लतीफ़ा ********************* # 0301 आया सावन झूम के! पन्नूजी नीचे स्टॉल में बैठे पिक्चर देख रहे थे। अचानक वे ऊपर देखकर चिल्लाए -'अरे!ऊप...
आया सावन झूम के!
पन्नूजी नीचे स्टॉल में बैठे पिक्चर देख रहे थे। अचानक वे ऊपर देखकर
चिल्लाए -'अरे!ऊपर से, मेरे ऊपर से ये शरबत कौन फेंक रहा है?
तभी उन्होंने सुना, कि बालकनी में एक महिला अपने पति से कह रही थी -
'ऐ जी, सुन लिया? इसीलिए कह रही थी मुन्ने को बाथरूम में ले जाना ठीक
रहेगा। मगर तुम सुनो तब ना!
लतीफ़ा ********************* # 0302
अश्विनीकुमार!
छंगूजी रेस के बेहद शौकीन हैं। एक बार रेस के मैदान से लौटकर पत्नी
देवी से बोले - 'आज तो गजब हो गया। मैं मैदान में घोडों के बीच खड़ा
था, तभी जूता ढीला हो गया। लेस बाँधने के लिए मैं जैसे ही झुका कि
एक सवार मेरी पीठ पर आ बैठा, और रेस शुरू हो गई।
पत्नी - बाप रे! फिर?
लतीफ़ा ********************* # 0303
छंगूजी - फिर क्या!
मैं जी-जान से दौडा और तीसरे नंबर पर आया।
लतीफ़ा ********************* # 0304
झबरी यादें !
एक औरत ने बस स्टॉप पर खड़ी दूसरी औरत से कहा -
'आपने गले में जो ताबीज पहन रखा है, इसमें कोई जंतर-मंतर है?
दूसरी ने कहा - 'नहीं, इसमें मेरे पति के बाल हैं।
पहली ने पूछा - ओह! क्या वे अब नहीं रहे है?
दूसरी ने बताया - 'वे तो हैं, उनके बाल अब नहीं रहे।
लतीफ़ा ********************* # 0305
ठन्ठन् लेखन !
एक दोस्त ने अपने नए-नए लेखक मित्र से पूछा -
'यार, सुना है तुमने नया नॉविल छपवाया है?
लेखक बोला - 'हाँ मित्र, ठीक सुना तुमने ।
दोस्त ने पूछा - कुछ बिका भी?
लेखक बोला - हाँ! मेरी साइकिल, ऍंगूठी और बीवी की चूडियाँ।
लतीफ़ा ********************* # 0306
चश्मे की ऊष्मा !
पन्नू - अरे तुम्हारी मेज पर ये तीन-तीन चश्मे कैसे?
घन्नू - एक दूर का चश्मा, दूसरा पास का चश्मा,
और तीसरा? दोनों चश्मों को ढूँढने वाला चश्मा ।
लतीफ़ा ********************* # 0307
वाह री बचत!
एक आदमी की अर्थी को शववाहिनी मोटर में रखकर ले जाया जा रहा था, किंतु गाड़ी बंद थी और उसे
धक्का लगाकर ले जाया जा रहा था।
एक राहगीर ने पूछा- 'क्या गाड़ी खराब है?
जवाब मिला- 'नहीं! मृतक की आखिरी इच्छा थी हर हाल में पेट्रोल की बचत ।
लतीफ़ा ********************* # 0308
लागी छूटे ना!
कवि सम्मेलन के मंच से उतर रहेकवि से श्रोता ने कहा - मैं जब भी आकी कविताएँ
सुनता हूँ, बहुत ही आश्चर्य करता हूँ।
कवि ने गद्गद् होकर कहा - आपका मतलब है, मैं इन्हें कैसे लिखता हूँ।
श्रोता - जी नहीं, मेरा मतलब है, आप इन्हें क्यों लिखते हैं?
लतीफ़ा ********************* # 0309
उम्र चालीसा!
रीटा - 'तुम्हारी सही उम्र क्या है?
डॉली - ' मैं अपनी सही उम्र किसी को नहीं बताती।
रीटा - 'अच्छा! कभी गलती से भी नहीं?
डॉली - 'नहीं! नहीं!
रीटा - 'कभी भूल से भी नहीं?
डॉली - नहीं! नहीं! नहीं! चालीस सालों से जो बात गुप्त है,
उसे बताने की भूल भला कैसे करूँगी?
लतीफ़ा ********************* # 0310
नाली मतवाली!
हवालदार हरिसिंह को रात बारह बजे एक शराबी नाली में लेटा मिला।
उन्होंने पूछा- 'क्यों? नाली में क्या कर रहे हो?
शराबी बोला- 'मैं सौ का नोट ढूँढ रहा हूँ।
हवालदार ने हडकाया- 'तुम्हें पक्का यकीन है कि नोट यहीं खोया था?
शराबी ने तपाक से कहा- 'हुजूर! मैंने खोने की बात कहाँ की? मैंने तो सिर्फ ढूँढने का जिक्र किया है।
लतीफ़ा ********************* # 0311
ऊँचे लोग!
