. . चुटकुले क्रमांक 276 से 300 तक चुटकुला # 0276 जान के लाले ! एक चैनल के प्रतिनिधि ने अपने रोड साइड इंटरव्यू में डॉक्टर के बच्चे स...
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चुटकुले क्रमांक 276 से 300 तक
चुटकुला # 0276
जान के लाले !
एक चैनल के प्रतिनिधि ने अपने रोड साइड इंटरव्यू में डॉक्टर के बच्चे से पूछा कि तुम बडे होकर क्या बनोगे? जवाब मिला कि डॉक्टर। जज के लड़के से पूछा गया कि वह बड़ा होकर क्या बनना चाहेगा? उसने कहा कि पिताजी से भी बड़ा जज।
यही प्रश्न सिपाही के बच्चे से पूछा गया तो पता चला कि वह सैनिक बनकर देश सेवा करना चाहता है। अंत में प्रतिनिधि ने यही प्रश्न एक आतंकवादी के बच्चे से किया तो जवाब मिला कि अंकल आप थोडे दिन बाद आइएगा न। यदि अमेरिकी सेना ने जिंदा रखा तो फिर सोचकर बताउंगा।
चुटकुला # 0277
गाँधीजी और घोडा !
मुंबई में दूर गाँव से आया एक नौजवान नौकरी की तलाश में दिन भर भटकता
रहता है । रात में सोने की जगह नहीं होने के कारण वो गाँधीजी की एक
प्रतिमा के नीचे लेट जाता है।
रात के दो बजे उसे कोई जगा देता है । ऑंखे खोलकर नौजवान देखता है कि
उसके सामने गाँधीजी स्वयं खड़े हैं । वो पूछता है,'क्या बात है बापूजी ?
बापूजी बोले, 'बेटा, तुमने तो देखा होगा कि जहाँ कहीं भी मेरी प्रतिमा बनी है
वहाँ मुझे खड़ा हुआ या चलता हुआ बताया जाता है । इतने सालों से खड़े-
खड़े मैं थक गया हूँ। तुम्हारी मेहरबानी होगी यदि तुम मेरे लिए एक घोडे का
इन्तजाम कर दो। नौजवान ने बापूजी को आश्वासन दिया कि वो दूसरे ही
दिन घोडे का इन्तजाम कर देगा।
दूसरी रात नौजवान अपने साथ एक नेता को बहला-फुसलाकर लाता है कि वो
बापूजी के लिए कोई अच्छे घोडे का इन्तजाम कर दे । ठीक रात को दो बजे
गाँधीजी अपनी प्रतिमा स्थल से नीचे नौजवान के पास आते हैं और नौजवान
से घोडे के बारे में पूछते हैं । नौजवान शान से बोलता है, ''बापूजी, अब
आपकी समस्या का हल शीघ्र ही हो जाएगा । देखो, मैं यहाँ पर यहाँ के सबसे
बडे नेता को लेकर आया हूँ। गाँधीजी नौजवान को कसकर फटकारते हुए
बोले, 'अरे मूर्ख, मैने तुझे घोडा लाने के लिए कहा था, गधे को क्यों ले
आया है?
चुटकुला # 0278
हिन्दुस्तानी बनाम पाकिस्तानी !
ब्रिटेन में एक हिन्दुस्तानी और एक पाकिस्तानी अगल-बगल में रहते थे । हिन्दुस्तानी के घर एक अण्डे देने वाली मुर्गी थी जो कि हर रोज एक अण्डा देती थी ।
एक दिन सुबह-सुबह हिन्दुस्तानी ने देखा कि मुर्गी ने इस बार अण्डा पाकिस्तानी के ऑंगन में दिया है । जैसे ही वह अण्डा उठाने जाता है, देखता है कि पाकिस्तानी ने अण्डा उठा लिया है ।
इस पर दोनों में परंपरागत लडाई शुरू हो जाती है । आखिरकार, हिन्दुस्तानी एक सुझाव देता है : हम दोनों बारी-बारी से एक दूसरे को लात-ढूँसा मारकर बेहोश कर देंगे । जो लात-ढूँसा खाने के बाद सबसे पहले उठ खड़ा होगा, अण्डा उसी का होगा । पाकिस्तानी इस बात से सहमत हो गया और यह सोचकर कि हिन्दुस्तानियों में दम तो होता नहीं है उससे कहा, 'पहले तुम मारो।
हिन्दुस्तानी अपना पूरा जोर पाकिस्तानी पर आजमा देता है । लात-ढूँसे की बौछार से उसे अधमरा कर देता है । पाकिस्तानी बेहोश हो जाता है । दो घण्टे के बाद होश में आकर पाकिस्तानी हिन्दुस्तानी से कहता है ,''अब लात-ढूँसे मारने की मेरी बारी है । सयाना हिन्दुस्तानी उससे बोलता है, ''अब मुझे अण्डा नहीं चाहिए, तुम रख लो !
