द ) के भरोसे रहें तो दीवाली ही न मने.

मर्दों के तो दिल ही नहीं होते. केवल जवानी के दिनों में कुछेक लोगों को इसके होने का अहसास भर होता है, वह भी एक सीमित समय के लिए. उसके बाद तो उनके पास केवल’हार्ट’रह जाता है और रह जाता है उसके साथ समय-बेसमय अटकने वाला’अटैक’. लेकिन युवतियां बचपन से ही इस मामले में ’इन-बिल्ट’दिलवाली होती हैं. जो भी काम करती हैं, दिल खोलकर करती हैं,पूरे दिल से करती हैं प्यार-मुहब्बत करेगी तो दिल खोलकर, चुगली-चारी करेगी तो दिल खोलकर, गाली-गलौज...मार-धाड़ भी करती हैं तो पूरे दिल से. सारा काम दिल से करने की आदत बन जाती है इसलिए भारी से भारी झटके भी दिल में जज्ब कर लेती हैं.

इन्ही वीरांगनाओं के चलते परिवार दीवाली जैसे त्यौहार आराम से मना पाते हैं वरना मर्दों की चले तो दीवाली त्यौहार को भी वे पन्द्रह अगस्त या छब्बीस जनवरी की तरह केवल ’जन-गण-मन’ में ही निपटा दें.
दीवाली त्यौहार में हर घर की गृहिणी ( चाहे नौकरीपेशा हो,व्यवसायी या मजदूर की पत्नी हो ) सबकी विचारधारा एक जैसी हो जाती है. सब एक जैसा सोचती हैं और एक जैसा करती भी हैं इसलिए किसी एक घर के दीवाली-दृश्य से पूरे शहर के दीपोत्सव का विहंगम दृश्य देख सकते हैं एक नौकरीपेशा परिवार के दीपोत्सव की एक-बानगी प्रस्तुत है-

‘इस बार कितना बोनस मिलेगा जी?.. दीवाली के पहले मिल जाएगा ना?..बगलवाली रीता बता रही थी ,सोने का भाव कुछ उतरा है..इस बार झुमके जरूर लूंगी’ ड्यूटी से लौटा पति चुपचाप शर्ट-पैंट उतार केवल चड्डी में इधर-उधर टौवेल ढूढ रहा है.

‘अजी...मैं आपसे ही पूछ रही हूँ..’ पत्नी जरा जोर से चीखी.
‘हाँ...हाँ..सुन लिया..’ चड्डी पहना पति पत्नी की ओर मुखातिब हो बोला-’कारखाना इन दिनों मेरी तरह चड्डी में आ गया है....ख़ाक बोनस मिलेगा?...तनखा ही मिल जाए तो गनीमत समझो....और तुम अखबार नहीं पढ़ती क्या? दिन भर घर में बैठी करती क्या हो?’

‘ऐश करती हूँ..’ गुस्से से पत्नी बिफरी-’मुंह-अँधेरे उठकर झाड़ू-पोंछा, बर्तन साफ करती हूँ..नाश्ता बनाती हूँ..बच्चों को नहला-धुलाकर स्कूल भेजती हूँ...कपडे धोती हूँ...शाम को फिर वही चूल्हा-चौका...और आप कहते हैं – ऐश करती हूँ...’
‘अरे बाबा..मेरा ये मतलब नहीं था.. मैंने तो यही पूछा था कि अखबार क्यूं नहीं पढ़ती...सब काम के लिए समय निकाल लेती हो तो अखबार के लिए भी क्यूं नहीं .. अखबार पढ़ती तो न बोनस के बारे में पूछती ,ना ही सोने के भाव के लिए तुम्हे रीता से पूछने की जरुरत पड़ती...’पति ने शांत भाव से समझाया.

‘तो फिर दीवाली हम कैसे मनाएंगे जी?’पत्नी घबराहट भरे स्वर में बोली-’कोई लोन-वोन ड्यू हो तो ले लो..साल भर में कटवा देना...केवल तनखा से कैसे काम चलेगा?.. दीवाली में तो खर्चे-ही खर्चे हैं...घर की सफाई कराना है, रंग-रोगन कराना है..झालर लगवाना है..रिंकी-पिंकी के लिए नए कपडे ,पटाखे खरीदने हैं...पूजा-पाठ की सामग्री...मिठाई वगैरह भी खरीदने हैं...मैं पिछले साल वाली बनारसी साडी से काम चला लूंगी, पर आप इस बार एक नई सफारी-सूट ले लेना..कई सालों से पुराने कपड़ों में ही मना रहें हैं..अच्छा नहीं लगता..झुमके मैं अगले साल ले लूंगी..’

