शशांक मिश्र भारती की ताज़ा कविताएँ

SHARE:

  एक- मेरी अभिलाषा मेरी अभिलाषा आज से ही नहीं सदियों से यही रही है कि- शान्त- स्निग्ध बने वातावरण समृद्धिता पाये समाज हर्षोल्लासित हो मनुष...

 image
एक-

मेरी अभिलाषा

मेरी अभिलाषा
आज से ही नहीं सदियों से
यही रही है कि-
शान्त- स्निग्ध बने वातावरण
समृद्धिता पाये समाज
हर्षोल्लासित हो मनुष्य
और
समस्त प्राणी जगत
जिसके लिए प्रतिफल कामना रही है मेरी
प्रकृति से
संघर्ष भी किया है प्रतिकूल परिस्थितियों से।
निश्चय ही
सफलता मिलेगी मुझे
अपनी उत्कण्ठाओं को पूर्ण करने में
अपनी वर्षा से संचित
स्वर्ण रश्मियों सी कली को पूर्ण बनाने में
अब तो-
उत्साहित हूं मैं भी
संकेत मिलने से सफलता के
जिनसे आ चुका है मुझसे नवीन उत्साह
समाज को स्वच्छ परिवेश,गति,
व दिशा प्रदान करने के लिए
प्रकृति द्वारा प्राप्त मानव शरीर की
सार्थकता सिद्ध करने के लिए।

 

 

दो-

हम आगे बढ़ेंगे

न हो साथ कोई चाहे हमारे
कदम चूमने को हम आगे बढ़ेंगे
पथ हो कण्टक या विघ्न बाधाएं
बन विजयी निष्कण्टक आगे दिखेंगे
रात्रि को भुला सुबह के राही बनेगें
जगने और जगाने के वाही बनेंगे
तमस की छाया धुन्ध को नष्टकर
आस का दीप जला उसके साही बनेंगे
एक बार कदम बढ़ गये जो आगे
सफलता के परचम स्वंयमेव गढ़ेंगे
भले ही साथ कोई न हो हमारे
परहित आलोकित हो दीप सा जलेंगे
पलनकर हर धर्म उसके राही बनेंगे
दया, सहिष्णुता के सुखद वाही जनेंगे
शत्रु कोई न अपना सब मैत्रीदायी रहेंगे
प्रतिपल और क्षण-क्षणकल्याण दायी बनेंगे
सत्य पथ चलनें में अकेले ही
अपने आत्मबल के साथ हम आगे बढ़ेंगे।

 

तीन-

प्राकृतिक परिवेश

कई दिनों के बाद
कालिमा के बीत जाने के बाद
आज खिली है धूप,
बादलों की गोद से छिटककर
पर्वतों की ओट से निकल कर
कर दिया वातावरण
एक दिन में ही उष्णतम
दिखला दी है प्रखरता।
विशेषता भी है यह यहां की
पल- पल में बदलना
कभी हल्की ठण्ड
तो कभी गरमी का पड़ना
प्रकृति सौंदर्य तो यहां का निराला है,
धूप हो या बादल
सभी ने निखारा है,
बादल आकर के यहां द्वार पर
क्षणभर में ही वर्षा कर जाते हैं,
दिन भर का न यहां टप-टप
और न कीचड़ ही
इसलिए प्रसन्नचित हूं मैं,
पर्वतों के बीच
बादलों के आगोश में,
परिजनों से दूर
प्राकृतिक परिवेश में।

 


चार-

नदी का निश्चय

देख रहा हूं मैं-
कुछ ही दूरी पर बैठा
एक कठोर चट्टान से
झर- झर कर निर्झर सी नदी
गहरी घाटी में बह रही नदी,
धारा है तीव्र
उफनती है यह
बहकर सिर्फ-
कहती है यह कि-
पथ है कण्टक
पर -
बहती है निष्कण्टक,
रोकें चाहें पथ पत्थर भी
पर बढ़ती हूं निरन्तर , अथक
अपने सुचित कर्म पथ की ओर ,
देखकर पर हितार्थ
ऊपर से नीचे को चलना
सोचता हूं मैं,
क्या नहीं अपना सकता है मनुष्य
आदर्श नदी मान सकता है
अपने कर्म पथ के लिए,
तेन त्यक्तेन भुन्जीथा के लिए
नदी व उसके कर्तव्य के प्रति
दृढ़ निश्चय को देखकर
उसका
अनुगमन कर
उसके पथ का सुचित अनुकरण कर।

