प्रमोद यादव का व्यंग्य - पीएम को प्रेमपत्र

SHARE:

पी.एम. को (प्रेम) पत्र.../ प्रमोद यादव प्रेम-पत्र इसलिए लिखा है ताकि पत्र में आकर्षण रहे..खाली ‘पत्र’ लिखने से लोग दिग्भ्रमित हो सकते हैं.....

पी.एम. को (प्रेम) पत्र.../ प्रमोद यादव

प्रेम-पत्र इसलिए लिखा है ताकि पत्र में आकर्षण रहे..खाली ‘पत्र’ लिखने से लोग दिग्भ्रमित हो सकते हैं..इसे शिकायती पत्र समझ सकते हैं..प्रार्थना-पत्र,आवेदन-पत्र या पारिवारिक-पत्र समझ सकते हैं..और भला ऐसे पत्र कोई पढ़ता भी है ? ऐसे पत्र लिखने वाले को ही मजा नहीं आता तो फिर पाने वाले को क्या ख़ाक मजा आयेगा ? हाँ..पत्र के साथ ‘प्रेम’ पिरो देने से पत्र का आकर्षण तो बढ़ता ही है, वजन भी बढ़ जाता है..लोगबाग़ पढने को उतावले हुए जाते हैं..हमारे जमाने में तो प्रेम-पत्र यानी लव-लेटर का जिक्र होते ही दिल बल्लियों उछलने लगता था..किसी से प्रेम हो न हो...यह बाद की बात.. पर प्रेम-पत्र लिखने-पढने का हर किसी का मन करता..लेकिन चंद नसीबवालों को ही ये नसीब होता..( हम जैसे को ) हमने खूब पत्र लिखे..पढ़े और लिए-दिए भी ..हर पत्र में एक नई ताजगी होती..प्यार का सुवास होता..प्रेम-पत्रों की यही तो विशेषता है...न लिखने वाला बोर होता है न पढने वाला..प्रेम जब प्रगाढ़ होने लगा तो प्रेम-पत्र पोथी में तब्दील होने लगे..सौ-सो पेज की कापी को हम आसानी से प्रेम-पत्र में तब्दील कर देते...और पाने वाले का भी जवाब नहीं..प्रत्युत्तर में दो-चार पेज हमसे ज्यादा ही लिख मारती ..अब तो पढने-लिखने का ज़माना ही न रहा.. मोबाईल-युग में इसका अवसान हो गया.. सब कुछ डाईरेक्ट हो गया है...किसी के पास समय नहीं..हमारे जमाने में तो बंदा तीन-चार साल तक रगड़कर प्रेम-पत्र ही लिखते रहता .. मजाल कि लड़की को छू भी ले... अब के बन्दे तो तीन-चार काल में ही लड़की को बाईक की पिछली सीट में लिए “ जिंदगी एक सफ़र है सुहाना “ गाते फिरते हैं.. प्रेम-पत्रों का कहीं कोई काम ही नहीं रहा ...हाँ..पिछड़े इलाके में इसका प्रचलन अब भी है..और निश्चित ही वहां के प्रेमीजन काफी सुखी होंगे हमारी तरह...ऐसी आशा है..चलिए.. और ज्यादा विषयांतर न होते हुए विषय पर आयें..पी.एम. साहब को प्रेम- पत्र लिखें-

परम आदरणीय पी.एम. साहब,

नमस्कार!

समझ नहीं आता ..पत्र कहाँ से और कैसे शुरू करें ? आप तो बेबाक कहीं भी,कभी भी “ भाईयों और बहनों” से शुरू हो जाते हैं..पर हमारे साथ ऐसा नहीं है..ओबामा ने तो मिलते ही “ केम छो प्राईम मिनिस्टर ? ” कहा....हम आपसे क्या कहें ? समझ नहीं आता..वैसे हम जानते हैं कि स्पष्ट बहुमत से सरकार बनने के बाद से ही आप “ मजे माँ “ हैं..ऐसे में केम छो पूछने का कोई तुक नहीं... पी.एम. बनने के बाद तो बिलकुल ही नहीं.. क्योंकि सारे पी.एम. “मजा मा “ में ही होते हैं..आपने चुनाव के समय कहा था कि अब अच्छे दिन आने वाले हैं..आपके तो आ गए साहब , हमारे कब आयेंगे ? आलू अभी भी आसमान पर है...प्याज अभी भी आंसू निकाल रहा है..कुछ तो कीजिये..

