tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post3116564721919766968..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 65 : –‘दाग़ लगने से अगर कुछ अच्छा होता है, तो दाग़ अच्छे हैं न!’ -अनिता ललितरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-75338281451704694812018-03-21T18:58:05.312+05:302018-03-21T18:58:05.312+05:30किसी किसी तकलीफ़ में भी दिल का सुकून छिपा होता है ....किसी किसी तकलीफ़ में भी दिल का सुकून छिपा होता है ...<br />उस सुकून के मिलने पर उस तकलीफ़ का दर्द एक मीठी सी टीस<br />पैदा करता है...और उस तकलीफ़ को याद करने का दिल भी ...<br />ये संस्मरण भी वैसा ही था ...अपनों द्वारा दिल का सुकून मुबारक हो |अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.com