हास्य-व्यंग्य : दीनू की किस्मत

SHARE:

  - हनुमान मुक्त   दीनदयाल अपने बूते अनुसार पढ़ लिखने के बावजूद जब किसी सरकारी महकमे में जगह ढूंढने में नाकामयाब रहा तो आखिर उसने असर-कार...

  image

- हनुमान मुक्त

 

दीनदयाल अपने बूते अनुसार पढ़ लिखने के बावजूद जब किसी सरकारी महकमे में जगह ढूंढने में नाकामयाब रहा तो आखिर उसने असर-कारी स्कूल में देश के भविष्य निर्माता बनाने का कार्य शुरू कर दिया।

असरकारी स्कूल मास्टर की तनख्वाह से काम चलना मुश्किल था, साइड इनकम करना लाजिमी था, दीनदयाल जी ने होम ट्यूशन स्कूल समय से पहले और बाद में करने में कोई बुराई नहीं समझी।

तीस बरस की उम्र पार कर गए दीनदयाल जी, लेकिन क्या मजाल जो कोई नवयौवना का पिता अपनी पुत्री का हाथ उनके हाथों में देने का मानस बनाता।

इधर-उधर ताकते-ताकते आंखों को भी अब शर्म आने लगी थी। यार-दोस्त जब अपने बीबी-बच्चों के साथ हंसते-बतियाते निकलते तो दिल पर सांप लौट जाते, मन ही मन अपनी किस्मत पर रोना आता।

इसी मोहल्ले का होने के कारण बचपन का नाम ‘दीनू’ ही अधिक प्रचलन में था, दीनदयाल जी, दीनू मारसाब के नाम से आस-पास के घरों में प्रसिद्धि प्राप्त करते जा रहे थे।

निश्चित रूप से पढ़ाने लिखाने में उनका मन कितना लगता होगा, यह तो नहीं पता लेकिन उनके द्वारा घर पर पढ़ाए गए बच्चों में से एक भी बच्चा आज तक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण नहीं हुआ। प्रथम श्रेणी से तो वे खुद भी पास नहीं हुए लेकिन दीनू मारसाब द्वारा जिस विषय की कॉपी जांच की जाती उसमें वह बच्चा अवश्य ही प्रथम श्रेणी प्राप्त कर लेता।

बेचारा दीनू जैसे-तैसे अपना जीवन बसर कर रहा था।

पिछले कुछ दीनों से वह उनकी ही बिरादरी के एक अफसर के घर पर ट्यूशन पढ़ाने के कार्य को अंजाम देने लगा था, अन्य ट्यूशनों के घर पर वह एक घंटे से अधिक खराब नहीं करता, लेकिन यहां तो वह दो-दो घंटे तक खराब करने में कोताही नहीं बरतता। पढ़ाने के अलावा भी साहब के पर्सनल कामों को दीनू पूरी मुस्तैदी से पूरा करता।

साहब, साहिबा और बच्चे पूरी तरह दीनू की वफादारी और मेहनत से खुश थे, आखिर दीनू ने पिछले दो बरसों से अपनी पगार तक जो नहीं मांगी थी।

साहब भी आखिरी साहब थे, साहबों जैसा उनका बड़ा दिल, साहबों जैसे उनके काम और साहबों को हो सकने वाले पहुंच तक उनकी पहुंच।

साहब भला दीनू की मेहनत को वैसे ही कैसे जाने देते आखिर उनका भी कोई कैडर था। एक दिन शाम को साहब कुछ अधिक ही मेहरबान हो गए। दीनू को एक अखबार थमाते हुए बोले, दीनू इस अखबार में हमारे महकमे में बाबू की जगह के लिए विज्ञप्ति छपी है, तुम फार्म भर दो।

दीनू भी आखिर दीनू ही था। अखबार को इधर-उधर पलटते हुए बोला, साहब इस नाम का अखबार तो पहली बार देखा है।