चुटकुला # 0279
दिवंगत आगंतुक !
शिकार की टोह में जा रहे शिकारी की नजर घने जंगल में अचानक अपने
दोस्त परमानंद पर पड़ी।
शिकारी ने पूछा - अरे भाई! कैसे हो तुम?
परमानंद ने बताया - बहुत बुरा हाल है दोस्त । मेरी बीवी मुझे छोड़ गई ।
बेटा आवारा हो गया, जेल में है। बेटी घर से भाग गई और मैं जुए में सब
कुछ गँवा बैठा ।
शिकारी बोला - बाप रे! मैं होता, तो ऐसे हालात में अपनी गर्दन ही काटकर मर जाता।
परमानंद ने कट का कॉलर नीचे करके कहा - मैंने भी गर्दन ही काटी है भाया, देखो।
और वह गायब हो गया ।
चुटकुला # 0280
मजबूरी में चूर!
थानेदार ने कडककर मन्नू से पूछा- 'क्यो रे, सड़क पर क्यों पड़ा था?
मन्नू ने कहा- 'जी, मैं पूरी बोतल पी गया था। क्योंकि यह जरूरी हो गया था।
थानेदार ने पूछा -अरे! जरूरी क्यों हो गया था?
मन्नू ने बताया-'बोतल का ढक्कन खो गया था। इसलिए।
चुटकुला # 0281
धाक कला!
वकील - नौ जुलाई की रात आठ बजे तुम क्या कर रहे थे?
गवाह - अपनी बीवी के हाथ का गर्मागर्म खाना खा रहा था।
वकील - और नौ बजे क्या कर रहे थे?
गवाह - पेटदर्द से कराह रहा था।
वकील - कौन यकीन करेगा तुम्हारी इस बात पर।
गवाह - आप यकीन करेंगे, जिस दिन मेरी बीवी के हाथ का खाना खा लेंगे।
चुटकुला # 0282
ऑटोमेटिक महाप्रयाण !
एक अति आधुनिक प्लेन पर पांच सौ यात्री सवार थे। प्लेन उडकर हवा में
पहुंचा तो उसके लाउडस्पीकर पर घोषणा होने लगी।
लेडीज एंड जेन्टलमेन ! यह एक बेहद मॉडर्न प्लेन है। इसकी हर प्रणाली
ऑटोमेटिक है। इसीलिए इसमें कोई पायलट, होस्टेस या अन्य कर्मचारी
नहीं है। फिर भी आपको दो हजार मील की रफ्तार से उडता हुआ सुरक्षित
अमेरिका पहुंचा देगा।
चूंकि इसकी हर प्रणाली की कई बार जांच-पड़ताल हो चुकी है।
इसलिए गडबड़ी की इसमें कोई संभावना नहीं...संभावना नहीं...संभावना....संभावना.... किर्र.... खट्खट्... भडाम्...धाड-धडाम... बूम !
चुटकुला # 0283
नारे बिहार ना रे!
वाजपेयी मुशर्रफ वार्ता शुरू होती है।
दस मिनट बाद ही मुशर्रफ साहब पसीना पोंछते हुए बाहर निकलते हैं।
वाजपेयीजी घोषणा करते हैं कि मुशर्रफ साहब ने कश्मीर से अपना दावा छोड़ दिया है। पत्रकार चौंक जाते हैं कि
आखिर बात क्या है ? जो समस्या पचास साल में हाल नहीं हुई वह दस मिनिट में कैसे हल हो गई।
वाजपेयीजी ने कहा भाई लोगों मार्केटिंग का जमाना है। हमने मुशर्रफ साहब से कहा कि कश्मीर चाहते हो तो साथ
में बिहार भी मुफ्त 'स्कीम में लेना होगा। यह सुनते ही वे भाग खड़े हुए।
चुटकुला # 0284
केशप्रेमी !
एक हिप्पी बीच राह में बेहोश हो गया। भीड जमा हो गई और अलग-
अलग सलाहें दी जाने लगीं। कोई बोला - 'इसे जूता सुंघा दो, तो होश
में आ जाएगा।
किसी ने प्यास सुंघाने की राय दी, तो किसी ने पानी के छींटे मारने की।
अचानक पन्नूजी ने राय दी कि हज्जाम को बुलाओ और इसके बेइंतिहा
लंबे, रुखे और उलझे बाल कटवा दो।
यह सुनना था कि हिप्पी होश में आया और भाग खड़ा हुआ।
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चुटकुला # 0285
भारी उम्मीद !
