आनंद पाटील एवं अनीता पाटील की लंबी कविता - छोटी नदी की बड़ी कहानी

SHARE:

छोटी नदी की बड़ी कहानी -    आनंद पाटील एवं अनीता पाटील (कविता में व्यक्त घटना, समय और प्रसंगों को भावाभिव्यक्ति देने में पत्नी - अनीता की ...

image

छोटी नदी की बड़ी कहानी
-    आनंद पाटील एवं अनीता पाटील

(कविता में व्यक्त घटना, समय और प्रसंगों को भावाभिव्यक्ति देने में पत्नी - अनीता की सूक्ष्म दृष्टि एवं भावानुभूति ने कविता को अधिक अर्थपूर्ण, भाव प्रवण एवं बिम्बात्मक बनाया है। अतः यह कहना कि यह कविता केवल मेरी अनुभूति एवं भावों की अभिव्यक्ति है - बेमानी होगा। मैं इस कविता को संयुक्त व दाम्पत्य लेखन के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ। कविता का लेखकद्वय : आनंद पाटील एवं अनीता पाटील हैं।)

 
जिस जगह मैं खड़ा हूँ
जहाँ से मैं देख रहा हूँ
सभ्य शिक्षित समाज की एक नायाब कालोनी
आनन-फ़ानन में बन गई है
जो गाँव के बीचो-बीच
शहर का सा अहसास दे जाती है।

कालोनी
अहाते की दीवार से
और
दीवार
ताड़ के पेड़ों से घिरी हुई है।

ताड़ के पेड़ों ने
इस परिसर और परिवेश में
हवाओं और फिज़ाओं में
एक नशा-सा घोल दिया है।

अहाते के भीतर
और
बाहर का समाज
अपने ही
नशे में
मदमस्त-सा है।

शहरपनाह के बाहर
मुहाने पर
चंद दुकान हैं
कुछ मक़ान हैं
और
ठहरी हुई
स्तब्ध
रूखी-सूखी
एक नदी है – उदास!
और
पड़ी हुई है
अपने दोनों तटों के बीच –
निश्शब्द बेबस-लाचार।

नदी का पानी
अंट गया है
और
मिट्टी के कुछ टीले
उभर आये हैं
टीलों पर कुछ-कुछ घास
उग आई है।

अब नदी
मवेशियों के लिए
चरागाह
बन गई है।

मवेशी चर रहे हैं
और
कुछ मक्खियाँ
उन पर भिनभिना रही हैं
कुछ पंछी
कुछ कौए
घेरा डाले उड़ रहे हैं।

कहीं-कहीं
कुछ जलाशय दिख जाते हैं
जो
सूखते हुए भी
नदी के अस्तित्व
और
विरासत का
परिचय दे जाते हैं
जलाशयों का पानी भी
अब सूख रहा है
जलाशयों में अब जल कम है
कीचड़ ज़्यादा।

कीचड़नुमा इसी जल में
एक चरवाहा
अपनी गाय धो रहा है
हुमसदार गर्मी से बचने के लिए
कुछ भैंसें
सनी मिट्टी में सुस्त पड़ी हुई हैं
कुछ कृशकाय-नंगे-स्याह बच्चे
इन्हीं जलाशयों में
नहाने-तैरने उतर गए हैं
और
सनी मिट्टी
एक-दूसरे पर
उछालते दिख रहे हैं।

नदी के एक जलाशय में
एक अधेड़ उम्र का पुरुष
बालों में शैम्पू कर रहा है
साबुन से चेहरा
इस क़दर घिस रहा है
गोया
अपने ही वर्ण से
उसे घृणा हो गई है।

कुछ युवतियाँ
वहीं बगल में नहा रही हैं
नदी किनारों से
गुज़रती हुई सड़कों से
आते-जाते पुरुषों को देख
लजाकर
अपनी हथेलियों से
बदन ढकने की व्यर्थ चेष्टा कर रही हैं।

नदी के एक किनारे पर बनी
चाय की चौपाल पर
युवकों का भीड़-भड़क्का है।

कुछ
चाय की सुस्कियाँ ले रहे हैं
कुछ
सिगरेट का कश लेते हुए
अपनी बेबसी-बेकसी को
धुएँ में उड़ा रहे हैं।

एक चायवाला
चाय की केतली लिए
घूम रहा है
नदी में नहा रही युवतियों के बदन से
उसकी निगाहें चिपकी हुई हैं।

तंग कपड़ों में
कुछ मॉडर्न लड़कियाँ
सर्र से
वहाँ से गुजर गई हैं।

चायवाला –
चाय की सुस्कियाँ लेते युवा –
सिगरेट का कश लगाते बेफ़िक्रों की निगाहें
उन तंग बदन लड़कियों के
ओझल होने तक
उनका पीछा कर रही हैं।

