विलक्षण व्यक्तित्व 'स्टीव्ह जॉब्स' / डॉ. अनंत वडघणे

SHARE:

विलक्षण व्यक्तित्व 'स्टीव्ह जॉब्स' ( जीवनी साहित्य के विशेष संदर्भ में) डॉ. अनंत वडघणे आसमान के नक्षत्र एवं तारे यह, अगर मेरा ...

image

विलक्षण व्यक्तित्व 'स्टीव्ह जॉब्स'

( जीवनी साहित्य के विशेष संदर्भ में)

डॉ. अनंत वडघणे

आसमान के नक्षत्र एवं तारे यह,

अगर मेरा भविष्य तय करते हो,

तो मेरे बाहु एवं दिमाग का क्या उपयोग।

स्वामी विवेकानंद के इस वाक्य में मनुष्य को बदलने में भविष्य या हस्तरेखा कि नहीं बल्कि अपने कार्यकुशल बुद्धि एवं मेहनत की आवश्यकता है। इस बात को जिसने अपने जीवन में उतारा वह व्यक्ति कामयाबी के उच्च शिखर पर पहुँचा है। जिनमें हम कुछ लोग देखते हैं जिन्होंने साहित्य, कला, विज्ञान, राजनीति, उद्योग आदि विभिन्न क्षेत्रों में अपने कामयाबी की मिसाल खड़ी की है। अपने आचाट मेहनत के बल पर सफलता की दिशा में मार्गक्रम किया है। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का एक सुवासित है कि, 'जो निंद में देखे जाते हैं वे सपने पूरे नहीं होते बल्कि जो हमारी निंद हराम करते हैं, वही सपने साकार होते हैं।' ऐसे ही अपने सपनों का साकार रुप देने के लिए निंद हराम करनेवाले कर्म पुरुष है- स्टीव्ह जॉब्स। जिन्होंने शून्य से शुरुआत कर दुनिया की नामांकित एप्पल, नेक्स्ट जैसे कम्पनियों की स्थापना की और कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाईल क्षेत्र में क्रांति लाई। जो आज दुनिया के प्रसिध्द कम्पनियों में अपना अलग स्थान रखती है। ऐसे कर्मयोगी युगपुरुष का जीवन भी अनेक पड़ावों की उपज है। जो केवल हमें आदर्श ही नहीं बल्कि जीवन जीने की उर्जा प्रदान करता है। कर्मयोग का पाठ पढ़ाता है। बाजारीकरण के समय में नैराश्य से ऊपर उठकर व्यक्तित्व की पहचान कराता है। ऐसे व्यक्तित्व के जीवन को हमारे सामने प्रभाविता से लाने का कार्य जीवनी साहित्य करता है। इस जीवनी में स्टीव्ह जॉब्स के जीवन को बडे बारीकी से उभारा है।

