गले में फंसी सिसकी // सिंधी कहानी // शौकत हुसैन शोरो // अनुवाद - डॉ. संध्या चंदर कुंदनानी

SHARE:

वह मशीन को तेज तेज चलाने लगी, जिससे कि उसकी सोच पीछे रह जाये। अचानक उसे महसूस हुआ कि उसका बाबीन का धागा खत्म हो गया है और उसके बाद भी वह मश...


वह मशीन को तेज तेज चलाने लगी, जिससे कि उसकी सोच पीछे रह जाये। अचानक उसे महसूस हुआ कि उसका बाबीन का धागा खत्म हो गया है और उसके बाद भी वह मशीन चलाती जा रही थी। उसने मशीन बंद कर दी। मशीन का शोर खत्म होने से एकदम शांति छा गई। उसने दीवार पर लगे इलेक्ट्रिक घड़ी की ओर देखा। दोनों कांटे बारह के करीब जाकर पहुंचे थे। उसे रात के अकेलेपन का अहसास हुआ। अगर कोई चोर घर में घुस आए तो वह अकेली क्या करेगी!

उसने सोचा, डरपोक तो वह बचपन से ही है। नानी ने मुझे जिन्न भूतों की कहानियां सुना सुनाकर इतना डरा दिया था कि रात के वक्त अपनी परछाईं से भी डरती हूं। मैंने यह बात आसिफ को भी बताई थी। उसे पता है कि मैं कितनी कमजोर दिल हूं। लेकिन वह ऐसा क्यों कर रहा है? वह मुझे जान बूझकर टार्चर क्यों कर रहा है? अगर ऐसी कोई बात है तो मुझे बताता क्यों नहीं? मैं तो पूछ पूछकर तंग आ गई हूं। कहता है कि कोई बात नहीं है, तुम्हारा भ्रम है। ठीक है, मैं वहमी हूं। लेकिन उसका रवैया काफी वक्त से बदला हुआ है। जानबूझकर थोड़ा ही बात करता है, वो भी जब मैं इतनी माथापच्ची करती हूं। क्या मुझे आंखें नहीं जो देखूं कि वह कितना परेशान होता रहता है। बराबर खाना भी तो नहीं खाता। दो-तरन निवाले खाकर उठ खड़ा होता है। मैं पूछती हूं, ‘‘क्यों जान, क्या बात है? खाना अच्छा न लगा क्या?’’ तो वह बेमन से कहता है, ‘‘नहीं, मुझे भूख नहीं।’’ रोज भूख नहीं! तीनों वक्त भूख नहीं! फिर चलता कैसे है? नहीं, मैं जानती हूं कि वह कहीं बाहर से खाकर आता है। अब तो रात को भी देर से घर आता है। पलंग पर मुंह फिराकर लेट जाता है। मैं उसे गले लगाना चाहती हूं तो चिढ़कर मेरी बांहें खींचकर पीछे ढकेल देता है, जैसे कि मुझसे घिनक् आती हो। अगर उसका बस चले तो मेरे साथ सोता ही नहीं। लेकिन डबल बेड जो है। पूरा महीना हो गया है और उसने मुझे प्यार ही नहीं किया है। प्यार जाए खड्डे में, लेकिन वह ऐसा क्यों कर रहा है! इतना बदल क्यों गया है!

सरिया को याद आया है कि बाबीन का धागा टूट गया है और उसने कितनी देर तक सीया न था, उसने ठुठ्ठी मशीन पर रखी और मुंह हथेली पर टिकाकर सोच में गुम हो गई।

