यक्ष-प्रश्न // कहानी // धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी

SHARE:

सुबह पांच बजे घर में हुई अचानक हलचल से मेरी नींद टूट गयी......। मस्तिष्क तो जाग गया किन्तु शरीर अभी भी गहरी नींद में था..........। जब तक मै...

image

सुबह पांच बजे घर में हुई अचानक हलचल से मेरी नींद टूट गयी......। मस्तिष्क तो जाग गया किन्तु शरीर अभी भी गहरी नींद में था..........। जब तक मैं उस हलचल का कोई कारण समझ पाता वह हलचल शांत हो गयी....। थोड़ी देर बाद जब किरण ने झकझोरा और रोते-रोते बताया कि छोटे मामा का एक्सीडेंट हो गया है, तब मेरी चेतना लौटी.........। मम्मी-पापा जा चुके थे.....। मैं बिस्तर पर सन्न बैठा अब ये सोच रहा था कि मुझे क्या करना चाहिये, तभी मोबाइल पर छोटे मौसाजी का फोन आ गया ......। उन्होंने भी बस इतना ही बताया कि खेत पर जुताई करके लौटते समय ट्रैक्टर पलट गया है, जिससे खेत मालिक और छोटे मामा दब गये हैं.....। मम्मी पापा चले गये कि नहीं पूछकर उन्होंने फोन कट कर दिया......। स्थिति की गंभीरता को समझकर मैंने और किरण ने भी ननिहाल जाने का निश्चय कर लिया......। सुबह का उजाला फैल चुका था....। मेरा ननिहाल नेशनल हाईवे नं. सात पर सत्तर किलोमीटर की दूरी पर ही है अतएव हमने मोटर साइकिल से ही जाने का निश्चय कर लिया था.....। मैनेजर साहब को छुट्टी पर रहने की सूचना देकर हम निकल पड़े थे.........।

रास्ते में मेरे और किरण के बीच कोई बात नहीं हुयी.........। दिल अनहोनी की आशंका करने लगा था........। दो घंटे के सफर के बाद हम साढ़े आठ बजे ननिहाल पहुंच गये थे.........। ननिहाल पहुंचकर आशंका सही निकली थी......। गॉंववालों का हुजूम लगा हुआ था और घर के सामने वाली परछी पर महिलाओं से घिरी हुयी छोटे मामा की मृत देह पड़ी हुयी थी..........। मम्मी-पापा पहुंच गये थे.....। पोस्टमॉर्टम वैन आ गयी थी........। मामी का रो-रोकर बुरा हाल था.......। मृत देह से वह कभी लिपटकर तो कभी छाती पीट पीटकर रो रही थीं..........। बमुश्किल उन्हें हटाकर मृत देह को पोस्टमॉर्टम के लिये ले जा पाये थे मझले मामा, पापाजी और अन्य रिश्तेदार....।

इस वज्राघात के लिये किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था.....। अभी उम्र ही क्या थी छोटे मामा की.....? महल तीस साल....। शादी हुये चार साल ही तो गुजरे थे......। हालांकि दो बच्चे हो गये थे.....। अभी दो माह पहले ही तो आयशा का पहला जन्मदिन उन्होंने धूमधाम से मनाया था....। अभी माह भर पहले ही तो हम आये थे बड़े मामा की बेटी प्रियंका की शादी में......। हॅंसते-मुस्कुराते कितनी आसानी से सारी जिम्मेदारियॉं अपने कॉंधों में डाल ली थी छोटे मामा और मझले मामा ने.....। बड़े मामा पीने की लत के कारण अपना जीवन पहले ही बर्बाद कर चुके हैं, बच्चों का जीवन बर्बाद न हो इसलिये बड़ी मामी गॉंव में ही रहने लगी थीं....। बड़े मामा नजदीकी शहर में एक प्राईवेट नौकरी करते हुये जो पाते हैं, अपनी लत के लिये होम कर रहे हैं..........। कितने जतन नहीं किये सबने उनकी लत छुड़ाने के लिये, लेकिन सारे जतन निष्फल साबित हुये.....। पिता होते हुये भी प्रियंका ने यहाँ-वहाँ के रिश्तेदारों के पास रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की थी....।

