tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post7015500887326185721..comments2024-03-25T10:13:31.176+05:30Comments on रचनाकार: आशीष श्रीवास्तव की कविताएँरवि रतलामीhttp://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-33058563492762663782017-08-05T22:49:52.797+05:302017-08-05T22:49:52.797+05:30भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आपने जिस मनोभाव और ...भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आपने जिस मनोभाव और उत्कृष्ट चिंतन मनन के साथ ये कविता लिखी है उसी गंभीरता से देव भूमि भारतभूमि और दुनिया से विकलांगता दूर हो जाए,,,,,तथास्तु <br />दुनिया का ध्यानाकर्षित करने का आपका प्रयास अच्छा लगा।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01083128524890040141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-61539850541970005602017-06-20T23:14:10.985+05:302017-06-20T23:14:10.985+05:30आपकी लिखी कविता हर उस घर का दर्द है जहां स्पेशल बच...आपकी लिखी कविता हर उस घर का दर्द है जहां स्पेशल बच्चों को ईश्वर द्वारा दी गई जिम्मेदारी से पाला-पोसा और संभाला जा रहा है। ये कविता प्रेरणादायी है और इसे प्रत्येक स्पेशल स्कूल में फ्लेक्स पर लगाकर सजाया जाना चाहिए। यू ंतो मेरे द्वारा अब तक कई कविताएं पढ़ी गईं परंतु सेरेब्रल पाल्सी का दंश झेल रहे स्पेशल बच्चों की पीड़ा को दर्शाती आपकी कविता इस दौर के समाज से कई प्रश्न पूछती नजर आती है। आपका प्रयास सफल हो. यही कामना। Manish Paterianoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-84456520155838381882017-06-14T19:01:59.132+05:302017-06-14T19:01:59.132+05:30GOOD JOBGOOD JOBAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-57596531542232209022017-06-14T11:21:36.882+05:302017-06-14T11:21:36.882+05:30बच्चे किसी भी देश और समाज की पहचान होते हैं बच्चों...बच्चे किसी भी देश और समाज की पहचान होते हैं बच्चों के स्वास्थ्य से देश और समाज की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। जैसे पोलियो चेचक जैसी लाइलाज समझी जाने वाली बीमारियों को जड़ से समाप्त करने में हम सफल हुए हैं वैसे ही सेरेब्रल पाल्सी का भी इलाज ढूंढने में हम सफल होंगे यही परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है। भगवान सभी को निरोगी काया और सुखी जीवन प्रदान करे यही कामना है। आपने जन्मजात रोगों पर कलम चलाकर लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। ऐसे सब्जेक्ट पर पहली बार पढ़ा तो लगा कोई है जो समस्या को अपने ही नये अंदाज में उठाने और लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रयासरत है। हम सब रचनाकार आपके इस संघर्ष में आपके साथ हैं। रचनाकार की समूची टीम को शुभकामनाएं !!!<br /> <br />sanjay bhalavihttps://www.blogger.com/profile/01500574743331286451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-3313761013273000732017-06-14T00:16:47.494+05:302017-06-14T00:16:47.494+05:30सचमुच आशीष जी आपने हृदय को छूने वाली रचना लिख दिल ...सचमुच आशीष जी आपने हृदय को छूने वाली रचना लिख दिल को झकझोर दिया है जो छुपा हुआ कड़वा सच आज तक किसी अंधेरे में रोशनी की तलाश कर रहा था उस सच को आप पृथ्वी पर सूर्य के समान रचना गढ़ सामने लेकर आए हैं यह सचमुच एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब पृथ्वी पर रहने वाले सभी वैज्ञानिकों को आने वाले समय में देना पड़ेगा क्योंकि यह वह समस्या है जिस पर लोग बात करने से भी बचते हैं और जिनके घर में यह समस्या उत्पन्न होती है वह अपने उस बच्चे को भी दुनिया की नजरों से बचाकर रखना चाहते हैं आशा करता हूं कि आप की रचना पढ़ने के बाद दुनिया के जो भी लोग आपकी इस रचना को पड़ेंगे शायद उनकी मानसिकता में बदलाव आएगा और आपका प्रयास सार्थक होगा !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07203714056827755742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-59698635933915460622017-06-13T17:06:57.799+05:302017-06-13T17:06:57.799+05:30इसे तो हर भाषा में अनुवाद करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर...इसे तो हर भाषा में अनुवाद करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहिए कम से कम किसी ने तो इन विकलांगजनों की समस्या को इतने रोचक तरीके से उठाया......<br /><br />उचित इलाज के अभाव में हो न किसी पे आघात<br />इस दुनिया से दूर भगा दो मस्तिष्क पक्षाघात* sri ashishhttps://www.blogger.com/profile/14033934335521125256noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-33134873627088112752017-06-09T19:44:25.483+05:302017-06-09T19:44:25.483+05:30Aur bade manch per le jaiye.....badhaiAur bade manch per le jaiye.....badhaiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01083128524890040141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-7742290009687962432017-06-08T20:58:22.853+05:302017-06-08T20:58:22.853+05:30सराहनीय प्रशंसनीयसराहनीय प्रशंसनीयAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-57119449792277878112017-06-08T20:54:58.113+05:302017-06-08T20:54:58.113+05:30लिखने वाले ने लिख दी पीड़ा....प्रकाशक ने कर दी प्र...लिखने वाले ने लिख दी पीड़ा....प्रकाशक ने कर दी प्रकाशित....अब आगे का काम हम सबका है....V.P. SINGHnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-41182816235169200162017-06-08T20:26:44.730+05:302017-06-08T20:26:44.730+05:30हे महान वैज्ञानिक! तुम सुन लो मेरी बात
