गाडरवारा परिक्षेत्र की जैव विविधता की संकटापन्न स्थिति / आलेख / सुशील कुमार शर्मा

SHARE:

हमारे आसपास का जीवन ही जैव विविधता है। जैव विविधता में हमारा पर्यावरण ,प्राकृतिक समुदाय एवं रहवासी समुदाय शामिल हैं ,संक्षेप में अगर हम जैव...

हमारे आसपास का जीवन ही जैव विविधता है। जैव विविधता में हमारा पर्यावरण ,प्राकृतिक समुदाय एवं रहवासी समुदाय शामिल हैं ,संक्षेप में अगर हम जैव विविधता को परिभाषित करें तो "जैव विविधता जीने के वह तरीके हैं जिनमे प्रजातियां एक दूसरे से एवं अपने पर्यावरण से व्यवहार करतीं हैं। "प्रत्येक पर्यावरण तंत्र की अपनी जैव विविधता होती है एवं उसके व्यवहार भी अलग होते हैं। मसलन गाडरवारा परिक्षेत्र की जैव विविधता दिल्ली परिक्षेत्र से अलग होगी। जैव विविधता की दो प्रमुख अवधारणा हैं (1 ) अनुवांशिक विविधता (2 )पारिस्थितिक विविधता

  एक ही प्रजाति के विभिन्न सदस्यों के मध्य एवं विभिन्न प्रजातियों के मध्यपाई जाने वाली अनुवांशिक परिवर्तिता अनुवांशिक विविधता कहलाती है,तथा किसी जैविक समुदाय में पायी जाने वाली प्रजातियों की संख्या पारिस्थितिक विविधता कहलाती है। जैव विविधता के सिद्धांत के अंतर्गत परमाणु से लेकर पर्यावरण के सम्पूर्ण कारक जैसे मानव,जीनो टाइप ,जनसँख्या एवं प्रजातियां सम्मिलित हैं।

प्रजातियों की जनसंख्या में मनुष्य ,पालतू जानवर ,जंगली जीवन शामिल हैं। सभी जीवित प्रजातियों का जीवन चक्र क्रमिक बदलाव के दौर से गुजरता है। मनुष्य एवं जंगली जीवन की मुख्य जीवन आधार आवश्यकताएं एक जैसी हैं हवा ,पानी ,भोजन ,एवं वृद्धि। 

पौधे मनुष्य के लिए ही नहीं वरन सभी जीवित प्रजातियों के प्राणाधार हैं। हमारी दैनिक जीवनचर्या पौधों पर ही निर्भर है। हम जो भी भोजन करते हैं वो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पौधों से ही प्राप्त होता है। जंगली जीवन अपने भोजन एवं रहवास के लिए पौधों पर ही निर्भर हैं। पौधे जल चक्र को नियमित करते हैं एवं पानी के शुद्धिकरण में सहायक होते हैं। वे स्वेद (Transpiration ) अभिक्रिया द्वारा जमीन के पानी को वातावरण में पहुंचाते हैं  एवं प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया के द्वारा भोजन बनाते समय ऑक्सीजन को वातावरण में प्रवाहित करते हैं जो की हमारी प्राण वायु है। 

ऊर्जा सभी पर्यावरण तंत्रों के लिए जरूरी है। ऊर्जा के बिना जीवन अपने अस्तित्व में नहीं रह सकता। हरे पौधे बगैर किसी जीवित वस्तु की सहायता के अपने भोजन का निर्माण करते हैं इस कारण उनको पोषक या उत्पादक (Producer ) कहा जाता है। जबकि जंतु अपने भोजन या ऊर्जा के लिए पौधों एवं अन्य जंतुओं पर निर्भर रहना पड़ता है इसलिए उन्हें उपभोक्ता (consumer ) कहा जाता है। किसी भी पर्यावरण तंत्र को व्यवस्थित करने में इन सभी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी भी पर्यावरण तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह उस तंत्र की प्रजातियों के भोजन करने एवं भोजन बनने से ही होता है।

