tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post8506347677558709492..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: राकेश शर्मा की कविता - ओ गौरैयारवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-50522750602012389492010-12-23T23:00:27.332+05:302010-12-23T23:00:27.332+05:30सुन्दर कविता...भावों की अतिषय अभिव्यक्तिसुन्दर कविता...भावों की अतिषय अभिव्यक्तिDudhwa Livehttps://www.blogger.com/profile/13090138404399697848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-64509963212967365882010-12-23T20:44:27.095+05:302010-12-23T20:44:27.095+05:30भूल गये हम इस धरती पर ,
औरों का भी हक़ था बनता।
स...भूल गये हम इस धरती पर , <br />औरों का भी हक़ था बनता।<br /><br />सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-16377560232260220632010-12-23T17:43:09.676+05:302010-12-23T17:43:09.676+05:30Sundar rachana! Sach,is concrete ke jungle me ham ...Sundar rachana! Sach,is concrete ke jungle me ham qudrat ko kho baithe hain.kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-14159132551177398342010-12-23T14:28:32.147+05:302010-12-23T14:28:32.147+05:30कभी गौरैया की वजह से घर आंगन में चूं चूं की आवाज स...कभी गौरैया की वजह से घर आंगन में चूं चूं की आवाज सुनाई देती थी, घर में जगह जगह घोंसले मिलते थे, छत पर अनाज सुखाना मुश्किल होता था, आज वही गौरैया देखने को नहीं मिलतीा बहुत सुन्दर कविता लिखी है आपनेा वैसे गौरैया पर एक स्वरचित कविता मैनें भी अपने ब्लॉग पर पोस्ट की थी जिसे पढ्ने के लिए इस लिंक पर जा सकते हैं http://gmaurya.blogspot.com/2010/03/blog-post.htmlजीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-39484203705977355102010-12-23T13:43:40.124+05:302010-12-23T13:43:40.124+05:30बहुत अच्छी और समसामयिक कविता.
इस मुद्दे पर गंभीर ...बहुत अच्छी और समसामयिक कविता.<br />इस मुद्दे पर गंभीर विचार जरूरी है.<br />धन्यवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12683980199228988001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-24353648309097372612010-12-23T11:54:33.791+05:302010-12-23T11:54:33.791+05:30बहुत सुन्दर रचना ...वाकई बहुत चिंता की बात है आम ...बहुत सुन्दर रचना ...वाकई बहुत चिंता की बात है आम पशु पक्षी दुलर्व होते जा रहे है ...जो बचे है उन्हें बचाया जाये घर की छत पर रोज़ पानी का बर्तन भरे हम सभी जिस से प्यास से मरते कुछ पक्षी बच सकते हैं....मंजुलाhttps://www.blogger.com/profile/10884573161296513745noreply@blogger.com