टप्पू - आशावादी किसे कहते हैं?
पप्पू - उस शख्स को, जो सिगरेट माँगने से पहले ही दिलासलाई जला ले ।
चुटकुला # 0286
कुत्ता कथा !
मैडम सुनीता कुत्ता खरीदने गईं।
फर्म के मैनेजर ने एक नायाब कुत्ता दिखाते हुए कहा - 'इस नस्ल का यही एक कुत्ता रह गया है, इसलिए सस्ता मिल जाएगा।
मैडम सुनीता ने दुखी स्वर में कहा - लेकिन इस नस्ल का कुत्ता मेरे हजबैंड को पसंद नहीं आएगा। मैं जानती हूँ।
मैनेजर ने सलाह दी - 'आप हजबैंड की परवाह क्यों करती हैं? उस नस्ल के आपको कई हजबैंड मिल जाएँगे, लेकिन इस नस्ल का जानदार कुत्ता ढूँढे से नहीं मिलेगा।
चुटकुला # 0287
पहचान का संकट !
देर रात शराबियों की एक टोली क्लब से निकलकर एक मकान के सामने जा रुकी ।
एक साहब ने बढ़कर दरवाजा खटखटाया, तो ऊपर से एक साहिबा ने झाँका और पूछा
- क्यों? क्या है?
साहब - क्या अकबर साहब का मकान यही है
साहिबा - हाँ, कहो क्या है?
साहब - आप उनकी बेगम हैं?
साहिबा - हाँ-हाँ ! मैं ही हूँ। बताइए, आप क्या चाहते हैं?
साहब - आप कृपया नीचे तशरीफ लाएँ और हम लोगों में से अकबर साहब को
पहचान कर ले जाएँ ताकि बाकी लोग अपने-अपने घर जा सकें।
चुटकुला # 0288
नंबर वन !
एक चोर चाँदी का बड़ा - सा कप लेकर घर में दाखिल हुआ । पत्नी ने पूछा
- इसे कहाँ से लाए?
चोर बोला - दौड में जीता हूँ।
पत्नी बोली - अच्छा ! और कौन-कौन दौड रहा था?
चोर बोला - मैं ! मेरे पीछे पुलिस इंस्पेक्टर । फिर कपवाला और मार्केट के
सारे लोग ।
चुटकुला # 0289
उधारचंद !
लल्लू जी - भाई पान वाले ! दो पान तो देना । पैसे कल ले लेना ।
पान वाला - बाबूजी ! आपने बोर्ड नहीं पढ़ा - 'उधार, अगली दुकान से।
लल्लूजी - 'भाई ! पिछली दुकान पर भी ऐसा ही बोर्ड लगा है। उसी को पढ़कर तो यहाँ आया हूँ ।
चुटकुला # 0290
निचोड !
उस्ताद - अरे शागिर्द ! तुम दो दिन से तबला, सीखने क्यों नहीं आए?
शागिर्द - जी मेरे पास एक ही कुर्ता-पाजामा है। वह मैंने धोया था
इसीलिए परसों नहीं आ पाया ।
उस्ताद - और कल काहे नहीं आए?
शागिर्द - जी कल मैं आया तो था । मगर ऑंगन में आपके कुर्ता-पाजामा
सूखते देखे, तो लौट गया था।
चुटकुला # 0291
उडन छू !
टन्नूजी को दफ्तर में बैठे-बैठे खबर मिली कि उन्होंने एक प्रतियोगिता में
'पेरिस की सैर का इनाम जीत लिया है। मारे खुशी के झूमते हुए उन्होंने
घर फोन लगाकर पत्नी से कहा - 'डार्लिंग ! क्या तुम पेरिस चलना चाहती
हो?
पत्नी ने चहककर जवाब दिया - 'जरूर, जरूर! पेरिस तो मेरे सपनों में मेरी
धडकन में बसा हुआ है। मैं जरूर आपके साथ चलूँगी । अ.. आप कौन
साहब बोल रहे हैं?
चुटकुला # 0292
सब बेकार !
राजू - मैं सौ साल जीना चाहता हूँ।
पीटर - अभी कितने के हो?
राजू - चालीस ।
पीटर - शराब, जुआ, लड़की वगैरा का कोई व्यसन?
राजू - बिल्कुल नहीं ।
पीटर - तो ऐसी नीरस जिंदगी लेकर साठ साल और क्यों जीना चाहते हो
भले आदमी?
चुटकुला # 0293
इन्स्टैन्ट नॉवेल!
