‘ रावण-कुल के लोग ‘ [ लम्बी तेवरी , तेवर-शतक ] +रमेशराज

SHARE:

    ‘ रावण-कुल के लोग ‘ (लम्बी तेवरी-तेवर-शतक) +रमेशराज ............................................................. बिना पूँछ बिन सींग...

 

image

 


‘ रावण-कुल के लोग ‘
(लम्बी तेवरी-तेवर-शतक)
+रमेशराज
.............................................................
बिना पूँछ बिन सींग के पशु का अब सम्मान
मंच-मंच पर ब्रह्मराक्षस चहुँदिश छायें भइया रे! 1

तुलसिदास ऐसे प्रभुहिं कहा भजें भ्रम त्याग
अनाचार को देख न जो तलवार उठायें भइया रे! 2

अब असुरों का पार नहिं ऐसा है फैलाव
खल बल-दल के साथ यहाँ उत्पात मचायें भइया रे! 3

खल को कहते संत अब चैनल या अखबार
बुद्धिहीन हम लोग खलों को शीश नबायें भइया रे! 4

माया-मृग के जाल में उलझा दिया अवाम
पर्णकुटी पै खडे़ दसानन अब मुस्कायें भइया रे! 5

सभा-सभासद मौन सब दुष्ट लूटते लाज
कान्हा भी अब द्रौपदि को लखि तैश न खायें भइया रे!6

गौतम तिय की याद कर और समझि श्रीराम
भगवा वसनी के पग जोगिन छूती जायें भइया रे! 7

संत-अंक में सुख चहें ईश-अंक तजि नारि
नित छलिया कंठीधारी को नारि रिझायें भइया रे! 8

चोर शाह को अब पकड़ झट थाने लै जाय
थानेदार चोर के सँग में जाल बिछायें भइया रे! 9

चलइ जोंक जल वक्रगति जद्यपि सलितु समान
खल सज्जन सँग कुटिल चाल से बाज न आयें भइया रे! 10

अबला के रक्षार्थ जिन गीधराज-सी मौत
ऐसे बलिदानी ही जग में नाम कमायें भइया रे! 11

तुलसी निर्भय होत नर सत्ता-कुर्सी बैठि
जनता जिनको चुने आज वे ही गुर्रायें भइया रे! 12

ऐसे मानुष अधम-खल दिखते कलियुग बीच
एक देश को लूट दूसरा लूटन जायें भइया रे! 13

कामकला की पूर्ति-हित जड़हि करें चेतन्य
राम आज के संग अहल्या रास रचायें भइया रे! 14

काम केलि नित जो करें नगर-वधू के संग
ऐसे साधु अखण्ड ब्रह्मचारी आज कहायें भइया रे! 15

नाम ललित, लीला ललित, ललित संत के अंग
धर कान्हा का रूप गोपियाँ नित्य रिझायें भइया रे! 16

परमानंद कृपाय तन मन परिपूरन काम
यही सोच तस्कर नेता को मीत बनायें भइया रे! 17

अँगरेजी से मोह अति, गोरों से अनुराग
हिन्दी को अब हिन्दुस्तानी हीन बतायें भइया रे! 18

लरिकाई कौ पैरिबो तुलसी अब भी याद
आँख लड़ाते हुए वृद्धजन गंग नहायें भइया रे! 19

रावण-कुल के लोग हैं इनको बदी सुहाय
ये कपोत लखि तान गिलोलें मन हरषायें भइया रे! 20

सूधे मन सूधे वचन सूधी हर करतूत
कलियुग में ऐसे सब ज्ञानी मूढ़ कहायें भइया रे! 21

बन्धु बधूरत कह कियौ बचन निरुत्तर बालि
किन्तु यही सुग्रीव किया तो प्रभु मुस्कायें भइया रे! 22

काम-कला में लिप्त जो जिनके मन धन-लोभ
भगवा वसन पहन वैरागी जग भरमायें भइया रे! 23

जो नहिं देखा, नहिं सुना जो मन हू न समाय
ऐसे चमत्कार कर ढोंगी मौज उड़़ायें भइया रे! 24

अपनी पूजा देखकर मन हरषैं अति काग
स्वाभिमान के धनी हंस अब ठोकर खायें भइया रे! 25

भजन करें अब संत यौं-‘माया-पति भगवान’
हरषैं उनको देख दान जो लोग चढ़ायें भइया रे! 26

