सांप दुलहा // पश्चिमी अफ्रीका की लोककथाएँ // सुषमा गुप्ता

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देश विदेश की लोक कथाएँ — पश्चिमी अफ्रीका–1 : पश्चिमी अफ्रीका की लोक कथाएँ–1 बिनीन, बुरकीना फासो, केप वरडे, गाम्बिया, गिनी, गिनी बिसाऔ, आइवरी...

देश विदेश की लोक कथाएँ — पश्चिमी अफ्रीका–1 :

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पश्चिमी अफ्रीका की लोक कथाएँ–1

बिनीन, बुरकीना फासो, केप वरडे, गाम्बिया, गिनी, गिनी बिसाऔ, आइवरी कोस्ट, लाइबेरिया,

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संकलनकर्ता

सुषमा गुप्ता

Book Title: Pashchimi Africa Ki Lok Kathayen-1 (Folktales From West Africa-1)

Cover Page picture: Palm Fruit Tree

Published Under the Auspices of Akhil Bhartiya Sahityalok

E-Mail: sushmajee@yahoo.com

Website: www.sushmajee.com/folktales/index-folktales.htm

Read More such stories at: www.scribd.com/sushma_gupta_1

Copyrighted by Sushma Gupta 2018

No portion of this book may be reproduced or stored in a retrieval system or transmitted in any form, by any means, mechanical, electronic, photocopying, recording, or otherwise, without written permission from the author.

Map of West Africa

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West Africa – 16 Countries

(1) Benin, (2) Burkina Faso, (3) Cape Verde, (4) Gambia, (5) Guinea, (6) Guinea Bissau,

(7) Ivory Coast, (8) Liberia, (9) Ghana, (10) Mali, (11) Mauritania, (12) Niger, (13) Nigeria,

(14) Senegal, (15) Sierra Leone, (16) Togo.

Ghana and Nigeria’s folktales are given separately.

विंडसर, कैनेडा

फरवरी 2018

Contents

सीरीज़ की भूमिका......................................................................................................... 4

पश्चिमी अफ्रीका की लोक कथाएँ–1......................................................................................................... 5

1 साँप दुलहा............................................................................................................... 7

2 केंकड़े ने अपना खोल कैसे पाया................................................................................. 21

3 फ़ैरैयैल और जादूगरनी डैब्बे एँगल............................................................................... 32

4 सोने की लीद करने वाला घोड़ा................................................................................... 55

5 मौत का जन्म........................................................................................................ 68

6 सबसे ठीक नाम...................................................................................................... 75

7 फ़ोरीवा के मोती...................................................................................................... 82

8 लड़ाई का जन्म....................................................................................................... 88

9 नदी के राक्षस......................................................................................................... 96

10 सरदार जो बेवकूफ नहीं था..................................................................................... 104

11 शेर की मूँछ........................................................................................................ 112

12 काला साँप और अंडे.............................................................................................. 117

13 दस तक गिनने के दो तरीके................................................................................... 123

14 गाय की पूँछ....................................................................................................... 134

सीरीज़ की भूमिका

लोक कथाएँ किसी भी समाज की संस्कृति का एक अटूट हिस्सा होती हैं। ये संसार को उस समाज के बारे में बताती हैं जिसकी वे लोक कथाएँ हैं। आज से बहुत साल पहले, करीब 100 साल पहले, ये लोक कथाएँ केवल ज़बानी ही कही जातीं थीं और कह सुन कर ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी जाती थीं इसलिये किसी भी लोक कथा का मूल रूप क्या रहा होगा यह कहना मुश्किल है।

आज हम ऐसी ही कुछ अंग्रेजी और कुछ दूसरी भाषा बोलने वाले देशों की लोक कथाएँ अपने हिन्दी भाषा बोलने वाले समाज तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें से बहुत सारी लोक कथाएँ हमने अंग्रेजी की किताबों से, कुछ विश्वविद्यालयों में दी गयी थीसेज़ से, और कुछ पत्र्किाओं से ली हैं और कुछ लोगों से सुन कर भी लिखी हैं। अब तक 1200 से अधिक लोक कथाएँ हिन्दी में लिखी जा चुकी हैं। इनमें से 400 से भी अधिक लोक कथाएँ तो केवल अफ्रीका के देशों की ही हैं।

इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि ये सब लोक कथाएँ हर वह आदमी पढ़ सके जो थोड़ी सी भी हिन्दी पढ़ना जानता हो और उसे समझता हो। ये कथाएँ यहाँ तो सरल भाषा में लिखी गयी है पर इनको हिन्दी में लिखने में कई समस्याएँ आयी है जिनमें से दो समस्याएँ मुख्य हैं।

एक तो यह कि करीब करीब 95 प्रतिशत विदेशी नामों को हिन्दी में लिखना बहुत मुश्किल है, चाहे वे आदमियों के हों या फिर जगहों के। दूसरे उनका उच्चारण भी बहुत ही अलग तरीके का होता है। कोई कुछ बोलता है तो कोई कुछ। इसको साफ करने के लिये इस सीरीज़ की सब किताबों में फुटनोट्स में उनको अंग्रेजी में लिख दिया गया हैं ताकि कोई भी उनको अंग्रेजी के शब्दों की सहायता से कहीं भी खोज सके। इसके अलावा और भी बहुत सारे शब्द जो हमारे भारत के लोगों के लिये नये हैं उनको भी फुटनोट्स और चित्रें द्वारा समझाया गया है।

ये सब कथाएँ “देश विदेश की लोक कथाएँ” नाम की सीरीज के अन्तर्गत छापी जा रही हैं। ये लोक कथाएँ आप सबका मनोरंजन तो करेंगी ही साथ में दूसरे देशों की संस्कृति के बारे में भी जानकारी देंगी। आशा है कि हिन्दी साहित्य जगत में इनका भव्य स्वागत होगा।

सुषमा गुप्ता

मई 2018

पश्चिमी अफ्रीका की लोक कथाएं–1

संसार में सात महाद्वीप हैं – एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अन्टार्कटिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया – सबसे पहले सबसे बड़ा और सबसे बाद में सबसे छोटा। साइज़ में और जन संख्या में अफ्रीका एशिया से दूसरे नम्बर पर आता हैै। अफ्रीका की जनसंख्या 1 बिलियन से ज़्यादा है और उनमें से भी इसमें 50 प्रतिशत जनता 20 साल की उम्र से कम की है। इस तरह से यह दुनियाँ का सबसे ज़्यादा जवानों का महाद्वीप है।

इसमें 54 देश हैं। मिश्र, इथियोपिया, यूगान्डा, केन्या, तन्ज़ानिया, दक्षिण अफ्रीका, ज़िम्बाब्वे और नाइजीरिया यहाँ के जाने माने देशों में आते है। बहुत बड़ा होने की वजह से इसमें पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से ले कर दक्षिण तक बहुत भिन्नता है – खाने में, पीने में, पहनने में, रहने सहने में, लोगों की शक्लों में। पर एक बात सबमें एक सी है कि यहाँ के बहुत सारे देश फुटबाल खेलते हैं। यहाँ की जनसंख्या में ईसाई और मुसलमान करीब आधे आधे हैं।

इस महाद्वीप का अपना लिखा साहित्य और इसके बारे में लिखा साहित्य और दूसरे महाद्वीपों की तुलना में बहुत कम मिलता है इसी वजह से हमने इस महाद्वीप की लोक कथाएँ हिन्दी भाषा में प्रस्तुत करने का विचार किया है। अफ्रीका के 54 देशों में से केवल कुछ ही देशों की ही लोक कथाएँ ज़्यादा मिलती हैं – नाइजीरिया, घाना, तन्ज़ानिया, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया आदि। इसलिये इन देशों की लोक कथाए इन देशों के नाम से ही दी गयीं हैं। फिर भी इस महाद्वीप से हमने 400 से भी अधिक लोक कथाएँ इकठ्ठी की हैं। ये सभी लोक कथाएँ “देश विदेश की लोक कथाएँ” नाम की सीरीज़ में प्रकाशित की जारही हैं।