एक उपन्यास लेखक ने अपनी विद्वता का रौब झाडते हुए अपने दोस्त से
कहा - 'नॉवेल लिखना कोई आसान काम नहीं है। पता है कभी-कभी तो
एक नॉवेल लिखने में मुझे एक साल लग जाता है।
दोस्त ने बेफिक्री से हँसते हुए कहा - 'तुम बेकार में इतनी मेहनत करते हो
यार। पता है, पंद्रह रुपए में तो लिखा-लिखाया नॉवेल मिल जाता है।
चुटकुला # 0294
मिथ्याचार !
टिक्कूजी - 'ओहो ! झुमकूजी !! मुझे आपसे मिलकर बड़ी खुशी हुई ।
झुमकूजी - 'मुझे तो नहीं हुई।
टिक्कूजी - 'भाई! थोडी देर के लिए मेरी तरह आप भी झूठ बोल देते तो क्या
बिगड जाता।
चुटकुला # 0295
जमाने की हवा
सल्टू ने जिंदगी से बेजार होकर एक दिन खुदकुशी की गरज से जहर खरीदकर खा
लिया।
लेकिन जहर में मिलावट थी, इसलिए वह मरा नहीं, बच गया। इस खुशी में उसकी
पत्नी ने डिनर पार्टी दे दी।
मगर हाय! पार्टी में जिस-जिसने खाना खाया, 'फूड पॉइजनिंग के कारण मर गया।
मृतकों में स्वयं सल्टू भी था।
चुटकुला # 0296
छपते-छपते!
पन्नूजी का एक साथी चल बसा। वे उठावने की खबर छपवाने अखबार के
दफ्तर जा पहुँचे। पूछा - 'इस सामग्री को छापने का रेट क्या है?
जवाब मिला - पाँच रुपए प्रति इंच। यह सुनकर पन्नूजी अचंभे से गिरते-
गिरते बचे-'बाप रे! तब तो बहुत महँगा पड़ेगा, क्योंकि मेरा दोस्त तो छह
फीट दो इंच का था।
चुटकुला # 0297
पतले पापड़ !
मैडम रोहिणी आईने के सामने नैल पॉलिश लगा रही थीं। अचानक
बाहर दरवाजा बजा -
'महोदया ! खेद है आपके पति रोडरोलर के नीचेआकर स्वर्ग सिधार
गए हैं। कृपया द्वार खोलिए। हम उनकी नश्वर देह लाए हैं।
मैडम ने चिल्लाकर कहा - 'देखो मैं अभी जरूरी काम कर रही हूँ। तुम
उस देह को दरवाजे के नीचे से सरका दो।
चुटकुला # 0298
हद कर दी !
पन्नू जी- कल गजब हो गया। मैं अपनी बीवी के साथ होटल में बैठा चाय
पी रहा था कि मेरी एक गर्लफ्रेंड ने वहाँ आकर कहा - हेलो!
गजब तो इधर हो गया। मैं होटल में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बैठा चाय पी
रहा था कि मेरी बीवी ने आकर कहा - 'हलो।
चुटकुला # 0299
बेकार जीवन !
एक प्रोफेसर साहब नाव में सफर कर रहे थे। तभी उन्होंने रौब जमाने की
गरज से नाविक से पूछा - क्यों तुम्हें इंग्लिश आती है?
नाविक ने कहा - जी नहीं!
प्रोफेसर बोले - तब तो तुम्हारा चार आने जीवन बेकार है।
फिर बोले 'अच्छा हिसाब-किताब आता है?
वह बोला - नहीं आता जी!
प्रोफेसर बोले - फिर तो आठ आने जीवन बेकार है।
इतने में तूफान के थपेडे नाव को झकझोरने लगे। नाविक ने पूछा -
'आपको तैरना आता है। वे बोले - नहीं।
तो नाविक ने कहा - तब तो आपके सोलह आने जीवन बेकार है और
नाव से कूद गया।
चुटकुला # 0300
ऊँटक बैठक !
रेगिस्तान में एक बार बहुत तेज रेत का तूफान आया। तेज रफ्तार रेतीली
हवाएँ चल रही थीं। एक ऊँट सवार चला जा रहा था कि अचानक उसे रेत
पर एक हैट नजर आया। उसने ऊँट से उतरकर हैट उठाया तो उसके नीचे
आदमी का सिर नजर आया। उसने आसपास की रेत हटाई तो मुँह और
कान भी नजर आने लगे। और तभी उस हैटवाले आदमी ने कहा - भाई
हाथ से काम नहीं चलेगा। फावडा लाकर बहुत सारी रेत हटानी पड़ेगी।
क्योंकि मैं ऊँट पर बैठा हुआ हूँ।
हा हा हा हा ही ही...। मज़ा आ गया।
जवाब देंहटाएंलक्ष्मीनारायण