tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post5732365649248371349..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: प्रमोद यादव का हास्य व्यंग्य -- आधी हकीकत आधा फसानारवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-83272516937752100502014-07-07T10:05:48.862+05:302014-07-07T10:05:48.862+05:302 :- इधर रचनाकार पर मेरी रचनाओं की लगातार अनदेखी ह...2 :- इधर रचनाकार पर मेरी रचनाओं की लगातार अनदेखी हो रही है रेगुलर ली<br />मै अच्छी से अच्छी रचनाएँ भेजता हूँ<br />पर अनजान और अघोषित कारणों से<br />उन्हें रचनाकार पर स्थान नहीं मिलता<br />उन्ही रचनओंको जब काफी प्रतीक्षा के<br />बाद किसी दुसरे प्रकाशन में भेजता हूँ<br />तो पूरे सम्मान और प्रसंशा के साथ<br />छपती है इस उपेक्षा का कारन जानने<br />हेतु मेनू रा वि शंकर श्रीवास्तव जी को<br />दो तीन मेल भी लिखे पर उत्तर की<br />आज भी प्रतीक्षा है<br />अतः अब मेरी रूचि रचनाकार में आप लोगो<br />तथा आप की रचनाओं तक सीमित रह गयी<br />है बाकि सब लेखक जिन्हें मैंपढताथा जैसे<br />जसबीर चावला विनीता शुक्ला राम बृक्ष सिंह आदि गायब ही हो गए<br />अखिलेश चन्द्र श्रीवास्तवnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-73509091957415446582014-07-07T09:48:20.113+05:302014-07-07T09:48:20.113+05:30सुशील भाई आपकी और प्रमोद जी की
प्रसंशा केवल इसलिय...सुशील भाई आपकी और प्रमोद जी की <br />प्रसंशा केवल इसलिये की आप दोनों का लेखन विशेषतया सामयिक विषयों पर<br />व्यंग मुझे बहुत भाता और प्रभावित करता<br />है प्रसन्नता की बात है की दिन बी दिन<br />आप दोनों के व्यंग सटीक और चुटीले<br />होते जा रहे है एक अच्छी बात है<br /><br />अब रही मेरी बात तो दिल की आवाज पर<br />लिखता हूँ पूरी ईमानदारी के साथ किसी<br />को खुश या नाखुश करना उद्देश्य नहीं होता<br />हाँ रचना के साथ न्याय करता हूँ<br /><br />मेरा यकीन मानिये रचनाकार का रोज़ <br />इंतज़ार करता हूँ आप लोगों की रचना<br />सबसे पहले पढता हूँ फ़िर अन्य कुछ<br />व्यंगकारो की उसके बाद पढने लायक<br />कुछ बचता नहीं<br /><br />अखिलेश चन्द्र श्रीवास्तवnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-20359762590650158002014-07-05T12:04:03.952+05:302014-07-05T12:04:03.952+05:30आपने अच्छे रचनाकारों की गिनती में मुझे व् प्रमोद य...आपने अच्छे रचनाकारों की गिनती में मुझे व् प्रमोद यादव को शामिल किया ,ये कल्पनातीत है |.आपके इस एहसास को हम आने वाले समय में भी बनाए रख सकेंगे तथा अच्छी रचनाये देते रहने का प्रयास करते रहेंगे ,यह आपको अवगत करने में प्रसन्नता हो रही है |<br />आपकी रूचि रचनाकार के लेखकों के प्रति इसी सद्भाव के साथ कायम रहे ,धन्यवाद |<br /><br />आपका <br />सुशील यादव <br />५.७.१४ sushil yadavhttps://www.blogger.com/profile/09798532104984789834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-6043314068515557582014-07-04T16:54:20.618+05:302014-07-04T16:54:20.618+05:30श्री अखिलेश चन्द्र श्रीवास्तव जी की टिप्पणी जो मेर...श्री अखिलेश चन्द्र श्रीवास्तव जी की टिप्पणी जो मेरी रचना में है पढ़ ले।<br />यह रचना अच्छी लगी ।बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-73723301875241041492014-07-03T13:19:03.693+05:302014-07-03T13:19:03.693+05:30कमाल का व्यंग है प्रमोदजी दानशीलता और
सत्यप्रियता ...कमाल का व्यंग है प्रमोदजी दानशीलता और<br />सत्यप्रियता के चलते बिचारे बच्चे की क्या दुर्गति हुई यह तो आज की हकीकत ही है और<br />उसी बच्चे ने चुप रह कर और सारे महत्वपूर्ण<br />निर्णय न लेकर भी दस साल देश का शासन <br />चला लिया यह भी हकीकत ही है फिर आधा<br />फ़साना कहाँ है सारी हकीकत ही है उत्तम लेखन<br />के लिए हमारी बधाईअखिलेश चन्द्र श्रीवास्तवnoreply@blogger.com