सीमा गुप्ता की दर्जन भर प्रेम कविताएँ

SHARE:

कविताएँ   - सीमा गुप्ता   "फर्जे-इश्क" बेजुबानी को मिले कुछ अल्फाज भी अगर होते पूछते कटती है क्यूँ आँखों ही आँखों ...

कविताएँ

 
- सीमा गुप्ता

 

"फर्जे-इश्क"

बेजुबानी को मिले कुछ अल्फाज भी अगर होते

पूछते कटती है क्यूँ आँखों ही आँखों मे सारी रात ..,

सनम-बावफा का क्या है अब तकाजा मुझसे ,

अपना ही साया है देखो लिए पत्थर दोनों हाथ ....

पेशे-नजर रहा महबूब-ऐ-ख्याल गोश-ऐ-तन्हाई मे,

आईना क्यूँ कर है लड़े फ़िर मुझसे ले के तेरी बात...

दिले-बेताब को बख्श दे अब तो सुकून-ऐ-सुबह,

दर्दे-फिराक ने अदा किया है फर्जे-इश्क सारी रात...

(सनम-बावफा - सच्चा-प्रेमी )

(पेशे-नजर - आँखों के सामने)

(गोश-ऐ-तन्हाई -एकांत)

(दर्दे-फिराक -विरह का दर्द)

(फर्जे-इश्क - प्रेम का कर्तव्य)

-----

'झूमती कविता'

बड़ी झूमती कविता मेरे आगोश में आयी है,

शायद तेरे साए से यह धूप चुरा लाई है..

हम तेरे तसव्वुर में दिन रात ही रहते हैं,

कातिल है अदाएं तेरी कातिल ये अंगडाई है..

सूरज जो उगा दिल का, दिन मुझमें उतर आया,

तुम साथ ही थे लेकिन देखा मेरी परछाईं है..

साथ मेरे रहने है कोई चला आया ,

तन्हा कहाँ अब हम पास दिलकश तन्हाई है..

खामोशी से सहना है तूफ़ान जो चला आया,

दिल टूटा अगर टूटा , कहने मे रुसवाई है..

अब रात का अंधियारा छाने को उभर आया,

एहसास हुआ पुरवा तुमेह वापस ले आयी है

-----

'तेरा आना और लौट जाना'

दो लफ्जों मे वो तेरा मुझे चाहना ,

गुजरते लम्हों मे मुझे ही दोहराना...

आँखों के कोरों मे दबा छुपा के जो रखे,

उन अश्कों मे अपनी पलकों को भिगो जाना...

रूह का एहसास था या सपने का भ्रम कोई ,

नीदों मे मुझे चुपके से अधरों से छु जाना...

सच के धरातल का मौन टुटा तो समझा...

शून्य था तेरा आना "और"

एक सवाल यूँ ही लौट जाना...

"दिल"

मुहब्बत से रहता है सरशार ये दिल,

सुबह शाम करता है बस प्यार ये दिल.

कहाँ खो गया ख़ुद को अब ढूँढता है,

कहीं भी नहीं उसके आसार-ऐ-दिल.

अजब कर दिया है मोहब्बत ने जादू,

सभी डाल बैठा है हथियार ये दिल.

यही कह रहा है हर बार ये दिल,

बस प्यार-ऐ-दिल बस प्यार-ये दिल.

युगों से तड़पता है उसके लिये ही,

मुहब्बत में जिसकी है बीमार ये दिल

उसकी है यादों में खोया हुआ वो,

ज़रा सोचो है कितना बेकरार ये दिल.

अब अपने खतों में यही लिख रहा है,

तुम्हारा बस तुम्हारा कर्जदार ये दिल

-----

"वीरानों में"

खामोश से वीरानो मे,

साया पनाह ढूंढा करे,

गुमसुम सी राह न जाने,

किन कदमो का निशां ढूंढा करे..........

लम्हा लम्हा परेशान,

दर्द की झनझनाहट से,

आसरा किसकी गर्म हथेली का,

रूह बेजां ढूंढा करे..........

सिमटी सकुचाई सी रात,

जख्म लिए दोनों हाथ,

दर्द-ऐ-जीगर सजाने को,

किसका मकां ढूंढा करें ...........

