tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post5562334873830281548..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: प्रमोद भार्गव का आलेख : भविष्य पर ग्रहण विदेशी शिक्षारवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-25660864449649160312011-02-08T22:24:07.861+05:302011-02-08T22:24:07.861+05:30प्रमोद भार्गव जी!
बिलकुल सही फरमाया है। "दुन...प्रमोद भार्गव जी! <br />बिलकुल सही फरमाया है। "दुनिया में मानवाधिकारों की वकालत करने वाले अमेरिका जैसे देश के शासन- प्रशासन को इस अमानवीय घटना प्रदर्शन के बाद तो ऐसा लगता है कि उसे खुद अभी मानवीय आचरण का पाठ पढ़ने की जरुरत है जिससे ऐसे क्रूर दुराचरण की पुनरावृत्ति न हो।"<br />=====================<br />जानदार और शानदार विवेचना हेतु आभार।<br />=====================<br />कृपया पर्यावरण संबंधी इस दोहे का रसास्वादन कीजिए।<br />==============================<br />शहरीपन ज्यों-ज्यों बढ़ा, हुआ वनों का अंत।<br />गमलों में बैठा मिला, सिकुड़ा हुआ बसंत॥<br />सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.com