चुटकुले 401 - 423

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. चुटकुला # 0401 शिक्षक : "तुम्हे आने में देर क्यों हुई?" विद्यार्थी : "जी, रास्ते में बोर्ड लगा हुआ था, ‘आगे स्कुल हैं-कृपया...

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चुटकुला # 0401
शिक्षक : "तुम्हे आने में देर क्यों हुई?"
विद्यार्थी : "जी, रास्ते में बोर्ड लगा हुआ था, ‘आगे स्कुल हैं-कृपया धीरे चलें'"

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चुटकुला # 0402
शिक्षक : "राम तुम्हे आने में देरी क्यों हुई?"
राम : "जी, मेरे दो रूपैये रास्ते में गिर गये थे, मैं उन्हे ढ़ुंढ़ रहा था"
शिक्षक : "और श्याम तुम्हे देरी क्यों हुई? क्या तुम्हारे भी रूपैये खो गये थे?"
श्याम : " जी नहीं, मैं तो राम के रूपैये को पावँ के नीचे दबा कर खड़ा था."

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चुटकुला # 0403
शिक्षक : "ऐसा कोई उदाहरण बताओ जो साबित करे कि गरमी से चीज़े फैलती हैं तथा ठंड में सिकुड़ती हैं."
विद्यार्थी : "गर्मीयों में दिन बड़े होते हैं तथा सर्दीयों में छोटे."

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चुटकुला # 0404
"उठो बेटा, स्कूल जाने में देरी हो जायेगी"
"नहीं माँ, मैं स्कूल नहीं जाऊंगा."
"क्यों नहीं जाना चाहते, जरा दो कारण भी बता दो."
"एक सारे विद्यार्थी मुझसे नफरत करते हैं, दो सारे टीचर भी मुझसे नफरत करते हैं'
"यह तो कोई कारण नहीं हुआ'
"तो फिर तुम भी कोई दो कारण बताओ कि मुझे स्कूल क्यों जाना चाहिए"
"एक तुम 52 वर्ष के हो, दो तुम स्कूल के प्रिंसीपल हो"
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कुछ इधर उधर की (http://www.kaulonline.com/chittha/?p=122 ) से चुटकुलों जैसे विचारों के बेलगाम प्रवाह -
चुटकुला # 0405

विवाह के विषय में कुछ सुभाषित (पुरुषों की नज़र से)

मैं ने सुना है कि प्रेम रसायनशास्त्र की तरह है। शायद यही वजह है मेरी पत्नी मुझे विषैले पदार्थ के समान समझती है।

- डेविड बिसोनेट
कोई व्यक्ति यदि आप की पत्नी को चुरा लेता है, तो उस से बदला लेने का सब से बेहतर तरीका है कि उसे ही रखने दो।

- साचा गिल्ट्री
विवाह के बाद पति पत्नी एक ही सिक्के के दो पहलू बन जाते हैं - वे एक दूसरे का मुँह नहीं देख सकते हैं पर सदा साथ रहते हैं।
विवाह आप के लिए हर तरह से लाभकारी है - यदि अच्छी पत्नी मिली तो सुखी रहेंगे, बुरी मिली तो फिलासफर बनेंगे।

- सुकरात
सफल विवाह में कुछ लेना होता है, कुछ देना। पति का देना और पत्नी का लेना।
नारी हमें महान कार्य करने की प्रेरणा देती है, और उन्हें अंजाम देने से रोकती है।

- ड्यूमास
जीवन का सब से दुष्कर प्रश्न, जिस का मुझे उत्तर नहीं मिल पाया है..... "आखिर नारी चाहती क्या है?"

- फ्रायड
हमारा वार्तालाप हुआ - मैंने कुछ शब्द कहे, और उस ने कुछ पृष्ठ कहे।
"कुछ लोग मुझ से हमारे सफल दांपत्य जीवन का राज़ पूछते हैं। हम हर सप्ताह में दो बार रेस्तराँ जाने का समय निकालते हैं - कैंडल-लाइट डिनर, कुछ संगीत, कुछ नाच। वह हर मंगल जाती है, मैं हर शुक्र।"

- हेनरी यंगमैन
"मैं आतंकवाद से नहीं ड़रता। मैं दो साल तक शादीशुदा रहा हूँ।"

- सैम किनिसन
"बीवियों के बारे में मेरी हमेशा किस्मत ख़राब रही है। पहली मुझे छोड़ कर चली गई, और दूसरी नहीं गई।"

