tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post1502314535665441500..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: माह की कविताएँरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-67001962149802485792019-08-28T19:46:50.148+05:302019-08-28T19:46:50.148+05:30"अभियान नवगीत "
------------------------..."अभियान नवगीत "<br />------------------------<br />बांधे सर पे मस्त पगड़िया <br />राह कठिन हो,चलना साथी <br /> दुराचार ख़तम करने अब <br /> उतार चलो काँधे की गाँती <br /> आन ,बान और शान हमारे <br /> अच्छे- सच्चे हैं वनवासी <br /> दिलों - दिलों को दर्द बताने <br />महफिल - महफिल खड़ी उदासी <br /> आँखें भर - भर उठती हैं <br /> मां जब अपनी कहर सुनाती<br />बांधे सर पे ................ <br /> जोते - बोये ,कोड़े -सींचे <br /> धरती में अपना खून -पसीना <br /> फसलें हरी भरी लहरायें <br /> हर्षित हुआ कृषक का सीना <br />सभी घरों में पेट को भरते <br />बेटे ,पोते, नतिनी -नाती <br />बांधे सर पे..................<br /> घर- आँगन का नन्हा बच्चा <br /> नाचे ,झूमे और इठलाये <br /> वहीं ,किसान का बेटा ,सीमा पर <br /> हंसते - हंसते गोली खाये <br />संबंधों की स्मृतियों संग <br />आँखें खुली -खुली रह जातीं<br />बांधे सर पे मस्त पगड़िया <br />कठिन राह पे चलना साथी | <br />- सुखमंगल सिंह,वाराणसी <br /><br />sukhmangalhttps://www.blogger.com/profile/03076745453862353480noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-81648991505909224162019-08-14T06:12:36.825+05:302019-08-14T06:12:36.825+05:30बहुत सुंदर, बधाई बहुत सुंदर, बधाई sukhmangalhttps://www.blogger.com/profile/03076745453862353480noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-42080000124400661922017-09-16T14:26:34.911+05:302017-09-16T14:26:34.911+05:30सुन्दर कविताएँ सुन्दर कविताएँ Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-20347670510185247352017-09-15T23:59:40.845+05:302017-09-15T23:59:40.845+05:30bahut-bahut dhanyawad....bahut-bahut dhanyawad....Ashish shrivastavanoreply@blogger.com