नदी के दोनों तटों पर
कुछ मक़ान बने हुए हैं
बिखरी जोत-भूमि में
यह दो बस्तियाँ हैं
यहाँ के बस्तीवासी प्रायः इन्हें ‘गाँव’ कहते हैं।

नदी के दूसरे छोर पर –

नदी के इस किनारे
सड़क पर भी
चहल-पहल है
झोंपड़ेनुमा एक मक़ान से
रोने-बिलखने-सिसकने की
आवाज़ें आ रही हैं
शायद
किसी की साँसें टूट गई हैं।

कुछ लोग
कफ़न-दफ़न की
तैयारी में जुट गए हैं
टिकठी तैयार हो गई है।

मक़ान के ठीक सामने
नदी है
और
नदी उदास है
उसकी आँखे डबडबायी-सी हैं
नदी
न जाने
क्यों उदास है?
जल के बिखरे हुए अवशेष
उसकी डबडबायी आँखों का वजूद हैं।

नदी के इस तट पर
ठीक मक़ान के सामने
अंत्येष्टि के लिए
जलावन सजाया गया है।

शवयात्रा
ठीक चार कदम चली है
अरथी उतरी है
फूलमालाएँ उतारी गई हैं
वहाँ मौजूद
कँटीले पेड़ पर
उन्हें फेंक दिया गया है
और
शव
अग्नि के हवाले कर दिया गया है
दाह संस्कार संपन्न हो चुका है।

अंत्येष्टि के बाद –

शवयात्रा में शामिल
इनेगिने लोग
नदी में उतर गए हैं
उसी पानी में नहा रहे हैं
जहाँ
बच्चे-अधेड़ पुरुष-युवतियाँ नहा रही हैं
और
नदी उदास है।

नदी के दोनों तटों से गुज़रती हुई
दोनों सड़कों के दोनों किनारों पर
झाड़-झंकाड़
और
कँटीले पेड़-पौधे हैं।

इन्हीं झाड़ी-झुरमुटों में
बस्तीवासियों की शौच की सुविधा के लिए
सरकार ने
शौचालय योजना के नाम पर
कुछ गड्ढे खोद दिये हैं
लाश
अभी-अभी
उसी जगह
जली है।

नदी किनारों की दोनों सड़कों पर
आदमकद बैनर टंगे हुए हैं
कुछ परचम उड़ रहे हैं
कुछ पर्चे बँट रहे हैं
लाउडस्पीकर बज रहा है
आवाहन किया जा रहा है
शायद
कोई नेता गुजर रहा है
या
चुनावी रैली जा रही है
नदी
यह सब देख
निश्शब्द है
और
उदास है।

अगले दिन की सुबह –

जले हुए शव के स्थान पर
कुछ लोग
इकट्ठा हुए हैं
एक पुरोहित है
शायद
अस्थियाँ एकत्रित कर रहे हैं।

अस्थियाँ
नदी में
विसर्जित कर दी गई हैं
और
कौए ने
पिंड भी छू लिया है
मृतात्मा को
परमात्मा ने
स्वर्ग में
पनाह दे दी है।

मृतात्मा के परिवारजन
परिजन
सामान्य मुद्रा में
अब
मक़ान की ओर
निकल गए हैं।

कुछ ही दूरी पर
गड्ढों पर
शौच के लिए बैठे बच्चे
यह सारा कर्म कांड
देख रहे हैं।

नदी पर
एक पुल बना हुआ है
प्रतिदिन
संध्या समय
यह पुल
और
नदी के तट
तफ़रीह का अड्डा बन जाते हैं।

पुल पर कुछ युवा
कुछ प्रेमी युगल
गलबहियाँ डाले
बैठे हुए हैं।

प्रेम-मग्न
यह प्रेमी युगल
राष्ट्र का भविष्य हैं।

नदी के
दोनों तटों पर
राष्ट्र का वर्तमान
और
भविष्य
अपने ही अबूझ अंदाज़ में
आदिम
अनगढ़
अति अधुनातन
अवस्था में मौजूद है
और
नदी उदास है।

नदी के दोनों छोरों पर
नदी में
बस्ती में
गाँव में
कालोनी में
राष्ट्र की हू-ब-हू तस्वीर दिख जाती है।

नदी के एक छोर पर –
 
शहरपनाह के भीतर
सभ्य शिक्षित समाज की कालोनी में
भविष्य के कारीगर हैं
बाहर नुक्कड़ पर –
बस्ती में –
चौपाल पर -
नदी में –
तट पर -
पुल पर -
राष्ट्र का नग्न यथार्थ औ’ भौंडा वर्तमान है।

नदी के दूसरे छोर पर –

राष्ट्र का भविष्य
प्रेम मग्न
विद्या


थी
हैं।

नदी के इस परिसर और परिवेश में
नग्न यथार्थ –
भौंडा वर्तमान –
अष्टावक्र विकास –
अंध भविष्य –
दृष्टिहीन भविष्य निर्माता हैं।

विकसित राष्ट्र का दिवास्वप्न
अपनी संपूर्णता में मौजूद है
फिर भी
नदी उदास है।

--

डॉ. आनंद पाटील

तमिलनाडु केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय

कलक्टरी उपभवन, तंजावुर रोड,

तिरुवारूर - 610 004 (तमिलनाडु)

(चित्र – इन्दुबाई की कलाकृति)

COMMENTS

BLOGGER: 24
  1. पाटील साहब,

    बहुत ही सुंदर चित्रण व अभिव्क्ति दी है आपने.. गाँव का चित्रण यथार्थ में अति सुंदर है. वास्तविकता झलक रही है.