वह मुझे कितना चाहता था! शादी की रात उसने मुझसे कहा था, ‘‘सरिया, तुम शायद विश्वास नहीं करोगी, लेकिन तुम मेरी जिंदगी में पहली और आखिरी औरत हो। तुम विश्वास करो कि मैं तुम्हें अपनी जिंदगी से भी ज्यादा चाहूंगा,’’ और मैं उससे चिपक गई थी। मैंने उसकी बांहों की छाया को कबूल कर लिया था। पर मुझे पता न था कि यह छाया टेम्प्रेरी छाया है। कोई वक्त आएगा जब मैं रात के अकेलेपन से डरती रहूंगी और कोई भी छाया नहीं होगी मेरे लिए। आसिफ कहता है कि मैं वहमी हूं, मैंने तो पहली रात को दिल की गहराइयों से उसकी बातों का विश्वास किया था। मैंने सुना था कि मर्द शादी की रात इस प्रकार की बातें करते हैं, लेकिन मैंने तो उस पर सर्वस्व निछावर कर दिया था। अभी एक साल ही हुआ है और ये सभी बातें हवा हो गई हैं। उसे कभी याद आता होगा कि उसने पहली रात को क्या कहा था! वह तो सब भूल चुका है। अब तो जब भी घर से बाहर निकलता है तो मुझे भी भूल जाता है। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि जैसे वह घर में मेरे वजूद से ही बेखबर है। आखिर उसे हो क्या गया है? ऐसी कौन-सी बात है जो वह मुझे बताना नहीं चाहता? कल जब मैंने उसे बहुत कुछ कहा तब केवल इतना कहा, ‘‘ऐसी कोई बात नहीं। लेकिन अगर हो भी तो उससे तुम्हारा कोई संबंध नहीं है।’’ ठीक है। माना, उस बात का संबंध मुझसे न भी हो, लेकिन उसकी जो परेशानी है उसे मैं शेअर करना चाहती हूं। आखिर वह ये बात समझता क्यों नहीं? क्या उसे यह बात मालूम नहीं कि वह ही मेरा सर्वस्व है। अगर वह परेशान है तो मैं कैसे खुश रह सकती हूं। मेरे भगवान! वह समझता क्यों नहीं...

सरिया ने माथे को जोर से रगड़ा। उसे सर में सख्त दर्द होने लगा।

वह इतना परेशान क्यों है? उसकी परेशानी ने उसे मुझसे काटकर अलग कर दिया है। मैं उसके होते हुए भी अकेली और अलग हूं और उससे कटी कटी हूं। नहीं, यह मेरी सहनशक्ति से बाहर है। उसकी ऐसी हालत हो और मुझे कुछ पता न हो और मैं उसके लिए कुछ न कर पाऊं! मेरे हाथों से, बांहों से, होंठों से, शरीर से वह शक्ति खत्म हो चुकी है जो उसे सहारा दे सके, उसका मन बहला सके। मैं तो उसका बच्चे की तरह ख्याल रखती हूं। उसे देखती हूं तो मन के अंदर कितनी खुशी भर जाती है। चाहती हूं कि उसे देखती रहूं। उसे चलते, बैठते, खाना खाते देखकर मन खुश हो जाता है। मैं उसे कितना चाहती हूं... कितना चाहती हूं... उसका उसे कोई अंदाजा भी नहीं है शायद!

अचानक दरवाजे की घंटी बजी और सरिया हड़बड़ाकर उठ बैठी। दरवाजे पर जाकर उसने पूछा, ‘‘कौन है?’’

‘‘मैं हूं... आसिफ!’’ वह जैसे क्रोध में खड़ा था।

सरिया ने दरवाजा खोला और एक उम्मीद से उसके मुंह की ओर देखा। वह वैसे ही था, उलझा उलझा परेशान। आसिफ उसकी ओर देखे बिना अंदर चला गया। सरिया दरवाजा बंद करके उसके पीछे गई, आसिफ बेडरूम में जाकर सोफा पर बैठ गया।

‘‘जान, तुम कपड़े बदल लो, तब तक मैं खाना गरम करके ले आती हूं,’’ सरिया ने कहा।

‘‘नहीं, तुम तकलीफ मत कर,’’ आसिफ की डूबी हुई आवाज उभरी। उसने जैसे कोशिश करके वह पंक्ति कही थी।

‘‘क्यों?’’ सरिया को यह पंक्ति बहुत मुश्किल लगी। ‘‘तकलीफ तो परायों के लिए करते हैं। तुम मुझे पराया...’’

‘‘ओ सरिया, प्लीज!’’ आसिफ ने हाथ उठाकर उसे और कुछ कहने से रोक लिया।

‘‘तुम खाना खाकर आए हो कहीं से?’’ सरिया ने अपने क्रोध को दबाते हुए कहा।

‘‘नहीं, मुझे भूख नहीं।’’

सरिया ने निचले होंठ को काटा। उसे डर था कि कहीं वह अपना आपा न खो बैठे और अगर बात शुरू हो गई तो फिर पता नहीं क्या क्या बोल जाएगी।

‘‘तुम यहां आकर बैठो,’’ आसिफ ने उसे अपने पास बुलाया। ‘‘मुझे तुमसे कुछ जरूरी बातें करनी हैं,’’ आसिफ दीवार की ओर देख रहा था।

सरिया ने उसकी ओर गौर से देखा और फिर नीचे कालीन पर रखी मशीन पर बैठ गई। आसिफ चुप रहा। सरिया उसकी ओर देखती रही। वह कितना कमजोर हो गया था और कितना परेशान लग रहा था। सरिया के दिल में उसके लिए बेहद हमदर्दी की लहर उठी। उसने चाहा कि उठकर उसके पास जाकर बैठे और उसका सर अपनी गोद में रखकर उसके बालों में उंगलियां फिराती रहे। लेकिन वह उठ न पाई और उसने कहा, ‘‘तुम इतना परेशान क्यों हो?’’