अरे हाँ... पहले आपको बता दें कि यह पत्र हम गजोधर भैया की जिद्द पर लिख रहें हैं..ये रोज रात को पानठेले पर पान चबाते हमें चबा जाते हैं...आपके क्रिया-कलापों की,विचारों की,दौरों की,भाषणों की,अभियानों की चर्चा-आलोचना बेधड़क बिलानागा रोज करते हैं और हर सवाल के जवाब की आशा हमसे करते हैं जैसे हम –हम ना हुए आपके पी.ए. हो गए.. वैसे हमें पी.एम. का पी.ए. बनने से कोई परहेज नहीं..जगह खाली हो तो कभी भी बुला लें..हम निराश नहीं करेंगे..

हाँ..तो आपको बता दें कि पत्र निश्चित ही हम लिख रहें हैं पर इसमें जो भाव हैं, सवाल हैं, संशय है , विचार है, क्रांति है... वो गजोधर के हैं..कहीं कुछ बुरा लगे तो उन्हें माफ़ कर दीजियेगा ..अब कल रात ही वो पूछ रहे थे कि इस बार के चुनावी दौरों में ( महाराष्ट्र में ) साहब चाय-का चौपाल क्यों नहीं लगा रहे ? अब हम क्या जवाब देते ? हमने तो इतना ही कहा कि इन दिनों केंद्र में ढोकला चल रहा है भैया .. राज्य तक आने में समय लगेगा.. एक बात और...भूटान, नेपाल दौरे से लौटने के बाद आपने बयान दिया कि अब एशिया के अच्छे दिन आने वाले हैं..तब गजोधर नाराज हो बोले थे- देश के तो आये नहीं..अब एशिया के जपने लगे..अमेरिका के बाद दो-चार और देश घूमेंगे तो कहेंगे-विश्व के अच्छे दिन आने वाले हैं...नारे को ग्लोबल कर देने से भला कोई अच्छे दिन आयेंगे ?

पी.एम. साहब..एक और राज की बात आपको खुले तौर पर बता दूँ..देश के स्कूली बच्चे इन दिनों आपसे काफी डरे-सहमें हैं..आपको इसकी खबर है या नहीं हमें पता नहीं.. मिडिया जो कुछ दिखाती है ,वही सच नहीं होता.. उसे तो वही दिखाना है जैसा आप देखना चाहते हैं ..अब हर किसी महात्मा की जयंती या दिवस में बच्चों को सरकारी आदेश के तहत स्कूल बुला लिए जाने का डर सताए रहता है.. दो अक्टूबर को बेचारे विद्यार्थी गांधीजी पर दो-चार भाषण दे मुक्त और संतुष्ट हो जाते थे...और इससे कुछ हो न हो लेकिन गांधीजी की जीवनी सबको याद हो जाया करता था ..पर इस बार आपने स्वच्छता मिशन के तहत उन्हें झाड़ू थमा साफ़-सफाई में लगा दिया..आगामी पीढ़ी गांधीजी पर अनभिज्ञता जाहिर करे...कौन गांधी ? कहे तो बुरा न मानियेगा..और हाँ..सबसे बुरा हाल तो बेचारे नौकरी पेशेवालों का था...उनकी छुट्टी गई सो गई..उनसे सारा आफिस और मोहल्ला साफ़ करवा दिया..आदेश के तहत था तो मरता क्या न करता ?..अब कैलेण्डर देख वे अगली किसी जयंती पर क्या होगा, इसका कयास लगाए फिरते हैं..जिस झाड़ू पर कभी किसी का एकाधिकार हुआ करता, उसे भी आपने आम कर दिया..उनका तो पत्ता ही साफ़ कर दिया..

