अध्ययन सामग्री - कहानी – गदल – रांगेय राघव // डॉ. जयश्री सिंह

SHARE:

डॉ. जयश्री सिंह सहायक प्राध्यापक एवं शोधनिर्देशक, हिन्दी विभाग, जोशी - बेडेकर महाविद्यालय ठाणे - 400601 महाराष्ट्र कहानी – ४ गदल – रांगेय...

डॉ. जयश्री सिंह

सहायक प्राध्यापक एवं शोधनिर्देशक, हिन्दी विभाग,

जोशी - बेडेकर महाविद्यालय ठाणे - 400601

महाराष्ट्र

कहानी – ४ गदल – रांगेय राघव

लेखक परिचय :- डॉ रांगेय राघव आधुनिक हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न साहित्यकार हैं I उन्होंने विविध विधाओं के माध्यम से हिन्दी में सृजनकार्य किया है I डॉ रांगेय राघव का वंश दक्षिण भारतीय अहिन्दी भाषी है I फिर भी हिन्दी के प्रति उनकी विशेष लगाव है I उनका सर्जन मात्रात्मक एवं गुणात्मक दृष्टि से अपना महत्व रखता है I हिंदी साहित्य में उनका असाधारण योगदान है - कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, रिपोताज के अतिरिक्त आलोचना सभ्यता और संस्कृति पर शोध व व्याख्या के क्षेत्रों को उन्होंने १५० से भी अधिक पुस्तकों से समृद्ध किया है। अपनी अद्भुत प्रतिभा, असाधारण ज्ञान और लेखन क्षमता के राघव जी सर्वमान्य अद्वितीय लेखक हैं। डॉ. रांगेय राघव जी ‘हिन्दुस्तानी अकादमी पुरस्कार, डालमिया परसकर, उत्तर प्रदेश सरकार पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा महात्मा गाँधी पुरस्कार से सम्मानित हैं।

ड़ॉ रांगेय राघव की कहानियों में उत्तरप्रदेश तथा राजस्थान और दक्षिण भारत के तमिलनाडु के समाज का अंकन है I डॉ रांगेय राघव ने समाज में स्थित धर्म तथा धर्म से सम्बंधित गतिविधियों को अपनी कहानियों में चित्रित किया है I भारतीय समाज रूढ़ि परम्परावादी समाज हैI रुढ़ी परम्पराएं ग्रामीण जीवन की अभिन्न अंग होती हैंI ग्रामवासी पूरी निष्ठा से उसका पालन करते है I ग्रामीण अंचलों में इनका विशेष महत्व हैI रांगेय राघव जी ने अपनी रचनाओं में ग्रामजीवन के साथ उनकी रूढ़ि परंपरा को भी दर्शाया हैI गदल कहानी में रूढ़ि परंपरा के रूप में मृत्यु भोज कारज का करुण चित्रण रांगेय राघव जी ने किया है।

कहानी की कथावस्तुः- गदल कहानी में ग्राम जीवन का चित्रण है I गदल अपने पति गुन्ना की मृत्यु के बाद खारी गुजर जाति की होते हुए भी अपने से कम उम्र के लौहारे गुजर मौनी से व्याह करके उस के घर जा बैठती है I इससे खारी गुजर जाति मे कोलाहल मच जाता हैI बेटों – बहुओं वाली गदल के इस कार्य से उसके परिवार वालों की बड़ी बदनामी होती है।
जिस दिन गदल मौनी के घर जा बैठी उसी दिन संध्या समय उसके बेटे निहाल और नारायण मिलकर उसे जबरदस्ती पकड़कर घर ले आते हैंI उस समय डोडी निहाल और परिवार के बहुओं के बीच कहा सुनी होती है I अगली सुबह गदल पुनः अपने नये पति मौनी के घर चली जाती हैI
'गदल' गूजरों में यह रूढ़ि परम्परा रही है की यदि बड़े भाई की मृत्यु होती है तो उसकी पत्नी के साथ उसका पुनः विवाह रचाया जा सकता है I देवर - भाभी के बीच इस प्रकार की स्थिति में किया गया ब्याह समाज सम्मत है I गदल के पति गुन्ना की मृत्यु के बाद उसका देवर डोडी उससे पुनर्विवाह कर अपने घर में रख सकता था I किन्तु लोकलाज के कारण डोडी ने गदल को पत्नी के रूप में स्वीकारा नहीं किया I डोडी की पत्नी बहुत पहले ही गुजर चुकि थी उसके बच्चे भी नहीं रहे। भाई गुन्ना की मृत्यु के बाद डोडी ने ही उसके तीनों बेटों व बेटियों को पाला था। बेटे - बेटियों की शादियाँ हो चुकि थीं उनके बच्चे हो चुके थे इतने बड़े परिवार को छोड़ कर गदल लौहारे मौनी से ब्याह करके उसके घर जा बैठी थीI

