लघुकथाएँ / डॉ. नन्दलाल भारती

SHARE:

पिता सुबह-सुबह हवाईयां ? कैसी हवाईयां भाई ? माथे की लकीर चुगली कर रही है। वाह यार तुम तो लकीरें भी पढ़ने लगे । बात क्या है? पिता के प्यार क...

image

पिता

सुबह-सुबह हवाईयां ?
कैसी हवाईयां भाई ?
माथे की लकीर चुगली कर रही है।
वाह यार तुम तो लकीरें भी पढ़ने लगे ।
बात क्या है?
पिता के प्यार के दीदार हो गये ।
कैसे भाई तुम्हारे पिता तो हजार कोस दूर बिस्तर पर पड़े हैं।
बाबू पिता तो पिता होते हैं।
मुद्दे की बात बताओ घुमाओ ना भाई हम तुम्हारे जैसे धूल में फूल नहीं ढूंढ सकते ना।
सुबह के छःबज रहे थे,घोर कुहरा और भयावह ठण्ड थी पुत्र काम पर जाने के लिये बाहरी गेट खोला ही था कि वयोबृद्ध पिता आ गये और लड़खड़ाती जुबान में बोले बेटा बबलू तू जा मैं गेट बन्द कर लूंगा।
बेटा बोला पापाजी आप घर में जाइये ठण्ड लग जायेगी।
पिता कांपती आवाज में बोले बेटे तू बाहर जा रहा है मुझे घर में ठण्ड कैसे लग जाएगी कहते हुए तथावस्तु की मुद्रा में हाथ उठा दिये थे।
हां यार पिता तो जमीन है आसमान है और पहाड़ भी औलाद के लिये।

चौकीदार


भिया मैं भी आ गया हूं, तुम्हारे शहर में देवदत ने दूरभाष पर रसूल को बताया।
रसूल कहां आ गये भिया ?
संयन्त्र प्रशासनिक कार्यालय में।
कैसे रसूल ने उत्सुकतापूर्वक पूछा ।
घबराओ नहीं, दण्डित होकर नहीं, मेरा स्थानान्तरण हुआ है।
ठीक है,घर पर आना या चौकीदार गेट पर रसूल बोला ।
देवदत्त बोला समय मिले तो आप भी मिल लेना।
समय कहां है,यहां आकर बहुत व्यस्त हो गया हूं,गाड़ी से चलता हूं,दस लोग सलाम ठोंकते हैं।
अरे वाह भिया तुम तो चपरासी से चौकीदार क्या हुए जैसे रक्षामन्त्री बन गये।


 

मेहनताना


मैं एकदम अकेली हो गयी हूं कुलभूषण के पापा।
मैं कहां दुकेला हूं भाग्यवान। कुलभूषण तुम्हारे पास है। कैसे अकेली हो ।
तुम्हारे बिना मैं भीड़ में भी अकेली हूं।
क्या बात हैं,बहुत परेशान हो। कुलभूषण कहां है?
थाने गया है।
थाने क्यों ?
पुलिस ने परदेशीपुरा में गाड़ी रोक रखी है।
क्यों निरंकुश पुलिस की मर्जी ।सुरक्षा के नाम पर लूट।
क्या ? कैसी सुरक्षा?
चेकिंग के नाम पर रोक था,सारे पेपर दिखा दिया,इसके बाद भी नहीं छोड़ रहे । बोल रहे है गाड़ी थाने से छूटेगी ।
लो कुलभूषण भी आ गया बात कर लो ।
हां बेटा क्या हुआ।
पापा दो थाने का चक्कर लगाने में रात हो गयी । गाड़ी छुड़ा लाया पर चेकिंग के नाम पर गाड़ी रोकने का मेहनताना रू 1500/- नहीं दिया कुलभूषण रोते हुए बोला ।
बाप रे कैसी आजादी बिना वजह जबरिया मेहनताना।

रिश्वत


बांस जरा देखिये ।
क्या दिखा रहे हो,मन लगा कर काम करो,अभी बहुत कुछ सीखना है,मेरे रिटायरमेण्ट से पहले मिस्टर ?
देख तो लीजिये ।
भुगतान के लिये प्रस्तुत बिल ।
कोई गलती है।
गलती तो है पर हम बराबर के भागीदार है।
क्या कह रहे बाबू ?
वे कर्मचारी जिसने चाय पिलाया था गलत बिल दे प्रस्तुत कर गया।
कैसे ?
अमान्य चिकित्सक के चिकित्सा बिल। नियमानुसार बिल का भुगतान तो नहीं हो सकता।
नहीं होगा बाबू क्यों फिक्र करते हो।
बांस एक बात खुलकर सामने आ गयी, चाय भी अब रिश्वत है।

