संदर्भः- वैश्विक वृक्ष गणना - दुनिया में घट रहे हैं पेड़

SHARE:

प्रमोद भार्गव वैश्विक-फलक पर सबसे अहम् गणना,जनगणना मानी जाती है। हालांकि पालतू-पशु,वन्य जीव और वृक्षों की गिनती भी होती रही हैं,लेकिन इन्ह...

image

प्रमोद भार्गव

वैश्विक-फलक पर सबसे अहम् गणना,जनगणना मानी जाती है। हालांकि पालतू-पशु,वन्य जीव और वृक्षों की गिनती भी होती रही हैं,लेकिन इन्हें जनगणना के मुकाबले अहमियत नहीं दी जाती। यही वजह रही कि विश्व स्तर पर वृक्षों की की गई गिनती के निष्कर्षों को समाचार माध्यमों ने उतना महत्व नहीं दिया,जितना दिया जाना चाहिए था,जबकि पेड़ों की अस्मिता पर ही मनुष्य व अन्य प्राणियों का जीवन टिका हुआ है। गोया,पेड़ एक ऐसी प्राकृतिक संपदा है,जिसका यदि विनाश होता है तो मनुष्य का सुखद जीवन भी संभव नहीं है।

जब से मानव सभ्यता के विकास का क्रम शुरू हुआ है,तब से लेकर अब तक वृक्षों की संख्या में 46 प्रतिशत की कमी आई है। पेड़ों की गिनती के अब तक के सबसे समग्र वैश्विक अभियान में दुनिया भर के वैज्ञानिक समूहों ने यह निष्कर्ष निकाला है। इस अध्ययन का आकलन है कि विश्व में तीन लाख करोड़ वृक्ष हैं। यानी मोटे तौर पर प्रति व्यक्ति 422 पेड़ हैं। हालांकि यह आंकड़ा पूर्व में आकलित अनुमानों से साढ़े सात गुना ज्यादा बताया जा रहा है। दरअसल पूर्व के वैश्विक आकलनों ने तय किया था कि दुनिया भर में महज 400 अरब पेड़ लहरा रहे हैं। मसलन प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या 61 है। यह आकलन व्यक्ति आधारित था,इसलिए इसकी प्रमाणिकता पर संदेह था। दरअसल दुनिया में अभी भी ऐसे दुर्गम स्थलों पर जंगलों का विस्तार है,जहां सर्वेक्षण में लगे मानव-समूहों का पहुंचना और पहुंचकर सर्वे करना आसान नहीं है। क्योंकि इन जंगलों में एक तो अभी भी रास्ते नहीं हैं,दूसरे,खतरनाक वन्य-जीवों की मौजदूगी है।

पेड़ों की यह गिनती उपग्रह द्वारा ली गई छवियों के माध्यम से की गई है। इस गणना को तकनीक की भाषा में 'सेटेलाइट इमेजरी' कहते हैं। इस तकनीक से पूरा सर्वे वन-प्रांतरों में लिया गया है। इसमें जमीनी स्तर पर कोई आंकड़े नहीं जुटाए गए हैं। इस अध्ययन की विस्तृत रिपोर्ट प्रतिष्ठित जनरल 'नेचर' में छपी है। रिपोर्ट के मुताबिक पेड़ों की उच्च सघनता रूस,स्कैंडीनेशिया और उत्तरी अमेरिका के उप आर्कटिक क्षेत्रों में पाई गई है। इन घने वनों में दुनिया के 24 फीसदी पेड़ हैं। पृथ्वी पर विद्यमान 43 प्रतिशत,यानी करीब 1.4 लाख करोड़ पेड़ उष्ण कटिबंधीय और उपोष्ण वनों में हैं। इन वनों का चिंताजनक पहलू यह भी है कि वनों या पेड़ों की घटती दर भी इन्हीं जंगलों में सबसे ज्यादा है। 22 फीसदी पेड़ शीतोष्ण क्षेत्रों में हैं।

