tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post1762394875985426057..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: कान्ति प्रकाश त्यागी की हास्य-व्यंग्य कवितारवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-54121485462380954832008-06-19T09:18:00.000+05:302008-06-19T09:18:00.000+05:30भारत, प्राचीन से मध्यकालीनमध्यकालीन से अर्वाचीन हो...भारत, प्राचीन से मध्यकालीन<BR/><BR/>मध्यकालीन से अर्वाचीन हो गया<BR/><BR/>मुग़लों और अंग्रेजों से मुक्त हो गया<BR/><BR/>समीकरण सरल से जटिल हो गए<BR/><BR/>शिक्षा पाने के ढंग आधुनिक हो गए<BR/><BR/>हम शिशु से पूर्ण व्यस्क हो गए<BR/><BR/>स्नातक हो कर , शादी योग्य हो गए<BR/><BR/>बहुत ही सुंदर रचना। साधुवाद।Prabhakar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04704603020838854639noreply@blogger.com