भूमंडलीकृत दुनिया में बच्चे / जावेद अनीस

SHARE:

यह वैश्वीकरण का दौर है जहाँ पूँजी को दुनिया भर में विचरण करने की छूट है लेकिन इससे बनायी गयी संपदा पर चुनिन्दा लोगों का ही कब्जा है जबकि इस...

यह वैश्वीकरण का दौर है जहाँ पूँजी को दुनिया भर में विचरण करने की छूट है लेकिन इससे बनायी गयी संपदा पर चुनिन्दा लोगों का ही कब्जा है जबकि इसकी कीमत राष्ट्रों की पूरी आबादी उठा रही है. वर्तमान में बड़ा अजीब सा त्रिकोण बना है एक तरफ पूँजी का भूमंडलीकरण हुआ है तो दूसरी तरफ तमाम मुमालिक अभी भी राष्ट्र-राज्यों में बंटे हुए हैं अब तो दुनिया भर में अंधराष्ट्रवाद की नयी बयार भी चली पड़ी है, इधर विभिन्न देशों के बीच और खुद उनके अंदर आर्थिक विषमता की खायी बढ़ती ही जा रही है. चर्चित फ्रांसीसी अर्थशास्त्री टॉमस पिकेट्टी अपनी किताब कैपिटल इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी में इसी बात को रेखांकित करते है कि कैसे 1970 के दशक के बाद से आर्थिक विषमता लगातार बढ़ती जा रही है.

पिछले साल ऑक्सफैम ने यह अनुमान लगाया था कि 2016 तक दुनिया की आधी सम्पत्ति पर एक प्रतिशत लोगों का कब्जा हो जाएगा. इस साल ऑक्सफैम के रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के 62 सबसे अमीर व्यक्तियों के पास इतनी दौलत है जितनी इस धरती पर मौजूद आबादी के आधे सबसे गरीब (तीन अरब लोगों ) लोगों के पास भी नहीं है. भारत में भी करीब एक प्रतिशत लोगों का मुल्क की आधी दौलत पर कब्ज़ा है. यकीनन असमानताएं बहुत तेजी से बढ़ रही है भारत जैसे देशों में जहाँ भुखमरी, बेरोजगारी, बेरोजगारी और कुपोषण की दर बहुत अधिक है इसको लेकर शर्मिन्दिगी होना चाहिए लेकिन इसके उलट खोखले विकास के कानफोडू नगमे बजाये जा रहे हैं जिसपर हमसे झूमने की उम्मीद भी की जाती है.

लेकिन बात सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है आज जब यूनिसेफ अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगता है कि साल 2030 तक दुनियाभर में पांच साल से कम उम्र के 16.7 करोड़ बच्चे गरीबी की चपेट में होंगे जिसमें 6.9 करोड़ बच्चे भूख और देखभाल की कमी से मौत का शिकार हो सकते हैं तो किसी को हैरानी नहीं होती. इस वैश्विक व्यवस्था को चलाने वाली ताकतों के कानों पर भी इस खबर से जूं तक रेंगते हुए दिखाई नहीं पड़ती है. ऐसा नहीं है कि यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में जिन वजहों से इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत होने की संभावना जताई है उन्हें रोका नहीं जा सकता है. लेकिन समस्या उस व्यवस्था के जड़ में है जिसके बने रहने का तर्क ही ऐसा होने नहीं देगा.

28 जून 2016 को यूनिसेफ द्वारा 195 देशों में जारी “स्टेट ऑफ द वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट 2016” का थीम है ‘सभी बच्चों के लिए समान अवसर’. रिपोर्ट में दुनिया भर में बच्चों की स्थिति ,असमानता के कारण उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों के विश्लेषण के साथ इस बात की भी वकालत की गयी है कि दुनिया को पिछले 25 वर्षों में हुई प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए सर्वाधिक गरीब बच्चों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. यह रिपोर्ट बताती है कि असमानताओं के कारण बच्चों का जीवन संकट में है, असमानता के केंद्र में अभाव और गरीबी है जो काफी हद तक वैश्विक हैं लेकिन इसके कई अन्य स्तर भी है जैसे देश, समुदाय लिंग आदि जिसके आधार पर तय होता है कि बच्चों को जिन्दा रहने, पढ़ने, सुरक्षित रहने, बीमारियों से बचाव और एक अच्छा जीवन जीने का अवसर मिलेगा या नहीं .

एक तरफ मानवता मंगल ग्रह पर बसने के इरादे पाल रही है तो दूसरी तरफ पूरी दुनिया में करीब 12.4 करोड़ बच्चे शिक्षा से वंचित है.1990 के मुकाबले मौजूदा दौर में पांच साल से कम उम्र के गरीब बच्चों की मौतों का आंकड़ा दोगुना हो गया है जिसकी मुख्य वजह कुपोषण है. इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी 14 सालों में 75 करोड़ लड़कियां कम उम्र में ब्याह दी जाएंगी. रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका के उप सहारा क्षेत्र तथा दक्षिण एशिया में रहने वाले बच्चों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. अगर सुधार की यही रफ्तार रही तो एसजीडी लक्ष्यों के तहत 2030 तक शिशु मृत्युदर को प्रति 1000 जीवित बच्चों पर 12 तक लाने का जो लक्ष्य रखा गया था उसे पूरा करने में दक्षिण एशियाई देश 2049 और सब-सहारा अफ्रीकी देश आधी सदी तक का वक्त लगा देंगें.