लड़की की माँ ने लड़के की माँ को बताया- 'गाने में बड़ी दक्ष है मेरी बेटी! ऊँचे से ऊँचे स्वर में गा सकती है। लड़के की माँ ने कहा- 'वाह! तब तो जोडी एकदम जम जाएगी। मेरा बेटा भी ऊँचा सुनता है।
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लतीफ़ा ********************* # 0312
उलटी गंगा!
वन डे क्रिकेट मैच चल रहा था। कमेंटेटर फर्राटेदार कमेंटरी कर रहा था कि तभी उसे बल्लेबाज की तरफ से एक चिट मिली- 'कृपया इतनी तेजी से कमेंटरी न बोलें। हम तेजी से रन नहीं बना पा रहे हैं।
लतीफ़ा ********************* # 0313
हम तो डूबेंगे सनम...!
चंदूजी की भैंस बीमार हुई तो मंगूजी के पास राय लेने पहुँचे। मंगूजी ने
कहा, मिट्टी का तेल पिला दे। तेल पिलाने पर भैंस मर गई। अगले रोज
चंदूजी रोते हुए पहुँचे -
'यार मंगू! भैंस तो मर गई। मंगूजी ने फरमाया - हाँ! मर तो मेरी भी गई
थी।
लतीफ़ा ********************* # 0314
नन्ही-मुन्नी!
एक महिला अपराधी पर मुकदमा चल रहा था। महिला वकील ने उससे पूछा- 'तुम्हारी उम्र!
महिला अपराधी ने कहा- 'आपसे एक दो साल कम ही होगी, बस!
यह सुन महिला वकील ने जज साहब से कहा- 'मी लॉर्ड! इस केस पर नए सिरे से विचार होना चाहिए, क्योंकि अभी-अभी पता लगा है कि अभियुक्त अभी नाबालिग है।
लतीफ़ा ********************* # 0315
भविष्यफल!
ज्योतिषी ने एक खूबसूरत युवती का हाथ देखते हुए बताया -
'तुम्हारी शादी एक ऐसे नौजवान से होगी, जो खूबसूरती और
पैसे वाला होगा।
यह सुनकर युवती खुशी से उछलती हुई बोली -'अच्छा, अब
मुझे यह बता दीजिए कि मैं अपने वर्तमान पति से छुटकारा कैसे
पा सकती हूँ।
लतीफ़ा ********************* # 0316
मान तेरा निशाना!
एक रिपोर्टर महोदय पहुँचे, निशानेबाज नंदू का इंटरव्यू लेने। घर में
घुसते ही वे चकित हो गए। दीवारों पर पेंसिल के छोटे-छोटे घेरे थे और
उनके बीचोंबीच गोलियाेहूं के निशान थे।
गद्गद् भाव से रिपोर्टर ने कहा -'आप महान हैं। आपका निशाना
अचूक है। बताएँ यह सब कैसे संभव हुआ?
नंदू ने कहा -'बहुत आसानी से, बाबू! पहले मैं दीवार पर गोली
चलाता हूँ। उसके बाद निशान के इर्दगिर्द, पेंसिल से घेरा बना देता हूँ।
लतीफ़ा ********************* # 0317
मिट्ठू मियाँ वाह!
एक बोलने वाले तोते की नीलामी हो रही थी। बोली पर
बोली लगाई जा रही थी। आखिर एक साहब ने वह तोता
पाँच सौ में खरीद लिया।
जब तोता हाथ में आया तो उन्होंने तोते वाले से पूछा- 'यह
तोता बोलता भी है? या नहीं?
जवाब मिला- 'आप बोलने की बात कर रहे हैं? अजी
जनाब, घंटे से यही तोता तो आपकी बोलियों पर बोलियाँ
लगा रहा था।
लतीफ़ा ********************* # 0318
कार की दरकार!
पन्नूजी ने पूछा- 'अरे वाह चंदूजी!
ये सुंदर सजीली कार आपकी है?
चंदूजी ने खुलासा किया- 'हाँ! है भी! नहीं भी!
पन्नू जी चौंके - 'क्या मतलब?
चंदूजी ने समझाया- 'भैया, जब शॉपिंग करनी होती है, यह मेरी पत्नी की कार होती है। जब साथियों के साथ पिकनिक का
प्रोग्राम बनता है यह मेरे बच्चे की कार होती है और जब इसे पेट्रोल और मरम्मत की जरूरत होती है, यह मेरी कार बन जाती
है।
लतीफ़ा ********************* # 0319
दो रुपए के बुजुर्ग!
पन्नूजी बाजार से निकले तो नजर पड़ी आर्टिस्ट की दुकान पर रखी किसी बहादुर
सिपाही की तसवीर पर। उन्हें वह तसवीर इतनी पसंद आई कि खरीदने का मन बना
लिया।
दुकानदार ने कीमत बताई पचास रुपए, लेकिन पन्नूजी की जेब में निकले कुल
अडतालीस रुपए। दूसरे रोज पन्नूजी जब पहुँचे, तस्वीर बिक चुकी थी।
एक-दो महीने बाद पन्नूजी अपने मित्र से मिलने पहुँचे तो बहादुर सिपाही की उसी
तस्वीर को वहाँ लगा पाया।
पूछ बैठे- क्यों मित्र यह तस्वीर किसकी?
