जानवर /कहानी / सुशांत सुप्रिय

SHARE:

  उस पहाड़ी शहर की धर्मशाला में यह उसकी अंतिम रात थी । सर्दियों की उस बरसाती रात में जलते हुए हीटर के चारों ओर हम सब बैठे थे -- मैं , दिनेश...

 

उस पहाड़ी शहर की धर्मशाला में यह उसकी अंतिम रात थी । सर्दियों की उस बरसाती रात में जलते हुए हीटर के चारों ओर हम सब बैठे थे -- मैं , दिनेश ,

करतार , महेश , मैडम मैरी और इरफ़ान ।

" तो तुम्हें लगता है कि वहाँ कोई भयानक जानवर था ? " मैंने पूछा। " और उसी जानवर ने उस लड़की को मार डाला ? "

" हाँ , यह काम किसी जानवर का ही है । " उसने कहा ।

" महानगर में जानवर कहाँ से आएगा ? जानवर तो जंगल में होते

हैं । " करतार बोला ।

" कंक्रीट-जंगल में भी वहशी जानवर होते हैं । " उसने एक जलती हुई निगाह हम सब पर डालते हुए कहा ।

" अब तुम क्या करोगे, दिनेश ? पुलिस को तुम पर शक है । तुम आगे कहाँ जाओगे ? आगे तो जंगल है । वहाँ खूँखार जानवर रहते हैं । । " मैडम मैरी ने चिंता जताई ।

" वे उन वहशी जानवरों से ख़तरनाक नहीं होंगे जो कंक्रीट-जंगलों में रहते हैं । " उसने कहा ।

" कौन से कंक्रीट - जंगल ? " मैंने पूछा ।

" जिन में इंसान नाम के दरिंदे रहते हैं । " उसकी निगाहें हम सब को चीर रही थीं ।

" अगर तुमने कुछ नहीं किया है तो तुम भागे-भागे क्यों फिर रहे हो ,

दिनेश ? " इरफ़ान ने पूछा ।

" मैं दुनिया से नहीं , अपने वजूद के उस हिस्से से भाग रहा हूँ जिस में जानवर के अंश हैं । " उसने ऐसे कहा जैसे वह रोज़मर्रा की कोई सामान्य बात कह रहा हो ।

वह दिल्ली में एक पत्रकार था । मीडिया में सक्रिय था । फिर एक दिन अचानक उसके पड़ोस में रहने वाली उसकी एक महिला सहकर्मी की निर्मम हत्या हो गई थी । शक की सुई उस पर भी गई । लेकिन उसका कहना था कि वह बेक़सूर

था । उसे फँसाया जा रहा था ।

बाहर बारिश होने लगी थी । ठंड बढ़ गई थी । हमने अपने इर्द-गिर्द कम्बल को कस कर लपेट लिया ।

" ... हाँ , मैं कह रहा था कि मैं मुजरिम हूँ । लेकिन मैंने उस लड़की का क़त्ल नहीं किया । " वह उत्तेजित हो कर बोला ।

" क्या मतलब ? " करतार ने पूछा ।

" यारों , मैं उसी तरह मुजरिम हूँ जिस तरह तुम सब हो । हम सब दुनिया में होने वाले हर अपराध , हर गुनाह के लिए समान रूप से दोषी हैं, मुजरिम हैं , क्योंकि हम सब कुछ देखते हैं फिर भी ख़ामोश रह जाते हैं । हम सच्चाई के पक्ष में खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं । हम अन्याय का विरोध करने के लिए साहस नहीं बटोर पाते हैं । इस लिहाज़ से मैं भी तुम सब की तरह ही मुजरिम हूँ । "

" और वह क़त्ल ? "

" केवल वही क़त्ल क्यों ? ऐसे सैकड़ों क़त्ल हुए हैं , रोज़ हो रहे हैं । जब तक बात हम तक नहीं आती , हम इन्हें आँकड़े भर मान कर पहले जैसा जिए चले जाते हैं । जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो । यह अंधा स्वार्थ ही एक दिन इंसान को ले डूबेगा । " वह आवेश में आ कर बोला ।

तभी पूरे इलाक़े की बिजली चली गई । कमरे में कुछ देर हीटर के गरम रॉड की नारंगी रोशनी रही । फिर अँधेरा गाढ़ा हो कर सबके चेहरों पर चिपक गया ।