    जवाब देंहटाएं
  2. बिना निर नदी नहीं शोभे, बिना फल पेड़ अधूरे। बिना मैडम जी के सहयोग आप क्या कर लेते। क्योकी उनमें लक्ष्मी और सरस्वती की गुण मैनें देखा है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ललन जी आपने बहुत सही कहा है। मैं आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ।
      बहुत-बहुत धन्यवाद।

      हटाएं
    2. ललन जी आपने बहुत सही कहा है। मैं आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ।
      बहुत-बहुत धन्यवाद।

      हटाएं
  3. बहुत सुंदर और यथार्थ चित्रण किया है. उस नदी के किनारे खडे होने का अहसास हुआ. आभार.

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर और यथार्थ चित्रण. उस सुनसान नदी के किनारे खडे होने का आभास हुआ.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. व्यंकटेश जी आपका ह्रदय से आभार कि आपने कविता पढ़ी और अपना मन्तव्य दिया।

      धन्यवाद।

      हटाएं
  5. सुन्दर अभिव्यक्ति !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चन्द्रलेखा जी आपकी टिप्पणी के लिए ह्रदय से आभार... टिप्पणियों से लेखन के लिए ऊर्जा मिलती है...

      सादर,
      आनंद

      हटाएं
    2. चन्द्रलेखा जी आपकी टिप्पणी के लिए ह्रदय से आभार... टिप्पणियों से लेखन के लिए ऊर्जा/प्रेरणा मिलती है...

      सादर,
      आनंद

      हटाएं
  6. सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  7. yah kavita paryawarn ke sankt aur iske bhayawah chitr hamare samne prastut karti hai.

    जवाब देंहटाएं
  8. bahut achi kavita hai.
    aj ki jo paryawan ki samsya hai usaka stik chitrankan hai. ak samsya jisase pura vishw pareshan hai. bharat bhi iska apwad nahin hai. yahan bhi abh nadiyon nale bante ja rahe hain. yah kavita is tathy ko hamare samne lati hai.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कृष्ण सोनी जी बहुत बहुत धन्यवाद...

      हटाएं
  9. आनंद और अनीता की इस कविता को पढ़ते हुए हर दृश्य के साथ साथ विम्बों का मन में उभरना इस रचना की सफलता है...बधाई...

    अनीता ज्यादा बधाई की हकदार हैं क्योंकि आनंद उन्होंने सभी को दिया...अतः एक नए कवि अनीतानन्द का प्राकट्य हुआ है...

    शुभाशीष

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. राजीव दा आपकी प्रयुक्ति 'अनीतानन्द' बहुत अच्छी लगी। बहुत-बहुत धन्यवाद।

      हटाएं
    2. राजीव दा आपकी प्रयुक्ति 'अनीतानन्द' बहुत अच्छी लगी। बहुत-बहुत धन्यवाद..

      हटाएं
  10. Great work Anand.
    I would love to translate this to Malayalam.

    Keep doing good.

    Regards,
    Anoop.M.R

    जवाब देंहटाएं
  11. Hi Anoop,

    You are authorized to do translation in Malayalam. Kindly send me a copy of the translated version.

    Regards,
    Dr. Anand

    जवाब देंहटाएं
  12. यह सिर्फ कविता नहीं है, अपितु आज के यथार्थ की स्पष्ट चित्रकारी है।
    👏👏👏👏👏👏👏👏
    एकदम साधारण सी भाषा में महज कुछ पंक्तियों में पूरा का पूरा समाज समेटा हुआ है।
    🙏🙏🙏💐💐💐🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: आनंद पाटील एवं अनीता पाटील की लंबी कविता - छोटी नदी की बड़ी कहानी
आनंद पाटील एवं अनीता पाटील की लंबी कविता - छोटी नदी की बड़ी कहानी
http://lh3.ggpht.com/-doiB8dV-yFo/U1Yk7C6AGSI/AAAAAAAAYDI/SQv01E71j0U/image_thumb.png?imgmax=800
http://lh3.ggpht.com/-doiB8dV-yFo/U1Yk7C6AGSI/AAAAAAAAYDI/SQv01E71j0U/s72-c/image_thumb.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_22.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_22.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content