सुषम बेदी की कुछ कविताएं

SHARE:

चंद कविताएं -सुषम बेदी दीवार के इधर और उधर दीवार के इस ओर कुछ नियम हैं ...



चंद कविताएं

-सुषम बेदी



दीवार के इधर और उधर
दीवार के इस ओर कुछ नियम हैं
जिन्हें मानना पड़ता है
दीवार के दूसरी ओर
दूसरे नियम हैं
जिन्हें मानो या नहीं

दीवार दीखती नहीं
पारदर्शी हैं
चिनी है आसमान तलक
अभेद्य है
सुरागों पर पहरे हैं
अदृश्य
दरअसल ये हवा की दीवारें हैं
इसी से सांसों के जरिये
अब भीतर जा खड़ी हैं
लोग रात दिन
महसूसते हैं
घुटते हैं
लेकिन सांसों से मुक्ति कहां


18
भारत से बाहर भारत
सब तो वैसा का वैसा है
वही मंदिर के कलश
वैसे ही गुंबद गुरुद्वारे के
मीनारें मस्जिदों की
सिर की पंगतें
शीश नवाये भक्त
ड़र से आहत
सुखों की कामना से विचलित
हां वैसा का वैसा ही है

फिर भी कुछ तो है
कह जाता है
वैसा का वैसा तो नहीं,
क्या सचमुच वैसा का वैसा ही है

19
सही और गलत

सुनो
फैसला मत सुनाओ मुझे
सही और गलत का

सवाल पूछो
जवाब की खोज ही देगी तुम्हें वह रास्ता
कि फैसले के मंजर तक पहुंच सको
न भी पहुंचे, तो क्या
राह का अता पता तो मिलेगा
सही-गलत का कुछ अंदाज तो होगा

20

वक्त
वक्त
जिस्म की तहों में छीजता
खाल की झुर्रियों में खीझता
लील जाता है प्यार को
ड़कार जाता है रिश्ते

यादों की धूल समेटता
किताबों के पन्नों में,
पुरानी नीली चिट्ठियों में ,
पंख फड़फड़ाता
अपनी अदेखी उड़ान भर
जाने कब कहां पहुंच जाता है

जिंदगी को गूंगा करता
मौत को वाचाल
वक्त
क्यों
मुझसे, तुमसे
बड़ा हो जाता है


21

कर्मजाल
यूं तो मुझे मालूम था
कि तुम सब कुछ भूल जाओगे
कि तुम्हारी लच्छेदार बातों में होंगे
ढेर सारे आमंत्रण
वादे, वचन, आश्वासन
तुम घिर जाओगे फिर से
उन अपने जैसों से
और घेरेंगी तुम्हें
तुम्हारी जरुरतें
तुम्हारे फैलाये, ये सारे कर्मजाल

वादे, निमंत्रण, वचन, आश्वासन
उस जाल में
कुछ नये फंदे लगाकर
तुमको और बांधेंगे
जितना बांधेंगे
उतने ही मुक्त करेंगे
क्योंकि हर बांधना तुम्हें मुक्ति का एक कारण, एक बहाना देता जायेगा
कई अनचाहे बंधनों से छुड़ाता चला जायेगा

वादे, निमंत्रण, वचन, आश्वासन
सवाल, मांगें, पुकार, याचनाएं
तुम लटके रहोगे ठीक उनके बीचोंबीच
कि उनका होना ही
तुम्हें मुक्ति देता है
तुम्हारी सार्थकता है
उनके होने में
जूझने या सामना करने में नहीं


22


चेहरे

जब मुझे मालूम था
कि तुम्हारा
दिखाने का चेहरा
असली चेहरे से कुछ और होता है
तो क्यों उस देखे चेहरे को
मैं सच मान गयी
और वे सब लोग भी जो वहां मौजूद थे
कि जिन्होंने जनमत बनाया
कि जिन्होंने तुमको गद्दी पर बैठाया

क्या सचमुच वे तुम्हारा असली चेहरा
नहीं देख पाये थे
क्या वे बिन आंखों के थे
या उनको हर आईने में अपना ही चेहरा दीखता था
तुमने उनको भला सिखाया
कि तुमसे यानि कि अपने से बाहर कुछ और नहीं
कि तुमसे बाहर कोई सच नहीं
कोई इतिहास नहीं
कोई नहीं वर्तमान
न ही कोई आने वाली पीढी
भला कैसे देखते वे
कि भीड़ के चेहरे पर तीसरी आंख नहीं होती


23


मेरे ही घर में


चलो इस बार भी
तुम्हारी ही जीत हुई
मेरी हार
तुम्हारी बातों की शहद ने बहुतों को लपेटा
अपने छत्ते में समेटा
तुमने सबका रस निचोड़ा
और भी भारी हुआ तुम्हारा छत्ता

मैं मादा मक्खी
सबको बचाने के लिये
चाहे काटती दौड़ी
पर तुम तो घुसे थे मेरे ही घर में
मेरे ही छत्ते में
तुमसे भला रक्षा कैसे करती
अपनी या किसी की भी