सजा


अरे वो सुन की फुफकार सुनकर लोग भौंचक्के रह गये। जनाब को तनिक सब्र नहीं हुआ,वे चम्मचों से थाली बजाने लगे। होटल कर्मचारी आया और बोला जनाब मीठी दूं या तीखी दाल ।
साहब -मीठी और गरम दे।
होटल कर्मचारी साहब बहुत गरम है,निरापद दो बड़े चम्मच दाल प्लेट में डालते हुए बोला और दूं ।
साहब चम्मच से दाल मुंह में डालते हुए बोले ठण्डी और बकवास है सारा स्वाद खराब कर दिया।
तथाकथित साहब का निरापद कर्मचारी को खरीखोटी सुनाने से पेट नहीं भरा वे तुरन्त होटल मैनेजर को तलब कर लिये। निरापद की शिकायत करने से भी नहीं चुके जबकि उसकी कोई गलती नहीं थी,सचमुच दाल बहुत गरम थी, डाइनिंग हाल में मशीन से दाल गरम हो रही थी। लोग चटकारे लेकर लंच का लुत्फ उठा रहे थे। जनाब को ना जाने क्यों इतना गुस्सा आ रहा था कि थाली कुछ खाना छोड़कर नवागत साथी के साथ चले गये जबकि जनाब के साथी ने प्लेट चाटकर छोड़ा था।
निरापद उदास दुखी खड़ा था,उसके कंधे पर हाथ रखकर चिन्ता प्रसाद बोले थे बेटा तू अपना काम वफादारी से कर रहा है। तू दूसरे देश में होता तो तुझे इनाम और तथाकथित साहब को दण्ड मिलता थाली में खाना छोड़ने के अपराध में। वह चिन्ता प्रसाद की बात सुनकर खुश हुआ था पर उसकी खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी थी,दूसरे दिन वह निरापद नदारद था।

गार्ड


आप नये आये हैं साहब ?
जी यही मान लीजिये ।
नया नहीं हूं जनाब,विभाग की सेवा में रजत जयन्ती वर्ष पूरा कर चुका हूं। स्थानान्तरित होकर आया हूं आपकी सेवा में।
कहां से आये है साहब ?
विभाग के इंदौर क्षेत्रीय कार्यालय से ।
गुलफाम भी तो इंदौर से आया था। आप तो जानते होंगे।
जानता हूं पहचानता भी हूं पर वो नहीं ।
ऐसे कैसे गुलफाम की याददाश्त सरक गयी।
जनाब हाथ पसारने के दिन गुजर गये,स्वार्थी गुलफाम दौलतमंद अफसर हो गया है ।
मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने वाला गुलफाम प्यून से गार्ड हो गया है। ठीक किसी ने कहा है अधगगरी छलकत जाये,ऐसे ही है गुलफाम।

दायित्वबोध


धन्यवाद देवियों।
सुबह-सुबह,धन्यवाद क्यूं अकारण ?
कारण है देवियों ।
कौन सा कारण ?
गोपनीय को अगोपनीय बनाने का ।
सरप्राइज पार्टी का जिक्र कर रहे हैं ।
सिर्फ कमाल का आइडिया था सम्मान ज्ञापन का,सचमुच धन्यवाद की पात्र है आप दोनों देवियां।
दायित्व था। बरसों साथ काम किये। युवा आये थे बूढें हो गये। वरिष्ठ सहकर्मी के जन्मदिन के बहाने साहब लोगों को बुलाकर नाश्ता करवा दिया बस,धन्यवाद जैसा कुछ तो किया ही नहीं।
यही बस आखें खोलने के लिये काफी है।
क्या ?
जी देवियों काश आप दोनों जैसा दायित्वबोध सभी को होता तो रार,तकरार कोसों दूत होता,अपनी जहां और हसीन हो जाती ।
प्रयास अच्छा लगा धन्यवाद दोनों देवियां साथ बोल उठी ।
जी दोनों देवियों के प्रति आभार ।

इन्तजार


रंजू के पापा क्या हुआ ?
कुछ तो नहीं ।
तबियत तो ठीक है ना। चिन्तित और परेशान तो लग रहे हो क्या बात है?
बहुत कठिन है सड़क पर चलना। कितनी भी सावधानी से चलो खतरा मंडराता ही रहता है।
सुरक्षा ही बचाव है अपनी तरफ से पूरी सावधानी बरतना चाहिये ताकि न अपने को ना दूसरे को क्षति पहुंचे ।
बात तो सोलह आने सच है पर लोग इतनी जल्दी में रहते हैं कि मस्तिष्क काम नहीं करता बस जल्दी और जल्दी।
कोई दुर्घटना तो नहीं हुई ?
हुई तो नहीं हो सकती थी ।सावधानी से गाड़ी नहीं चला रहा होता तो आटोरिक्शा वाला टक्कर मार देता । सिगनल पर अचानक सामने आ गया,मेरे तो पांव फूल गये थे। आटो स्कूली बच्चों से खचाखच भरा हुआ था।
मुंआं आटो वाले ना जाने क्यों जहां जगह मिली वही घुसा देते हैं। किसी के जान की उन्हें जैसे परवाह नहीं रहती।
आटो ड्राइवर की गलती का दण्ड मुझ बेकसूर और बच्चों के मां-बाप को भुगतना पड़ता।
ना जाने क्यों लोग अंधगति से चलते हैं,जानलेवा ओवरटेक करते हैं जैसे कि वे जानते ही नहीं कि घर में नन्हे-मुन्ने,बूढे-मां-बाप,पत्नी और कुटुम्ब परिवार इंतजार कर रहा होता है।