- पैट्रिक मरे
यह सही है कि सब लोग आज़ाद और बराबर जन्म लेते हैं, पर कुछ लोग शादी कर लेते हैं!
विवाह एक ऐसी विधि है जिस के द्वारा आप यह मालूम करते हैं कि आप की पत्नी को किस तरह का व्यक्ति दरकार था।
विवाह को आनन्दमय रखने के दो राज़

1. जब आप गलत हों तो गलती मान लें
2. जब आप सही हों तो चुप रहें

- नैश
मेरी पत्नी को बस दो शिकायतें हैं - पहनने को कुछ नहीं है, और कपड़ों के लिए अलमारियाँ काफी नहीं हैं।
मैं शादी से पहले क्या करता था? .... जो जी में आता था।

- हेनरी यंगमैन
मेरी पत्नी और मैं बीस साल तक बहुत खुश रहे। फिर हमारी मुलाकात हुई।

- रॉडनी डेंजरफील्ड
एक अच्छी पत्नी हमेशा अपनी ग़लती के लिए अपने पति को माफ कर देती है।

- मिल्टन बर्ल
शादी एक अकेला ऐसा युद्ध है जिस में आप अपने शत्रु के साथ सोते हैं।

- अनाम
"मैं ने अपनी पत्नी से कई वर्षों से बात नहीं की। मैं बीच में नहीं टोकना चाहता था।"

- रॉडनी डेंजरफील्ड

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यह है रीडर्स कैफ़े का निठल्ला चिंतन (http://www.readers-cafe.net/nc/?p=72 )

चुटकुला # 0406

एक सोफ्टवेयर प्रोग्रामर मरने के बाद यमराज के पास पहुँचा, उसे बताया गया कि उसके कर्मो के आधार पर उसे ये च्वाइस दी जाती है कि वो स्वर्ग या नर्क में से एक चुन ले। उसने कहा कि वो पहले दोनो जगह देखना चाहेगा। उसे जब दोनो जगह दिखाई गयी तो उसने देखा कि नर्क में लोग क्या मजे से हैं, अप्सरायें नाच रही है, सुरा की नदियां बह रही है, चारों तरफ मस्ती और मजे का आलम है जबकि स्वर्ग में लोग आराम से बैठे तो हैं, लेकिन ना सुरा है ना अप्सरायें, सिर्फ खाने के लिये फल वगैरह है। तो उसने यमराज को नर्क जाने को बोल दिया। कुछ दिनों बाद यमराज जायजा लेने पहुँचे तो देखते है सोफ्टवेयर प्रोग्रामर को जंजीरों से बाँध लटकाया हुआ है, नीचे आग जली है, पीठ पर कोड़े पर रहे हैं वो चीखे जा रहा है। यमराज उसके पास पहुँचे तो वो देखते ही बोला ये क्या नाइंसाफी है आपने तो कुछ और दिखाया था ऐसा तो कुछ नही था। यमराज छुटते ही बोले जो तुमने देखा दरअसल वो स्क्रीन सेवर था।

चुटकुला # 0407

संता सिंह अंडरवियर खरीदने करने दुकान पर पहुँचे, जब एक पसंद करी तो दुकानदार ने उसका दाम बताया 150 रूपये। संता बोले अरे भाई डेलीवियर दिखाओ पार्टी वियर नही चाहिये।

चुटकुला # 0408

एक बार संता ‘वांटेड' का पोस्टर देखके सोच में पड़ गये, सोचने लगे कि साला वांटेड था तो फोटो खींचने के बाद उसे जाने क्यों दिया।

चुटकुला # 0409

संता सिंह जी कार की बैटरी बदलवाने गये, मैकनिक बोला कि एक्साइड (Exide) कि डाल दूँ, संता बोले नही यार दोनो साइड की डालना नही तो बाद में फिर प्रोब्लम करेगी।

चुटकुला # 0410

संता के भाई बंता एक बार बुक्स वापस करने लाइब्रेरी पहुँचे, मेज पर पटक कर बोले, क्या बकवास है - सारी बुक पड़ ली, इतने सारे करेक्टर थे, कोई कहानी ही नही थी। लाईब्रेरियन बोला अच्छा तो वो तुम थे जो टेलिफोन डायरेक्टरी ले गया था।

चुटकुला # 0411

बंता सिंह एक बार संता को बोले ओये तु हर एस एम एस (SMS) को दो बार क्यों भेज रहा है। संता ने जवाब दिया कि क्योंकि तुझे अगर एक फोरवर्ड करना पड़े तो दूसरा तेरे पास रहे।

