देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–3 : 7 तीन कुत्ते // सुषमा गुप्ता

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4 तीन कुत्ते [1] एक बार एक बूढ़ा किसान था जिसके दो बच्चे थे, एक बेटा और एक बेटी। जब उसके मरने का समय आया तो उसने अपने दोनों बच्चों को अपने पा...

4 तीन कुत्ते[1]

एक बार एक बूढ़ा किसान था जिसके दो बच्चे थे, एक बेटा और एक बेटी।

जब उसके मरने का समय आया तो उसने अपने दोनों बच्चों को अपने पास बुलाया और बोला — “मेरे बच्चों, मैं अब मरने वाला हूँ और मेरे पास तुम लोगों को देने के लिये कुछ भी नहीं है सिवाय तीन छोटी भेड़ों के जो बाड़े में हैं। तुम सब मिल कर रहना तो तुम कभी भूखे नहीं रहोगे।”

इतना कह कर वह बूढ़ा किसान मर गया। उसके मरने के बाद दोनों भाई बहिन साथ साथ रहते रहे। लड़का भेड़ चरा लाता था और लड़की घर में रह कर सूत कातती थी और खाना बनाती थी।

एक दिन जब लड़का भेड़ों को चराने के लिये जंगल गया हुआ था तो उसको एक छोटा आदमी मिला जिसके पास तीन कुत्ते थे।

वह बोला — “गुड डे[2] मेरे बच्चे।”

लड़का बोल — “गुड डे जनाब।”

आदमी बोला — “तुम्हारी भेड़ें कितनी अच्छी हैं।

लड़का बोला — “आपके कुत्ते भी बहुत अच्छे हैं।”

“क्या तुम एक कुत्ता खरीदोगे?”

“कितने का है?”

“तुम मुझे अपनी एक भेड़ दे दो तो मैं तुमको अपना एक कुत्ता मुफ्त दे दूँगा।”

“पर मेरी बहिन क्या कहेगी?”

“उसको क्या कहना है। तुमको तो सच में एक कुत्ते की जरूरत है जो तुम्हारी भेड़ों की रखवाली करे।”

लड़का अपने आप ही कुछ बुड़बुड़ाया फिर उसने उस आदमी को अपनी एक भेड़ दे दी और उससे उसका एक कुत्ता ले लिया। उसने उस आदमी से उसके कुत्ते का नाम पूछा तो उस छोटे आदमी ने बताया कि उसका नाम “क्रश आयरन”[3] था।

जब घर जाने का समय आया तो वह लड़का कुछ बेचैन हो गया। उसको लगा कि उसकी बहिन उसको डांटेगी।

और वाकई में जब वह लड़की बाड़े में भेड़ों का दूध निकालने गयी तो वहाँ उसको केवल दो भेड़ें और एक कुत्ता दिखायी दिया। वह अपने भाई पर चिल्लायी और उसने उसकी पिटायी भी की।

उसने उससे पूछा — “क्या तुम बता सकते हो कि हमारी एक भेड़ कहाँ है और यह कुत्ता हमारे किस काम का है? अगर कल तक हमारी तीनों भेड़ वापस नहीं आयीं तो तुम्हारी खैर नहीं।”

परन्तु उस लड़के को अभी भी लग रहा था कि उसको अपनी भेड़ों की देखभाल के लिये एक कुत्ते की जरूरत है।

अगली सुबह वह लड़का अपनी भेड़ चराने के लिये फिर उसी जगह गया तो उसे फिर से वही छोटा आदमी मिल गया। इस बार उसके पास एक भेड़ और दो कुत्ते थे।

वह आदमी बोला — “गुड डे, मेरे बच्चे।”

लड़का बोला — “गुड डे जनाब।”

आदमी बोला — “मेरी भेड़ बहुत अकेली है।”

लड़का बोला — “मेरा कुत्ता भी।”

आदमी बोला — “तो तुम मुझे दूसरी भेड़ दे दो और मैं तुमको दूसरा कुत्ता दे देता हूँ।”

लड़का बोला — “ओह, पता है कल मेरी बहिन मुझे एक भेड़ तुम्हें देने के लिये मारने वाली थी। ज़रा सोचो तो अगर मैंने तुमको दूसरी भेड़ भी दे दी तो वह मेरा क्या हाल करेगी।”

आदमी बोला — “देखो एक कुत्ता अकेला ठीक नहीं है। अगर दो भेड़िये आ गये तो तुम क्या करोगे?”