 

गांव की चिन्ता


जनाब कहां से हैं?
जन्मभूमि आजमगढ का एकदम छोटा खांटी गांव और पच्चीस बरसों तक कर्मभूमि इंदौर रही। अब एक और नये शहर में ।
मैं बनारस से लगे हुए बिहार के एक सम्पन्न गांव से हूं। गांव में डेढ़ सौ परिवार है दो सौ इंजीनियर। गांव पच्चास साल से अधिक उम्र के भरोसे चल रहा है । लगता हैं आगामी पच्चीस बरसों में अपना गांव अस्तित्व खो देगा। पढ़े-लिखे ही नहीं अनपढ़ लोग भी अंधाधुंध शहर की ओर पलायन कर रहे है।
भारत गांवों में बसता है परन्तु जब गांव नही होंगे तो देश का क्या होगा?
चिन्ता की बात है जनाब। पलायन को रोजगार की कमी ओर जातिवाद बढावा दे रहे है।
भारतीय गांवों को राजनैतिक और धार्मिक सत्ताधीश बचा सकते हैं।
वो कैसे जनाब ?
गांवों में समुचित रोजगार के साधन उपलब्ध करवाकर और सामाजिक समानता स्थापित का ईमानदारी पूर्वक प्रयास करें,तभी भारत के गौरव गांवों को बचाया जा सकता है।
राजनैतिक और धार्मिक सत्ताधीशों को गांवों को बचाने के लिये इतना तो करना ही चाहिये।

 

औलाद बनाम बे-औलाद


दो साल का विदेशी दौरा से,मुबारक हो साहब दिवाकर बोले।
धन्यवाद प्रभाकर साहब कुटिल मुस्कान बिखेरते हुए बोले।
कैसे आना हुआ साहब,हमें बुला लिये होते ?
नो ड्यूज सर्टिफिकेट चाहिये।
सर्टिफिकेट  अभी बन जायेगा साहब ।
बना तो दोगे पर विभाग के आकाओं की दूरदृष्टि घास चरने गयी है। विभाग की सेवा में जीवन बिता जा रहा है। दस तरह के नो ड्यूज के लिये चक्कर लगाओ। क्या व्यवस्था है?
साहब आप भी आकाओं में से एक है,बदलाव करवा लीजिये मनमाफिक। कई बार विदेश जा चुके है,कोई दिक्कत हुई क्या ? विदेश के दो साल के प्रवास के दौरान पच्चास लाख की कमाई कम तो नही। यहां तो जिन्दगी भर में इतनी नहीं,आप तो नसीब वाले है।
वक्त नहीं हैं नो ड्यूज प्रमाण पत्र बना दो,हर विभाग से नो ड्यूज लेना है।
पांच मिनट की मोहल्लत प्लीज ।
ओके प्रभाकर साहब बोले ।
दिवाकर भाई नो ड्यूज सर्टिफिकेट थमाते हुए बोले साहब पैरेण्टस् के मेकिडकल इंश्योरेंस रिन्यूवल का चेक दे दिये?
पैरेण्टस्  का मेकिडकल  इंश्योरेंस रिन्यूवल नहीं करवाना है मुझे प्रभाकर साहब बेअदबी से बोले।
क्यों साहब ?
पच्चासी साल की मां नब्बे साल का बाप गोलियां खाते रहेगे क्या ?
जनरल मैनेजर प्रभाकर साहब का मां-बाप के प्रति दुराचार देखकर दिवाकरभाई सिर धुन लिये। इतने में गंगाभाई प्यून झट से बोला हे भगवान ऐसी औलाद से तो बे-औलाद बेहत्तर था। प्रभाकर साहब जल्दी से अगली केबिन में घुस गये ।


 