चुटकुला # 0412

संता सिंह जी अपने एक दोस्त को बोले यार मैं ट्रेन में सारी रात नही सो पाया। दोस्त ने पूछा, क्यों? संता बोले, अरे वो ऊपर की बर्थ जो मिली थी। दोस्त ने कहा कि तुमने बदली क्यों नही। संता बोले, ओये नीचे की बर्थ में कोई था ही नही बदली करने को।

चुटकुला # 0413

टीचर ने क्लास में जनसंख्या के बारे में बताया कि भारत में एक औरत हर दस सैकंड में एक बच्चे को जन्म देती है। संता खड़े होकर बोले, हमें तुरंत ही उसे ढूँढ कर रोकना चाहिये।

चुटकुला # 0414

संता ने एक आदमी से पूछा, ये सारे लोग दौड़ क्यों रहे हैं? आदमी ने जवाब दिया कि ये दौड़ है जो जितेगा उसे कप मिलेगा। संता बोले कि अगर सिर्फ जीतने वाले को कप मिलेगा तो बाकी लोग क्यों दौड़ रहे हैं।

चुटकुला # 0415

संता ने एक लड़की को प्रपोज किया, लड़की बोली मैं तुम से 1 साल बड़ी हूँ। संता बोले, ओये नो प्रोब्लम सोणिये, मैं तुम से अगले साल शादी करूँगा।

चुटकुला # 0416

संता एक बार अपनी आखिरी इच्छा बता रहे थे कि मैं अपने दादा की तरह शांति के साथ नींद में ही जन्नत को प्यारा होऊँ ना कि जिस गाड़ी को मेरे दादा चला रहे थे उसमें बैठे चीखते चिल्लाते पैसेंजरों की तरह।

चुटकुला # 0417

संता आर्ट गैलरी में पहुँच बोले, इस खतरनाक सी दिखने वाली तस्वीर को आप मार्डन आर्ट कहते हो। गैलरी वाला बोला, ‘माफ कीजिये सर, ये तो मिरर (दर्पण) है।

चुटकुला # 0418

एक बार संता बहुत धीरे धीरे लिख रहे थे, दोस्त ने कहा इतने धीरे क्या लिख रहे हो। संता बोले अपने 6 साल के बेटे को लैटर लिख रहा हूँ वो तेज नही पढ़ सकता ना।

चुटकुला # 0419
एक आदमी ने एक बार संता सिंह से पूछा, ये मनमोहन सिंह जी वॉक पर शाम को क्यों जाते हैं सुबह क्यों नही? संता ने जवाब दिया, "अरे भई मनमोहन इज पीएम (PM) नोट ए एम (AM)।
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ये हैं चुटकुलों के कुछ मंतव्य (http://www.tarakash.com/mantavya/2006/07/21.html )

चुटकुला # 0420

एक बार मैरे सागर भाई सा. साइबर कैफे में बैठे बाहर सडक की ओर देख रहे थे. अचानक उन्हें सामने से आता एक सुमो पहलवान दिखा. इत्ता बडा आदमी तो उन्होंने जिन्दगी में कभी देखा ही नहीं था. जैसे ही वो पास आया, भाई सा. पूछ बैठे, "भाई तू कौन?" सुमो पहलवान बोला ,"सुमो पहलवान" और चला गया.

उसके पीछे पीछे सुमो पहलवान की बीवी निकली. कद में थोडी छोटी थी पर माशाअल्ला वो भी खाते पीते घर की हट्टी कट्टी थी. भाई सा. तो चौंक गए, बोले "अरे तू कौन?" वो बोली,"सुमो पहलवान" और चली गई.

इतने उनका बच्चा पीछे पीछे आया. कद में तो छोटा पर था सांड जैसा.
भाई सा. बोले,'अरे भैया तू कौन?" वो बोला,"सुमो पहलवान" और चला गया.

भाई सा. हैरत मे तब पड गए जब उनके पीछे पीछे डेढ फुटिया बच्चा निकला. थोडा मनचला था. भाई सा. को ठोकर देता निकल गया. भाई सा. धड़ाम से गिरे. चीख निकली और भाई सा. बोले,"हे भगवान, अरे बाबा तु कौन?" बच्चा खी खी करता बोला,"सुमो पहलवान. और आप कौन?"

