tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post3198238320746586834..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: राजेश कुमार मिश्र का आलेख - भाषा शिक्षण : चुनौतियाँ एवं संभावनाएँरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-3616890447947891222010-11-15T21:42:16.099+05:302010-11-15T21:42:16.099+05:30हिंदी भाषा की देवनागरी दनिया की सर्वोत्तम लिपियों ...हिंदी भाषा की देवनागरी दनिया की सर्वोत्तम लिपियों मेसे एक है ये दुनिया की हर आवाज स्वर व व्यंजन को अपने अक्षरों में अन्य लिपियों की अपेक्षा अधिक शुद्दता व वैज्ञानिक ढग से लिपिबद्द कर सकती है| लेकीन भारतवर्ष के सरकारी तन्त्र द्वारा हिंदी के स्थान पर इंग्लिस को अधिक महत्त्व दिए जाते रहने से हिंदी भारतवर्ष में अपेक्षित प्रगति नहीं कर पा रही है आज भारत सरकार एवं उसके अनुदान तथा सहयोग से संचालित विश्वविद्यालयो विशेषतः विज्ञान व गणित सहित अन्य अन्तराष्ट्रीय विषयो का अध्ययन व अध्यापन केवल अंग्रेजी माध्यम से ही करवाया जाने से हिंदी भाषी विधार्थी विज्ञान व गणित सहित अन्य अन्तराष्ट्रीय विषयो में पिछड़े हुए है जिससे हिंदी भाषा व हिंदी भाषी पिच्छडे हुए है चाहे वह अंग्रेजी भाषी लोगो से कितने ही अधिक मेघावी क्यों न हो |Dwarka Chaharnoreply@blogger.com