हम में से किसी ने टॉर्च जला कर उसकी रोशनी छत की ओर कर दी । लगा जैसे हम सब सदियों से यूँ ही एक साथ उस मद्धिम उजाले में बैठे हुए हैं -- उस सुबह की प्रतीक्षा में जो न जाने कब आएगी ।

" तो वह क़त्ल तुमने नहीं किया ? " मैंने पूछा ।

" मैंने क़त्ल किया है । हाँ मैंने क़त्ल किया है । लेकिन अपनी अंतरात्मा का । अपने विवेक का । अपने भीतर की आवाज़ का । कई बार मैंने ऐसे समझौते किए हैं जो मुझे नहीं करने चाहिए थे । लेकिन यारो , उस लड़की का क़त्ल मैंने नहीं किया है । " वह बोला ।

" तो पुलिस तुम्हें हत्यारा क्यों समझती है , दिनेश ? इस क़त्ल के लिए वह तुम पर शक क्यों कर रही है ? " करतार ने पूछा ।

" कितनी अजीब बात है , दिनेश ," अब वह खुद से मुख़ातिब

था , " कितनी अजीब बात है कि जो क़त्ल वाकई तुमने किए उनके लिए तुम्हें कभी किसी ने मुजरिम नहीं ठहराया । जब तुमने अपने ज़मीर का क़त्ल किया , तब सब चुप रहे । जब तुमने अपनी अंतरात्मा को मारा , तब भी तुम अपराधी नहीं ठहराए

गए । जब तुमने अपने विवेक की हत्या की , तब भी तुम गिरफ़्तार नहीं किए गए । कितनी अजीब बात है , दिनेश कि उन्होंने तुम पर उन क़त्लों के इल्ज़ाम लगाए जो तुमने कभी किए ही नहीं ... यारो , मैं मानता हूँ कि मैं क़ातिल हूँ । लेकिन उस तरह , जिस तरह तुम सब भी क़ातिल हो ... । " वह बोलता चला जा रहा था । हम सब ध्यान से उसकी बात सुन रहे थे ।

" ... मैं भी तुम सब की तरह आँखें बंद किए जिए जा रहा था । लेकिन एक रात अचानक मेरी लम्बी नींद खुल गई । मैंने अपने आस-पास देखा । पूरी इंसानियत के हाथ ख़ून से रंगे हुए थे । सब के चेहरों पर ख़ून के छींटे थे । सब के कपडे ख़ून से लाल हो गए थे । चारों ओर केवल लाल रंग नज़र आ रहा था । लहू का लाल रंग । बाक़ी सभी रंग न जाने कहाँ खो गए थे । मैंने अपने कपड़ों को छुआ । मेरे हाथों में ख़ून लगा हुआ था । बचपन से उस दिन तक मेरे भीतर के हैवान ने आगे बढ़ने के लिए , समझौते करने के लिए जिन-जिन सच्चाइयों को मारा , उन सब का चिपचिपा लहू मेरे हाथों में लगा हुआ था । मेरे चारो ओर बर्बर हैवान थे , जिनके मुँह पर ख़ून लगा हुआ था । उस रात के बाद से मैं लगातार भाग रहा हूँ । शायद अपने -आप से । लेकिन खुद से पीछा छुड़ाना बहुत मुश्किल है , यारो । "

उसकी आवाज़ बहुत दूर से आ रही थी । जैसे सैकड़ों-हज़ारों बरस की दूरी से । असंख्य पीढ़ियाँ लाँघकर । या जैसे वह आवाज़ ब्रह्मांड के अंतिम छोर पर स्थित किसी सुदूर ग्रह-नक्षत्र और आकाशगंगा से आता हुआ कोई विरल संकेत हो । हम सब अवाक् हो कर उसकी ओर देख रहे थे ।

" ... मेरा जिस्म वह क़ब्र है जिसमें मेरी सच्चाइयों की लाशें दफ़्न हैं । मेरी अंतरात्मा की लाश , मेरे ज़मीर की लाश और मेरे विवेक की लाश भी यहीं दफ़्न हैं । हाँ , मैं मानता हूँ कि मैं क़ातिल हूँ । लेकिन उस लड़की का क़त्ल मैंने नहीं किया है , यारों । " इतना कह कर वह चुप हो गया ।