हर मुश्किल नर छूटता कर-कर मंत्री-जाप
सब चमचे अब मंत्री को भगवान बतायें भइया रे! 27

कल अनेक दुख पायँ नर, सिर धुनि-धुनि पछितायँ
अगर विदेशी व्यापारी को देश बुलायें भइया रे! 28

चढें अटारिन्ह देखहीं नगर-नारि नर-वृन्द
हाथ जोड़कर जब बस्ती में नेता आयें भइया रे! 29

परमानंद प्रसन्न मन क्यों हो पुलकित गात
जब पश्चिम की वायु विषैली चहुंदिश छायें भइया रे! 30

यह कलिकाल कुरंग तन चन्दन-लेप लगाय
असुर संत-से जग को मूरख विहँस बनायें भइया रे! 31

अभय किये सारे असुर कृपा-दृष्टि करि वृष्टि
अजब आज के राम जिन्हें अब खल ही भायें भइया रे! 32

काटे सिर भुज बार बहु मरत न भट लंकेश
इसकी नाभि बसा अमृत, नहिं वाण सुखायें भइया रे! 33

जनता का पी खून नित मसक उड़ैं आकाश
कछुआ-छाप अगरबत्ती अब काम न आयें भइया रे! 34

महा अजय संसार रिपु जीति सकै सो वीर
कर-कर युद्ध पछाड़ो इनको भाग न जायें भइया रे! 35

नश्वर रूपा जगत ये सब जानत यह बात
दीपक-दीपक रीझि पतंगे प्राण गँवायें भइया रे! 36

मैं देखूँ खल बल दलहिं इन पर करूँ प्रहार
इस साहस से भरी हुई आवाज न आयें भइया रे! 37

नेता माँगे कोटि घट मद अरु महिष अनेक
अजगर जैसे निशदिन अपने मुँह फैलायें भइया रे! 38

आज कौन-सी औषधी लाओगे हनुमान
सच के वाण लगा है छल का, सब घबरायें भइया रे! 39

रुधिर गाड़ भरि-भरि जमै ऊपर धूरि उड़ाय
हँसती बस्ती में जेहादी जब भी आयें भइया रे! 40

एक न एकहिं देखहीं जहँ-जहँ करत पुकार
बम की दहशत ऐसी फैली सब चिल्लायें भइया रे! 41

खाहिं निशाचर दिवस निशि जनता को रख गोद
इसे ‘सुराज’ आज मनमोहन विहँस बतायें भइया रे! 42

ते नर सूर कहावहीं अरे समझि मतिमंद
दीन और निर्बल का जो बल बन दिखलायें भइया रे! 43

जिनने जन-शोषण किया दिये चराचर झारि
वही विदेशी अब सबके मन बेहद भायें भइया रे! 44

ये जन पालईं तासुहित हम सब डालें वोट
लेकिन नेता बैठ सदन में जन को खायें भइया रे! 45

रावण-सभा सशंक सब देख महारस भंग
अखबारों में ऐसे सच पर नजर न आयें भइया रे! 46

आज पापियों के हृदय चिन्ता सोच न त्रास
ये जेहादी पल में जन के शीश उड़ायें भइया रे! 47

‘नारि पाइ घर जाइये समझो हुआ न ‘रेप’
थानेदार नारि-परिजन को अब समझायें भइया रे! 48

बांधें वननिधि नीरनीधि जलधि सिन्धु वारीश
नेता हमको विश्वबैंक का दास बनायें भइया रे! 49

खल छाती पर पैर रख चढ़ि-चढ़ि पारहिं जाहिं
‘पुल’ जैसे भावों को लेकर जब हम आयें भइया रे! 50

आज कहो नल-नील से रचें प्रेम का सेतु
सागर मद में चूर दूर तक फन फैलायें भइया रे! 51

सत्ता छोड़ो राम कहि अहित न करौ हमार
जन-जन उनको गद्दी देकर अब चिल्लायें भइया रे! 52

कलि-मल ग्रासे धर्म सब लुप्त भये सदग्रन्थ
पापीजन आतंकवाद को धर्म बतायें भइया रे! 53