 


पांच-

भेद
आज यदि मैं
चिन्ता और चिता का भेद
समझ पाता
तो शायद
इस भांति संघर्ष का युग
पुनः- पुनः मेरे चक्कर न लगाता
भ्रमित हो गया था मैं
और आज भी हूं भ्रमित ही,
निकलना चाहता हूं जितना ही
इस भ्रमजाल से
फंसता जा रहा है उतना ही मैं
इस मकड़जाल में।
कामना नहीं है कुछ भी मुझे
इस जगत से
मैं तो चाहता हूं कुछ देना
अपने पौरुष से इस जगत को
उसके जड़- चेतन को,
लेकिन-
चिन्ता और चिता का प्रश्न आते ही
रुकना पड़ता है मुझे
और मेरी कलमा के भी बंध जाते हैं कदम
बेंड़ियां अर्न्तद्वन्द की
सोचता हूं प्रत्येक क्षण
इनसे छुटकारे का उपाय
अपने संचित कर्मों का प्रारब्ध,
शायद-
कर सकूंगा कुछ
इन भेदों और विभेदों से परे हो
इस जगत के लिए,
अपने संघर्षशील जीवन से
इस देश व समाज के लिए
मानव प्रकृति और संस्कृति के लिए।

 


छः-
आज का मानव

आज का मानव
अपने स्वार्थों में इतना फंस चुका है
अपना करके हिंसा
आगे बढ़ रहा है
दिखता नहीं कुछ
निःशेष है अपनी इच्छाओं की पूर्ति
रहें स्थिर संतुलन प्राणी जगत
अथवा
मानवीय संस्कृति का
उसको चाहिए
मात्र अपनी इच्छाओं की पूर्ति।
जिसके लिए उसने अपने इष्ट मित्रों बन्धु बान्धवों
तक को
उपेक्षित सा बना दिया है।
किसी की क्या होगी प्रतिक्रिया
उसे नहीं आतुरता जानने की
और नहीं विकल उस कल्पना से
जो उसके द्वारा निरन्तर असन्तुलित
करने वाले क्रियाकलापों से उत्पन्न हो जायेगी।
काश!
ये मानव कुछ समझ पाता
पूर्ण तया सोने से पहले जाग पाता
अपने अस्तित्व के लिए
आवश्यक तत्वों का महत्व पहचान सकता
परि आवरण को यर्थाथ में
अपने अंर्तमन में उतार पाता।

 

सात-
अगली पीढ़ी इतिहास बनाती

युग बदला हम न हैं बदले
बोलो फिर क्या हैं बदले
आतंक हिंसा का वही ताण्डव
स्वार्थन्धता के गोरखधन्धे।
जो पहले थी पशुता कहाती
बन आतंक की छाया भाती।
गली मुहल्ले जल रहे सब
बाल युवा मचल रहे अब।
नेतृत्व की भी गोटियां सिंकती
वोट की खातिर नीतियां बिकतीं।
कैसा यह बदला युग है आया
घर-घर छायी काली छाया।
गांव जिन्हें शान्त कहते थे
अब राजनीति ने उसे गंवाया
अमृतमयी नदियों की धारा
बनी प्रदूषण की महाकारा।
आसमान भी रोता कब से
सच्चा मनुज सोता है जब से,
धरती -चांद सितारे जल रहे
स्वार्थ पूर्ति को प्रगति कह रहे।
मौलिकता अपनी भुला चुके सब
इन सबको पड़ेगा अब बदलना
यदि मिलती युग को प्रेरक बाती
अगली पीढ़ी इतिहास बनाती
बदलता युग जीव की थाती
सोने की चिड़िया धरा कहाती।