उसकी बातें सुनते-सुनते हम सब थक गए थे । उसकी बातों का बोझ हमारे ज़हन पर था । नींद हम पर फिर से हावी होने लगी थी । बाहर बारिश शायद रुक गई थी । सन्नाटे में कभी-कभी कोई झींगुर बोलता और फिर चुप हो जाता ।

" अपने चारों ओर यह ख़ून-ख़राबा देख रहे हो ? अब जानवर जंगल में नहीं , कंक्रीट-जंगल में रहते हैं , यारों । अब जानवर बाहर नहीं , हमारे भीतर मौजूद हैं , यारों । अब हम आगे नहीं जा रहे , वापस पाषाण-युग में लौट रहे हैं , यारों ... ।"

वह धीमे स्वर में कह रहा था ।

फिर हम सो गए । जब अगली सुबह हम उठे तो वह वहाँ नहीं था । धूप दबे पाँव कमरे में घुस आई थी और सामने की दीवार को रोशन कर रही थी , जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में चौक से लिखा था :

" लाखों साल लग गए

हमें जानवर से इंसान बनने में ,

चंद सदियाँ ही लगीं हमें

इंसान से फिर जानवर बनने में ... । "

------------०------------

परिचय

 

-----------

नाम : सुशांत सुप्रिय

जन्म : 28 मार्च , 1968

शिक्षा : अमृतसर ( पंजाब ) , व दिल्ली में ।

प्रकाशित कृतियाँ :# हत्यारे , हे राम , दलदल ( तीन कथा - संग्रह ) ।

# अयोध्या से गुजरात तक , इस रूट की सभी लाइनें व्यस्त हैं

( दो काव्य-संग्रह ) ।

सम्मान : भाषा विभाग ( पंजाब ) तथा प्रकाशन विभाग ( भारत सरकार ) द्वारा रचनाएँ

पुरस्कृत । कमलेश्वर-कथाबिंब कहानी प्रतियोगिता ( मुंबई ) में लगातार दो

वर्ष प्रथम पुरस्कार ।

अन्य प्राप्तियाँ :# कई कहानियाँ व कविताएँ अंग्रेज़ी , उर्दू , पंजाबी, उड़िया, मराठी,

असमिया , कन्नड़ , तेलुगु व मलयालम आदि भाषाओं में अनूदित । व प्रकाशित । कहानियाँ कुछ राज्यों के कक्षा सात व नौ के हिंदी

पाठ्यक्रम में शामिल । कविताएँ पुणे वि. वि. के बी. ए.( द्वितीय

वर्ष ) के पाठ्य-क्रम में शामिल । कहानियों पर आगरा वि. वि. ,

कुरुक्षेत्र वि. वि. , व गुरु नानक देव वि. वि. , अमृतसर के हिंदी

विभागों में शोधार्थियों द्वारा शोध-कार्य ।

# अंग्रेज़ी व पंजाबी में भी लेखन व प्रकाशन । अंग्रेज़ी में काव्य-संग्रह

' इन गाँधीज़ कंट्री ' प्रकाशित । अंग्रेज़ी कथा-संग्रह ' द फ़िफ़्थ

डायरेक्शन ' और अनुवाद की पुस्तक 'विश्व की श्रेष्ठ कहानियाँ'

प्रकाशनाधीन ।

ई-मेल : sushant1968@gmail.com

मोबाइल : 8512070086

----------०----------

प्रेषकः सुशांत सुप्रिय

A-5001 ,

गौड़ ग्रीन सिटी ,

वैभव खंड ,

इंदिरापुरम ,

ग़ाज़ियाबाद -201014

( उ. प्र. )

मो: 8512070086

ई-मेल : sushant1968@gmail.com

------------0------------

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: जानवर /कहानी / सुशांत सुप्रिय
जानवर /कहानी / सुशांत सुप्रिय
https://lh3.googleusercontent.com/-4cxTQtiu7Dg/VvTeZItsDFI/AAAAAAAAslE/ShENO6okSAE/image_thumb%25255B3%25255D.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-4cxTQtiu7Dg/VvTeZItsDFI/AAAAAAAAslE/ShENO6okSAE/s72-c/image_thumb%25255B3%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/03/blog-post_955.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/03/blog-post_955.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content