समीक्षा // स्त्री संघर्ष को स्वर देती आकांक्षा यादव की पुस्तक : 'आधी आबादी के सरोकार'

SHARE:

स्त्री, विधाता की सर्वश्रेष्ठ कृति मानी जाती है। सभी धर्मों में स्त्री के मातृस्वरूप को वंदनीय बताया गया है। हमारे देश के संविधान में भी स्त...


image

स्त्री, विधाता की सर्वश्रेष्ठ कृति मानी जाती है। सभी धर्मों में स्त्री के मातृस्वरूप को वंदनीय बताया गया है। हमारे देश के संविधान में भी स्त्रियों को समान अधिकार मिले हुए हैं। इसके बावजूद, समाज का एक बड़ा तबका स्त्रियों को दोयम दर्जे का समझता है। नारियों के प्रति बढ़ते अपराधों के आँकड़े किसी भी संवेदनशील प्राणी को विचलित कर देते हैं। शास्त्रों से लेकर संविधान तक में स्त्रियों के प्रति अन्याय को अशोभनीय माना गया है। इसके बावजूद देश की आधी आबादी कही जाने वाली स्त्रियाँ विभिन्न प्रताड़नाओं-वर्जनाओं से मुक्ति पाने को छटपटा रही हैं।

आधी आबादी के सरोकारों पर कई लेखिकाओं ने अपनी कलम चलाई है। इसी क्रम में एक नाम आकांक्षा यादव जी का भी है, जिन्होंने लम्बे समय से स्त्री विमर्श से सम्बंधित मुद्दों पर अपनी  सशक्त लेखनी से वास्तविक स्थितियों का बेबाक आकलन किया है। समीक्ष्य कृति “आधी आबादी के सरोकार” में आकांक्षा यादव जी ने दस अध्याय रूपी फूलों को बड़ी सहजता से सम्प्रेषणीयता की डोर से गूँथा है।

समीक्ष्य कृति का पहला अध्याय “समकालीन परिवेश में नारी विमर्श” में आकांक्षा जी ने पश्चिमी जगत में नारीवाद के उदय, उसके पीछे छिपे कारणों और विभिन्न देशों में नारी आंदोलनों के वैश्विक स्तर पर पड़े प्रभाव को रेखांकित किया है। आकांक्षा जी के अनुसार, प्राचीन काल में विदुषी गार्गी, द्रोपदी, शकुन्तला ने भी अपने स्त्री होने को अभिशाप न मानकर, अपनी अस्मिता की सार्थकता को सिद्ध किया था। सिलसिलेवार ढंग से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मनाये जाने के कारकों को वर्षवार प्रस्तुत करके आकांक्षा जी ने इस लेख को स्थाई महत्व का बना दिया है।

अध्याय दो “आजादी के आंदोलन में भी अग्रणी रही नारी” में लेखिका आकांक्षा यादव जी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विस्मृत होते जा रहे सुनहरे पन्नों को बड़ी तल्लीनता के साथ सहेजा है। स्वतंत्रता की यज्ञवेदी में अपने प्राणों की आहुति लगा देने वाली वीरांगनाओं की लोहमर्षक समरगाथा को, एक शोधार्थी की तरह आकांक्षा जी ने शोध सामग्री एकतित्र की। इसके बाद उन्होंने प्रचलित कई पूर्व धारणाओं, भ्रामक तथ्यों व मुहावरों का बखूबी खण्डन किया है। इसी अध्याय में उन्होंने कित्तूर (कर्नाटक) की रानी चेनम्मा का अंग्रेजों को भारत से मार भगाने से लेकर 1946 तक भारत को आजाद कराने वाली जगप्रसिद्ध से लेकर अल्पज्ञात क्रांतिकारिणियों की वीरता को कलमबद्ध किया है। इस अध्याय में उन्होंने सभी धर्मों की व सभी आयुवर्ग की क्रांतिकारिणियों के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान को इतने सजीव व ओजस्वी ढंग से प्रस्तुत किया है कि कोई भी पाठक इस अध्याय को पूरा पढ़े बिना नहीं रह सकता।