स्टीव्ह जॉब्स का जन्म २४ फरवरी, १९५५ में हुआ। जो बिन ब्याही माता-पिता की संतान है। इस कारण कुछ ही दिनों बाद ही उन्होंने अपने बेटे का क्लारा और पॉल इस दाम्पत्य को गोद दिया। इस कारण स्टीव्ह जॉब्स का लालन-पालन इन्होंने ही किया। पॉल पुरानी गाड़ियां खरीद कर उसे ठीक-ठाक बनाकर बाजार में बेचते थे। इसी कार्य में उन्हें पुराने गाड़ियों के गोदामों में जाकर सामान इकट्ठा करना पड़ता था। इसलिए वस्तु को एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य उन्हें वही से सीखने को मिला। गाडियों से जुड़ी कुछ इलेक्टॉनिक्स वस्तुओं की जानकारी पिता पॉल को थी। स्टीव्ह जॉब्स कहता है कि-"उन्हें इलेक्टॉनिक्स संदर्भ में पूर्ण ज्ञान न होने पर भी स्वयंचलित गाडियों की दुरुस्ती में लगनेवाले अन्य इलेक्टॉनिक्स का ज्ञान उन्हें था। उसका प्राथमिक ज्ञान मुझे उन्होंने ही दिया।"१ स्टीव्ह जॉब्स बचपन में बहुत उदंड स्वभाव का था। इस कारण स्कूल में भी अलग-अलग शरारते नित करता। जिसके कारण उसके गुरु भी उससे तंग आ गये थे। जैसे-"इस समय मैं और रिक फॅरेनटिनो नाम का खास मेरा दोस्त, हम मिलकर अलग-अलग तरह की शरारतें कर उलझन में फंसते थे। कभी-कभी हम 'आपके घर के पशुओं-पक्षियों को स्कूल में लाने का दिन' इस तरह की सूचना सूचनाफलक पर लगा देते थे। जिसके कारण बच्चे अपने घर के सभी पशुओं को स्कूल में लाते।"२ इस तरह स्कूल में कोई ना कोई कार्य करते जिससे स्कूल के अध्यापक भी परेशान होते थे। किन्तु एक अध्यापिका उसके इस उदंडता को अध्ययन में बदलने में सफल हो गई। यथा-"एक दिन उन्होंने मुझे स्कूल छूटने के उपरान्त गणित का वर्कबुक दिया और वह घर ले जाकर उसमें के गणित हल करने को कहा। मैं पूरी तरह परेशान हुआ तब उसने बहुत बड़ा लॉलीपॉल और पाच डॉलर्स ऐसा इनाम तुझे दूंगी। तब दो दिनों में वह गणित मैंने हल किये। कुछ महीने ऐसे ही चलता रहा, उसके बाद मुझे किसी प्रलोभन की आवश्यकता नहीं रही। वह कहता है कि, मुझे ओर सीखना था और मेरे अध्यापिका को खुश करना था।"३ इस तरह एक प्रभावी गुरु के कारण स्टीव्ह जॉब्स को सही रास्ता मिल गया और गणित के प्रति रुचि बढ़ती गई। आगे स्नातक में प्रवेश लिया किन्तु माता-पिता के समस्त जीवन में इकट्ठा की पूँजी का अपव्य और शिक्षा के बाद निश्चित ध्येयपूर्ति की संभावना न देखकर शिक्षा को वही पर छोड दिया। जैसे- "मेरे रात-दिन मेहनत करनेवाले माता-पिता की पूरे आयु की जमा पूँजी मेरे शिक्षा पर खर्च हो रही थी। मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है इसकी मुझे कल्पना नहीं थी और कॉलेज की शिक्षा मुझे मंजिल प्राप्त करके देगी इसकी कोई गुंजाईश नहीं थी। पूरे जीवभर इकट्ठा किया धन को मैं खर्च कर रहा था इसलिए मैंने शिक्षा को अलविदा कहा।"४ उसके पश्चात स्टीव्ह जॉब्स 'अतारी' इस व्हिडिओ गेम्स बनानेवाली कम्पनी में नौकरी करने लगे किन्तु स्टीव्ह जॉब्स का व्यक्तित्व एक जगह स्थिर रहनेवाले व्यक्तियों में नहीं था। वहां पर वे अध्यात्मिकता की ओर आकर्षित हुए और भारत में अपने गुरु 'कारोली बाबा' के खोज में निकल पड़े किन्तु वह आने के पूर्व ही वे गुजर चुके थे। अतः दिल्ली, हरिद्वार जैसे स्थलों पर घूमते रहे हैं। जहाँ उन्होंने यहां के संस्कृति का गहराई से अध्ययन किया। वे भारत के संदर्भ में कहते हैं कि-"मैं जब भारत गया तब जो सांस्कृतिक झटका लगा उससे बड़ा झटका फिर से अमरिका जाने के बाद लगा। भारतीय गांवों के लोग अपने जैसे बुद्धि का उपयोग नहीं करते उनका लगाव अन्तरज्ञान की ओर अधिक होता है और उनकी क्षमता दुनिया के अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक विकसित होती है। मेरे मतानुसार अंतः प्रेरणा यह शक्तिशाली बाते हैं। बुद्धि से बलशाली! इसका मेरे कार्य पर बहुत परिणाम हुआ।"५ इस तरह भारत एवं यहा की आधात्मिकता ने उन्हें गहरे रुप में प्रभावित किया।