दरअसल गदल स्वाभिमानी स्त्री थी I वह पति के रूप में डोडी के लिए चूल्हे – चौके का काम करने के लिए तैयार थी लेकिन जीवन भर अपने अनुसार चलने वाली गदल को इस उम्र में बहुओं की टहल बजाना उनके हिसाब से चलना स्वीकार न था I गदल चाहती थी कि डोडी उससे ब्याह कर ले I डोडी उसका देवर है I वह बेहद सज्जन पुरुष है भाई के परिवार को उसने अपना ही परिवार माना I वह जो कुछ कमाता अपनी भाभी गदल को ही ला कर देता किन्तु भाई गुन्ना की मृत्यु के पश्चात् अपनी भाभी गदल को पत्नी के रूप में स्वीकार करना डोडी को उचित न लगा I गदल जानती थी कि डोडी उसे मन ही मन चाहता है उसके परिवार को अपना मानता है लेकिन फिर भी भाभी से शादी नहीं कर पत्नी के र्रोप में स्वीकार करने कि हिम्मत न थी I गदल इसी कारण उससे नाराज थी उससे ब्याह न करने पर उससे बदला लेना चाहती थी इसलिए उसने डोडी को छोड़ कर अपने से कम उम्र के गुजर नामक आदमी से ब्याह करके उसके घर चली गयी थी I उसी के कहने पर निहाल और नारायण गदल को जबरजस्ती घर ले आते हैं उस रात गदल और डोडी के बीच कहा सुनी होती है अगली सुबह गदल अपने नए पति के घर लौट जाती है I गदल का यूँ चले जाना और उसके कारण जतिबंधुओं के बीच उसके व उसके परिवार का अपमानित होना डोडी बर्दाश नहीं कर पाता वह किसी से कुछ कह भी नहीं पाता I उसका शरीर बुखार से तपने लगता है उसी रात डोडी की मृत्यु हो जाती है I डोडी के मृत्यु की खबर पा कर गदल अपने पति से विरोध कर अपने घर लौट आती है I

गदल अपने देवर डोडी का मृत्युभोज बड़े पैमाने पर करना चाहती है I राज्य और कानून का विधान था कि किसी भी विशिष्ट समारोह में केवल पच्चीस आदमियों को भोजन के लिये बुलाया जाये I किन्तु गदल अपने पति गुन्ना के मृत्यु भोज में अधिक लोगों को बुला ना सकी इस बात का उसे खेद है I अतः वह अपने देवर डोडी का मृत्युभोज बड़े पैमाने पर करना चाहती है I इस कार्य के लिए गदल ने दरोगा को रिश्वत भी दी I गिर्राज ने गदल की सारी बाते मौनी को जाकर बता दी कि डोडी के म्रत्युभोज में गदल बड़ा इंतजाम कर रही है I लोग कहते है उसे अपने मरद का इतना गम नहीं हुआ था जितना अब लगता है I इस खबर से मौनी का मन प्रतिशोध से भर गया और उसने कारज में व्यवधान डालने के लिए बड़े दरोगा के पास शिकायत की I फलस्वरूप जब कारज चलरहा था तभी रिश्वत खाये दरोगा के सिपाही पहुँच कर दावत बंद करने का आदेश देते है I इतना ही नहीं तो वे बताते हैं कि बड़े दरोगा आ गये हैI किन्तु गदल आये हुये अतिथियों को सौगन्ध खिलाकर भोजन करने का आग्रह करती है I अन्ततः गोलियाँ चलती है गदल बेटे – बहुओं व गाँव वालों को पीछे के रास्ते से निकल कर अकेले ही बंदूक सम्हाल लेती है दोनों ओर से गोली बरी होती है अन्तत गदल के पेट में गोली लग जाती है I पुलिस उसके घर की तलाशी लेती है घर में गदल के अलावा पुलिस को कोई नहीं मिलता I उसे अकेली पा कर पुलिस पूछती है कि तू कौन है गदल जवाब में कहती है कि “जो मेरे बिन एक दिन भी न रह सका उसी की... I” उसी समय गदल की गदल की भी मृत्यु हो जाती है I मरते समय गदल को इस बात का संतोष था कि डोडी के मरणोपरान्त का काज उसकी इच्छानुसार सकुशल सम्पन्न हुआ I इस घटना के साथ कहानी समाप्त हो जाती है I