सहम के जर्द हुई जाती ,

गोया सिहरन की भी रगें ,

थरथराते जिस्म मे गुनगुनाहट,

सांसें बेजुबां ढूंढा करें................

----

"तुम्हारी बाट मे"

अंधियारे की चादर पे,

छिटकी कोरी चांदनी ..

सन्नाटे मे दिल की धडकन ,

मर्म मे डूबे सितारों का

न्रत्य और ग़ज़ल...

झुलसती ख्वाइशों की

मुंदती हुई पलक ..

मोहब्बत की सांसों की,

आखरी नाकाम हलचल..

पिघलते ह्रदय का

करुण खामोश रुदन..

ये सब तुम्हारी बाट मे,

इक हिचकी बन अटके हैं..

अगर एक पल को तुम आते

इन सब को सांसों के कर्ज से...

निज़ात दिला जाते...

----

"दर्द का वादा"

जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,

इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है ?

एहसान तेरा है की दुःख दर्द का सैलाब दिया ,

मेरी आँखों को तुने आंसुओं से तार दिया..

एक बार भी न समझा मुझे भाता क्या है?

छीन कर बैठ गयी मेरी मोहब्बत को कभी,

जब भी मिली एक नयी चाल मेरे साथ चली,

मेरी तकदीर से अब तेरा इरादा क्या है?

जब भी मिलती है कहीं रूठ के चल देती है,

मेरे दिल को तू फिर एक बार मसल देती है

हैरान हूँ मुकदर को मेरे तराशा क्या है ?

कौन सी खताओं की मुझे रोज सजा देती है,

मुश्किलें डाल के बस मौत का पता देती है ...

तेरा अब मेरी वफाओं मे और इजाफा क्या है ?

जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,

इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है?

----

"साथ"

बस एक तेरे "साथ" की प्यासी मेरे तन्हाई है,

मेरे इन निगाहों मे सिर्फ़ तेरे इंतजार की परछाई है.

चांदनी कहाँ मिलती है, वो भी अंधेरों मे समाई है,

रोशनी के लिए हमने ख़ुद अपनी ही ऑंखें जलाई हैं.

करवट- करवट रात ने हर तरफ उदासी फेलाई है,

ऐसे मे ना जिन्दगी करीब है, ना हमें मौत ही आयी है.

तेरे प्यार की तलब ही इस दिल के गहराई है,

मने आंसुओं के सैलाब मे अपनी हर आस बहाई है.

हवा की सरसराहट से भी लगे तेरी ही आहट आयी है,

इस एक उम्मीद मे हमने जाने कितनी सदीयाँ बिताई हैं.

----

"याद किया तुमने या नही "

यूँ ही बेवजह किसी से, करते हुए बातें,

यूँ ही पगडंडियो पर सुबह-शाम आते जाते

कभी चलते चलते रुकते, संभलते डगमगाते.

मुझे याद किया तुमने या नही जरा बताओ..

सुलझाते हुए अपनी उलझी हुई लटों को

फैलाते हुए सुबह बिस्तर की सिलवटों को

सुनकर के स्थिर करतीं दरवाजी आहटों को

मुझे याद किया तुमने या नही जरा बताओ..

बाहों कर करके घेरा,चौखट से सर टिकाके

और भूल करके दुनियाँ सांसों को भी भुलाके

खोकर कहीं क्षितिज में जलधार दो बुलाके

मुझे याद किया तुमने या नही जरा बताओ.

सीढ़ी से तुम उतरते , या चढ़ते हुए पलों में

देखुंगी छत से उसको,खोकर के अटकलों में

कभी दूर तक उड़ाकर नज़रों को जंगलों में

मुझे याद किया तुमने या नही जरा बताओ..

बारिश में भीगते तो, कभी धूप गुनगुनाते

कभी आंसुओं का सागर कभी हँसते-खिलखिलाते

कभी खुद से शर्म करते कभी आइने से बातें

मुझे याद किया तुमने या नही जरा बताओ..

तुमसे दूर मैने, ऐसे हैं पल गुजारे .

