tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post5536127356247068621..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: कहानी ॥ भोर का तारा! ॥ महेन्द्र सिंह रवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-2834937252277520052017-07-15T07:02:25.617+05:302017-07-15T07:02:25.617+05:30कहानी हृदयस्पर्शी है। बच्चे के मोहग्रस्त मनोविज्ञा...कहानी हृदयस्पर्शी है। बच्चे के मोहग्रस्त मनोविज्ञान को उभारने पर खास ध्यान दिया गया है। उसकी कोमल भावनाएं स्वाभाविक हैं। बच्चों का अपने मृतक दादा-दादी के प्रति ऐसा लगाव देखा गया है। इतनी साच्छी कहानी के लिए बधाई!DR. MANOJ SRIVASTAVhttps://www.blogger.com/profile/13634946231453881288noreply@blogger.com