स्टीव्ह जॉब्स ने अपने मित्र वॉझनियॅक को साथ लेकर 'एप्पल' कम्पनी की स्थापना की जो आज कम्प्यूटर, लैपटौप, मोबाइल जैसे क्षेत्रों में विश्वविख्यात है। ऐसे स्टीव्ह जॉब्स का जीवन भी अत्यंत साधारण किन्तु संघर्ष एवं दुनिया में कुछ नया करने की चेतना से भरा हुआ है। अपने अचाट ईच्छाशक्ति और उसके प्रति लगन की दास्तान का सच्चा रुप इस जीवनी में हमें दिखाई देता है। एप्पल इस इलेक्टॉनिक्स कम्पनी के 'एप्पल' नामकरण के संदर्भ में लिखा है कि- "अब खुद का उद्योग शुरु करना हो तो कम्पनी के लिए नाम जरुरी होता है उस समय जॉब्स 'ऑल वन फर्म' को देखने गया था। जहां वह 'शेप' के पेड की कटाई का कार्य करता था।...'मॅट्रिक' जैसा तकनीकी नाम या 'एक्-ोक्यूटेक' जैसा नाम या साधारण 'पर्सनल कम्प्यूटर्स' इस तरह के नाम उनके सामने आये। दो दिन में नाम रखना था और कागजात बनवाने थे। अन्त में जॉब्स ने नाम तय किया 'एप्पल कम्प्यूटर'।"६ इस तरह कम्पनी को 'एप्पल' नाम दिया गया। यह कम्पनी शुरुआती दौर में 'लॉस अल्टॉ' के अपने घर में शुरु की थी। उस कम्पनी को जब पहला ऑर्डर मिला था। उसके संदर्भ में लिखा है कि-"अॅपल-१ के ५० बोर्ड्स ३० दिन में बनवाकर दिये तो ही नगद रकम मिलनेवाली थी। जितने लोग मिले उन सभी को काम को लगाया गया। जॉब्स, वॉझ के साथ-साथ डॅनियल कोटके, आश्रम छोड़कर आयी उसकी प्रेमिका एलिझाबेथ होम्स और जॉब्स की गर्भवास्था की बहन पॅटी। पॅटी के विश्राम का कमरा, खाने का टेबल एवं गैरेज इन सब का रुपान्तर कार्यशाला में हुआ।"७ इस तरह स्टीव्ह जॉब्स ने अपने घर से कम्पनी की शुरुआत की। जिसने १९७७ में आते-आते २५०० कम्प्यूटर का विक्रय और १९८१ में २१०,००० तक विस्मयकारी आंकड़ा पार किया। इस तरह छोटी-सी कम्पनी दुनिया के मशहूर कम्पनी में एक बन गई।

स्टीव्ह जाब्स काम के प्रति सजक थे। हर कार्य में समर्पण होना चाहिए यह सदैव प्रयत्न उनका रहता था। उनके स्वभाव को लेकर उनके साथ कार्य करनेवाले अॅटकिन्सन कहते हैं कि, "सही रुप में देखे तो उसे तालमेल की बात जँचती नहीं थी। सबने जी जान से काम करना चाहिए इस बात का वह सदा आग्रही था। जब कोई अपने तरफ सौंपा हुआ कार्य ठीक ढंग से नहीं करता तो वह व्यक्ति उसे बेमतलबी लगता था।"८ उनके पास व्यक्ति को पहचानने की कला अद्भुत थी। कार्यकुशल व्यक्ति को पहचान कर उसके प्रतिभा को कार्य में उतारने में वह सिध्दहस्त थे। साथ ही कोई व्यक्ति दिखावटी हो तो भी उसे सहजता से पहचानते थे। जैसे-"लोगों के मन की बात जानने की, उसकी मानसिक बलस्थान और कमजोरी पहचानने की गूढ़ क्षमता उसमें थी। किसके पास सचमुच ज्ञान है और कौन केवल दिखावटी है यह उसे सहज रुप में समझ आता था।"९ इसी के साथ समय को वे बहुत महत्त्व देते थे। इसलिए कम्प्यूटर में भी उपभोक्ता को अधिक से अधिक सुविधा मिले और उस कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली भी तेज हो यह आकांक्षा उसकी रहती थी। यथा-"मॅकइनटॉश ऑपरेटिंग सिस्टिम' का काम करनेवाला 'लेरी केन्यन' इंजिनियर के काम के संदर्भ में कहा की आपने जो कम्प्यूटर बनाया है वह शुरु होने में अधिक समय लेता है। जॉब्स फलक के पास गया और एक गणित लिखाकर बताया की अगर ५० लाख लोग 'मॅकइनटॉश' का उपयोग करते हो और हर दिन हरएक को शुरु करने हेतु दस सेकंद अधिक लगते हो, तो उसके कुल घण्टे वर्ष को ३०० दशलक्ष। इसका अर्थ इस कम्प्यूटर का उपयोग करनेवाले व्यक्ति इतना समय बचा सकते हैं। मतलब वे साल में कम-से-कम सौ लोगों की जिन्दगी बचाने जैसा है।"१० इसके अलावा उसने वस्तु निर्मिती में सरलता, सहजता, नवीनता, समाज उपयोगिता जैसे बातों पर भी काफी ध्यान दिया। वे अपने कम्पनी में कार्य करनेवाले हर व्यक्ति को भी इन तत्त्वों को आत्मसात करने का आग्रह रखता था। वह कोई भी वस्तु बनाने के पूर्व उस वस्तु के बारे में विभिन्न अंगों से विचार करते, उसका बहारी बुनावट से लेकर अन्दरी कार्यप्रणाली तक सभी बातों का ध्यान रखते थे। उनके इसी आग्रह के कारण कई बार कम्पनी के अन्य सदस्यों के नाराजी का भी कारण उसे बनना पड़ा और एप्पल से भी उसे निष्कासित किया गया। पर उन्होंने अपने कार्य को मनचाहा रुप देने हेतु 'नेस्ट' जैसी नई कम्पनी शुरु की और कार्यशक्ति को मृत रुप दिया।