भये लोग सब मोह-वश लोभ ग्रसे शुभ पन्थ
जो वर्जित हैं काम वही अब पूजे जायें भइया रे! 54

अशुभ वेश, भूषण धरें मछामच्छ जे खांहिं
अपने को वे संत, अहिंसक आज बतायें भइया रे! 55

मान मोह मारादि मद व्यापि रहे ब्रह्माण्ड
साधु-संत भी गनरों के सँग करें सभायें भइया रे! 56

बारि मथे घृत होत बरु, सिकता ते बरु तेल
ऐसे चमत्कार कर ढोंगी ठगी बढ़ायें भइया रे! 57

श्री-मद वक्र न कीन्ह केहि प्रभुता बधिर न काहि
नेता जितने भी चुन-चुन कर संसद जायें भइया रे! 58

व्यापि रहे ब्रह्मांड में माया के विद्रूप
दम्भ-कपट-पाखण्ड सभी के मन मुस्कायें भइया रे! 59

सोइ-सोइ भाव दिखाबईं आपुन होय न जोइ
नेता मगरमच्छ सम आँसू आज बहायें भइया रे! 60

काम-क्रोध-मद-लोभ रत, नारी पर आसक्त
सन्यासी ऐसे ही जग में आज कहायें भइया रे! 61

फल की खातिर पेड़ को काटि करें अपराध
अपने इस कुकर्म पर नेता कब शरमायें भइया रे! 62

सूधे-टेडे़ सम-विषम सब हों बारहबाट
अमरीका सँग झूम-झूम जो मौज उड़ायें भइया रे! 63

मिली आँख कब आँधरे, बाँझ पूत कब पाय
मंदिर-मस्जिद चाहे जितना शीश नवायें भइया रे! 64

मांगि मधुकरी खात सब, सोवत गोड़ पसार
लोग आज परजीवीपन को श्रेष्ठ बतायें भइया रे! 65

बेंत फूल नहिं देत है सींचो बारम्बार
दुष्ट लोग करुणामय होकर कब नरमायें भइया रे! 66

समरथ पापी बैर कर मत ले आफत मोल
हर पापी को थाने वाले संग बिठायें भइया रे! 67

नगर, नारि, भोजन, सचिव, सेवक, सखा, अगार
बिन दौलत अब नम्र रूप ये कब दिखलायें भइया रे! 68

तुलसी पहने जो वसन उन्हें उतारै नारि
फैशन-शो में देख नर्तकी सब ललचायें भइया रे! 69

सुधा साधु सुरतरु सुमन सुफल सुहावनि बात
सच्चे ईश्वर-भक्त आजकल नज़र न आयें भइया रे! 70

हरौ धरौ धन या गड़ौ लौटि न आबै हाथ
धन के लोभी और लालची दुःख ही पायें भइया रे! 71

तुलसी चाहत साधु बनि अभिनंदन सम्मान
इसीलिए कलियुग में सब ठग जटा रखायें भइया रे! 72

तुलसी ‘होरी’ खेत में गाड़े बढ़ौ अनाज
फसल पकी तो सूदखोर सब लूटन आयें भइया रे! 73

तुलसी असमय के सखा धीरज-धर्म-विवेक
पर कलियुग में लोगों को ये बात न भायें भइया रे! 74

लाभ समय को पालिबौ, हानि समय की चूक
यही सोच पश्चिम के गीदड़ दौड़ लगायें भइया रे! 75

अंक गये कछु हाथ नहिं, अंक रहे दस दून
पापी अबला नारी को पल-पल समझायें भइया रे! 76

तुलसी अलखहि का लखें, कहा सगुन सों सिद्ध
जप-तप-दर्शन बुरे समय में काम न आयें भइया रे! 77

केवल कुर्सी-सिद्धि को रामभक्त का वेश
अब बगुले नेता बन जायें, गद्दी पायें भइया रे! 78

तुलसी अपने देश में जन-रोटी पर चोट
अफसर, नेता या पूंजीपाति माल उड़ायें भइया रे! 79