इस पुस्तक में पश्चिमी अफ्रीका के नाइजीरिया और घाना की लोक कथाएँ शामिल नहीं की गयीं हैं क्योंकि वहाँ की अपनी कथाएँ इतनी अधिक हैं कि उनको अलग से ही प्रकाशित किया गया है। दूसरे देशों की लोक कथाएँ तो और भी कम है। इसके अलावा नाइजीरिया और घाना देशों की लोक कथाएँऔर वहाँ के अनन्सी मकड़े, खरगोश और कछुए आदि जानवरों की लोक कथाएँ भी अलग से ही दी गयीं है।

यहाँ की बहुत सारी लोक कथाएँ ऐसी मिलती हैं जिनके देशों का नाम नहीं दिया गया है इसलिये वे सब लोक कथाएँ “अफ्रीका की लोक कथाएँ” के अन्तर्गत दी गयी हैं। दूसरी वे लोक कथाएँ हैं जिनके देशों के नाम तो पता हैं पर वे इतनी कम हैं कि उनको किसी एक देश के नाम के अन्तर्गत नहीं छापा जा सकता। वे सारी लोक कथाएँ पश्चिमी अफ्रीका, पूर्वी अफ्रीका और दक्षिणी अफ्रीका आदि के नाम से प्रकाशित की गयी हैं।

सब देशों की अपनी अपनी लोक कथाएँ है और अपनी अपनी दंत कथाएँ हैं। उदाहरण के लिये योरुबा दंत कथाओं के अनुसार दुनिया का पहला आदमी नाइजीरिया के एक शहर इले–इफे में पैदा हुआ था इसलिये दुनिया यहीं से शुरू होती है और यहाँ की सभ्यता दुनिया की हर सभ्यता से पुरानी है। उधर इथियोपिया में करीब साढ़े तीन मिलियन साल पुराना एक ढाँचा ऐसा मिला है जिससे ऐसा लगता कि दुनिया का सबसे पुराना आदमी यहीं था। मिश्र के पिरामिडों को कौन नहीं जानता।

पश्चिमी अफ्रीका में 16 देश आते हैं। इनकी लोक कथाओं का यह पहला संकलन प्रकाशित किया जा रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि ये लोक कथाएँ तुम सब लोगों को बहुत पसन्द आयेंगी और पश्चिमी अफ्रीका के बारे में कुछ जानकारी देंगी। सो प्रस्तुत है तुम सबके हाथों में यह पश्चिमी अफ्रीका की लोक कथाओं का यह पहला संकलन – “पश्चिमी अफ्रीका की लोक कथाएँ–1”। इसमें बहुत सारी कथाएँ एक पुस्तक[1] से ली गयी हैं।

संसार के सात महाद्वीप

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1 साँप दुलहा[2]

यह लोक कथा पश्चिमी अफ्रीका के बिनीन देश की लोक कथाओं से ली गयी है।

एक बार की बात है कि एक गाँव में अलाबी[3] नाम का एक आदमी अपनी पत्नी के साथ रहता था। वे बहुत अमीर थे। उनके पास कई एकड़ जमीन थी, बहुत सारे नौकर चाकर थे और उनके बहुत सारे दोस्त थे पर उनके कोई बच्चा नहीं था।

वे रोज भगवान से प्रार्थना करते कि उनके एक बच्चा हो जाये। आखिर एक दिन भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली और समय आने पर उनके एक सुन्दर सी बेटी हुई।

क्योंकि पति पत्नी बहुत अमीर थे इसलिये उन्होंने अपनी बेटी को बहुत लाड़ प्यार से पाला। उन्होंने उसको वह सब कुछ दिया जो वह चाहती थी। अगर वह कुछ गलती भी करती थी तो उन्होंने उसको उसके लिये कभी डाँटा नहीं।