 ‘इस साल क्वार्टर न पुतायें तो क्या होगा?’, पति ने सवाल दागा.



 ‘कैसी बातें करते हो जी...साफ-सफाई, रंग-रोगन सर्वथा जरूरी है...साफ-सुथरे घर में ही लक्ष्मी पधारती है..’ पत्नी ने सफाई दी.
‘पिछले कई सालों से तुम यही कहती आ रही हो.. हर साल सब कुछ होता है पर लक्ष्मीजी हर बार ये क्वार्टर ही भूल जाती है...पड़ोस के क्वार्टर को जरा देखो, बरसों से सामने कूड़ा-करकट पड़ा है...रंग-रोगन तो कंपनी फौंडेशन के जमाने का लगता है...फिर भी लक्ष्मी वहीँ घुसी जाती है...कभी ए.सी. बनकर तो कभी कार बनकर , कभी फ्रिज बनकर तो कभी टी.वी. बनकर..हमारे क्वार्टर से उन्हें क्या एलर्जी है, समझ नहीं आता..’ पति हताशा से हांफ गया.

‘देवी-देवताओं के बारे में ऐसा नहीं कहते जी...जब-जब जो-जो होना है, तब-तब सो-सो होता है...आप जी छोटा ना करें धीरज रखें...मेरा मन कहता है.. लक्ष्मीजी इस बार जरूर पधारेंगी...आप फिलहाल पता करें- कितना लोन मिलेगा...ताकि उस हिसाब से बजट बनाएँ...’
पत्नी की समझाईश से पति शांत हो गया दीवाली आते-आते तनखा भी मिल गया और पर्याप्त लोन भी. श्रमिक आंदोलन के चलते बोनस अटक गया. पर इस बात से वे तनिक भी दुखी नहीं थे...लोन जो मिल गया था. साफ-सफाई हुई.. रंग-रोगन हुआ..बिजली का झालर भी पूरे क्वार्टर में झूलने लगा...बच्चों के लिए नए कपडे , फुलझड़ी-पटाखे खरीदे गये..पत्नी के लिए सोने के झुमके..खुद के लिए.सफारी सूट..ना-ना कहने पर भी पत्नी के लिए दो हजार की कांजीवरम की नई साडी...पूजा-पाठ.की ढेरों सामग्री और लजीज मिठाईयों के कई डिब्बे. दीवाली की पूर्व संध्या सब कुछ संपन्न हो गया. अब कल दीवाली है.

 शाम का समय. पति-पत्नी साफ-सुथरे,सजे-धजे घर और खरीदारी के सामानों को निहारते-बतियाते बैठे हैं. पति ने मजाक किया-’लो भई...जैसा कुछ चाहती थी,सब हो गया...अब बताओ लक्ष्मीजी कब पधारेंगी?’


पत्नी कुछ जवाब देती कि एकाएक दरवाजे की घंटी बजी. पति उठकर दरवाजे की ओर लपका. खोला तो अवाक् रह गया.. बड़ी मुश्किल से होंठों से शब्द फूटे-’अरे...आप...’
‘अरे बिटवा..अब का बताएं...गांव में डेंगू की बीमारी से आठ लोग मर गए...तुम्हारे कक्काजी बोले- .गांव छोडो...अब की दीवाली शहर में बिटवा के इंहा मना आओ..सो हम चले आये...ताला-वाला मारके वो भी कल दोपहर तक इंहा पहुँच जावेंगे..’ दो नंग-धडंग बच्चों के साथ पोटली लिए खड़ी गांव की पडोसवाली लक्ष्मी काकी एक साँस में बोल गयी.

