पुस्तक समीक्षा - किनारे की चट्टान

SHARE:

अपने समय की संवेदनशील अभिव्यक्ति : किनारे की चट्टान ********************************************** समीक्षक : एम.एम.चन्द्रा ​ नई कविता के...

अपने समय की संवेदनशील अभिव्यक्ति : किनारे की चट्टान

**********************************************

समीक्षक : एम.एम.चन्द्रा

image

नई कविता के भविष्य के विषय में सुनकर मन जितना आशंकित है, उससे कहीं ज्यादा यह उम्मीद बंधाता है कि मनुष्यता को बचाने के लिए कविता अपना कार्य हमेशा करती रही है और आगे भी करती रहेगी. शायद किसी ने ठीक ही कहा है कि मनुष्यता को बचाने की आखिरी उम्मीद कविता है. इसी परम्परा के कवि पवन चौहान का प्रथम काव्य संग्रह ‘किनारे की चट्टान’ उन उम्मीदों को जिन्दा रखने की लिए याद किया जाएगा.

कविता कहाँ जन्म लेती है? कैसे जन्म लेती है? क्यों जन्म लेती है? यहाँ तक कि किसके लिए जन्म लेती है? जैसे प्रश्नों का जवाब देने की कोशिश पवन चौहान की कवितायें करती हैं, जो गाँव, पहाड़, जंगल, मनुष्य, उसके सपने और अपने समयकाल की संवेदनशील अभिव्यक्ति को कलमबद्ध करती है. लेखक चाहे किसी भी दौर में, किसी भी ठिकाने, किसी भी किनारे पर बैठा हो उसकी नजरों से कुछ नहीं बच सकता–

     किनारे पर बैठा कवि देखता है सब

      लहरों का उन्माद... चट्टान की सहनशीलता

      समुद्र से टकराने का हौसला

      उसकी दृढ़ता, आत्मविश्वास

      वह भी होना चाहता है चट्टान

      किनारे वाली चट्टान

कवि का कर्म बस लिखना है. कवि कविता के लिए, कला कला के लिए होनी चाहिए. लेकिन पवन चौहान इस दार्शनिक उक्ति को चुनौती देते हैं. वे अपने अंतर्मन को धिक्कारते हैं, अपने को समय को झकझोरते हैं, अपनी कविताओं से, अपने शब्दों से यहाँ तक कि अपने आप से निरंतर संघर्ष करते हैं और अपनी स्वतंत्र कल्पनाओं को परवाज देते हैं.

      मुझे नहीं पड़े रहना है

      किसी अँधेरे कोने में अनजान सा...

      नहीं जीना है मुझे

      कागज के बंद लिफाफों के अंदर

      घुट-घुट कर

      नहीं जकड़े रहना है मुझे

      निर्बल रूढियों में

      बस ! बहुत हुआ

      अब मुझे स्वतंत्रता चाहिए

      घूँघट से झांकते अनगिनत चेहरों से...

      स्थिर जल में गिरती बूँद की तरह

      अब मैं फैलाव चाहता हूँ

लेखक ने प्रेम प्रवाह की धारा को समयकाल परिस्थितियों में  कभी कम नहीं होने दिया. लेखक किसी एक से प्रेम नहीं करता बल्कि उन सभी से प्रेम करता है जिनसे उसका तनिक भी नाता है. वह जितना प्रेम अपने पिता, बेटी, माँ से करता है, उतना ही प्रेम वह चिम्मू (शहतूत के पेड़) से करता है-

      आज तोड़ रहा हूँ दोनों पेड़ों के पक्के चिम्मू

      और सम्भाल कर रख रहा हूँ उन्हें

      छोटे सी गत्ते की पेटी में...

      भिजवाऊंगा बेटी को रंग-बिरंगे चिम्मू

      ढेर सारा प्यार

लेखक अपनी कविताओं से बड़ा बनता है, और कविता बड़ी बनती है उसकी गहराई और विस्तार से. ‘सेब का पेड़’ कविता जिस पीड़ा को चिन्हित करती है. वह केवल उस अकेली माँ की पीड़ा नहीं वरन उन सभी माँ-बाप की पीड़ा है जिनके बच्चे विदेशों में जाकर बस गए हैं और माँ-बाप उनके इन्तजार में मर जाते हैं -

     बेटे के विदेश में बसने के बाद

      रखती रही वह इसके फल सहेजकर

      हर वर्ष

एक आस लगाये

      वह आएगा इस वर्ष

      जरूर लौटेगा वह

      ममता की छाँव तले

मनुष्य से मनुष्यता तक, संकुचित विचारों से समृद्ध विचारों तक, न्यूनतम से उच्चतम

तक, जमीन से आसमान तक, पहाड़ों से पठार तक की यात्रा में परिपक्वता की आवश्यकता होती है. परिपक्वता चाहे किसी भी क्षेत्र की हो, उसके अनुभव का अपना महत्व है जिसे लेखक सहजता से स्वीकार करता है-

      अभी सीख नहीं पाया मैं

      कच्ची मिट्टी से पक्के बर्तन बनाना...

      खोजना होगा उन अनगिनत रास्तों में से एक ...

      जोड़ने होंगे नये शब्द रचना में...