इस तरह जैसे जैसे उनकी बेटी बड़ी होती गयी वह बिगड़ती चली गयी।

जब वह लड़की शादी के लायक हो गयी तो बहुत सारे आदमी अमीर और गरीब और राजकुमार और भिखारी उससे शादी करने के लिये आये पर उसने उन सबको मना कर दिया।

यह लड़की यह सोचती थी कि वह सबसे कुछ अलग करके जियेगी। उन दिनों उस देश की यह रीति थी कि लड़के का पिता लड़की के पिता से मिल कर शादी तय करता था सो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी कि यह लड़की किसी से भी सलाह लेना नहीं चाहती थी।

और यह लड़की शादी तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहती थी क्योंकि दूसरे लोग यह सोचते थे कि शादी करना अच्छा है।

उसने अपने पिता से कहा — “मैं उस आदमी से शादी कैसे कर लूँ जिसको मैंने देखा तक नहीं। इसके अलावा मेरे लिये कोई भी आदमी इतना सुन्दर और अमीर नहीं है जिससे मैं शादी करूँ। वे तो मेरे नौकर होने के लायक भी नहीं हैं। ”

आदमियों के लिये उसके ऐसे विचार उसके माता पिता को बहुत परेशान कर रहे थे। उन्होंने उसके विचार बदलने की कोशिश भी की पर उसने उनकी एक न सुनी क्योंकि उसने किसी की सलाह लेनी और माननी तो सीखी ही नहीं थी। वह तो बस अपने ही मन की करती थी।

सो कई साल बीत गये और उस लड़की ने शादी नहीं की। वह सुन्दर लड़की सारे गाँव में “वह लड़की जो शादी नहीं करना चाहती” के नाम से मशहूर हो गयी।

गाँव के आदमियों ने तो अब उससे शादी करने का विचार ही छोड़ दिया। सारे गाँव में अब उसकी सुन्दरता की बजाय उसके इसी बरताव के चर्चे होने लगे कि वह शादी नहीं करना चाहती।

किसी से भी उसकी सुन्दरता की बात करो तो वह यही कहता था — “अरे वह लड़की? हाँ, वह सुन्दर तो जरूर है पर वह तो वह मुर्गी है जिसको हम भगवान पर भी नहीं चढ़ा सकते। ”

धीरे धीरे गाँव में अब यह विश्वास हो गया कि यह लड़की वह नहीं है जिससे कोई शादी करना चाहेगा।

जल्दी ही उसकी यह खबर कि वह आदमियों के साथ ठीक से बरताव नहीं करती है दूर और पास सभी जगह फैल गयी। यहाँ तक कि भूतों और शैतानों और जंगली जानवरों[4] की दुनिया में भी फैल गयी।

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उस लड़की के बारे में यह सब सुन कर एक दिन एक अजगर अपने साथियों से बोला — “यह लड़की मुझे चाहिये। ”

उसके एक साथी ने कहा — “तुम तो बहुत ही बदसूरत हो। उसने तो बहुत सुन्दर सुन्दर लोगों को मना करके ठुकरा दिया है तुम उन लोगों के सामने क्या चीज़ हो। और तुम क्या सोचते हो कि वह तुमसे शादी कर लेगी? हा हा हा। ” और उसके साथी और भी ज़ोर से हँस दिये।

वह बोला — “देखो तो। ”

अगले दिन सुबह जब सूरज उगा तो वह अजगर उस लड़की से शादी करने के लिये चला। रास्ते में वह अपने एक मन्दिर में रुका और काफी जाप करने के बाद वह एक इतने सुन्दर नौजवान के रूप में बदल गया जितना सुन्दर नौजवान दुनियाँ में कभी किसी ने नहीं देखा था।

