tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post6598708635763324386..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: मनोज सिंह जादौन की कहानी - ठिठुरनरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-36099249275511540682014-01-06T20:46:26.279+05:302014-01-06T20:46:26.279+05:30प्रिय विकास नैनवालजी ,आपने कहानी को सराहा इसके लिए...प्रिय विकास नैनवालजी ,आपने कहानी को सराहा इसके लिए अनेक-अनेक धन्यवाद ,ऐसी ही सराहना लेखक को आगे लिखने की प्रेरणा देती है.आगे भी आपसे यही अपेक्षा है.:-मनोज सिंह जादौन manoj singh jadaunhttps://www.blogger.com/profile/11540936702164969617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-36047473817053363452014-01-06T20:42:17.309+05:302014-01-06T20:42:17.309+05:30विकास नैनवालजी ,प्रशंसा के लिए अनेक-अनेक धन्यवाद :...विकास नैनवालजी ,प्रशंसा के लिए अनेक-अनेक धन्यवाद :-मनोज सिंह जादौन manoj singh jadaunhttps://www.blogger.com/profile/11540936702164969617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-62224884967704900972014-01-06T12:36:11.777+05:302014-01-06T12:36:11.777+05:30विकास नैनवालजी ,आपने कहानी को सराहा इसके लिए बहुत-...विकास नैनवालजी ,आपने कहानी को सराहा इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद :-मनोज सिंह जादौन manoj singh jadaunhttps://www.blogger.com/profile/11540936702164969617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-33330542527605891002014-01-04T11:34:07.624+05:302014-01-04T11:34:07.624+05:30रेनिकजी ,धन्यवाद आपकी समीक्षा ने मुझे बहुत ही प्रे...रेनिकजी ,धन्यवाद आपकी समीक्षा ने मुझे बहुत ही प्रेरित किया है ,आगे भी आपकी निष्पक्ष टिप्पणी की आशा करता हूं.एक बार फिर धन्यवाद :-मनोज सिंह जादौन manoj singh jadaunhttps://www.blogger.com/profile/11540936702164969617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-5982195853020538302014-01-03T12:24:38.788+05:302014-01-03T12:24:38.788+05:30जिस ठण्ड में ठिठुरने के लिए मोहन बाबु ने कचरा और ...जिस ठण्ड में ठिठुरने के लिए मोहन बाबु ने कचरा और पगलूराम को छोड़ दिआ था , उसी ठण्ड ने उनकी जान ली । काफी सराहनीय रचना थी ।विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-27651128428381251062014-01-03T12:23:57.433+05:302014-01-03T12:23:57.433+05:30जिस ठण्ड में ठिठुरने के लिए मोहन बाबु ने कचरा और ...जिस ठण्ड में ठिठुरने के लिए मोहन बाबु ने कचरा और पगलूराम को छोड़ दिआ था , उसी ठण्ड ने उनकी जान ली । काफी सराहनीय रचना थी । विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-22593183626261787062013-12-30T20:10:53.003+05:302013-12-30T20:10:53.003+05:30पुलिस की बेरहमी और अन्य लोगो की बेरुखी का सच बताती...पुलिस की बेरहमी और अन्य लोगो की बेरुखी का सच बताती एक कहानी , पढने से ऐसा लगता है सचमुच सामने घटित हो रहा है .बहुत तारीफ़ के लायक है ये रचना ! - रेनिक बाफना [मेरे ब्लॉग : renikbafna.blogspot.com / renikjain.blogspot.com]Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14077816411491398261noreply@blogger.com