धारा बिना हों जैसे नदिया के बस किनारे..

बिन पत्तियों की साखा बिन चाँद के सितारे..

बेबसी के इन पलों में...

मुझे याद किया तुमने या नही जरा बताओ....

-----

"कभी आ कर रुला जाते"

दिल की उजड़ी हुई बस्ती,कभी आ कर बसा जाते

कुछ बेचैन मेरी हस्ती , कभी आ कर बहला जाते...

युगों का फासला झेला , ऐसे एक उम्मीद को लेकर ,

रात भर आँखें हैं जगती . कभी आ कर सुला जाते ....

दुनिया के सितम ऐसे , उस पर मंजिल नही कोई ,

ख़ुद की बेहाली पे तरसती , कभी आ कर सजा जाते ...

तेरी यादों की खामोशी , और ये बेजार मेरा दामन,

बेजुबानी है मुझको डसती , कभी आ कर बुला जाते...

वीराना, मीलों भर सुखा , मेरी पलकों मे बसता है ,

बनजर हो के राह तकती , कभी आ कर रुला जाते.........

----

"तलब"

ख़ुद को आजमाने की एक ललक है ,

एक ग़ज़ल तुझ पे बनाने की तलब है...

लफ्ज को फ़िर आसुओं मे भिगो कर,

तेरे दामन पे बिछाने की तलब है ...

आज फ़िर बन के लहू का एक कतरा,

तेरी रगों मे दौड़ जाने की तलब है ...

अपने दिल-ऐ-दीमाग से तुझ को भुलाकर,

दीवानावार तुझको याद आने की तलब है...

दम जो निकले तो वो मंजर तू भी देखे,

रुखसती मे तुझसे नजर मिलाने की तलब है...

-----

"खामोश सी रात"

सांवली कुछ खामोश सी रात,

सन्नाटे की चादर मे लिपटी,

उनींदी आँखों मे कुछ साये लिए,

ये कैसी शिरकत किए चली जाती है....

बिखरे पलों की सरगोशियाँ ,

तनहाई मे एक शोर की तरह,

करवट करवट दर्द दिए चली जाती है....

कुछ अधूरे लफ्जों की किरचें,

सूखे अधरों पे मचल कर,

लहू को भी जैसे सर्द किए चली जाती है...

सांवली कुछ खामोश सी रात अक्सर...

----

"तेरी याद में"

तेरी ग़ज़लों को पढ़ रहा हूँ मैं ,

और तेरी याद में शिद्दत है बहुत

जैसे तुझसे ही मिल रहा हूँ मैं,

और तेरे प्यार में राहत है बहुत

वो तेरे वस्ल का दिन याद आया,

मुझ पे अल्लाह की रहमत है बहुत

तुझसे मिलने को तरसता हूँ मैं,

मेरी जान तुझ से मुहब्बत है बहुत

तेरे अंदाज़ में ख़ुद को देखा,

हाँ तुझे मेरी ही चाहत है बहुत

----

" मैं ढूंढ लाता हूँ"

अगर उस पार हो तुम " मैं अभी कश्ती से आता हूँ .....

जहाँ हो तुम मुझे आवाज़ दो " मैं दूंढ लाता हूँ"

किसी बस्ती की गलियों में किसी सहरा के आँगन में ...

तुम्हारी खुशबुएँ फैली जहाँ भी हों मैं जाता हूँ

तुम्हारे प्यार की परछाइयों में रुक के जो ठहरे ............

सफर मैं जिंदिगी का ऐसे ख्वाबों से सजाता हूँ

तुम्हारी आरजू ने दर बदर भटका दिया मुझको ............

तुम्हारी जुस्तुजू से अपनी दुनिया को बसाता हूँ

कभी दरया के साहिल पे कभी मोजों की मंजिल पे........

तुम्हें मैं ढूँडने हर हर जगह अपने को पाता हूँ

हवा के दोष पर हो कि पानी की रवानी पे .............

तुम्हारी याद में मैं अपनी हस्ती को भुलाता हूँ

मुझे अब यूँ ने तड़पाओ चली आओ चली आओ ......

चली आओ चली आओ चली आओ चली आओ

अगर उस पार हो तुम " मैं अभी कश्ती से आता हूँ .....