निष्कर्ष :- रांगेय राघव की यह कहानी गदल एक ऐसे स्त्री की कहानी है जो अपनी संस्कारगत सीमाओं में रहकर अपना विद्रोह प्रकट करती हैI
गदल कहानी में गदल का डोडी के प्रति अदृश्य और काफी कुछ मूक लगाव है I गदल और गुन्ना के सगाई के समय से ही गदल डोडी की ओर आकर्षित हुयी थी I गूजर समुदाय की यह गदल अपने पति की मृत्यु होने पर अपना भरा पूरा परिवार छोड़कर दूसरे परिवार में शादी का निर्णय लेती है क्यूंकि पति की अनुपस्थिति में वह बहुओं के सामने अपना कद छोटा होते नहीं देखना चाहती I पर अपने आत्मसम्मान की रक्षा के साथ अपने देवर से ब्याह न करने पर उससे बदला लेना चाहती है। इसलिए मौनी से शादी कर लेती है। देवर पर गदल की मनोवैज्ञानिक चोट उसके लिए प्राणघातक सिद्ध होती है। इसके बाद गदल का उठाया गया कदम कहानी और गदल के चरित्र को एक दूसरे ही स्तर तक उठा ले जाता है।
गदल की चारित्रिक संरचना बेहद पारदर्शी है। जो भीतर है वही एक ईमानदार अभिव्यक्ति के साथ बाहर भी है। दुराव-छिपाव और छल से गदल कोसों दूर है। गदल में डोडी के प्रति विशेष प्रेमभाव है। डोडी भी गदल से प्रेम करता है। 30 वर्षों तक एक ही घर में वे रहते हैं। फिर भी वह दोनों अपने दायित्व और नैतिक मर्यादाओं से बंधे हुए रहते हैं। परंतु गुन्ना की मृत्यु के बाद गदल के मन का सुप्त प्रेमभाव उभरकर आ जाता है। उम्र, मर्यादा और दायित्व व समग्र परिस्थितियां उसकी इच्छा को दबा नहीं पाते।
एक ही स्थिति को लेकर दोनों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग हैं। डोडी सज्जन और कमजोर है, लोग क्या कहेंगे उसे इस बात की चिंता है। परंतु गदल डोडी के इन विचारों प्रति विद्रोह कर लुहारे मौनी के घर पर जाकर बैठती है। परिणामस्वरुप डोडी की मृत्यु होती है। गदल निडर औरत है। वह वही करती है जो उसे ठीक लगता है इसलिए वो अपने नये पति को छोड़ कर अपने घर चली आती है औरत होते हुए भी अपने बल पर देवर का कार्य सम्पन्न करवाती है इसी कोशिश में सशस्त्र पुलिस बल से मोर्चा लेते हुए मर जाती है, किंतु मरते समय भी उसे इस बात का आत्मसंतोष रहता है कि उसने परंपरानुसार अपने देवर का मरणोपरांत कार्य सम्पन्न किया। कहानी के प्रारंभ में वह जितनी मुखर, ढीठ और निडर है कहानी के अंतिम में उसका बलिदान पाठकों के मन पर यमिट छाप छोड़ जाता है।

सन्दर्भ सहित व्याख्या : -

“देवर तो मेरा अगले जन्म में भी रहेगा। उसी ने मुझसे रुखाई दिखायी नहीं तो क्या ये पाँव कटे बिना उस देहली से बाहर निकल सकते थे? उसने मुझसे मन फेरा, मैंने उससे. ऐसा बदला लिया उससे।“