गाडरवारा परिक्षेत्र की जैव विविधता को खतरा पहुचाने वाले कारक :-

जैव विविधता का संतुलन  अब प्राकृतिक कारणों की तुलना में मानव निर्मित कारणों से ज्यादा बिगड़ रहा है। पहले भूमि का उपयोग रहवास और कृषि कार्यों के लिए होता था, लेकिन अब शहरीकरण ,औद्योगीकरण और बढ़ती आबादी के दबाव भी जैव विविधता को संकट में डाल रहे हैं। जमीन का खनन करके जहां उसे छलनी बनाया जा रहा है, वहीं जंगलों का विनाश करके जमीन को बंजर बनाए जाने का सिलसिला जारी है। जमीन की सतह पर ज्यादा फसल उपजाने का दबाव है तो भू-गर्भ से जल, तेल व गैसों के अंधा धुंध दोहन के हालात भी भूमि पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। कुछ प्रमुख कारण  जिससे गाडरवारा परिक्षेत्र की जैव विविधता खतरे में हैं निम्न हैं। 

1. हमारी बदलती जीवन शैली एवं अंधाधुंध विकास की जिजीविषा : प्रकृति के विनाश, जनसंख्या वृद्धि, विकास की अंधाधुंध दौड़ तथा अन्य विभिन्न सामाजिक आर्थिक कारणों ने गाडरवारा परिक्षेत्र की जैव विविधता को संकटापन्न स्थितियों में ला खड़ा किया है।एक समय था जा पूरा परिक्षेत्र सघन वनों से घिरा हुआ था। हमारे घरों में हिरन ,चीतल ,सियार ,सेई ,गुलबाघ आदि का घुस आना सामान्य बात होती थी लेकिन अब जनसँख्या का फैलाव चारों ओर होने से जैव विविधता को बहुत नुकसान हुआ है। जंगल साफ हो चुके हैं ,जंगली जानवर अपने रहवासी क्षेत्रों से पलायन कर रहे हैं एवं  विलुप्तीकरण की कगार पर हैं। 

नालों का गन्दा पानी नदियों में जाकर नदी के जंतुओं एवं वनस्पतियों को नष्ट कर रहा है। रेत खनन से शक्कर ,दुधि ,नर्मदा एवं सीतारेवा नदियां के अंदर की जैव विविधता संकट में है। यहाँ के पक्षी गौरैया ,बुलबुल ,बटेर ,तीतर ,कठफुड़वा सब  विलुप्त होते जा रहे हैं। यंहा के स्थानीय फूल एवं वनस्पतियों का दिनोदिन ह्रास हो रहा है। 

2.औद्योगीकरण :-पिछले 10 वर्षों में इस परिक्षेत्र में तेजी से औद्योगीकरण हुआ है। सोयाबीन संयंत्र ,BLA कोयला खदान एवं पवार संयंत्र तथा वर्तमान में NTPC संयंत्र जो की एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र माना जा रहा है। इन सब ने औद्योगिक विकास  के नाम पर परिक्षेत्र की जैव विवधता को नष्ट कर दिया है। कोयला खनन के लिए गोटीटोरिया के जंगलों को साफ कर दिया गया वहां रहने वाले हिरन ,शेर चीतल ,जंगली भैंसा एवं अन्य जंगली जंतुओं एवं वनस्पतियों को नष्ट कर दिया गया। जैव विविधता से भरा ये जंगल औद्योगिक विकास की भेंट चढ़ गया। 

3. फसल चक्र की अनियमिततायें :- पहले इस क्षेत्र की प्रमुख फसलें चना ,गेहूं ,ज्वार ,बाज़रा ,तिली एवं मटर हुआ करती थीं। फसलों की इस विविधता के कारण पर्यावरण संतुलन बना रहता था। पशु पक्षियों के भोजन की व्यवस्था इस फसल चक्र पर आधारित होती थी। किन्तु अधिक उपज एवं कसनी को लाभ का धंधा बनाने के कारण  इस क्षेत्र के किसान सोयाबीन ,गन्ना एवं धान को प्रमुख फसलों के रूप में उपजाने लगे इस कारण से जंतु एवं पक्षीयों के भोजन की व्यवस्था भंग हो गई तथा वे इस क्षेत्र को छोड़ कर पलायन कर गए। 