पुस्तक का तीसरा अध्याय “शिक्षा और साहित्य के विकास में नारी की भागीदारी” में आकांक्षा यादव जी ने विश्वगुरू माने जाने वाले भारत में नारी शिक्षा के इतिहास, इसकी आवश्यकता और वर्तमान समय में नारी शिक्षा के बढ़ते चरणों की चर्चा की है। उनके द्वारा प्राचीन काल में कन्या शिक्षा की रोचक जानकारी पढ़कर पाठक गौरवान्वित हो उठता है कि उसने ऐसे देश में जन्म लिया है, जहाँ प्राचीनकाल में ही बालिका शिक्षा को महत्व दिया गया था। जब विकसित समझे जाने देश के मूल निवासी अज्ञान के अंधेरे में भटक रहे थे, तब हमारे देश की स्त्रियाँ यज्ञों में भाग लेती थीं और वेदमंत्र रचती थीं। बौद्ध काल की विदुषी नारियों का भी इस अध्याय में उल्लेख करके लेखिका ने बौद्ध भिक्षुणियों के साहित्य सृजन की चर्चा की है। मध्यकाल में तुर्कों, पठानों, मुगलों के आक्रमण के फलस्वरूप नारी की स्थिति दयनीय होती चली गई। जिससे उनका शिक्षित और सामाजिक कार्यों में भागीदारी होना रूक गया। उन्हें पर्दे में रखा जाने लगा। विभिन्न सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा, सतीप्रथा, बालविवाह, कन्यावध समाज को खोखला करने लगे। इसी संदर्भ में लेखिका आकांक्षा यादव मानती हैं कि मुगलकाल की समाप्ति एवं अंग्रेजों के आगमन से भारत में धीरे-धीरे प्रगतिशील दृष्टिकोण पनप चुका था। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भी नारी शिक्षा को लेकर संजीदगी दिखाई देने लगी थी। इस लेख के उतरार्द्ध में लेखिका ने साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाली स्त्रियों का जिक्र किया है। अगर यह सूची सिलेसिलेवार दी जाती तो, लेख में चार चाँद लग जाते। मसलन शिवानी और कुर्रतुल हैदर के मध्य श्रीमती चंद्रकाता, रमणिका गुप्ता और मालती जोशी के मध्य अलका सरावगी का नाम, इनकी रचनाकाल से मेल नहीं खाता ।

भारतीय महिलाओं के जीवन में इन्टरनेट और सोशल मीडिया के विभिन्न प्रभावों की पड़ताल “सोशल मीडिया और आधी आबादी के सरोकार” एवं ''हिंदी ब्लॉगिंग को समृद्ध करती महिलाएँ'' लेख में सविस्तार की गई है। लेखिका आकांक्षा यादव जी के अनुसार इन्टरनेट और सोशल मीडिया ने नारी स्वातंत्र्य व नारी सशक्तिकरण को नये मुकाम दिये हैं। भारत में करीब 352 करोड़ लोग इन्टरनेट का प्रयोग करते है, जिसमें 30 फीसदी महिलाएँ हैं। इन्टरनेट के माध्यम से स्त्रियाँ न केवल एकजुट हो रही हैं बल्कि अपनी क्षमताओं को बखूबी पहचान रही हैं। इस अध्याय में उन्होंने सोशल मीडिया के नकारात्मक पहलुओं की चर्चा करके पाठकों को सचेत भी किया है।

“घरेलू हिंसा बनाम अस्तित्व की लड़ाई” में स्त्री के प्रति होने वाली हिंसा के प्रकारों और उसके नारी के मनोस्थिति पर पड़ने वाले कुप्रभावों को सूक्ष्मता से उकेरा गया है। एंगेल्स ने कहा भी है कि “मातृसत्ता  से पितृसत्तामक समाज का अवतरण वास्तव में औरत जाति की सबसे बड़ी ऐतिहासिक हार है।“ जैसा कि सभी जानते हैं कि विजेता, पराजित समूह के कुछ प्रतिनिधियों को थोड़े-बहुत अधिकार देकर, उसे पराजितों के दमनचक्र में शामिल कर लेता है। वैसे ही घर के मुखिया द्वारा घर की बुजुर्ग स्त्री को अन्य युवा सदस्याओं को “खानदान की नाक”, “खानदान की इज्जत” और “पारिवारिक  परम्परा” के नाम पर दबाने का अधिकार दे दिया जाता है। आज भी सामान्य परिवारों से लेकर अभिजात्य उच्च वर्ग के परिवारों में, लड़कियों और स्त्रियों के साथ मारपीट, गालीगलौज या पैत्रिक सम्पति से वंचित करने जैसे कामों को घरेलू विवाद का नाम देकर, दोषी पुरूषों को बरी कर दिया जाता है। घरेलू हिंसा चुपचाप सहना नारी की नियति है या उसका अतिसहनशील स्वभाव? इस मुद्दे पर भी आकांक्षा जी का दृष्टिकोण सराहनीय है।

