tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post7016163159427257904..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: त्रिदिवसीय राष्ट्रीय राजभाषा हिन्दी संगोष्ठी आयोजितरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-7778221817533585772014-10-20T23:25:34.919+05:302014-10-20T23:25:34.919+05:30मैं अनुवाद की अपेक्षा मौलिक लेखन पर बल देना चाहूँग...मैं अनुवाद की अपेक्षा मौलिक लेखन पर बल देना चाहूँगा। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) को ज्ञान और विज्ञान के प्रत्येक अनुशासन के विद्वान से उसके आधिकारिक विषय पर व्याख्यान आयोजित करने चाहियें। उनको टेपांकित करने के उपरांत सामग्री को संशोधन के लिए सम्बंधित विद्वान को भेजनी चाहिए। इस प्रक्रिया से जो सामग्री निर्मित होगी उसकी भाषा अनुवादित सामग्री की अपेक्षा सरल, सहज और बोधगम्य होगी। अंग्रेजी के जो शब्द जन प्रचलित हो गए हैं, उनको अपना लेना चाहिए। किसी भाषा की शक्ति और सामर्थ्य उसके निखालिस होने से नहीं अपितु भावों और विचारों को व्यक्त करने की ताकत से आती है। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02565901658811204370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-80198472749986924142014-10-20T21:50:54.285+05:302014-10-20T21:50:54.285+05:30त्रिदिवसीय राष्ट्रीय राजभाषा हिन्दी संगोष्ठी का वि...त्रिदिवसीय राष्ट्रीय राजभाषा हिन्दी संगोष्ठी का विवरण प्रस्तुत करता डॉ विनायक काले जी का यह लेख तमिनाडु में हिन्दी के प्रचार प्रसार दिशा में सार्थक प्रयासों पर प्रकाश डालता है जिससे स्पष्ट झलक रहा है कि हिन्दी एक राजकाज की भाषा न रह कर दिन पूरे देश की भाषा बन जाएगी | काले जी आपका बहुत बहुत आभार |ओम प्रकाश शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09578278846416094466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-49213352458767137042014-10-18T20:11:53.242+05:302014-10-18T20:11:53.242+05:30विनायक काले का यह लेख स्वागत योग्य है । यह तमिलनाड...विनायक काले का यह लेख स्वागत योग्य है । यह तमिलनाडु में हिन्दी की स्वीकार्यता का संकेत देता है । समस्याओं के साथ निदान भी सुझाता है । डा काले को बधाई ।Sp Sudheshhttps://www.blogger.com/profile/02398620807527835617noreply@blogger.com