भाई सा. कराहते हुए बोले," हूँ तो मै भी सुमो पहलवान. आजकल थोडा बीमार चल रहा हूँ."
चुटकुला # 0421


डॉ. सुनील के पास एक आदमी भागा भागा आया. बोला," डोकटर साहेब, देखो मेरी बीवी को क्या हो गया है. कब से चिल्लम चिल्ली कर रही है."

डॉक्टर बोले,"कोई गल्ल नहीं, अन्दर इनकी जाँच करते हैं" थोडी देर बाद डॉक्टर बाहर आए और बोले,"नर्स जल्दी से पेचकश दो". आदमी डर गया - ओये यह क्या?

थोडी देर बाद डॉक्टर साहेब फिर बाहर आए और बोले,"धत्त तेरे कि पत्ता नही कै हो गया है, नर्स जल्दी से हथौडा दो." अब तो बेचारा आदमी बुरी तरह डर गया. बोला,"मालिक मेरी बीवी को हुआ क्या है?"

डॉक्टर साहेब बोले," अरे बापु चेक तो करने दो. यहाँ तो मेरी बेग ही नही खुल रही है."

चुटकुला # 0422

मेरा दोस्त रवि कामदार एक शुक्रवार को अपनी नई नवेली गर्लफ्रेंड को लेकर एक ज्वैलर के शोरूम में गया और कहा,"भईया, मेरी स्वीट हार्ट के लिए एक सुन्दर सी अंगूठी दिखाओ."

सेल्समेन ने एक अंगूठी निकाली और कहा,"ये देखिए सर, कितनी सुन्दर है. सिर्फ 5000 रूपये." रवि बोला, "बस! अरे यार थोड़े ढंग की दिखाओ"

सेल्समेन खुश हो गया. एक और अंगूठी निकाली और बोला,"ये देखिए सर. एकदम आपके क्लास की. कीमत 25000 रूपये." रवि बोला,"बस यह ठीक है. ये लीजिए 25000 का चेक. आप सोमवार को बेंक में एकबार चेक करवा लेना. हम अंगूठी फिर ले जाएंगे."

सोमवार को सेल्समेन ने रवि को फोन किया,"सरजी, आपकी बेंक में तो बेलेंस ही नही है!"
रवि बोला, "कोई बात नहीं, लेकिन मैरा वीकेंड बडा मजेदार गुजरा"
चुटकुला # 0423


एकबार मैं, अमित और संजयभाई दुनिया से कल्टी हो लिए और पहुँच गए स्वर्ग नरक जंक्शन पर. वहाँ बही खाता लिए चित्रगुप्त से भिडंत हो गया.

चित्रगुप्त,"चलो अपना अपना नाम बोलो"
अमित,"नही बताएंगे. पैचान कौन?"
चित्रगुप्त,"अच्छा ये बात है, तो बताओ वो कौन सी प्रोग्रामिंग लेंग्वेज है जो एक पेय भी है?" अमित हँसा और बोला,"लो कर लो गल्ल. ए तो जावा है."
चित्रगुप्त बोला,"वाह वाह आप तो अमित गुप्ता हैं, आओ आओ. अच्छा अब आप बताओ सिंगापुर पहले क्या था?"
अब संजयभाई बोले,"भईया, सिँहपुर था".
चित्रगुप्त झट पहचान गया. बोला,"अहोभाग्य संजयभाई आओ आओ."

अब मै बचा. शक्ल से ही झंडु बाम लगता हुँ.
चित्रगुप्त बोला,"तेरे लिए इजी लेता हुँ. बोल भारत के प्रधानमंत्री कौन."
मैं बोखलाया, सर खुजाया, मुहँ बनाया, गाल सहलाया और बोला,"सरदारजी"

चित्रगुप्त: "ह्म्म.. पंकज बेंगाणी. आजा इधर साइड में. नर्क की लाइन में लग जा"
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पंकज भाई अंबाले वाले (http://ms.pnarula.com/200607/हिन्दी-चुटकले-अनुगूँज-21/ ) के यह चुटकुले भी खूब रहे-
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चुटकुला # 0424

संता बंता पेड़ पर बैठे हैं। बंता गाना गाना शुरु कर देता है। चार पांच गाने गाने के बाद वह थोड़ा चुप होता है व फिर चमगादड़ की तरह उलटा लटक कर फिर गाना शुरु कर देता है। संता पूछता है - ओ भाई की कर रिहा है। बंता - यार पहले साइ़ड ए के गा रहा था अब साइड बी के गाने गा रहा हूँ।