भारत के सन्दर्भ में बात करें तो इस रिपोर्ट में भारत में प्री-स्कूलिंग की समस्या पर ध्यान दिलाया गया है. अगर बच्चों को प्री-स्कूल की औपचारिक शिक्षा ना मिले तो स्कूल में उनके सीखने की क्षमता पर असर पड़ता है. लेकिन हमारे देश में तीन साल से छह साल की उम्र के कुल 7.4 करोड़ बच्चों में से करीब दो करोड़ बच्चे औपचारिक पढ़ाई शुरू करने से पहले प्री-स्कूल नहीं जा पाते इनमें से ज्यादातर बच्चे गरीब एवं समाज के कमजोर वर्गों के हैं. सबसे बड़ी संख्या मुस्लिम समुदाय की है जिसके 34 फीसदी बच्चों को प्री-स्कूल में दी जाने वाली शिक्षा नहीं मिल पाती है. जानकार बताते है कि हैं कि स्कूल शुरू होने से पहले की औपचारिक शिक्षा के बिना ही जो बच्चे प्राथमिक स्कूल में जाते हैं उनके बीच में ही पढ़ाई छोड़ने की आशंका अधिक होती है.

रिपोर्ट में भारत को चेताया गया है कि अगर सरकार बाल मृत्युदर के वर्तमान दर को कम करने में नाकाम रही तो 2030 तक भारत सवार्धिक बाल मृत्युदर वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल हो जाएगा और तब दुनिया भर में पांच साल तक के बच्चों की होने वाली कुल मौतों में 17 फीसदी बच्चे भारत के ही होंगें.

शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलती है. रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में स्कूलों में नामांकन दर तकरीबन सौ फीसदी तक पहुंच गया है जो कि एक बड़ी उपलब्धि है इसका श्रेय शिक्षा का अधिकार कानून को दिया जाना चाहिए. हालांकि देश के 61 लाख बच्चे अभी भी शि‍क्षा की पहुंच से दूर हैं जिसमें से 26 प्रतिशत यानी करीब 16 लाख बच्चें उत्तर प्रदेश के हैं. होना तो यह चाहिए था कि नामांकन का पहला चरण पूरा कर लेने के बाद इस बात पर जोर दिया जाता कि कैसे बच्चे को स्कूलों में टिकाकर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाई जाए इसके लिए सावर्जनिक शिक्षा में निवेश बढ़ाई जाती. लेकिन इसके बदले सावर्जनिक शिक्षा के क्षेत्र में बजट को लगातार घटाया जा रहा है और शिक्षा के निजीकरण के जबरदस्त पैरवी हो रही है.

बीते सालों में दुनिया ने प्रगति तो की है लेकिन यह न्याय संगत नहीं रही है, इसने असमानता के दायरे को बढ़ाते हुए इसे और जटिल बना दिया है. अपनी रिपोर्ट में यूनिसेफ ने दुनियाभर के देशों से बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की अपील करते हुए कहा है कि सरकारों को अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए अधिक अवसर प्रदान करने की जरूरत है. कारपोरेट सेक्‍टर व अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों से भी कहा गया है कि अगर सामाजिक क्षेत्र में निवेश करते हुए गरीब परि‍वारों की मदद नहीं की गयी तो आने वाले समय में तस्‍वीर बेहद भयानक हो सकती है. इस स्थिति से बचने के लिए बच्चों को गरीबी से निजात दिलाकर शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में प्रयास तेज करने की अपील की गई है.

असमानता बच्चों की अदृश्य कातिल है यह असमानता सरकारों की गलत नीतियों की वजह से नहीं है बल्कि इसकी जड़ें मौजूदा आर्थिक व्यवस्था में निहित हैं. समाजवादी खेमे के ढ़हने के बाद कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना धूमिल पड़ चुकी है और अब सब कुछ पूँजी बाजार के हवाले कर दिया गया है. भूमंडलीकरण के बाद उदारीकरण और निजीकरण की नीतियाँ को सभी मर्जों की एकमात्र इलाज के तौर पर पेश किया जा रहा है. लेकिन हर कीमत मुनाफे के तर्क पे टिकी यह व्यवस्था जनता के बड़े हिस्से को लगातार आर्थिक संसाधनों से वंचित करती जा रही है.

भारत जैसे देशों को यह समझना होगा कि विकास का मतलब केवल जीडीपी में उछाल नहीं है, असली और टिकाऊ विकास तब होगा जब समाज के सभी वर्गों के बच्चों का सामान विकास हो और उन्हें बराबर का अवसर मिले. या कम से कम हम एक ऐसा देश और समाज बन सकें जहाँ सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षित माहौल मुहय्या हो . “स्टेट ऑफ द वर्ल्ड चिल्ड्रेन” रिपोर्ट जारी होने के बाद युवा कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यू ने एक कार्टून बनाया था जिसमें चिथड़ों में लिपटे कमजोर बच्चे जिनकी हड्डियां बाहर झाँक रही है प्रधानमन्त्री मोदी से पूछ रहे हैं एनएसजी में शामिल होने के बारे में क्या खयाल है? न्यूट्रीशन सप्लायर्स ग्रुप? सुधार मुमकिन है अगर सरकारों की प्राथमिकता में बच्चों और वंचितों के सवाल भी शामिल हो जायें.

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: भूमंडलीकृत दुनिया में बच्चे / जावेद अनीस
भूमंडलीकृत दुनिया में बच्चे / जावेद अनीस
http://lh3.googleusercontent.com/-NMFGNxLH04c/VbIeBQat46I/AAAAAAAAlS8/K0a0bCKmCNE/image_thumb%25255B6%25255D.png?imgmax=200
http://lh3.googleusercontent.com/-NMFGNxLH04c/VbIeBQat46I/AAAAAAAAlS8/K0a0bCKmCNE/s72-c/image_thumb%25255B6%25255D.png?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/08/blog-post_69.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/08/blog-post_69.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content