आपके आगामी कार्यक्रमों को सुनकर एक पुरानी पार्टी के तो होश ही उड़ गए हैं.. पहले उन्हें शिकायत थी कि आप उनकी योजनाओं को उड़ाकर नाम बदल कर चला रहे..अब नया आरोप है कि उनके आदरणीय प्रकाश-स्तंभों को,स्वर्गीय महानुभावों को वन बाई वन उड़ाये लिए जा रहें है..पहले महात्मा गांधी.. और अब नेहरु-इंदिराजी ...एक तो वैसे भी वे कोमा में हैं..उनके साथ ऐसा खेल अच्छा नहीं..वो एक गाना है ना-बंदिनी का-“ मत खेल जल जाएगा...कहती है आग मेरे मन की..मत खेल..” तो पी.एम. साहब जरा इस पर गौर फरमाएं..इन पर रहम करें...

“न खाऊंगा,न खाने दूंगा “...”न गन्दगी करूंगा,न करने दूंगा “ के तर्ज पर आप कब हाथ लहराकर कहेंगे कि – भाईयों और बहनों- “ न महंगाई बढ़ेगी, न बढ़ने दूंगा “..हमें तो इसी नारे का इन्तजार है..क्योंकि बिना आलू-प्याज के आम आदमी की जिंदगी ठहर सी गई है..अब ये मत कहियेगा कि हमने पेट्रोल का दाम घटाया..ये कैसे और क्यूँकर घटता है,पब्लिक को मालूम है..अतएव आपसे विनम्र निवेदन है कि महंगाई कम करने पर ठोस काम करें ..आम आदमी को केवल इसी से मतलब है..आप कहाँ गए, किससे मिले इनसे उन्हें कोई लेना-देना नहीं..उनके लिए जिंगपिंग, पुतिन या ओबामा भी केवल गजोधर ही हैं..

आखिरी बात...आपके छप्पन इंची सीने की इन दिनों काफी बातें हो रही है..पाकिस्तानी सेना सीमा पर बेवजह फायर पे फायर कर रही..लोग मरे जा रहे.. और आप हैं कि चुप्पी साधे बैठे हैं..टी.वी. पर इस बात को लेकर बहस छिड़ी है..देशवासी कोरस में गा रहे हैं- “ क्या हुआ... तेरा वादा...” कुछ तो कहिये श्रीमान..

जाते-जाते एक बात और... इंदौर के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आपने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच छत्तीस के आंकड़े नहीं होने चाहिए..यह देश के विकास के लिए रुकावट है..केंद्र और राज्य को पास-पास ही नहीं बल्कि साथ-साथ होने चाहिए,तभी देश का चहुंमुखी विकास संभव है.. छः-आठ महीने पहले जब आप सी.एम.थे तो बताएं- केंद्र के कितने पास-पास या साथ-साथ थे..? माफ़ कीजियेगा,ये मैं नहीं गजोधर भैया पूछ रहे हैं...अंत में हम यही कहना चाहेंगे कि हमारी बातों से आपके मन को कहीं कोई क्लेश या दुःख पहुंचा हो तो गजोधर भैया को माफ़ कर दें..वे कडुवा जरुर बोलते हैं पर प्रेम से बोलते हैं..इस प्रेम-पत्र की हम यहीं समाप्ति करते हैं..जवाब मिला तो आगे की सोचेंगे..देश का ख्याल रखियेगा.. चलते है...वन्दे-मातरम..

आपका- गुरूजी

(वैसे हम गुरूजी तो गजोधर के हैं)

Xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx

- प्रमोद यादव

गया नगर , दुर्ग , छत्तीसगढ़ ,

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. इत्मिनान से लिखे खत की बात ही कुछ और होती है ।अच्छा बहुत अच्छा लिखा है ।बधाई

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्रमोद यादव का व्यंग्य - पीएम को प्रेमपत्र
प्रमोद यादव का व्यंग्य - पीएम को प्रेमपत्र
http://lh3.ggpht.com/-it07IN4Vxig/UfoOz3NhHzI/AAAAAAAAVYo/wa0o9XIc6cw/clip_image002%25255B3%25255D.jpg?imgmax=200
http://lh3.ggpht.com/-it07IN4Vxig/UfoOz3NhHzI/AAAAAAAAVYo/wa0o9XIc6cw/s72-c/clip_image002%25255B3%25255D.jpg?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2014/10/blog-post_36.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2014/10/blog-post_36.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content