tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post6284031957454058996..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: मोक्षेंद्र की कहानियों का बढ़ता पाठकीय आधार (समीक्षा) --प्रतीक श्री अनुरागरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-16840171642204835782017-07-14T15:02:40.268+05:302017-07-14T15:02:40.268+05:30अच्छी समीक्षा है। समीक्षा पढ़ने के बाद, इस पुस्तक क...अच्छी समीक्षा है। समीक्षा पढ़ने के बाद, इस पुस्तक को पढ़ने की लालसा बढ़ गई है। मोक्षेंद्र की कहानियाँ पहले भी पढ़ी है। बहुत ही अच्छा लिखते हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00264005928005194803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-49875129174917339612017-07-08T19:41:37.088+05:302017-07-08T19:41:37.088+05:30प्रतीक श्री अनुराग को तहे दिल से शुक्रिया। बहुत अच...प्रतीक श्री अनुराग को तहे दिल से शुक्रिया। बहुत अच्छी समीक्षा की है। पर, सिर्फ तारीफ ही की है। नकारात्मक पक्षों को अनावृत्त नहीं किया है।DR. MANOJ SRIVASTAVhttps://www.blogger.com/profile/13634946231453881288noreply@blogger.com