द्वार दूसरे दीन बनि और पसारे हाथ
विश्वबैंक से लेन उधारी नेता जायें भइया रे! 80

जल भी बैरी मीन का घातक इसका संग
यही सोचकर आज मछलियाँ मन अँकुलायें भइया रे! 81

नेता रूखे निबल-रस, चिकने सबल सनेह
इनकी खातिर गढ़नी होंगी अग्नि-ऋचाएं भइया रे! 82

मूँड़ मुड़ाकर-भाँड़ बन, वे दें अब घर त्याग
जिन्हें बिना श्रम रोट भीख के आज सुहायें भइया रे! 83

अन्त फजीहत होय अति, हो गणिका आसक्त
नगरवधू पर घर-धन-दौलत लोग लुटायें भइया रे! 84

स्वार्थपूर्ति के हेतु ही रीझें और रिझाइँ
लोग आजकल मतलब से सम्बन्ध बनायें भइया रे! 85

खर-दूषन-मारीच-से खल दल-बल के साथ
सज्जन को लखि करें ठिठोली, शोर मचायें भइया रे! 86

तुलसी बस हर पल लगै भली चोर को रात
अंधियारे के बीच निशाचर सैंध लगायें भइया रे! 87

कलियुग में जल-अन्न भी महँगाई के संग
इनका कर व्यापार लोग अब दाम बढ़ायें भइया रे! 88

ज्यों गोबर बरसात के ऐसे मन से लोग
पर अपने को कह ‘महान’ हुलसें-इतरायें भइया रे! 89

उदासीन सबसों सरल तुलसी सहज सुभाउ
यही सोच खल से टकराने सब घबरायें भइया रे! 90

गल कठमाला डालकर, पहन गेरुआ वस्त्र
रस-रागी, नारी-तन-भोगी योग सिखायें भइया रे! 91

बाधक सबसे सब भये साधक दिखे न कोय
नाटक कोरी हमदर्दी का लोग दिखायें भइया रे! 92

जीवन में संघर्ष जब, हर कोई बेचैन
काम न आयें कामकलाएँ, प्रेम-कथायें भइया रे! 93

लुप्त हुई करुणा-दया केवल दण्ड-विधान
नौकरशाह आज जनता को मारें-खायें भइया रे! 94

चोर चतुर बटमार नट प्रभु-प्रिय भँडुआ भंड
पुरस्कार की लिस्ट बने तो ये ही छायें भइया रे! 95

वक-भक्षण मोती रखें अब सब हंस बिडारि
कबूतरों को छोड़ बाज को लोग चुगायें भइया रे! 96

रति खतरे में जब पड़ी घायल हर शृंगार
ऐसे में हम लिखें तेवरी, ग़ज़ल न भायें भइया रे! 97

कोटि भाव समझावऊ मन न लेइ विश्राम
है शोषण का ताप हृदय में चैन न पायें भइया रे! 98

तुलसी कैसा दौर ये, कैसा जग का मान
हंस नहीं अब बगुले कलियुग विद्व कहायें भइया रे! 99

तुलसी पावस के समय धारि कोकिला मौन   
राजनीति के सारे दादुर अब टर्रायें भइया रे! 100

कायर कूर कपूत कलि घर-घर इनकी बाढ़
मात-पिता बहिना-भाई पर ये गुर्रायें भइया रे! 101

प्रीति प्रतीति सुरीति सों राम-राम जपि राम
राजनीति की अब दुकानें लोग चलायें भइया रे! 102

ऐसी अपनी तेवरी हर तेवर दो छंद
जिनमें तुलसी की दोहावलि की छवि पायें भइया रे! 103

खल उपकार विकार फल तुलसी जान जहान
तेवरियां लिख हम जनता को अब समझायें भइया रे! 104
----------------------------------------------------
+रमेशराज, 15/109, ईसानगर, अलीगढ़-202001
Mo.-9634551630

 


........................................................

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: ‘ रावण-कुल के लोग ‘ [ लम्बी तेवरी , तेवर-शतक ] +रमेशराज
‘ रावण-कुल के लोग ‘ [ लम्बी तेवरी , तेवर-शतक ] +रमेशराज
https://lh3.googleusercontent.com/-1ciY00Jzlo0/V-U2EXIJmZI/AAAAAAAAwMc/Ipo0ObzxTnE/image_thumb%25255B1%25255D.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-1ciY00Jzlo0/V-U2EXIJmZI/AAAAAAAAwMc/Ipo0ObzxTnE/s72-c/image_thumb%25255B1%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/09/blog-post_57.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/09/blog-post_57.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content