      तभी दे पाऊंगा मैं रूप मृतिका को

जब कभी भी समाज में तानाशाही जन्म लेती है तो जैसे प्रतिरोध की संस्कृति खत्म सी होने लगती है. तानाशाही का गुणगान होने लगता है. चारों तरफ ख़ामोशी, अंधकार एक खास तरह की चुप्पी देखने को मिलती है. लेकिन इतिहास गवाह है, तानाशाह के साथ स्वतंत्र चिन्तन, नई कल्पनायें, संभावनाएं जन्म लेती हैं. इसीलिए लेखक को यकीन है-

      फूटेगी कल्पना की नन्हीं-सी कोंपल

      और जन्म होगा किसी नये सृजन का

      शायद तभी ढीली हो पायेगी

      शहन्शाह की मजबूत बेड़ियों की जकडन

      और मिल पायेगी

      इस खामोश लम्बे रास्ते में

      बोलती कोई पगडण्डी

जीवन चारों दिशाओं में फैला हुआ है, लेखक को सौन्दर्यबोध देखना आना चाहिए. लेखक पवन चौहान पहाड़ी जीवन के सौन्दर्यबोध को, उसकी जीवंत जिजीविषा को अपनी लेखनी से और भी अधिक जीवंत बना देता है-

     नीलू की माँ खुश है

      इस बार भर गया है जंगल

      काफल के दानों से

हर पेड़ हो गया सुर्ख लाल

इस बार खूब होगी आमदनी

जुटा लेगी वह इस बार

अपनी जरूरत का हर सामान

वैश्वीकरण की बयार ने पहाडी विस्थापन और शोषण को और अधिक बढ़ा दिया है जिसका दर्द चारों दिशाओं में फ़ैल रहा है. कुछ लोग इस विस्थापन से बहुत नाम कमा रहे हैं लेकिन पहाड़ का जीवन वैसा का वैसा ही बना हुआ है. इसीलिए लेखक ने पहाड़ी जीवन की चर्चा कर नाम कमाने वालों को भी धिक्कारा है-

     घर में बैठ

      पहाड़ पर चर्चा करने वालों...

      उस वक्त डरे, सहमे, बेबस

      दर्द से सराबोर

      शिथिल, बौने से हो जाते हैं

      तुम्हारे शब्द

      और दम तोड़ते नजर आते हैं

      उस पहाड़ की तरह

      जो काट लिया जाता है

      कुछ स्वार्थों के लिए

पवन चौहान एक तरफ पहाड़ी जीवन दर्शन का सौंदर्यबोध अपनी कविताओं में प्रस्तुत करते हैं. वहीं आधुनिक शहरी जीवन की बेबसी, कुंठा, हताशा, निराशा और भागमभाग जीवन शैली का भी उतना ही सटीक एवं यथार्थ वर्णन करते हुए शहरी मानसिकता में आ रहे बदलावों को गहरी दृष्टि से देखते हैं -  

     स्वार्थ की कसौटी पर डोलते रिश्ते  

      बिकते सपने, मरते सपने..

      चारों तरफ फैली हुई

      भावनाओं, आकांक्षाओं की इंसानियत की लाशें

      उन्हें रौंदते हुए अनगिनत कदम...

      दफन होती असंख्य चीखें...

      सनसनाती तलवारें, दनदनाती गोलियां

      आ जाओ तुम भी पगडंडी छोड़

      खुली सड़कों पर

      मैं विश्वास दिलाता हूँ

      देर नहीं लगेगी तुम्हें बनने में शहरी

      मेरी तरह

जहाँ जीवन है, वहाँ उम्मीद है. जहाँ उम्मीद है, वहाँ सपने है. जहाँ सपने हैं, वहाँ उन सपनों को पाने की जद्दोजहद है. जहाँ जद्दोजहद है, वहाँ उन सपनों, कल्पनाओं, आकांक्षाओं को जमीन पर लाने की उम्मीद अभी बाकी है.

      सोच को मिलेगी परवाज कभी

      उम्मीद है ...

      कदम नापेंगे नये विस्तृत रास्ते

      शब्द स्वतंत्र होंगे और कानों में गूंजेगी

      एक नई प्यारी मीठी-सी धुन

पवन चौहान की कविताएँ पहाड़ का दर्द ही बयान नहीं करती बल्कि यकीन, उम्मीद और नई सुबह लाने की अपनी आकांक्षाओं को पाठक के सामने लाती है . लेखक व उसकी कविता अपना पक्ष चुनती है, जनता का पक्ष, नई सुबह का पक्ष, उजाले का पक्ष, नई सम्भावनाओं का पक्ष.

किनारे की चट्टान : पवन चौहान | बोधि प्रकाशन | कीमत 70 रुपये |

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: पुस्तक समीक्षा - किनारे की चट्टान
पुस्तक समीक्षा - किनारे की चट्टान
http://lh3.googleusercontent.com/-QKJOIoGY0g0/VjjP7g8T94I/AAAAAAAAoUY/GDjeyxAmDwg/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
http://lh3.googleusercontent.com/-QKJOIoGY0g0/VjjP7g8T94I/AAAAAAAAoUY/GDjeyxAmDwg/s72-c/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/11/blog-post_30.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/11/blog-post_30.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content