फिर उसने एक राजकुमार के जैसे कपड़े पहने और शाही तरीके से गाँव की तरफ चला। वह बहुत ही सुन्दर लग रहा था और अपनी सुन्दरता से किसी को भी अपनी तरफ खींच रहा था। उसका चेहरा सुबह के तारे की तरह चमक रहा था।

वह सोच रहा था कि अब समय आ गया है जब उस लड़की को शादी के बारे में एक दो सबक सिखाने चाहिये।

जब वह उस लड़की के घर पहुँचा तो उसका पिता अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहा था। उसने उस लड़की के पिता से कहा — “मैं शादी के लिये आपकी बेटी का हाथ माँगने आया हूँ,। ”

तभी उस लड़की ने भी उस अजनबी को देखा और उसकी तरफ दौड़ी। उसने उसको गले लगा लिया और बोली — “यही वह आदमी है पिता जी जिससे मुझे शादी करनी है। ”

अजनबी बोला — “मैं भी तुमसे शादी करना चाहता हूँ। मगर मुझे तुम्हारे पिता से कुछ रस्मी तौर तरीके पूरे करने हैं। फिर मैं अपने घर के कुछ लोगों को बुलाऊँगा और उसके बाद हम शादी कर लेंगे। ”

पर लड़की को चैन कहाँ? उसको तो इतना भी सब्र नहीं था कि वह यह इन्तजार करती कि उसके अपने लोग उस अजनबी के बारे में कुछ पता कर लें।

उसने अपना सामान बाँधा और अपने माता पिता को धमकी दी कि अगर उन्होंने उसकी शादी उस अजनबी के साथ नहीं की तो वह उसके साथ भाग जायेगी।

उसके पिता ने उससे उस अजनबी की बात सुनने के लिये कहा और उसको समझाया — “अजनबी अक्लमन्द है और हमारे तौर तरीकों को जानता है। उसके लोगों को आ जाने दो तब हम उससे तुम्हारी शादी की बात कर लेंगे। ”

पर लड़की बोली — “नहीं, मैं उसके आदमियों के आने का इन्तजार नहीं कर सकती। मुझे तो अभी जाना है। ”

उसके पिता ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, उसकी माँ ने भी उसे बहुत समझाने की कोशिश की और फिर उसके परिवार वालों ने भी उसको समझाने की कोशिश की पर उसने किसी की भी एक नहीं सुनी।

उसने उस अजनबी का हाथ पकड़ा, अपनी एक नौकरानी को अपने साथ लिया, अपना सामान साथ लिया और उस अजनबी के साथ चल दी। उसके पिता को यह जानने का मौका ही नहीं मिला कि वह अजनबी था कौन और आया कहाँ से था।

अजनबी ने भी उस लड़की को साथ लिया, उसका कुछ सामान लिया, उसकी नौकरानी को लिया, मुर्गियाँ लीं, एक बकरा लिया और अपने घर की तरफ चल दिया।

वे कई बाजार वाले दिन[5] तक चलते रहे। उन्होंने सात खेत पार किये, सात नदियाँ पार की पर फिर भी उस अजनबी का घर नहीं आया

लड़की ने अजनबी से पूछा — “आपके घर पहुँचने में अभी कितनी देर है?”

अजनबी ने जवाब दिया — “अब ज़्यादा दूर नहीं है बस हम अब घर पहुँचने ही वाले हैं। ”

वह लड़की फिर बोली — “आपका घर काफी दूर है। ”

अजनबी बोला — “हाँ, तुम यह कह सकती हो। पर वे सब मेरे रिश्तेदार हैं, हैं न? क्योंकि जैसा कि हमारे बड़े कहते हैं “किसी के लिये कोई गाँव दूर हो सकता है और किसी और के लिये वही गाँव पास हो सकता है। मेरे लिये वह गाँव दूर नहीं है। ”

पर वे उस अजनबी के गाँव फिर भी नहीं पहुँच सके जब तक कि उन्होंने ज़िन्दा और मरे हुए लोगों की दुनिया के बीच की हद पार नहीं कर ली। अब तक वह लड़की और उसकी नौकरानी दोनों थक कर चूर हो चुके थे।