यह सुन कर लड़के ने दूसरी भेड़ का भी सौदा कर लिया। उसने अपनी एक भेड़ उसको दे कर उससे उसका दूसरा कुत्ता ले लिया।

फिर उसने उस आदमी से पूछा — “इस कुत्ते का क्या नाम है?”

आदमी बोला — “च्यू चेन्स[4]।”

जब वह लड़का शाम को एक भेड़ और दो कुत्तों के साथ घर लौटा तो उसकी बहिन ने पूछा — “क्या तुम तीनों भेड़ें वापस ले आये?” पर उसको पता ही नहीं था कि वह उससे क्या कहे।

फिर भी वह बोला — “हाँ, पर तुमको अनाजघर में आने की कोई जरूरत नहीं है मैं उनका दूध अपने आप निकाल लूँगा।”

पर लड़की ने उन भेड़ों को अपने आप देखने के लिये ज़ोर दिया और इसका नतीजा यह हुआ कि भाई बिना खाना खाये ही सो गया।

वह बोली — “मैं तुम्हारी जान ले लूँगी अगर कल शाम तक मेरी तीनों भेड़ें यहाँ वापस नहीं आयीं तो।”

अगले दिन वह जब जंगल में अपने जानवर चरा रहा था तो वह छोटा आदमी उसको अपनी दोनों भेड़ों और एक कुत्ते के साथ फिर वहीं मिल गया।

वह आदमी बोला — “गुड डे, मेरे बच्चे।”

लड़का बोला — “गुड डे जनाब।”

आदमी बोला — “अब मेरा यह कुत्ता अकेलेपन से मरा जा रहा है।”

लड़का बोला — “और यह मेरी आखिरी भेड़ भी।”

आदमी बोला — “तो तुम अपनी यह भेड़ मुझे दे दो और मेरा यह कुत्ता तुम ले लो।”

लड़का बोला — “नहीं नहीं, ऐसी बात की तो तुम मुझे सलाह भी मत देना।”

आदमी बोला — “क्यों? तुम्हारे पास दो कुत्ते हैं तो तुमको तीसरा कुत्ता क्यों नहीं चाहिये? इस तरह से तुम तीन बहुत बढ़िया कुत्तों के मालिक हो जाओगे।”

“इस कुत्ते का नाम क्या है?”

“क्रैश वौल[5]।”

“क्रश आयरन, च्यू चेन्स, क्रैश वौल। आओ मेरे साथ आओ।”

clip_image002जब रात हुई तो उस लड़के की अपनी बहिन के पास घर जाने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी। उसने सोचा मैं बाहर ही कहीं सो जाता हूँ। सो वह अपने तीनों कुत्तों को अपने पीछे लिये लिये चल दिया।

अभी वह उनको लिये हुए कुछ ही दूर गया था कि बहुत ज़ोर से बारिश होने लगी। रात हो चुकी थी और उसको कुछ पता ही नहीं चल रहा था कि वह कहाँ जाये।

उसी समय उस घने जंगल के बीच में उसको एक बहुत सुन्दर महल दिखायी दे गया जिसमें चारों तरफ रोशनी हो रही थी और उसके चारों तरफ चहारदीवारी खड़ी थी।

उसने जा कर महल का दरवाजा खटखटाया पर किसी ने दरवाजा नहीं खोला। उसने पुकारा भी पर किसी ने कोई जवाब भी नहीं दिया। तब उसने अपने क्रैश वौल कुत्ते को पुकारा — “क्रैश वौल मेरी सहायता करो।”

उसके मुँह से शब्द निकले भी नहीं थै कि क्रैश वौल ने अपने मजबूत पंजों से उस महल की चहारदीवारी में एक छेद बना दिया। वह लड़का और उसके तीनों कुत्ते सब उस छेद में से महल की चहारदीवारी में दाखिल हो गये।

पर उनके सामने ही एक मोटा सा लोहे का दरवाजा था। वह लड़का बोला — “क्रश आयरन, अब तुम्हारी बारी है।” कश आयरन ने तुरन्त ही दो बार के काटने में उस दरवाजे को तोड़ डाला।

अन्दर पहुँच कर उस लड़के ने देखा कि महल का दरवाजा तो जंजीरों से बॅधा हुआ है। लड़के ने पुकारा — “च्यू चेन।” और एक ही बार में उस कुत्ते ने वह जंजीरें तोड़ डालीं और दरवाजा खुल गया।

कुत्ते अन्दर घुस गये और सीढ़ियों से ऊपर चढ़ गये। लड़का उनके पीछे पीछे था। उस महल में कोई भी दिखायी नहीं दे रहा था। सारा महल खाली पड़ा था।

