tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post869866358121866121..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: एक ख़त अपने भाई के नाम / सुशील कुमार शर्मारवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-47260344137190692732016-02-24T08:07:08.825+05:302016-02-24T08:07:08.825+05:30उचित ही कहा आपने
अब कहाँ गये वो बिचारों की अभिव्यक...उचित ही कहा आपने<br />अब कहाँ गये वो बिचारों की अभिव्यक्ति के वे ब्रांड अम्बेसेडर जिनके लिए अपने विचारों की स्वतंत्रता राष्ट्र सम्मान से उपर है ।<br />शर्म आनी चाहिये ऐसे राजनितिज्ञो एवं विचार्कों को जो ओछी राजनीती एवं तुच्छ प्रसिद्धि के लिए राष्ट्र सम्मान की भी परवाह नही करते।<br />आपके इस लेख से मैं पूर्णतः सहमत हूँ और दूसरा थप्पड़ मेरा भी होगा।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11644361110322851886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-76452522162345189342016-02-23T17:47:00.721+05:302016-02-23T17:47:00.721+05:30देश पर जब भी ऐसी बात आयेगी तो हर भारतीय का अधिकार ...देश पर जब भी ऐसी बात आयेगी तो हर भारतीय का अधिकार हैकि देश की रक्षा के लिए अपना योगदान दे विरोध विचारों का होना चाहिए व्यक्ति विशेष का नही और वो भी तब जब देश के मुखिया की प्रधानमंत्री जो स्वयं अपनी महत्त्व समझते हैं बिना सोचे समझे हम देश विरोधी नारे लगाने लगते हैं ये निश्चित तौर पर गलत है ऐसे लोगों के प्रति कडा रुख अपनाना चाहिए Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13455995101381148625noreply@blogger.com