पति ने ’अच्छा... अच्छा,....हाँ....हाँ’ कहते उन्हें अंदर लिवा लाये. दूर से ही पत्नी को इशारा किया-’पांव छुओ.’ पत्नी दौडकर पांव छुई...फिर इशारे से पूछी-’कौन हैं?’
पति ने दीवार में टंगे लक्ष्मीजी की फोटो की ओर इशारा कर धीरे से बुदबुदाया-’लक्ष्मी’... हाथ-मुंह धोने काकी जब बाथरूम घुसी तो पत्नी ने चिकोटी काटी-’अरे बताईये भी...कौन हैं ये?’
पति ने जवाब दिया-’गांववाली पड़ोस की लक्ष्मी काकी’फिर मजाक के मूड में कहा-’तुम कहती थी ना...इस बार लक्ष्मी जरूर हमारे घर आएगी....लो...आ गयी..और वो भी एक दिन एडवांस में...अब उसकी सेवा करो, खातिरदारी करो..मैं तो चला...अपने दोस्तों के यहाँ ताश खेलने..’

पत्नी के चेहरे का रंग जो कुछ समय पहले दमदमा रहा था, एकाएक बगलवाले क्वार्टर की तरह फीका पड़ गया.पर थोड़ी ही देर में उसने स्वयं को संयत कर लिया. लक्ष्मीजी की फोटो के सामने हाथ जोड़,आँखें मूंद प्रार्थना की-’हे माँ...मेरी लाज रखो...हर दीवाली से यह बेहतर दीवाली हो, ऐसी कृपा करो..’फिर सब कुछ भूलकर काकी और उसके बच्चों को खिलाने-पिलाने में व्यस्त हो गयी. देर रात तक गांव का हालचाल पूछती रही.

दूसरे दिन , दीवाली की सुबह अखबार पढते ही पतिदेव खुशी से उछल पड़े, जोर से चीखे-’अरे सुनती हो....जल्दी आओ... अखबार में तुम्हारा नाम छपा है...झुमके के साथ जो इनामी कूपन मिला था ना...उसका पहला इनाम- एक लाख रूपये, तुम्हारे नाम निकला है....तुम ठीक कहती थी.. लक्ष्मी जरूर आएगी...देखो, सचमुच आ गयी...हम लखपति हो गए..’ पत्नी खुशी से दौडती-हांफती आई, बोली-’लक्ष्मीजी तो कल से आई है जी..आपने पहचाना नहीं...जाईये उनके बच्चों के लिए नए कपडे और काकी के लिए नई साडी ले आओ...खूब धूमधाम से मनाएंगे दीवाली..’ फिर पति के गले में बांहें डाल बोली-’एक बात जान लो जी...दिल में संतोष हो तो हर दिन दीवाली है....पर संतोषी होने के लिए एक अदद दिल की दरकार होती है जो सिर्फ हम वीरांगनाओं की थाती है..’ पति ने पत्नी को भींचते हुए कहा-’ठीक कहती हो...तुम दिलवालियों से ही है दीवाली...वरना सब खाली..खाली...’
                             xxxxxxxxxxxxxxxx
                                                प्रमोद यादव
                                           गयानगर, दुर्ग,पिन-491001
                                             Mob-- 09993039475

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. गोवर्धन यादव(छिन्दवाडा)10:24 am

    आपके चित्रो और आलेख पढकर आनन्द आ गया. दीप-पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं-बधाइयां

    जवाब देंहटाएं
  2. श्री गोवार्धंजी, मा.सरिताजी,..आप सबका आभार...चर्चा -मंच की प्रस्तुति देखी ..बेहतरीन लिंक्स...आप सबको भी दिवाली की हार्दिक बधाईयाँ...प्रमोद यादव

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्रमोद यादव का व्यंग्य - दीवाली दिलवाली की
प्रमोद यादव का व्यंग्य - दीवाली दिलवाली की
http://2.bp.blogspot.com/-jx-V5Ox19Q8/Ulp6x6_Pq7I/AAAAAAAAWQQ/6MdsBy4aYks/clip_image002%25255B4%25255D.jpg?imgmax=800
http://2.bp.blogspot.com/-jx-V5Ox19Q8/Ulp6x6_Pq7I/AAAAAAAAWQQ/6MdsBy4aYks/s72-c/clip_image002%25255B4%25255D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/11/blog-post_5850.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/11/blog-post_5850.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content