प्रियंका की शादी में हॅंसोड़, मिलनसार और जिंदादिल छोटे मामा को देखकर सोचा न था कि अगले महीने ठीक इसी तारीख को हम वापिस आकर उन्हें हमेशा के लिये अलविदा कहेंगे....।

पोस्टमॉर्टम वैन गये आधा घंटा हो चुका था....। रिश्तेदार आते जा रहे थे.....। उस गमगीन माहौल के बीच उस दुर्घटना का विवरण सामने आया जिससे छोटे मामा की जान गयी और साथ में बैठे खेत मालिक को गंभीर चोटें आयीं....।.....मानसून आ चुका था...। जुताई के लिये ठेका दिया जाने लगा था....। जुताई के लिये ड्राइवर ट्रैक्टर लेकर गया हुआ था...। दोपहर में ड्राइवर को खाना खाने की छुट्टी देने के लिये छोटे मामा गये हुये थे....। ड्राइवर खाना खाकर जैसे ही जाने लगा वैसे ही मूसलाधार पानी गिरने लगा.....। वहां खेत से छोटे मामा पानी गिरने के कारण घर आने के लिये आ रहे थे कि समीप के नाले में उनका ट्रैक्टर पलट गया....। चारों चाक उपर हो गये.....। छोटे मामा और ट्रैक्टर में सवार खेत मालिक दोनों बुरी तरह फॅंस गये.....। वहां दबे-दबे उनने मोबाइल से संपर्क करना चाहा तो नेटवर्क नहीं मिला....। हॉर्न बजाना और मदद के लिये पुकारना सब व्यर्थ हो रहा था....। जब पानी बंद नहीं हुआ और अंधेरा घिरने पर भी छोटे मामा नहीं आये तो मझले मामा उन्हें देखने खेत तक गये थे.....। दो घंटे हो चुके थे, उस वक्त तक भी अगर मदद मिल जाती तो शायद छोटे मामा की जान बचाई जा सकती थी.....। किन्तु हाय री नियति मझले मामा मेड वाले दूसरे रास्ते से गये और दूर से ही खेत देखकर चले आये और मोटर साइकिल से यहां - वहां तलाश करने लगे....।

दुर्घटना घटे पांच घंटे से भी अधिक समय हो चुका था.....। जब काफी देर तक यहां - वहां तलाश करने पर मझले मामा को छोटे मामा नहीं मिले, तब किसी अनहोनी की आशंका से वशीभूत वे वापिस नाले वाले रास्ते पर गये थे.....। अंततः वह उस स्थान तक पहुंच गये, जहॉं छोटे मामा जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे थे....। मझले मामा को देखकर छोटे मामा ने कहा था- मझले भैया पांच घंटे से ट्रैक्टर के नीचे दबो है विकास.....। जल्दी से मझले मामा ने आसपास की बस्ती से लोगों को इकट्ठा किया और किसी तरह दोनों को निकाला.....। छोटे मामा को शरीर के अंदरूनी हिस्सों में चोट लगी थी.....। खेत मालिक का तो पैर बस दबा हुआ था, लेकिन छोटे मामा कमर से लेकर निचले हिस्से तक ट्रैक्टर में दबे हुए थे....। पांच घंटे तक ट्रैक्टर से निकलने की कोशिश में चोट गंभीर हो गयी थी......। जब दोनों जीवित बाहर निकल आये तो सबने राहत की सांस ली थी.....। छोटे मामा ने पानी मांगा तो उन्हें दूध पिलाया गया.....। अंततः पांच घंटे तक जीवटता से जीवन और मौत से संघर्ष करने वाले छोटे मामा ने डॉक्टर के पास ले जाते हुए रास्ते में ही दम तोड़ दिया था....।

दो घंटे में मृत देह पोस्टमॉर्टम होकर आ गयी.....। इस बीच दूर के रिश्तेदार भी अंतिम दर्शन के लिये आ गये थे....। उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी होने लगी थी.....। विलाप तीव्र से तीव्रतर होता जा रहा था, और मैं एक किनारे में खड़ा अपने हम उम्र बालसखा की यादों को सहेज रहा था....।