खैर, जल्दी ही वे लोग एक बहुत ही घने जंगल में आ पहुँचे। लड़की को लगा कि वहाँ तक अभी तक कोई भी आदमी नहीं पहुँचा होगा। पर फिर भी वे दोनों उस अजनबी के पीछे पीछे चलती रहीं और वे सब उस जंगल के बीच में आ गये।

जैसे जैसे वे उस घने जंगल में आगे बढ़ रहे थे कि लड़की को रोना आ गया। अजनबी ने उसको धीरज बँधाया — “चुप हो जाओ, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और यह काफी है। ” पर लड़की का रोना जारी रहा क्योंकि अब उसको उस अजनबी से डर लगने लगा था।

जब वे जंगल के बीच में आ गये तो वहाँ उनको एक गुफा मिली। अजनबी आगे बढ़ा और उसने लड़की और उसकी नौकरानी को उनका बोझा वहीं पास में रख देने के लिये कहा।

दोनों ने अपना अपना बोझा रख दिया और वह अजनबी उस गुफा में घुस गया। वह लड़की और उसकी नौकरानी आश्चर्य से खड़ी देखती रहीं। अन्दर जा कर उस नौजवान ने अपने आपको एक अजगर में बदल लिया।

यह सब देख कर वह लड़की और उसकी नौकरानी दोनों ही बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ीं।

अजगर बोला — “मुझे कुछ खाना चाहिये मुझे भूख लगी है। ” और इससे पहले कि वह लड़की कुछ कर सके वह अजगर उस लड़की की नौकरानी को निगल गया और खा गया।

फिर उस अजगर ने अपनी पत्नी को पकड़ा और उसे उस गुफा के एक कमरे में बन्द कर दिया। उसने उस गुफा का ताला लगाया और उसकी चाभी को निगल गया।

अगले कई दिनों तक वह अजगर वे मुर्गियाँ और बकरा खाता रहा जो वह लड़की अपने साथ ले कर आयी थी। उतने दिन वह लड़की उस गुफा के कमरे में भूखी रही।

अजगर ने उसे जान बूझ कर भूखा रखा था ताकि वह थोड़ी कमज़ोर हो जाये और वह उसे आसानी से निगल सके।

इस बीच में लड़की का पिता बहुत डरा हुआ था। उसका डर और भी ज़्यादा हो गया था जब उसको अपनी लड़की के बारे में बहुत दिनों तक कोई खबर नहीं मिली।

सो वह एक पंडित[6] के पास गया और उससे अपनी लड़की और अपने दामाद के बारे में पूछा।

पंडित बोला — “तुम्हारी बेटी नदी के बीच में है और अभी भी रो रही है। लगता है कि जैसे साबुन से उसकी आँखें जल रहीं हैं। वह एक बड़े खतरे में है और केवल कुछ दिनों की मेहमान है। ”

यह सुन कर अलाबी बहुत दुखी हुआ। उसने अपने सब होशियार कलाकारों को बुलाया और उनमें से सबसे अच्छे पाँच कलाकारों को चुना।

पहला कलाकार था मास्टर देखने वाला जो दीवार के पार भी देख सकता था और जिसकी नजर किसी भी आदमी की नजर से ज़्यादा दूर तक देख सकती थी।

दूसरा आदमी था मास्टर रोग[7] जो एक खाते हुए शेर के मुँह में से भी खाना छीन सकता था। तीसरा आदमी था मास्टर शौट[8] जो एक उड़ते हुए तोते को बिना गोली के भी मार सकता था।

चौथा आदमी था मास्टर बढ़ई जो पलक झपकते बिना किसी सामान के नाव बना सकता था। और पाँचवा आदमी था मास्टर नाविक जो नाव को बिना किसी पतवार आदि के नाव खे सकता था।