बे-अदब


बे-अदबी भरे अंदाज में मेरे मेडिकल बिलों का भुगतान कब होगा अफसर?
आप श्रीमान् ?
ओह अपना परिचय नहीं दिया.........मैं मेहतवाड़ा ।
कब का बिल है सम्बन्धित अफसर पूछा बैठा ।
नवम्बर महीने से पेण्डिग पड़ा है। तुम लोग क्या काम करते हो ?
देखिये जनाब आपके बिल में कोई खामी होगी,इतने दिनों तक बिल तो लम्बित नहीं रहता। मैं अभी जनवरी में ज्वाइन किया हूं, सीनियर अफसर से बात कर भुगतान करवाने की प्रयास करूंगा अफसर ने अनुरोध भरे अंदाज में कहा ।
तुम जनवरी से क्या किये हो ?
महोदय हमारे संज्ञान में ये मामला था ही नहीं।
ठीक है तुम्हारे संज्ञान में लाता हूं धमकी भरे अंदाज में मि. मेहतवाड़ा बोलते हुए चले गये।
अफसर ने जब वरिष्ठ अफसर बात किया तो ज्ञात हुआ कि बिल में खामियां ही खामियां है, वरिष्ठ अधिकारी रिटायर हो गये परन्तु बे-अदब मि. मेहतवाड़ा लम्बित भुगतान के बारे में कभी जिक्र ही नहीं किये।


 

मैत्रीभाव


सुबह के लगभग साढ़े सात बज रहे थे। टाउनशिप अभी अलसाई हुई थी। खग-विहग जश्न में डूबे हुए थे। मैं शहर में नया था, ऊपर से डयूटी सुबह साढे आठ से शाम साढे पांच बजे तक। उपर से  अहिन्दी भाषी क्षेत्र दूसरे मेल-मिलाप के लिये वक्त नदारद अर्थात सूर्योदय के साथ रवानगी सूर्यास्त के साथ वापसी। टाउनशि में साइकिल पर सब्जी सब्जी वाला भईया तनिक पहचान गया था। वह मैटाडोर से सब्जी उतारकर साफ-सफाई में मशगूल था। मार्निंगवाक् से मैं सीधे ठीहे पर पहुंच गया। बेगैर किसी भूमिका के पाव भर परवल, पाव भर कुंदरू, पाव भर भिण्डी और धनिया मिर्चा का आर्डर दे दिया। भइया मेरी तरफ मुड़ा और बोला बाबूजी आप।
जी भाईजान मैं।
बाबूजी चलो मैं आता हूं। आज तो आठ बजे जाना नहीं है। रविवार है, आज कैसी जल्दी सब्जीवाला भईया बोला।
भाईजान, रविवार तो है पर घर में काम अधिक है कहते हुए मैं र्क्वाटर की ओर चल पड़ा ।
पाव भर परवल,पाव भर कुंदरू, पाव भर भिण्डी, धनिया मिर्च के साथ फूलगोभी भी सब्जीवाला भईया ले आया।
इतनी सब्जी का क्या करूंगा भाईजान ।
बहनजी अभी तक नहीं आयी सब्जीवाला बोला।
नहीं ।
क्यों ?
क्योंकि वहां बेटा पढ़ रहा है।
कब तक और पढेगा ?
तीन साल और । मैं जा रहा हूं।
सब्जीवाला भईया उत्सुकता वश बोला बहनजी को लेने।
नहीं मैं पुनः बोला।
वह उदासी भरे स्वर में बोला बाबूजी आपको बहुत तकलीफ होती होगी ?
बेटे के भविष्य के लिये तकलीफ कैसी भईया ?
बहनजी को बोलना सब्जीवाला कहकर रास्ता नापने लगा।
मैं अवाक् था मैत्रीभाव के रिश्ते पर परदेस में।
--


डां नन्दलाल भारती MA(Socialogy) LLB(Hons) PG Diploma in HRD
विद्यासागर एवं वाचस्पति सम्मानोपाधि
    Address- Azad Deep- 15-M veena Nagar,Indore(MP)452010 http;//www.nandlalbharati.blog.co.in/ http://www. nandlalbharati.blogspot.com http:// www.hindisahityasarovar.blogspot.com/ <http://www.hindisahityasarovar.blogspot.com/>  httpp://www.nlbharatilaghukatha.blogspot.com
http//www.betiyaanvardan.blogpot.com
www.facebook.com/drnandlal.bharati
फ़ोन 09753081066,  9589611467, 9512213565
Email- nlbharatiauthor@gmail.com  

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: लघुकथाएँ / डॉ. नन्दलाल भारती
लघुकथाएँ / डॉ. नन्दलाल भारती
https://lh3.googleusercontent.com/-FJsdoyUZ0Ps/VwttRxyyzHI/AAAAAAAAs7E/OwZZZN5y9pc/image_thumb.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-FJsdoyUZ0Ps/VwttRxyyzHI/AAAAAAAAs7E/OwZZZN5y9pc/s72-c/image_thumb.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/04/blog-post_78.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/04/blog-post_78.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content