उन्होंने जीवन भर दुनिया को कुछ अलग देने का प्रयास किया। लेखक वाल्टर आईसेक्सन ने कहा है कि-"एक ऐसे क्रियटिव व्यवसायी थे, जिनके परफेक्शन के लिए जुनून ने इन छह उद्योगों में क्रांति ला दी : पर्सनल कम्प्यूटर, कार्टून फिल्म, संगीत, टैबलेट और डिजिटल पब्लिशिंग।"११ उनके इसी कार्यकुशल व्यक्तित्व को लेकर 'माइक्रॉसॉफ्ट' कंपनी के अध्यक्ष बिल गेट्स कहते हैं कि-"दुनिया में किसी एक व्यक्ति द्वारा इतना जबरदस्त प्रभाव डाले जाने की मिसालें दुर्लभ ही होती हैं, जैसा कि स्टीव जॉब्स ने डाला। उनके योगदान का प्रभाव आने वाली कई पीढ़ियां भी महसूस करेंगी। विलक्षण थे स्टीव जॉब्स। वे सामान्य वैज्ञानिकों, तकनीक विशषज्ञों, शोधकर्ताओं, विद्वानों, अन्वेषकों, आविष्कारकों, उद्यमियों में नहीं गिने जा सकते। वे तो यह सब कुछ थे, बल्कि उससे भी कहीं अधिक एक भविष्यदृष्टा। हर कोई उनके जीवन से कितना कुछ सीख सकता है। तकनीक में वे शीर्ष पर पहुंचे, डिजाइन में उनका कोई सानी नहीं था।"१२ ऐसे ज्ञान सम्पन्न व्यक्ति को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। जिनमें १९८२ में टाइम मैगजीन ने उनके द्वारा बनाये गये एप्पल कम्प्यूटर को 'मशीन आफ दि इयर' का खिताब दिया। सन् १९८५ में उन्हें अमरीकी राष्ट्रपति द्वारा 'नेशनल मेडल आफ टेक्नलोजी', २००७ में फार्चून मैगजीन ने उन्हें उद्योग में सबसे 'शक्तिशाली पुरुष' का खिताब दिया। २०१० में जाब्स् फोरब्स पत्रिका ने उन्हें अपना 'पर्सन आफ दि इयर' चुना। और मार्च २०१२ में, वैश्विक व्यापर पत्रिका फॉर्चून ने उन्हें शानदार दूरदर्शी, प्रेरक बुलाते हुए हमारी पीढ़ी का सर्वोत्कृष्ट उद्यमी का नाम दिया। जॉन कार्टर और ब्रेव नामक दो फिल्मे जाब्स को समर्पित की गयी है।

इस तरह ज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लानेवाले युगपुरुष का ०५ अक्तूबर, २०११ को देहावसान हुआ किन्तु आनेवाले कई पीढ़ियों को अपने कार्य के द्वारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। उनका जीवन संघर्ष का पाठ है, जो वर्तमान और भविष्य की कई पीढ़ियों को वे पथदर्शक बन सकता है। वर्तमान बाजारीकरण के युग में एक ओर युवक अपने आपको असहाय समझ रहा है किन्तु वह अगर स्टीव जॉब्स के जीवन को पढ़े तो जीवन में कुछ कर दिखाने प्रेरणा पा सकता है।

संदर्भ :

१. स्टीव्ह जॉब्स - अनु. विलास साळुंके पृ. १५

२. वही - पृ. २१

३. वही - पृ. २२

४. वही - पृ. ४९

५. वही - पृ. ५७

६. वही - पृ. ७०-७१

७. वही - पृ. ७५

८. वही - पृ. १३२

९. वही - पृ. १३१

१०. वही - पृ. १३३

११. http://www.khabarindiatv.com

१२. http://www.wekadtimes.com/archives/३५९२

सम्पति

हिंदी विभाग,

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा

विश्वविद्यालय, औरंगाबाद-४३१००४

dr.anantwadghane@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: विलक्षण व्यक्तित्व 'स्टीव्ह जॉब्स' / डॉ. अनंत वडघणे
विलक्षण व्यक्तित्व 'स्टीव्ह जॉब्स' / डॉ. अनंत वडघणे
https://lh3.googleusercontent.com/-CNnfie6cGBg/V81UDqOE0sI/AAAAAAAAv58/sHn0cY8JGkY/image_thumb%25255B3%25255D.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-CNnfie6cGBg/V81UDqOE0sI/AAAAAAAAv58/sHn0cY8JGkY/s72-c/image_thumb%25255B3%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/09/blog-post_9.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/09/blog-post_9.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content