उसने उन लोगों से कहा — “तुम लोगों का काम मेरी बेटी को ढूँढना है और उसको मेरे पास ज़िन्दा वापस लाना है। अगर तुम ऐसा करोगे तो मैं तुमको इतना इनाम दूँगा जितना कि तुम सपने में भी नहीं सोच सकते।

सो वे सब अपने इस काम पर चल दिये। मास्टर देखने वाला उनका गाइड था।

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जब वे नदी पर पहुँचे तो मास्टर बढ़ई ने एक नाव बनायी और मास्टर नाविक उसे खेने लगा। घने जंगल में पहुँचने से काफी पहले मास्टर देखने वाले ने एक अजगर नदी के किनारे धूप सेंकता हुआ देख लिया।

आगे देखने पर उसको एक लड़की एक गुफा के कोने में बैठी हुई दिखायी दे गयी जहाँ वह ताले में बन्द थी और उसकी चाभी उस अजगर के पेट में थी।

अब मास्टर रोग का काम था। जब अजगर ने करवट बदली तो वह मास्टर रोग के असर से जम सा गया जैसे किसी ने उसके ऊपर कोई जादू डाल दिया हो।

मास्टर रोग ने अजगर का मुँह खोला और उसके पेट में से उस गुफा के कमरे की चाभी निकाल ली, गुफा के उस कमरे को खोला, लड़की को बाहर निकाला और वह चाभी फिर से अजगर के पेट में डाल दी। यह सब उसने अजगर के हिलने से पहले ही कर दिया।

लोगों ने उस लड़की को नाव में बिठाया और मास्टर नाविक नाव खे कर उसे आदमियों की दुनिया की तरफ ले कर चल दिया।

जब अजगर अपनी नींद से जागा तो वह लड़की को खाने के लिये गुफा की तरफ चल दिया। वहाँ जा कर उसने उस लड़की को ढूँढा तो वह लड़की तो उसको कहीं दिखायी नहीं दी।

लड़की को वहाँ न देख कर वह बहुत गुस्सा हो गया और गुस्से में भर कर उसने गुफा का बहुत बड़ा हिस्सा तोड़ फोड़ दिया।

जब वह गुफा के बाहर आया तो उसने आदमियों के पैरों के निशान और उनके कुछ और दूसरे निशान देखे। उसने नदी की लहरों पर भी कुछ देखा जिससे उसको पता चल गया कि कोई उसकी सबसे ज़्यादा कीमती चीज़ ले गया है।

उसने नदी की लहरों पर उसका पीछा ऐसे किया जैसे कि कोई जादू किया हुआ[9] आदमी करता है। बहुत जल्दी ही उसने उन पाँचों लोगों को पकड़ लिया और उन पर कूद पड़ा।

पर मास्टर देखने वाले ने उसको पहले से ही आते हुए देख लिया था और मास्टर शौट को उसके बारे में बता दिया था। मास्टर शौट ने उसको मारने की कोशिश की पर जब तक मास्टर शौट ने उसको मारा तब तक अजगर ने नाव को सैंकड़ों टुकड़ों में तोड़ दिया।

उसका यह नाव को तोड़ना उन आदमियों के लिये बहुत ही घातक था और जब तक कि मास्टर बढ़ई ने दूसरी नाव नहीं बना ली तब तक सारे लोग पानी में तैरते रहे। उसके बाद मास्टर नाविक उस नयी नाव को खे कर आदमियों की दुनिया में ले आया।

जब वे लोग लड़की को ले कर वापस आ गये तो अलाबी ने उन सबको बहुत इनाम दिया। अब उनमें से हर एक अपने लिये सबसे ज़्यादा इनाम रखना चाहता था।

मास्टर देखने वाला बोला — “अगर मैं न होता तो सबसे पहले तो हमें वह लड़की ही दिखायी नहीं देती। ”

