tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post8103553400787409939..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: एस. के. पाण्डेय का व्यंग्य - मेरे मोहल्लेवालों का व्रतरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-42757832333445456182010-10-14T10:00:55.940+05:302010-10-14T10:00:55.940+05:30विज्ञापन कराने में पैसा लगता है। नहीं तो कुछ लोग इ...विज्ञापन कराने में पैसा लगता है। नहीं तो कुछ लोग इस बात का विज्ञापन करा देते कि वे व्रत रख रहे हैं।---<br />सही कहा आपने। आजकल दिखावा अधिक और कर्मभाव कम। अच्छा लगा व्यंग। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com