इस अध्ययन की प्रामाणिकता इसलिए असंगदिग्ध है,क्योंकि इस सामूहिक अध्ययन को बेहद गंभीरता से किया गया है। इस हेतु 15 देशों के वैज्ञानिक समूह बने। इन समूहों ने उपग्रह चित्रों के माध्यम से वन क्षेत्र का आकलन प्रति वर्ग किलोमीटर में मौजूद पेड़ों की संख्या का मानचित्रीकरण में सुपर कंप्युटर तकनीक का इस्तेमाल करके किया है। इस गिनती में दुनिया के सभी सघन वनों की संख्या 4 लाख से भी अधिक है। दुनिया के ज्यादातर राष्ट्रीय वन क्षेत्रों में हुए अध्ययनों को भी तुलना के लिए जगह दी गई। उपग्रह चित्रों के इस्तेमाल से पेड़ों के आकलन के साथ स्थानीय जलवायु,भौगोलिक स्थिति,पेड़-पौधे,मिट्टी की दशाओं पर मानव के प्रभाव को भी आधार बनाया गया। इससे जो निष्कर्ष निकले,उनसे तय हुआ कि मानवीय हलचल और उसके जंगलों में हस्तक्षेप से पेड़ों की संख्या में गिरावट की दर से सीधा संबंध है। जिन वन-क्षेत्रों में मनुष्य की आबादी बढ़ी है,उन क्षेत्रों में पेड़ों का घनत्व तेजी से घटा है। वनों की कटाई,भूमि के उपयोग में बदलाव वन प्रबंधन और मानवीय गतिविधियों के चलते हर साल दुनिया में 15 अरब पेड़ कम हो रहे हैं। जिस तरह से भारत समेत पूरी दुनिया में अनियंत्रित औद्योगीकरण,शहरीकरण और बड़े बांध एवं चार व छह पंक्तियों के राजमार्गों की संरचनाएं धरातल पर उतारी जा रही हैं,उससे भी जंगल खत्म हो रहे हैं।

ऐसे समय जब दुनिया भर के पर्यावरणविद् और वैज्ञानिक जलवायु संकट के दिनोंदिन और गहराते जाने की चेतावनी दे रहे हैं,पर्यावरण सरंक्षण में सबसे ज्यादा मददगार वनों का सिमटना या पेड़ों का घटना वैश्विक होती दुनिया के लिए चिंता का अहम् विषय है। विकास के नाम पर जंगलों के सफाए में तेजी भूमंडलीय आर्थिक उदारवाद के बाद आई है। पिछले 15 साल में ब्राजील में 17 हजार,म्यांमार में 8,इंडोनेशिया में 12,मेक्सिको में 7,कोलांबिया में 6.5,जैरे में 4 और भारत में 4 हजार प्रति वर्ग किलोमीटर के हिसाब से वनों का विनाश हो रहा है। यानी एक साल में 170 लाख हेक्टेयर की गति से वन लुप्त हो रहे हैं। यदि वनों के विनाश की यही रफ्तार रही तो जंगलों को 4 से 8 प्रतिशत क्षेत्र,सन् 2015 तक विलुप्त हो जाएगा। 2040 तक 17 से 35 प्रतिशत सघन वन मिट जाएंगे। इस समय तक इतनी विकराल स्थिति उत्पन्न हो जाएगी कि 20 से 75 की संख्या में दुर्लभ पेड़ों की प्रजातियां प्रति दिन नष्ट होने लग जाएंगी। नतीजतन आगामी 15 सालों में 15 प्रतिशत वृक्षों की प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी। इनकी विलुप्ति का असर फसलों पर भी पड़ेगा।