मैं छोटे मामा से महज साल भर ही छोटा था....। गर्मी और दशहरे दीवाली की छुट्टियों में हम दोनों का साथ चौबीसों घंटे का होता था.....। साथ खाना-पीना....। साथ सोना...। साथ अमराई तले मड़ैया बनाकर आम बीनना....। साथ नदी नहाने जाना....। हम दोनों जब भी जहां होते, साथ ही होते थे.....। एक ही सत्र में हमने बारहवीं की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी.....। बारहवीं के बाद छोटे मामा खेती-बाड़ी में हाथ बंटाने लगे थे....। मेरी शादी हालांकि छोटे मामा से एक साल पहले हो गयी थी, किन्तु मामी सुंदरता के मामले में किरण से उन्नीस नहीं थी.....। रिश्ते से बढ़कर हम दोनों के बीच मित्रभाव अधिक था....। मेरी शादी में उनने सजावट से लेकर पत्तल तक उठाने का काम किया था और उनकी शादी में मैंने......।

अंतिम संस्कार के बाद मैं और किरण उसी कमरे में बैठे थे, जिसमें मामी पहली बार विदा होकर आयी थी.....। मेरी शादी के बाद किरण पहली बार छोटे मामा की शादी में ही ननिहाल गयी थी....। दोनों का समान भाव से नयी बहू होने के नाते स्वागत किया गया था.....। दोनों बहुओं का साथ भी हमारी तरह का हो गया था....। मझले मामा दोनों बहुओं को प्यार से चुरकी और मुरकी कहने लगे थे.....। शादी के बाद छोटे मामा ने तीन पक्के कमरे बनवा लिये थे और किश्तों में ट्रैक्टर भी खरीद लिया था.....। ट्रैक्टर आने से आय बढ़ गयी थी और उन दोनों का वैवाहिक जीवन सुखमय हो चला था....। किन्तु क्या मालूम था कि यह सुख केवल चंद दिनों का है....। छोटी मामी की अभी उम्र ही क्या है....? कैसे वह पहाड़ सा जीवन बिता पायेंगी.....। आखिर नानाजी और मझले मामा कब तक उनकी जिम्मेदारी निभा पायेंगे.......। मामीजी ज्यादा पढ़ी-लिखी भी तो नहीं हैं.....। वैसे भी गांव मे लड़कियॉं अपवादस्वरूप ही पढ़ी-लिखी मिलेंगी.....। किरण के दिमाग में भी शायद यही सब चल रहा था....। माहौल गमगीन और बोझिल था....। हम पांच बजे वापिसी के लिये चल पड़े थे.....।

रास्ते भर मेरे और किरण के बीच मामीजी को लेकर ही बातें चलती रहीं और बार-बार मामीजी और बच्चों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगता था.....।

हम दोनों के पास इस यक्ष-प्रश्न को कोई जवाब नहीं था कि क्यों आखिर बड़ी और कुलीन कही जाने वाली जातियों में विधवा विवाह की प्रथा नहीं है़......?

---

संपर्क:

म.नं. 501, रोशन नगर,

रफी अहमद किदवई वार्ड नं.18,

साइंस कॉलेज डाकघर, कटनी म.प्र.

483501

---

(ऊपर का चित्र - डॉ. रेखा श्रीवास्तव की कलाकृति)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: यक्ष-प्रश्न // कहानी // धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी
यक्ष-प्रश्न // कहानी // धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी
https://lh3.googleusercontent.com/-A09QMB07XCI/Wvu-NSOx9yI/AAAAAAABBS4/dej5YijcXVMEopl_0OCTybuxZgyJ3FJyQCHMYCw/image_thumb%255B1%255D?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-A09QMB07XCI/Wvu-NSOx9yI/AAAAAAABBS4/dej5YijcXVMEopl_0OCTybuxZgyJ3FJyQCHMYCw/s72-c/image_thumb%255B1%255D?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_41.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_41.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content