आग जलाने की जगह आग जल रही थी और पास में ही एक बड़ी सी मेज पर बहुत सारा खाना लगा हुआ था। वह तुरन्त ही खाना खाने बैठ गया। उस मेज के नीचे सूप के तीन कटोरे कुत्तों के लिये रखे हुए थे। कुत्ते उन सूप के कटोरों में से सूप पीने बैठ गये।

जब उन सबने अपना अपना खाना खा लिया तो वह दूसरे कमरे में घुसा। वहाँ उसके रात के सोने के लिये एक बिस्तर लगा हुआ था और तीन बिस्तर उसके कुत्तों के लिये लगे थे। सो वे चारों वहाँ सो गये।

सुबह सवेरे जब वह उठा तो शिकार के लिये वहाँ एक बन्दूक और एक घोड़ा भी तैयार था। उनको ले कर वह शिकार के लिये चला गया।

जब वह दोपहर को घर वापस आया तो फिर से उस मेज पर खाना सजा हुआ था, बिस्तर लगा हुआ था और सारा घर साफ और अच्छे तरीके से लगा हुआ था।

यह दो दिन तक लगातार चलता रहा पर उसको कहीं भी कोई भी दिखायी नहीं दिया। ऐसा लग रहा था जैसे वह वहाँ छुट्टियाँ बिताने आया हो।

फिर उसको अपनी बहिन की याद आयी। उसको यह अन्दाजा ही नहीं हुआ कि जब वह घर नहीं पहुँचा होगा तो उस बेचारी को कितनी परेशानी हुई होगी पर उसने सोचा कि अब वह उसको रहने के लिये यहाँ ले आयेगा।

अब तो मैं खूब अमीर हो गया हूँ तो अब तो मुझे वह घर में भेड़ें न लाने के लिये सपने में भी डांटने की नहीं सोचेगी।

अगले दिन उसने अपने कुत्तों को बुलाया, एक भले आदमी के कपड़े पहन कर घोड़े पर चढ़ा और अपनी बहिन के पास चल दिया।

उसकी बहिन घर के बाहर बैठी सूत कात रही थी। उसने दूर से एक आदमी को आते देखा तो सोचा — “यह सुन्दर सा नौजवान कौन हो सकता है जो मेरे घर की तरफ चला आ रहा है।”

पर जब उसने अपने भाई को पहचाना जो अभी भी तीन भेड़ों की बजाय तीन कुत्तों के साथ आ रहा था तो उसने उसको फिर डॉट लगायी।

उसका भाई बोला — “रुको रुको। तुम मेरे ऊपर चिल्ला क्यों रही हो। अब तो मैं एक बहुत ही भला आदमी बन गया हूँ और अब मैं तुमको अपने साथ रहने के लिये यहाँ से ले जाने के लिये आया हूँ। अब हमको उन भेड़ों की क्या जरूरत है?”

कह कर उसने अपनी बहिन को अपने घोड़े पर बिठाया और अपने महल वापस आया जहाँ वह रानी बन गयी। वहाँ उसकी छोटी से छोटी इच्छा भी तुरन्त ही पूरी हो जाती।

पर वह अभी भी हमेशा उन कुत्तों से नफरत करती और जब भी उसका भाई घर आता वह उससे उनकी शिकायत करती।

clip_image004एक दिन जब उसका भाई अपने तीनों कुत्तों के साथ शिकार पर गया हुआ था तो वह बागीचे में घूमने चली गयी। वहाँ उसने बागीचे के आखीर में एक पेड़ पर एक बहुत ही सुन्दर सन्तरा लगा देखा।

वह उसको तोड़ने गयी तो जैसे ही उसने उसको शाख से तोड़ा तो एक राक्षस उसको खाने को दौड़ा।

वह यह कहते हुए एकदम से रो पड़ी कि उस महल का असली मालिक तो उसका बड़ा भाई था वह नहीं। और अगर उस राक्षस को किसी को खाना ही है तो उसे उसके भाई को खाना चाहिये उसे नहीं।

वह राक्षस बोला कि वह उसके भाई को नहीं खा सकता था क्योंकि वह हमेशा उन तीन कुत्तों को अपने साथ रखता है।

लड़की ने कहा कि अपनी ज़िन्दगी बचाने के लिये वह उसके लिये अपने भाई के मारने का इन्तजाम कर देगी अगर वह उसको यह बता दे कि उसको करना क्या है।

राक्षस बोला — “तुम उसके कुत्तों को बागीचे की दीवार के बाहर जंजीर से बंधवा दो फिर मैं देख लूँगा।” लड़की ने यह करने का वायदा किया और उस राक्षस ने उसको छोड़ दिया।