4 . औद्योगिक प्रदूषण :- सोयाबीन संयंत्र ,BLA कोयला खदान एवं पवार संयंत्र से निकलने वाले धुएं एवं गैसों के कारण आसपास के रहवासी क्षेत्रों ,फसलों एवं जीवजंतुओं को बुरी तरह से प्रभावित किया है। हवा के प्रदुषण से रहवासी क्षेत्रों के मनुष्यों में विभिन्न बिमारियों का फैलाव हुआ है आसपास के पेड़ पौधे नष्ट हो गए  एवं पक्षी पलायन कर गए हैं। गोटिटोरिया के जंगल में बहुत से औषधीय पौधे जैसे दुधि ,सफ़ेद मूसली ,शतावरी ,मीठी तुलसी ,आंवला ,मुलेठी आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते थे लेकिन कोयला खनन एवं NTPC की स्थापना ने उन जंगलों का सफाया कर दिया एवं बहुमूल्य औषधीय वनस्पति नष्ट होने की कगार पर है। 

5.शहरीकरण :-औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित होने के कारण  इस खतरा की जनसँख्या में बेतहाशा वृद्धि हुए है पिछले  पांच वर्षों में क्षेत्र की जनसँख्या में करीब  डेढ़ गुना वृद्धि होने के कारण शहरीकरण की प्रक्रिया बहुत तेजी से विकसित हुई है। गाडरवारा परिक्षेत्र की भूमि जहाँ  खेत खलिहान जैव विवधता का सरंक्षण करते थे आज वहां नव विकसित कालोनियां खडी हैं। इस शहरीकरण का प्रभाव सबसे ज्यादा जैव विविधता पर पड़ा है।   

6. ग्लोबल वार्मिंग :-ग्लोबल वार्मिंग जैव विविधता के लिए बहुत बड़ा खतरा उभर कर सामने आया है। इससे हमारा पर्यावरण तंत्र दूषित हो रहा है। वर्ष 2000 से 2012 तक क्षेत्र के औसत तापमान में करीब 1.5 से 2.5 डिग्री की औसत वृद्धि हुई है। तापमान में वृद्धि के कारन कुछ वनस्पतियाँ नष्ट हो गईं एवं कुछ पक्षियों की प्रजातियां या तो क्षेत्र छोड़ कर चली गईं या विलुप्त हो गईं। ऐसा माना जाता है कि ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ने से प्रजातियों के विलुप्तीकरण का खतरा बढ़ जायेगा।

जैव विविधता का संरक्षण कैसें करें :-जैव विविधता का संरक्षण ज्यादा मुश्किल काम नहीं हैं। बहुत सी छोटी छोटी बातें हम अपने दैनिक आचरण में लेकर जैव विविधता के संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं एवं जागरूकता का प्रयास कर सकते हैं।  

➤जब आप पौधा का रोपण कर रहें हो तो स्थानीय वनस्पतियों को प्रमुखता दें।

➤अगर आप गैर स्थानीय जंतुओं को पालतू बना रहे हो तो उन्हें जंगल में कतई न छोड़े।

➤स्थानीय फूलों एवं वनस्पतियों को नुकसान न पहुंचाएं।

➤जंगली जानवरों को घर का भोजन न दें।

➤ सुखी नदियों एवं जंगलों में निर्धारित सीमा से आगे वहां न ले जाएँ।

➤परम्परागत फसल चक्र के अनुसार ही खेती करें।

➤औद्योगिक संयंत्रों के आसपास सघन वृक्षारोपण करावें।

➤नदियों में गारद,गंदगी ,पूजा के फूल ,गंदे नालों का पानी इत्यादि न डालें।

➤पॉलिथीन का प्रयोग वर्जित करें।

➤बच हुआ भोजन तेल इत्यादि नालियों में प्रवाहित न करें।

➤कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करें। 

  सामाजिक स्तर ,औद्योगिक स्तर एवं व्यक्तिगत स्तर पर जैव विविधता के संरक्षण के लिए जागरूकता आंदोलन की आवश्यकता है। जिसमे व्यक्ति ,समाज एवं औद्योगिक इकाइयों को यह सुनिश्चित करना होगा की जैव विविधता को बचाने के लिए व्यवहारिक स्तर पर कौन कौन से उपाय व्यवहार में लाये जाएँ। 

  सुशील कुमार शर्मा

           ( वरिष्ठ अध्यापक)

         गाडरवारा

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: गाडरवारा परिक्षेत्र की जैव विविधता की संकटापन्न स्थिति / आलेख / सुशील कुमार शर्मा
गाडरवारा परिक्षेत्र की जैव विविधता की संकटापन्न स्थिति / आलेख / सुशील कुमार शर्मा
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/01/blog-post_90.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/01/blog-post_90.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content