मास्टर बढ़ई बोला — “पर वह मैं था जिसने वह नाव बनायी और जिसमें बैठ कर हम वहाँ तक गये। और जब हम करीब करीब डूबने वाले थे तब फिर मैंने ही दूसरी नाव बनायी जो हमको बचा कर यहाँ ले कर आयी। ”

मास्टर शौट बोला — “और मैं? अगर मैंने उस अजगर को न मारा होता तो वह हम सबको खा जाता। मुझे इस इनाम में से सबसे बड़ा हिस्सा मिलना चाहिये। ”

मास्टर रोग बोला — “यह मत भूलो कि मैंने अपनी ज़िन्दगी दाँव पर लगा कर उस अजगर के पेट से चाभी निकाली और उस लड़की को उस गुफा से बाहर निकाल कर लाया। अगर मैं यह सब नहीं करता तो आज हम यहाँ बैठ कर इस इनाम पर नहीं लड़ रहे होते। ”

आखीर में मास्टर नाविक बोला — “अब अपने बारे में मैं क्या कहूँ। मैं तो एक मामूली सा नाविक हूँ। मुझे कोई इनाम नहीं चाहिये सो मैं अपने हिस्से का इनाम तुम लोगों को देता हूँ। तुम लोग इस इनाम के ज़्यादा हकदार हो। ”

ऐसा कह कर वह जाने को तैयार हुआ तो बाकी लोगों को लगा कि वे तो बहुत ही मतलबीपन से बात कर रहे थे। उन्होंने सोचा कि सभी लोगों ने इस काम में अपना अपना काम किया है इसलिये सबका बराबर का हिस्सा है, न कोई कम और न कोई ज़्यादा।

तो मास्टर रोग बोला — “ओ साथी, वापस आओ। हम लोग एक पहेली के बहुत सारे टुकड़े हैं जिनको साथ रखने पर ही वह पहेली यानी कि खोयी हुई लड़की की पहेली सुलझी है।

हममें से न तो कोई ज़्यादा है और न कोई कम। आओ हम अपना इनाम बराबर बराबर बाँट लेते हैं क्योंकि बन्दूक के जब तक सारे हिस्से काम न करें उससे गोली नहीं छूटती। ”

हालाँकि उस लड़की ने “जो कभी शादी नहीं करना चाहती थी” अपना सबक सीख लिया था और अपना तरीका भी बदल लिया था पर फिर भी गाँव वाले उसके बारे में अपना विचार नहीं बदल पाये थे।

दूसरे यह कि वह लड़की अब इतनी बड़ी हो गयी थी कि उसकी सुन्दरता भी अब ऐसे मुरझा गयी थी जैसे किसी गरमी के फूल को पाला मार जाये।

सो जैसा उसका नाम था वह फिर अपनी सारी ज़िन्दगी वैसी की वैसी ही रही यानी फिर उसकी शादी नहीं हुई।

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[1] Adapted from the Book “The Orphan Girl and the Other Stories”, by Offodile Buchi. 2011

[2] The Serpent Groom – a folktale from Fon, Benin, West Africa. Adapted from the Book :

“The Orphan Girl and the Other Stories. By Offodile Buchi. 2001.

[3] Alabi – a Nigerian name of a man

[4] Lands of ghosts, monsters and wild animals

[5] Market days – in villages markets are organized daily, bi-weekly or weekly, thus this may mean that they had walked for several days – maybe at least for 7 days.

[6] Translated for the word “Diviner” – they are like our Indian Pandit who tell the future by divine means

[7] Master Rogue

[8] Master Shot

[9] Translated for the word “Possessed”


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सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं के संकलन में से सैकड़ों लोककथाओं के पठन-पाठन का आनंद आप यहाँ रचनाकार के  लोककथा खंड में जाकर उठा सकते हैं.

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फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi 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रचनाकार: सांप दुलहा // पश्चिमी अफ्रीका की लोककथाएँ // सुषमा गुप्ता
सांप दुलहा // पश्चिमी अफ्रीका की लोककथाएँ // सुषमा गुप्ता
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