जब वह लड़का घर आया तो उसकी बहिन ने उससे फिर से कुत्तों की शिकायतें करनी शुरू कीं। उसने कहा कि उसको खाने के समय वे कुत्ते नहीं चाहिये क्योंकि उनमें बदबू आती थी।

उसका भाई हमेशा उसकी बात मानता था सो वह बिना किसी हील हुज्जत के उन तीनों कुत्तों को बाहर ले गया और उसी तरह से उनको बाँध दिया जैसे उसकी बहिन ने उससे बाँधने के लिये कहा था।

उसके बाद उसने अपने भाई को उस बागीचे के आखीर में लगे पेड़ से सन्तरा तोड़ने के लिये कहा। वह वहाँ गया। पर वह भी जब वह सन्तरा तोड़ रहा था तो वहाँ से वह राक्षस निकल पड़ा।

उसको पता चल गया कि उसकी बहिन ने उसको धोखा दिया है सो वह चिल्लाया — “क्रश आयरन, च्यू चेन्स, क्रैश वौल।”

यह सुनते ही च्यू चेन्स ने जंजीर तोड़ दी, क्रश आयरन ने दरवाजे की लोहे की सलाखें तोड़ दीं और क्रैश वौल ने दीवार तोड़ दी और तीनों ने मिल कर उस राक्षस के टुकड़े टकड़े कर दिये।

वह लड़का अपनी बहिन के पास लौटा और बोला — “तुम क्या मेरे बारे में यही सोचती हो? क्या तुम यह चाहती हो कि वह राक्षस मुझे खा ले? मैं अब तुम्हारे साथ एक मिनट भी और नहीं रह सकता। मैं जा रहा हूँ।” कह कर वह अपने घोड़े पर चढ़ा और वहाँ से चला गया। उसके पीछे उसके कुत्ते भी चले गये।

चलते चलते वह एक राजा के राज्य में आया। उस राजा के एक अकेली बेटी थी जिसको एक राक्षस खाने वाला था। वह राजा के पास गया और शादी के लिये उसकी बेटी का हाथ माँगा।

राजा बोला — “मैं तुमको अपनी बेटी नहीं दे सकता क्योंकि उसको एक बहुत ही भयानक जंगली जानवर खाने वाला है। पर हाँ अगर तुम उसको उससे आजाद कर दो तो यकीनन वह तुम्हारी हो जायेगी।”

“बहुत ठीक है राजा साहब। आप यह सब कुछ मेरे ऊपर छोड़ दें। मैं देखता हूँ।”

उसने उस राक्षस को ढूँढा और उसके कुत्तों ने उसको फाड़ कर खा डाला। जब वह राक्षस को मार कर लौटा तो राजा ने अपनी बेटी की शादी उसके साथ पक्की कर दी।

जब शादी का दिन आया तो दुलहे ने अपनी बहिन के पुराने बरताव को भूल कर उसको भी अपनी शादी में बुला भेजा पर उसकी बहिन की शिकायतें अभी भी उतनी ही ज़ोर पर थीं जितनी पहले थीं।

उसकी बहिन ने शादी के बाद यह घोषणा की — “आज की रात अपने भाई का बिस्तर मैं सजाऊंगी।”

इसको बहिन का प्यार समझ कर सभी लोग उसकी इस बात को मान गये कि उसी को अपने भाई का बिस्तर बनाना भी चाहिये।

लेकिन उसने किया क्या? उसने दुलहे के बिस्तर की चादर के नीचे एक तेज़ आरी छिपा दी। उस रात जब उसका भाई उस पर लेटा तो उसके दो टुकड़े हो गये।

clip_image006रोने चिल्लाने के बीच उसको चर्च ले जाया गया। तीनों कुत्ते उसके ताबूत के पीछे पीछे चल रहे थे।

बाद में चर्च का दरवाजा बन्द कर दिया गया और उन कुत्तों को वहीं चर्च के अन्दर उस ताबूत के पहरे पर छोड़ दिया गया – एक को उसके दॉयी तरफ, एक को उसके बाँयी तरफ और एक को उसके सिर की तरफ।

जब कुत्तों ने देखा कि सब लोग चले गये तो उनमें से एक कुत्ता बोला — “मैं जाता हूँ और उसको ले कर आता हूँ।”

दूसरा कुत्ता बोला — “मैं उसको उठाऊंगा।”

और तीसरा कुत्ता बोला — “मैं उसको लगाऊंगा।”