वृक्षों का सरंक्षण इसलिए जरूरी हैं,क्योंकि वृक्ष तीव-जगत के लिए जीवन-तत्वों का सृजन करते हैं। वायु-प्रदुषण,जल-प्रदुषण,भू-क्षरण न हों,पेड़ों की अधिकता से ही संभव है। वर्षा च्रक की नियमित निरंतरता पेड़ों पर ही निर्भर है। पेड़ मनुष्य जीवन के लिए कितने उपयोगी हैं,इसका वैज्ञानिक आकलन भारतीय अनुसंधान परिषद् ने किया है। इस आकलन के अनुसार,उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पर्यावरण के लिहाज से एक हेक्टेयर क्षेत्र के वन से 1.41 लाख रुपए का लाभ होता है। इसके साथ ही 50 साल में एक वृक्ष 15.70 लाख की लागत का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ देता है। पेड़ लगभग 3 लाख रुपय मूल्य की भूमि की नमी बनाए रखता है। 2.5 लाख रूपए मूल्य की ऑक्सीजन 2 लाख रुपए मूल्य के बराबर प्रोटीनों का सरंक्षण करता है। वृक्ष की अन्य उपयोगिता में 5 लाख रुपए मूल्य के समतुल्य वायु व जल प्रदूषण नियंत्रण और 2.5 लाख रुपए मूल्य के बराबर की भागीदारी पक्षियों,जीव-जंतुओं व कीट-पतंगों को आश्रय-स्थल उपलब्ध कराने के रूप में करता है। वृक्षों की इन्हीं मूल्यवान उपयोगिताओं को ध्यान में रखकार हमारे ऋषि-मुनियों ने इन्हें देव तुल्य माना और इनके महत्व को पूजा से जोड़कर सरंक्षण के अनूठे व दीर्घकालिक उपाय किए। इसलिए भारतीय जनजीवन का प्रकृति से गहरा आत्मीय संबंध है। लेकिन आधुनिक विकास और पैसा कमाने की होड़ ने सरंक्षण के इन कीमती उपायों का लगभग ठुकरा दिया है।

पेड़ों के महत्व का तुलनात्मक आकलन अब शीतलता पहुंचाने वाले विद्युत उपकरणों के साथ भी किया जा रहा है। एक स्वास्थ्य वृक्ष जो ठंडक देता है,वह 10 कमरों में लगे वातानुकूलितों के लगातार 20 घंटे चलने के बराबर होती है। घरों के आसपास पेड़ लगे हों तो वातानुकूलन की जरूरत 30 प्रतिशत घट जाती है। इससे 20 से 30 प्रतिशत तक बिजली की बचत होती है। एक एकड़ क्षेत्र में लगे वन छह टन कॉर्बन डाईऑक्साइड रखते हैं,इसके उलट चार टन ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं। जो 18 व्यक्तियों की वार्षिक जरूरत के बराबर होती है। हमारी ज्ञान परंपराओं में आज भी ज्ञान की यही महिमा अक्षुण्ण है,लेकिन यंत्रों के बढ़ते उपयोग से जुड़ जाने के कारण हम प्रकृति से निरंतर दूरी बनाते जा रहे हैं। तय है,वैश्विक रिपोर्ट में पेड़ों के नष्ट होते जाने की जो भयावहता सामने आई है,यदि वह जारी रहती है तो पेड़ तो नष्ट होंगे ही,मनुष्य भी नष्ट होने से नहीं बचेगा

 

प्रमोद भार्गव

लेखक/पत्रकार

शब्दार्थ 49,श्रीराम कॉलोनी

शिवपुरी म.प्र.

मो. 09425488224

फोन 07492 232007

लेखक वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार हैं।

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: संदर्भः- वैश्विक वृक्ष गणना - दुनिया में घट रहे हैं पेड़
संदर्भः- वैश्विक वृक्ष गणना - दुनिया में घट रहे हैं पेड़
http://lh3.googleusercontent.com/-qMjbOAhJfYs/VfpTmZEmmiI/AAAAAAAAm6I/sLfl-HY2O64/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
http://lh3.googleusercontent.com/-qMjbOAhJfYs/VfpTmZEmmiI/AAAAAAAAm6I/sLfl-HY2O64/s72-c/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/09/blog-post_91.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/09/blog-post_91.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content