संदर्भ :- प्रस्तुत अवतरण प्रथम वर्ष हिंदी कला के पाठ्यपुस्तक ‘श्रेष्ठ हिंदी कहानियां’ में निर्धारित कहानी ‘गदल’ से लिया गया है। इसके लेखक ‘रांगेय राघव’ जी हैं। इस कहानी में उन्होंने एक महत्वाकांक्षी और निडर महिला का वर्णन किया है, जो अपने बल पर अपना लक्ष्य सिद्ध करती है।

प्रसंग :- प्रस्तुत कहानी में लेखक यह बताना चाहते हैं कि एक कठोर हृदय वाली महिला अपने चरित्र पर कोई भी दाग नहीं लगने देती। उसे किसी का भय नहीं होता, न समाज का और ना ही घर के किसी भी रिश्तेदारों का। महिला के पति न होने पर उसे अपने घर में अपने देवर से बहुत सारी उम्मीदें रहती है, परंतु वह सब उसे नहीं मिल पाता। लेखक ने इस कहानी में एक स्त्री के मन की व्यथा को दर्शाया है।

व्याख्या :- लेखक के कहानी के माध्यम से गदल और डोडी के व्यक्तिगत जीवन पर प्रकाश डाला है। लेखक बताते हैं कि, घर में गदल के पति के गुजर जाने पर गदल पर सारे गृहस्थी का भार आ जाता है। उसका देवर डोडी जो कि उसके पति का सगा भाई था, वो घर को संभालने की जिम्मा उठाता है। गदल उससे शादी के प्रस्ताव की बात करती है, तो डोडी उसे अस्वीकार करता है। गदल उससे बदला लेने के लिए अपने ही गांव के विधुर युवक मौनी से शादी कर लेती है। डोडी उसका दूर जाना सह नहीं पाता और उसकी मृत्यु हो जाती है। यह खबर गदल को पता चलती है, तो वह उसे देखने के लिए जाना चाहती है, परंतु उसका पति मौनी उसे मना कर देता है। तब गदल झनझनाती हुई कहती है, कि देवर तो मेरा वो अगले जन्म में भी रहेगा। उसी ने गदल से रुखाई दिखाई, तभी वह डोडी से बदला लेने के लिए उसने मौनी से शादी की।

डोडी के शादी न करने का फैसला सुनकर गदल उससे मुंह फेर लेती है। गदल उससे मन फेरने का बदला लेना चाहती है। बदले की भावना को लेकर ही वह उसकी देहलीज से बाहर आने का फैसला करती है। उसे समाज की बातें और घरवालों के सोचने का कोई प्रभाव ना पड़ता।

विशेष :- गदल कहानी के माध्यम से ग्रामीण महिला के रूप में एक निडर, साहसी व महत्वाकांक्षी महिला के चरित्र को उभारने का प्रयास किया गया है, उसके सच्चे प्यार व बलिदान का भी वर्णन किया है।

बोधप्रश्न :-

१) कहानी के माध्यम से गदल का चरित्र – चित्रण कीजिये।

२) गदल ने डोडी से किस बात का बदला लिया – विस्तार से लिखिए।

एक वाक्य में उत्तर लिखिए :-

१) ‘गदल’ कहानी में गदल किसका नाम है?

उत्तर :- कहानी में गदल मुख्य स्त्री पात्र का नाम है।

२) डोडी कौन था?

उत्तर :- डोडी गदल का देवर था।

३) डोडी किसका जाना सह न सका?

उत्तर :- डोडी गदल का जाना न सह सका।

४) गदल के नये पति का नाम लिखिए।

उत्तर :- गदल का नया पति मौनी है।

५) गदल किससे शादी करना चाहती थी?

उत्तर :- गदल डोडी से शादी करना चाहती थी।

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: अध्ययन सामग्री - कहानी – गदल – रांगेय राघव // डॉ. जयश्री सिंह
अध्ययन सामग्री - कहानी – गदल – रांगेय राघव // डॉ. जयश्री सिंह
https://lh3.googleusercontent.com/-m-_hPEUs49o/W166EG6voHI/AAAAAAABDwQ/iFDgNwd_P8AER8CLhcSD_wEiO89F1gdxwCHMYCw/image_thumb?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-m-_hPEUs49o/W166EG6voHI/AAAAAAABDwQ/iFDgNwd_P8AER8CLhcSD_wEiO89F1gdxwCHMYCw/s72-c/image_thumb?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/08/blog-post_73.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/08/blog-post_73.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content