साहब के चेहरे पर एक मुस्कान सी आ गई, बोले जब यह बाजार में आएगा ही नहीं तो तुम देखोगे कहां से? इसकी प्रसारण संख्या हम जैसे कुछेक अधिकारियों तक ही सीमित है।

तुम्हें आम खाने या पेड़ गिनने है। जैसा कहा है वैसा करो, कल शाम तक फार्म तैयार कर दे जाना, अत्यन्त गोपनीय काम है, किसी से कुछ कहना मत।

दीनू को आम ही खाने थे। अपने ट्यूशन के काम को और अधिक निष्ठा से करने का मन ही मन निर्णय लिया, साथ ही साहब के निर्देशानुसार अपना भविष्य संवारने का भी।

कुछ दिनों बाद ही साहब ने परीक्षा में बैठने का बुलावा पत्र दीनू को थमा दिया और ठीक समय पर परीक्षा स्थल पर पहुंचने का आदेश भी कुछ गोपनीय निर्देशों के साथ।

सभी काम ठीक-ठाक ढंग से संपन्न हो गया। परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों की कुंजी पेपर मिलने के आधा घंटे बाद ही दीनू के पास पहुंच गई और दीनू परीक्षा में पास हो गया।

अब आ गई टाइप टेस्ट की समस्या। परीक्षा तो टीप-टाप कर पास कर ली, लेकिन जब टाइप करना आता तक नहीं, फिर टाइप की स्पीड में पास कैसे होता दीनू।

साहब अंकल खुद अलादीन के चिराग थे, उन्होंने टाइप टेस्ट वाले दिन दीनू को दिनभर उनके घर पर ही रहने का निर्देश दे डाला, कि वह आज घर से बिल्कुल ना निकले, साथ में स्कूल से भी आज की छुट्टी ले ले।

 

गतांक से...

दीनू साहब के गोरखधंधे के बारे में सोचता, उससे पहले ही पेड़ गिनने के बेवकूफी भरे प्रयास के बजाय उसने आम खाना श्रेयस्कर समझा।

कुछ दिन बाद परीक्षा परिणाम आया और दीनू बिना टाइप किए ही टाइप टेस्ट में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो गया, उसे बाद में पता चला कि उसकी टाइप टेस्ट की परीक्षा, साहब के आफिस का काम करने वाले टाईपिस्ट ने दी थी।

ईश्वर ने दीनू की सुन ली। बारह बरस बाद घूरे के भी दिन फिरते हैं, सो दीनू के भी फिरे। अब दीनू साहब के ऑफिस में ही सरकारी बाबू बन गया। उसकी बरसों की आस और साध सब साहब की मेहरबानी से पूरी हो गई, जिस सरकारी नौकरी मिलने की उम्मीद उसने सपने में भी करना छोड़ दिया वह अनायास ही पूरी हो गई। दीनू धन्य हो गया, उसका रोम-रोम साहब अंकल का ऋणी हो गया।

अब दीनू मास्साब, स्वमेव ही धीरे-धीरे दीनदयाल जी बाबू जी बनते चले गए। एक ही झटके में दीनू की मार्केट वेल्यू बढ़ गई, सोशल स्टेटस यहां से वहां पहुंच गया।

दीनू से दीनदयाल जी बनने की खबर जंगल में आग की तरह यौवनाओं के पिताओं तक फैल गई। सब के सब जैसे तैसे अपनी पुत्री को दीनदयाल जी को देने को लालायित हो उठे।

आखिर दीनदयाल जी सरकारी महकमे के रेवेन्यू विभाग में बाबू थे कोई सरकारी स्कूल मास्टर नहीं, जहां उन्हें अपनी पुत्री के भविष्य के बारे में सोचना पड़ता।

सुबह से शाम तक लाइन लगने लग गई, रिश्तेदार बनने के इच्छुकों की, जाने कितने बायोडेटा और फिल्मी अभिनेत्रियों की मुद्राओं में फोटोज इकट्ठे हो चले थे, दीनदयाल जी के पास।