जहाँ हो तुम मुझे आवाज़ दो " मैं दूंढ लाता हूँ"...........

----

'तुम्हारा है "

जो भी है वो तुम्हारा ...

यह दर्द कसक दीवानापन ...

यह रोज़ की बेचैनी उलझन ,

यह दुनिया से उकताया हुआ मन...

यह जागती आँखें रातों में,

तनहाई में मचलना और तड़पन ..........

ये आंसू और बेचैन सा तन ,

सीने की दुखन आँखों की जलन ,

विरह के गीत ग़ज़ल यह भजन,

सब कुछ तो मेरे जीने का सहारा है ........

जो भी है वो तुम्हारा है

---------

प्यार 'बेपनाह "

ज़िंदगी भर गुनाह करते रहे

हम जो उनसे निबाह करते रहे

बेवफाई की चोट खाई थी

जिन्दिगी को तबाह करते रहे

कौन था रास्ता जो दिखलाता

हम अंधेरों में राह करते रहे

तुमको दुल्हन बना के ख्वाबों में

रोज़ तुमसे निकाह करते रहे

जानी मालूम है की हम प्यार थे

तुमसे बेपनाह करते रहे.........

--

सीमा गुप्ता की अन्य रचनाएँ यहाँ पढ़ें:

http://kyakhun.blogspot.com/

http://mairebhavnayen.blogspot.com/

http://bikhreyseafsaney.blogspot.com/

http://loveneverloves.blogspot.com/

COMMENTS

BLOGGER: 7
  1. स्वागत है ! कितना पूरसकूं है रचनाकार का यह पहला दीवान ! सीमा गुप्ता का सृजन कर्म दरअसल श्रृंगार के वियोग पक्ष की अगुयायी करता हुआ एक कालजयी दस्तावेज बन कर मन में गहरे पैठ जाता है .इसमें अहसासों की गहराई है और एक ऐसा अंदाजे बयाँ कि कोई भी इन्हे पढ़कर अकस्मात आह और वाह कहने से ख़ुद को रोक नही पाता ! यह पोएट्री ब्लॉग जगत की अमूल्य निधि है और रचनाकार ने इन्हे स्थान देकर श्रेष्ठ रचनाओं के प्रति समर्पण की अपनी प्रतिबद्धता पर ही मुहर लगाई है !

    जवाब देंहटाएं
  2. Respected Ravi jee, it is my pleasure to be part of Rachnakar blog. I am honourd to get precious place on this prestigeous blog. I hav no words to express my feelings. Once again thanks a lot and lot. With Regards

    जवाब देंहटाएं
  3. @ Arvind jee your words are always a motivating factor for me. They are like gems for me which boost my moral always. I am obliged to read your above coments and wish ur blessings will always show me the right path. With regards

    जवाब देंहटाएं
  4. बेनामी10:55 pm

    kuch anubhav bhi likhe.

    जवाब देंहटाएं
  5. Seemaajee ke vishay men arvind jee ekdam baja farma gaye hain jee. Bahut oonchee baat ko kah rahi hain Seemajee. Aur unka koyee sani nahin hai. Seemajee ek dharohar ban chukee hain blogjagat kee. Inkee taareef men alfaaz kam padne lage hain jee. Bahut khoob peshkash. kya kahna !

    जवाब देंहटाएं
  6. इन छंदों को नौका मानकर हिन्दी साहित्य के कवि छंदों की कसौटी को पार करेंगे; ऐसी मेरी अभिलाषा है!!

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: सीमा गुप्ता की दर्जन भर प्रेम कविताएँ
सीमा गुप्ता की दर्जन भर प्रेम कविताएँ
http://3.bp.blogspot.com/_y79sEdHYeo4/SRO5lArFIwI/AAAAAAAAEFI/1VNUtJZR280/S220/Copy+of+limits.jpg
http://3.bp.blogspot.com/_y79sEdHYeo4/SRO5lArFIwI/AAAAAAAAEFI/1VNUtJZR280/S220-s72-c/Copy+of+limits.jpg
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2008/11/blog-post_25.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2008/11/blog-post_25.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content