चुटकुला # 0425

दो लड़किया बातें कर रही हैं। ए शीना, ए शीना ते को पता है जब लड़किया बातें कर रही होती हैं तो लड़को के कान खड़े हो जाते हैं। दूसरी लड़की - हैं बहन उसे कान भी कहते हैं।

चुटकुला # 0426

तमिल, गुजराती व पंजाबी इक्कठे काम करते हैं व रोज लंच पर मिलते हैं। तीनो एक ही तरह का खाना खा खा कर पक चुके होते हैं। तमिल कहता है कि गर कल फिर लंच में बीवी ने इडली रखी तो वह कूद कर जान दे दे गा। गुजराती कहता है कि अगर उसे फिर एक बार खाकरा खाने को मिला तो वह भी बनाने वाले के पास चला जाएगा। पंजाबी भी परांठों के बारे में यही विचार जाहिर करता हैं। अगले दिन तीनों मिलते हैं व लंच में वही देख कर तीनों कूद कर जान दे देते हैं। शम्शान में तीनों की बीवियाँ बात कर रही हैं। तमिल बीवी - हाय अगर मुझे पता होता कि ये इडली के कारण जान दे देंगे तो में उतपम्म बना कर भेजती। गुजराती - हाय मुझे भी खाकरा ले डूबा। हाय रे। आखिर में पंजाबी बीवी के चेहरे पर बहुत परेशानी के भाव हैं व वह कहती पर मेरे सरदार जी तो सुबह आप ही लंच बनाते थे।

चुटकुला # 0427

एक ग्रामीण शहर में आ कर घूम रहा है व घूमने के बाद थक कर कुछ खाने की जगह ढूढंता है। शहर के बाहर बाहर होने की वजह से वहाँ कुछ मिलता नहीं और वह भटकता हुआ कचहरी पहुँच जाता है। उसे कचहरी के बारे में जानकारी नहीं होती और व किसी जिरह चल रहे केस की कार्यवाही में पहुँत जाता है। कार्यवाही के दौरान शोर मचने पर जज चुप कराने के लिए कहता है - ऑडर ऑडर। अपना ग्रामीण भाई - हाँ हाँ दो कुलचे ते इक छोलयाँ दी प्लेट (यह मेरा बचपन का सबसे पहला याद किया चुटकला है)

चुटकुला # 0428

आजादी की लड़ाई के दिनों में महात्मा गाँधी के खादी प्रेम के चलते सभी को खादी ही प्रयोग करनी पड़ती थी। पंडित नेहरु को सर्दियों में लग गया जुकाम अब खादी का रुमाल होता है खुरदरा। बस जब नाक पोंछनी नाक पर खादी रेगमार जैसे काम करती। इस मारे नाक एक दम लाल हो गया। गाँधी जी ने नेहरु के लाल नाक को देख कर कहा कि - क्यूँ भई जूकाम कैसा है। नेहरु बोले - चिंता की बात नहीं आप के खादी के रुमालों से कुछ दिनों में नाक ही नहीं रहेगा फिर जुकाम ही न होगा।
चुटकुला # 0429

लाँग रुट की बस का कंडक्टर एक गाँव वालो से बड़ा परेशान था। गाँव वाले हाथ देकर अगले गाँव जाने के लिए भी बस रुकवा लेते थे जबकि वह बस का स्टॉप भी नहीं था। अब बस जा रही है व वह गाँव आने वाला है। कंडक्टर पीछे से ड्राइवर को आवाज लगाता है कि - रै भाई इब के ना रोकिए, कोई रस्ते माँ हो तो सालयाँ ने पेल दिए। ड्राइवर भी जोश में आकर गाड़ी की स्पीड बढ़ा देता है। फिर क्या देखता है की गाँव आने पर एक बुढ़िया एक छोटे से लड़के, जिस ने सिर्फ बुशर्ट ही पहन रखी है, के साथ सड़के के बीचो बीच खड़ी है। ड्राइवर को गाड़ी में ब्रेक लगानी पड़ी जाती है। ड्राइवर थोड़ा सा साइड मार कर अपनी खिड़की से सर निकाल कर गुस्से में पूछता है - रै माई कित जा गी। बुढ़िया - ना बेटे जाणा तो कोनी, बालक रोवे था इसने भोपूं बजा के दिखा दे।

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नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक 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तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया 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पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi 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