 

 

आठ-

अब समय आ गया है

आज पुन :जल उठे अनेक घर
चीत्कार कर उठे बच्चे,युवा और वृद्ध
सिमट गये लाशों में अनेक चेहरे
और
होने लगी पहचान
अपने पराये की
सेंकी गर्इ्रं रोटियां स्वार्थ की
विभिन्नताओं,जाति,धर्म और वर्ग की,
असहाय भारत माता
सब कुछ देखती रही
इन गिद्धों को ही सहोदरों को नोचते
उनके रक्त,मांस से अपने स्वार्थ की गोटियां सेंकते।
शायद-
कोई आगे बढ़ता इस पाशविकता को रोकता
दानवता का प्रत्युत्तर
मनुजता से देता
पर-
कौन आता तोड़कर अपनी सुप्तावस्था
अपने स्वदेश,धर्म, संस्कृति के पद्दलन को रोकने
कादम्ब, कंचन, कामिनी में डूबे लोगों को
मार्गदर्शन देने।
किन्तु -
अब समय आ गया है
हमें अपने अतीत की भूलों को स्मरण कर
अपना आत्म निरीक्षण करने का
पशुता, स्वार्थतासे रोते -बिलखते
बच्चों,युवाओं और वृद्धों के अश्रु धोने का,
जलती झोपड़ियों, भटकती आत्माओं के कदम
रोकने का
और अपने आपको पशुता से हटा
मनुजता में ले जाने का।

 


नौ-

संयुक्त परिवार एक सुखद अनुभव
संयुक्त परिवार एक ऐसी सीढ़ी है,
ज्ञान अनुभव पाती नयी पीढ़ी है।
मां-बाप के साथ दादा-दादी का प्यार,
नूतन स्वप्नों-कथाओं का संसार।
गांव बने आधार यह हैं,
शहरी समझते भार यह हैं।
देखने में किन्चित न महत्वशाली,
हृदय समाज का आज यह हैं।
मूल भारत अभी गांवों में बसता,
किसान और जवान गांव ही जनता।
महुए की सुगन्ध कहीं गाती कोयल,
भटका कहीं मन गांवों में रमता।
वट वृक्ष दादा कोंपल सा बच्चे,
टहनी मां-बाप अनुभव से अधकच्चे।
साथ रहना मिलना सदैव सुखकारी,
सभी के हितैशी बनते हैं सच्चे।

 


दसः-
भारत देश हमारा है!

राष्ट्र हमारा कितना प्यारा
सारे जग से न्यारा है,
गंगा-जमुना पावन नदिया
सागर का इसमें किनारा है,
उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम
अलग-अलग यहां वेश हैं
खाते-पीते बोलते अलग हैं
पर रहते हम सब एक हैं
देश का मुकुट हिमालय
उत्तर में प्रहरी सा दिखता है
दक्षिण-पश्चिम, पूरब-दक्षिण
बालकों सा सिन्धु मचलता है,
देवभूमि कहीं कर्मभूमि है
विश्वासघात की न हों बातें,
मानवता की बात छोड़िये
यहां पत्थर भी हैं पूजे जाते,
सदियों से गुन्जायमान यह
भारत देश हमारा है
जगदगुरु पद पर प्रतिष्ठित
हम सबको ही प्यारा है।।

 

       
20.08.2015
शशांक मिश्र भारती संपादक - देवसुधा, हिन्दी सदन बड़ागांव शाहजहांपुर - 242401 उ.प्र.

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: शशांक मिश्र भारती की ताज़ा कविताएँ
शशांक मिश्र भारती की ताज़ा कविताएँ
http://lh3.googleusercontent.com/-lbM5_fZGqLY/VdbLNIDL_mI/AAAAAAAAmLk/D0sjyXSdm1w/image%25255B4%25255D.png?imgmax=800
http://lh3.googleusercontent.com/-lbM5_fZGqLY/VdbLNIDL_mI/AAAAAAAAmLk/D0sjyXSdm1w/s72-c/image%25255B4%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/08/blog-post_39.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/08/blog-post_39.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content