ऑफिस में तो चाय-पानी की कोई समस्या नहीं थी लेकिन घर पर तो अपनी कमाई में से ही करानी पड़ती। खूब कोशिश करते, दीनदयाल जी घर से ऑफिस टरकाने की, कुछ टरक भी जाते।

जैसे-तैसे दीनदयाल जी ऑफिस की कार्य पद्धति के बारे में समझते जाते, उसी के अनुरूप अपने में सुधार कर अपनी वेल्यूशन बढ़ाते जाते। शून्य से शुरू होने वाले दीनदयाल जी में कुछ ही महीनों में आमूल-चूल परिवर्तन आ गया। पेन्ट की कमर और बुशर्ट का सीना बढ़ गया। चेहरे से झुर्रिया का स्थान एक अनोखी चमक ने ले लिया, जो दोस्त लोग पहले कन्नी काटकर चले जाया करते थे, अब दीनदयाल जी को आगे से झुककर सलाम करने लगे।

जिस तेजी से परदे पर कपड़े उतारने का ग्राफ बढ़ रहा है, उसी तेजी से दीनदयालजी के स्टेटस का ग्राफ भी बढ़ने लगा था।

ढाई लाख तक देने वाले सुन्दरियों के पिता उनके लिए तैयार बैठ़े थे, बस हां करने की देर थी। पर दीनदयाल जी सुन्दरियों का इन्टरव्यू पर इन्टरव्यू किए जा रहे थे, वे अपनी जीवन संगिनी में किसी प्रकार की कोई कमी बर्दाश्त नहीं कर सकते थे।

बायोडेटा के मुताबिक लंबाई, चौड़ाई, मोटाई, चेस्ट, ब्रेस्ट, कमर, बुलर इत्यादि का बारीक ढंग से मुआयना जारी था।

पहले जहां दर्शन करने तक के लाले पड़ गए थे, अब पूरी बेहयाई से इस काम को अंजाम दिए हुए थे, सुन्दरियों के पिताओं की मर्जी से, आखिर दीनदयाल जी सरकारी महकमे के कुंवारे बाबू थे।

बढ़ते स्टेटस और आमदनी के चौतरफे रास्ते से मदहोशी सवार हो गई उन पर और मदहोशी में लापरवाही होना स्वाभाविक था।

एक दिन जब चार-छः पुलिस कर्मियों के साथ धड़ाधड एक अफसर ने उनके कमरे में प्रवेश किया और दीनदयाल जी द्वारा कुछ ही समय पूर्व वसूले पांच सौ रुपए को उनकी जेब से सबके सामने निकाल कर पंचनामा तैयार कर वसूला तो सारी मदहोशी काफूर हो गई।

लगा एक साथ किसी ने ऊपर से नीचे धक्का दे दिया उन्हें और वे औंधे मुंह नीचे गिर पड़े।

सबको एक ही लाठी हांकने की कीमत चुकानी पड़ गई, गच्चा खा गए और पकड़े गए। जैसे-तैसे जमानत तो हो गई उनकी, लेकिन दो दिन में ही सारा संसार सूना हो गया, घर पर लोगों की लाइन लगना तो दूर, संवेदना के दो शब्द प्रगट करने वालों तक का अकाल पड़ गया। जीवन संगिनी बनाने के लिए कहां तो इंटरव्यू पर इन्टरव्यू लिए जा रहे थे और कहां खुद ही इन्टरव्यू हो गए।

समाप्त

 

Hanuman Mukt

93, Kanti Nagar

Behind head post office

Gangapur City(Raj.)

Pin-322201

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: हास्य-व्यंग्य : दीनू की किस्मत
हास्य-व्यंग्य : दीनू की किस्मत
http://lh3.googleusercontent.com/-ea7JXrzaIwY/VYkMfRvgMbI/AAAAAAAAkNc/V-YCygnsPcM/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
http://lh3.googleusercontent.com/-ea7JXrzaIwY/VYkMfRvgMbI/AAAAAAAAkNc/V-YCygnsPcM/s72-c/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/06/blog-post_932.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/06/blog-post_932.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content