आर्थिक सशक्तिकरण, आधुनिक स्त्रियों की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आर्थिक रूप से स्वावलम्बी स्त्री की आवाज, परिवार जन सुनते हैं। स्वयं आर्थिक रूप से सक्षम स्त्री, बेरोजगार घरेलू महिला से ज्यादा आत्मविश्वासी, निर्णय लेने में सक्षम, और दुनियादारी के मामले में चतुर होती है। आकांक्षा जी के अनुसार, नारी के आर्थिक सशक्तिकरण से न केवल नारी अपितु परिवार, समाज और राष्ट्र भी सशक्त और समृद्ध बनेंगे।

पुस्तक का अंतिम अध्याय “राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत” में लेखिका ने भारत के संसदीय लोकतंत्र में महिलाओं की वास्तिविक स्थिति प्रस्तुत की है। भारत में महिला प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति, महिला मुख्यमंत्री और महिला राज्यपाल बनने के बावजूद, महिला जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति नगण्य है। आईपीयू की रिपोर्ट के अनुसार भारत इसमें 103 वें नम्बर पर है। दस फीसदी टिकट भी महिलाओं को दिए नहीं जाते। ज्यादातर जिन्हें टिकट मिलता है, वे किसी राजनेता की सगी-सम्बधी होती हैं। ऐसे में संघर्षशील स्त्रियों को राजनीति में स्थान नहीं मिल पाता। इस संदर्भ में आकांक्षा जी का मत है, महिलाओं को अपनी अस्मिता और अस्तित्व बनाये रखने के लिए खुद ही रास्ते तलाशने होंगे तभी उन्हें अपनी मंजिल हासिल होगी।

स्त्रियों को स्वयंसिद्धा होने के लिए प्रेरित करती आकांक्षा यादव जी की यह कृति पाठकों को अपने परिवार, परिवेश और कार्यस्थल में कार्यरत स्त्रियों की समस्याओं से रूबरू कराती है। सहज व सरल भाषा में स्त्री विमर्श को आगे बढ़ाती एवं उनके सरोकारों को चर्चा के केंद्र बिंदु में लाने वाली कृति “आधी आबादी के सरोकार” आज के दौर में एक पठनीय कृति है।

पुस्तक का नाम : आधी आबादी के सरोकार

लेखिका : आकांक्षा यादव, टाइप 5  निदेशक बंगला, पोस्टल ऑफिसर्स कॉलोनी,                                        

जेडीए सर्किल के निकट, जोधपुर, राजस्थान - 342001 

प्रकाशक : हिन्दुस्तानी एकेडेमी, 12 डी कमला नेहरू मार्ग, इलाहाबाद

पृष्ठ सं0 : 112

मूल्य        : रू0 110/-

समीक्षक       :      पूर्णिमा मित्रा, ए 59 करणी नगर, बीकानेर, राजस्थान

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: समीक्षा // स्त्री संघर्ष को स्वर देती आकांक्षा यादव की पुस्तक : 'आधी आबादी के सरोकार'
समीक्षा // स्त्री संघर्ष को स्वर देती आकांक्षा यादव की पुस्तक : 'आधी आबादी के सरोकार'
https://lh3.googleusercontent.com/-mM2rz-56Yr8/WuwEKotiN7I/AAAAAAABBDo/-btBddJQNZsODgAG8XTEFW2Aymm5_ROQQCHMYCw/image_thumb?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-mM2rz-56Yr8/WuwEKotiN7I/AAAAAAABBDo/-btBddJQNZsODgAG8XTEFW2Aymm5_ROQQCHMYCw/s72-c/image_thumb?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_13.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_13.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content