उनमें से दो कुत्ते चले गये और मरहम की एक बोतल ले कर लौटे।

उस कुत्ते ने जो पहरे के लिये पीछे रह गया था उस लड़के के घावों को मरहम से चिकना किया और वह लड़का फिर से ज़िन्दा हो गया। राजा और राजकुमारी उसको ज़िन्दा देख कर बहुत खुश हुए।

राजा ने अपने आदमियों को हुकुम दिया कि वे पता लगायें कि वह आरी उसके बिस्तर में किसने छिपायी थी। जब यह पता चला कि उसे उसकी बहिन ने ही वह आरी उसके बिस्तर में छिपायी थी तो उसको मौत की सजा दे दी गयी।

उधर उस लड़के की राजा की लड़की से खुशी खुशी शादी हो गयी। यह खुशी इसलिये भी ज़्यादा थी क्योंकि राजा अब बहुत बूढ़ा हो चला था। उसने अपना राज्य अपने दामाद[6] को दे दिया।

पर एक बात उस लड़के की खुशी को काटती रही और वह थी कि उसको ज़िन्दा करने के बाद से उसके तीनों कुत्ते कहीं गायब हो गये थे। उनका उसके राज्य में कहीं पता नहीं था। वह बेचारा उनके लिये बहुत रोया पर क्या करता। उसको सब्र करना पड़ा।

एक सुबह उसका एक दूत एक खबर ले कर आया कि उसके राज्य में तीन जहाजों ने लंगर डाला है। उन जहाजों पर तीन बड़े आदमी हैं जो उसको अपनी पुरानी दोस्ती की याद दिलाना चाहते हैं।

वह नौजवान राजा मुस्कुराया क्योंकि वह तो हमेशा से ही एक सादा से गॉव का गरीब लड़का रहा था। वह तो किसी बहुत बड़े आदमी को जानता ही नहीं था फिर ये कौन तीन बड़े आदमी उससे पुरानी दोस्ती को याद दिलाने के लिये कह रहे हैं।

पर फिर भी वह अपने दूत के साथ उन लोगों से मिलने के लिये गया जो अपने आपको उसका दोस्त कहते थे। वहाँ उसको दो राजा और एक बादशाह मिला जो उससे बड़े तपाक से मिले।

उनमें से बादशाह बोला — “क्यों? तुमने हमको पहचाना नहीं?”

वह लड़का बोला — “शायद आप गलती कर रहे हैं। मैं तो कभी आपसे मिला भी नहीं।”

बादशाह मुस्कुराते हुए बोला — “हमको नहीं पता था कि तुम अपने तीनों वफादार कुत्तों को इतनी जल्दी भूल जाओगे।”

“क्या? क्रश आयरन, च्यू चेन्स और क्रैश वौल? इस रूप में?”

तब बादशाह ने उसको बताया कि एक जादूगर ने हम तीनों को कुत्तों के रूप में बदल दिया था और हम तब तक अपने असली रूप में नहीं आ सकते थे जब तक कि उस गॉव का कोई लड़का राज गद्दी पर न बैठ जाये।

जैसे हमने तुम्हारी इस राज गद्दी पर बैठने में सहायता की उसी तरह से तुमने भी हमारी उस शाप से छूटने में सहायता की। आज से हम पक्के दोस्त हैं। चाहे कुछ भी हो जाये पर तुम इन दोनों राजाओं और इस बादशाह पर पूरा भरोसा कर सकते हो।

वे लोग उस शहर में आनन्द मनाते हुए कुछ दिन तक रहे। जब उनके जाने का समय आया तो वे लोग एक दूसरे के लिये शुभ कामना करते हुए अलग हो गये। उसके बाद वे सब बहुत दिनों तक खुशी खुशी रहे।


[1] The Three Dogs (Story No 48) – a folktale from Italy from its Romogna area. Adapted from the book: “Italian Folktales”, by Italo Calvino. Translated by George Martin in 1980.

[2] A normal greeting among the western people in the day time

[3] Crush Iron – who can crush the iron

[4] Chew Chains – who can chew iron chains

[5] Crash wall – who can break the wall

[6] Son-in-law

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सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं के संकलन में से क्रमशः  - रैवन की लोक कथाएँ,  इथियोपिया इटली की  ढेरों लोककथाओं को आप यहाँ लोककथा खंड में जाकर पढ़ सकते हैं.

(क्रमशः अगले अंकों में जारी….)

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तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड 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पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi 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रचनाकार: देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–3 : 7 तीन कुत्ते // सुषमा गुप्ता
देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–3 : 7 तीन कुत्ते // सुषमा गुप्ता
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