सरिया को पता था कि उसके इस रटे प्रश्न का उत्तर रटा हुआ ही मिलेगा : ‘नहीं, ऐसी कोई खास बात नहीं है।’ लेकिन आसिफ चुप रहा। उसने केवल सरिया की ओर एक बार देखा और फिर उंगलियों को मरोड़ने लगा।

सरिया को विचार आया कि वह चीखकर सर दीवार से टकराए और कहे : ‘मेरा क्या दोष है जो तुम मुझे इतना टार्चर कर रहे हो!’

‘‘सरिया!’’ आसिफ ने धीरे से कहा और एक बार उसकी ओर देखकर नजरें हटाकर नीचे देखने लगा।

‘‘मुझे पता है कि मैंने तुम्हें बहुत परेशान किया है। मैं चाहता था कि समस्या का कोई हल निकल आए, लेकिन मुझे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा। मैं भी परेशान रहूं और तुम्हें भी परेशान करूं , इससे अच्छा है कि बात एक बाजू हो जाए...’’ वह चुप हो गया।

सरिया को एक अनजान डर महसूस हुआ। उसकी दिल जोर से धड़कने लगी। दिल डूबने लगा।

‘‘सरिया, हम दोनों के लिए यही अच्छा है कि हम एक दूसरे से अलग हो जाएं। जिन हालात में हम साथ रह रहे हैं, इससे तो न रहना ही अच्छा है। तुम्हें मुझसे परेशानियों के सिवा शायद और कुछ न मिल सके... मुझे दुख है लेकिन मैं... मैं किसी को चाहता हूं, उसके बिना जिंदा नहीं रह पाऊंगा, ऐसी हालत में...’’ वह चुप हो गया।

चीख सरिया के गले में आकर अटक गई। उसे लगा उसे हाथों और पैरों से जान निकल गई है। फिर भी पता नहीं कैसे वह उठ खड़ी हुई।

‘‘तुम खाना खाकर नहीं आए होगे। मैं तुम्हारे लिए खाना गरम करके लाती हूं,’’ वह एक ही बार में कह गई और उसे अपने आप पर आश्चर्य हुआ।

आसिफ ने उसे हाथ के इशारे से रोका।

‘‘नहीं, तू बैठ, मुझे तुमसे बात करनी है।’’

वह बैठी रही। उसकी टांगें सूखकर लकड़ी बन गई थीं।

‘‘अच्छा होगा कि हम शराफत से एक दूसरे से अलग हो जाएं। मेरा मतलब है कि अलग होना ही है तो बेकार के गिले शिकवे से क्या हासिल! बात बढ़ेगी तो उससे कुछ भी प्राप्त न होगा। वैसे, तुम्हें जो कुछ चाहिए तुम ले सकती हो, और भी जितना कुछ हो सकेगा मैं जरूर करूं गा और...’’

‘‘तुम... तुम... मैं तुम्हारे लिए खाना लाती हूं...’’ सरिया ने जल्दी में उसकी बात काटी और फिर जल्दी कमरे से बाहर निकल गई। वह रसोईघर में चूल्हे के पास आकर खड़ी हो गई। उसने मासिच उठाकर तीली जलाई और जली हुई तीली चूल्हे के बर्नर के करीब लाई। चूल्हा भड़ककर जल उठा। सरिया के गले में अटका उबाल अचानक निकल आया। उसकी सांस जैसे अटक गई थी और फिर वह दहाड़ें मारकर रोने लगी।

lll

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: गले में फंसी सिसकी // सिंधी कहानी // शौकत हुसैन शोरो // अनुवाद - डॉ. संध्या चंदर कुंदनानी
गले में फंसी सिसकी // सिंधी कहानी // शौकत हुसैन शोरो // अनुवाद - डॉ. संध्या चंदर कुंदनानी
https://lh3.googleusercontent.com/-QMMcXjEc-yY/WlHXWLgRLgI/AAAAAAAA-Oc/mU91ffuXJ3s0XHtkEmcuMrdqb9XkjgoSwCHMYCw/image_thumb%255B1%255D?imgmax=200
https://lh3.googleusercontent.com/-QMMcXjEc-yY/WlHXWLgRLgI/AAAAAAAA-Oc/mU91ffuXJ3s0XHtkEmcuMrdqb9XkjgoSwCHMYCw/s72-c/image_thumb%255B1%255D?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/01/blog-post_19.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/01/blog-post_19.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content