इस धरा से ...हे महान वैज्ञानिक! तुम सुन लो मेरी बात <br />इस धरा से समाप्त कर दो मस्तिष्क पक्षाघात* <br /><br /> BAHUT ACHHEAd. krishan sahaynoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-43259788516411618842017-06-08T20:26:18.284+05:302017-06-08T20:26:18.284+05:30एक बार अवश्य पढि़ए.... और सबको पढ़ाइए....कुछ नहीं ...एक बार अवश्य पढि़ए.... और सबको पढ़ाइए....कुछ नहीं तो एक मित्रों को कम से कम एक लाइक के लिए प्रेरित कीजिए।Ad. krishan sahaynoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-24146749556119789802017-06-08T20:01:39.066+05:302017-06-08T20:01:39.066+05:30मिले बेहतर अवसर
नव स्वास्थ्य की भोरमिले बेहतर अवसर<br /><br />नव स्वास्थ्य की भोरgautam jatavhttps://www.blogger.com/profile/00219191962377005502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-67869363243131760502017-06-08T19:41:46.279+05:302017-06-08T19:41:46.279+05:30 लोगों के सोच में आया सकारात्मक बदलाव................ लोगों के सोच में आया सकारात्मक बदलाव................आज का सपना कल की हकीकत<br /><br />prerak karyaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/06988971192872522533noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-87686713846176304032017-06-08T19:40:55.518+05:302017-06-08T19:40:55.518+05:30 लोगों के सोच में आया सकारात्मक बदलाव................ लोगों के सोच में आया सकारात्मक बदलाव................आज का सपना कल की हकीकत<br /><br />prerak karyaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/06988971192872522533noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-80890532252559057762017-06-08T18:41:38.947+05:302017-06-08T18:41:38.947+05:30बस एक ही सवाल मुझे है सालता
कब दूर होगी दुनिया से...बस एक ही सवाल मुझे है सालता <br />कब दूर होगी दुनिया से विकलांगता। <br /><br />................सार्थक अभियान के साथ जुड़ता जन-जनAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09348959428825162141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-30113632570202740272017-06-08T18:30:13.257+05:302017-06-08T18:30:13.257+05:30चाहे तो क्या नहीं कर सकता परोपकारी समाज
ठान ले तो...चाहे तो क्या नहीं कर सकता परोपकारी समाज <br />ठान ले तो हर निःशक्त को सशक्त बना दे आज <br />मैं भी बजाना चाहता हूं प्रेम-शांति के साज <br />पाना चाहता हूं ऑस्कर, नोबल जैसे ताज <br /><br />jeewan ki is bhag-doud mei kisi ko kisi ko dene ke liye samay nahi hei....lekin upar likhi dono kawitayein aapse samay nahi nazarein mang rahi hei....ho sakta hei kavita me chhipi wedna ko aap mahsoos na kar sakein lekin aaj bhi aisa dard sahane walo ki sankhya kafi badi hei....jarurat hei aise logo ko sambedna ki.....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00261920338118463388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-27875939654956662242017-06-08T18:27:49.535+05:302017-06-08T18:27:49.535+05:30चाहे तो क्या नहीं कर सकता परोपकारी समाज
ठान ले तो...चाहे तो क्या नहीं कर सकता परोपकारी समाज <br />ठान ले तो हर निःशक्त को सशक्त बना दे आज <br />मैं भी बजाना चाहता हूं प्रेम-शांति के साज <br />पाना चाहता हूं ऑस्कर, नोबल जैसे ताज <br /><br />jeewan ki is bhag-doud mei kisi ko kisi ko dene ke liye samay nahi hei....lekin upar likhi dono kawitayein aapse samay nahi nazarein mang rahi hei....ho sakta hei kavita me chhipi wedna ko aap mahsoos na kar sakein lekin aaj bhi aisa dard sahane walo ki sankhya kafi badi hei....jarurat hei aise logo ko sambedna ki.....Vinod Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/05515007003710026162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-49651857832599850842017-06-08T18:24:11.411+05:302017-06-08T18:24:11.411+05:30अरे क्यों आपस में लड़ते हो
किससे होड़ कर जलते हो।
...अरे क्यों आपस में लड़ते हो <br />किससे होड़ कर जलते हो। <br />लड़ना ही है तो निःशक्तता से लड़ो <br />सच्चे इंसान बन आगे बढ़ो। <br /><br />itni tarkki fir bhi bachho ke drvit kar dene wale halat per kalam chalna nischit hi sarahniye heiVinod Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/05515007003710026162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-70116149087986211142017-06-08T16:42:02.510+05:302017-06-08T16:42:02.510+05:30GOOD......SCIENTIST CHALLENGE IN POEM........NICEGOOD......SCIENTIST CHALLENGE IN POEM........NICEAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15182217.post-72639451836498924532017-06-08T16:39:51.524+05:302017-06-08T16:39:51.524+05:30dhanyawad.....ek gambheer mudda udhya he....likhne...dhanyawad.....ek gambheer mudda udhya he....likhne wale aur prkashit karne wale dono ko sadhuwadEntrepreneurshiphttps://www.blogger.com/profile/18207419009040292216noreply@blogger.com