जवाब मिला हमारे परिवार के बुजुर्ग की है।
पन्नूजी बोले- दो रुपए कम पड़ गए, दोस्त। वर्ना ये हमारे बुजुर्ग होते।
लतीफ़ा ********************* # 0320
जरा सामने तो आ!
शाम की शानदार पार्टी से पहले उस अरबपति ने अपने बंगले के स्वीमिंग पूल को जहरीले साँपों से भरवा दिया था।
शाम की पार्टी में उसने ऐलान किया- 'मेहरबानों! आपमें से जो भी शख्स इस स्वीमिंग पूल को तैरकर पार कर लेगा, मैं उसे तगडा इनाम चुनने की छूट दूँगा। या तो वह सैकडों एकड में फैले मेरे ऑइल फील्ड ले ले या मेरी काबिल बेटी का हाथ माँग ले।
अभी वाक्य पूरा ही हुआ कि 'छपाक की आवाज गूँज गई। सबने देखा एक नौजवान फुर्ती से स्वीमिंग पूल पार कर रहा है। जल्द ही वह किनारे पर जा खड़ा हुआ। पूरा भीगा हुआ और तेज-तेज चलती हुई साँसें।
अरबपति ने उसकी पीठ थपथपाकर बधाई दी और पूछा-
'तो ऑइल फील्ड लोगे? नौजवान ने कहा- नहीं।
अरबपति ने पूछा- तो हवाई जहाज?
नौजवान चीखा- 'नहीं।
अरबपति बोला- 'ठीक है! मेरी बेटी का हाथ?
नौजवान बोला- ना बाबा, ना!
अरबपति परेशान हो गया- 'तो तुम क्या चाहते हो?
नौजवान ने ऑंखें निकालकर कहा-
'मैं-मैं उस कम्बख्त का नाम जानना चाहता हूँ, जिसने मुझे स्वीमिंग पूल में धक्का दिया।
लतीफ़ा ********************* # 0321
समाधान!
रेखा- सालभर तक तो मुझे पता ही नहीं चला कि मेरे पतिदेव शाम के वक्त कहाँ रहते हैं?
लाजो- फिर कैसे पता चला?
रेखा- एक शाम मैं ही जल्दी घर आ गई तो देखा वे घर पर ही थे।
लतीफ़ा ********************* # 0322
खुदा मेहरबान तो...!
एक आलसी आदमी ने अपने दोस्त से खुशी से फूलते हुए कहा- देखा कुदरत मेरी किस-किस तरह
से मदद कर रही है। हाथ-पाँव जरा भी नहीं हिलाने पड़े और काम होते चले गए। मुझे पेड़ काटने थे
इतने में तूफान ने आकर मेरी मदद कर दी। फिर मैं कूडे का ढेर जलाने की सोच ही रहा था कि
अचानक आकाश से बिजली गिरी और कूडे में आग लग गई।
दोस्त ने पूछा- तो अब क्या प्रोग्राम है?
आलसी बोला- 'मुझे जमीन से आलू और गाजरें निकालनी हैं, इसलिए अब भूकंप का इंतजार कर रहा हूँ।
लतीफ़ा ********************* # 0323
चीन में होने की सजा!
चीन की जेल में तीन कैदी, एक-दूसरे से जेल में आने की वजहें पूछ रहे थे। एक ने बताया 'मैं हर रोज काम पर पाँच मिनट देर से आता था, इसलिए वक्त की कद्र न करने के जुर्म में सजा हुई।
दूसरे ने बताया- 'मैं पाँच मिनट पहले काम पर पहुँचता था, इसलिए मुझे भी वक्त की बरबादी के आरोप में सजा दी गई।
तीसरे ने रुऑंसा होकर कहा- 'मैं, नसीब का मारा, हर रोज दफ्तर में ठीक समय पर हाजिर होता था। और मुझे अमेरिकन घडी रखने के संदेह में सजा हो गई।
लतीफ़ा ********************* # 0324
अर्थ का अनर्थ!
गुल्लू- 'रज्जू तुम उदास क्यों हो?
रज्जू- 'क्या बताऊँ यार, मैंने पिताजी को चिट्ठी लिखी थी कि हिन्दी और अंग्रेजी के शब्दकोश खरीदने के लिए पैसे
भेज दीजिए। मगर उन्होंने तो अनर्थ ही कर दिया।
गुल्लू- 'कैसा अनर्थ?
रज्जू-'पिताजी ने शब्दकोश ही भिजवा दिए।
लतीफ़ा ********************* # 0325
देख भाई देख!
पीटर, पप्पू को लड़की दिखाने ले गया। पप्पू ने एक नजर लड़की पर डाल ली तो पीटर ने पूछा- 'क्यों?
कैसी लगी?
पप्पू ने कुढकर कहा- 'एकदम भद्दी, मोटी, काली-कलूटी, फूहड।
लड़की के छोटे से भाई ने कहा- 'फुसफुसाने की जरूरत नहीं है। मेरी दीदी बहरी भी है।
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