24


सावन में: कुमायुं

बात चली सावन की
कहां नहीं होता सावन
बरखा, बारिश बरसात
कितने ही नामों से
कितने ही रूप धर
आता है सावन
कंपाता है धरती का रोम रोम
सजाता है वसुधा का अंगअंग
फूटती हैं खुशबुएं
छूटती हैं फुहारें
फुदकती हैं नदिया
फांदती कगारें
महकते हैं आंगन
बहकते हैं बादल
रसबूंद टपकाती पत्तियां
मचलती उजलाती हरीतिमा


देखे हैं सावन बारबार
कितने ही भूखंड़ों में
देखी है धरती की अनोखी पुलक
संजोया है वह रूप मन में बार बार

पर यह कैसा है सावन
कैसी बूंदें, कैसी पुहार
कि आंखों में ही उतरता है बार-बार
जुलाई 28, सुबह रामगढ में


राज नेताओं के नाम खत
मेरी हिफाजत के लिये
बाहर ठंड़ में ठिठुरता संतरी
सीमाओं पर गोलियां झेलता सैनिक

मैं बेधड़क, बेखौफ कहीं भी निकल पड़ूं
कैसे भी खतरों में
मिलेगा वह मुझे
सागर के किनारे
रेगिस्तानों में
मैदानों में
सड़कों पर
हर जगह चौकीदारी करता

सोचती हूं
क्या होगा उसकी सुरक्षा का
जो हरदम मेरी सुरक्षा को
छाती ताने
मौसम-बेमौसम से लड़ता तैनात है
क्या अपनी सुरक्षा का सवाल उसे
छोटा लगता है
या अपनी जरूरतों से अंधे हम,
उसका उठा हुआ हाथ देखते ही नहीं

क्या यह मुमकिन नहीं
कि हर कोई अपनी सुरक्षा के लिये खुद जिम्मेदार हो
कि सीमाओं के बाहर कदम ही न रखे
और रखे तो दोस्ती का ही
कि सुरक्षा के नाम पर इंसान
इंसान को खरीद न सके, बरगला न सके
कि कुछ ऐसा हो
कि सुरक्षा का सवाल ही न उठे


अदृश्य लड़की


लड़की अब दीखती नहीं
ठीक सामने बैठी है
कभी दायें या बायें
बैठ जाती है
पर किसी को दीखती नहीं

ढलते चेहरे पर उसने पोते हैं
भड़कीले रंग
बाल किये हैं लाल, नीले और जामुनी
होठों पर नारंगी लिपस्टिक की गीली, चमचमाती परत
भौहों को उजागर करती काली रेखायें
फिर भी
दीखती नहीं

कुछ बरस पहले
ऐसा नहीं था
उसके जिस्म की महक
दूर से जतला देती थी उसका होना
उसके पैरों की आहट
कि घूघत्त् बज उठते थे कितने ही कानों में
उसकी ह¬की मुस्कान कि कितना कुछ कह देती थी कितनों से

अकसर वह नहीं होती
तो भी रहती थी
अहसासों में
दीख जाती थी
क¬पना की आंखों से

अब वह चीखती है
चिल्लाती है तार स्वर में
गला जख्मी हो जाता है
लेकिन
सुनाई नहीं देती
घूमती है बाजार भर में
दो दो हाथ उठा
करती है संकेत
पैरों पर उचक-उचक
और लंबी होती है
लेकिन
दिखाई नहीं देती

यूं इस बीच
कुछ खास हुआ तो नहीं
हां कुछ लम्हों ने हाथ तो फेरा था उस पर
वक्त की कुछ हवायें
निकल गयी थीं उस पर से
बस

बस और तो कुछ नहीं
फिर लड़की अदृश्य क्यों है
दिखाई क्यों नहीं देती


तब और अब

वह सिर चढाये रहता था लड़की को
वह कंधे पर उठाये घूमता था लड़की को
वह गोद में बिठाये चूमता था लड़की को

लड़की थकी है
उसे गोद नहीं मिलती
जिस्म दुखता है
कंधा नहीं मिलता
बांहों का घेरा बनाये बैठी है लड़की
सिर गिरफ़्त में नहीं आता


लड़की को कोई हक नहीं
लड़की बन के रहने का
या तो मां बनेगी
या वेश्या
कुछ और बनने की जिद करेगी
तो सूली चढेगी



तुम्हारी याद

पश्मीने की शाल सी
रेशम की रजाई सी
जाड़े की धूप जैसी
कोमल और गरम
तुम्हारी याद
+ + +
तूश की शाल सी
नरमाई में लपेटती तुम्हारी याद
गरमाई, सेक
पिघला देता है
नये सिरे से
रोम रोम
+ + +

याद है एक चांद की तरह
जो घटता - बढता रहता है
फर्क सिर्फ इतना
कि चांद के घटने बढ़ने में एक क्रम है, नियम है,
ओर याद
क्रमहीन
नियमों को अवमानती
जब-तब आ धमकने वाली



यादों का अंतिम चरण
सिर्फ यादें हैं

और यादें
बेअंत यादें
अधाधुंध गलियां
अंधेरी खोहें
समानांतर रास्ते हैं
जो चैराहा नहीं बनते
+ + +



याद
सूरज सी
गरमी देती है
चमक
और जलन भी

+ +
तुम्हारी याद
उस फूल सी
जो अभी अभी
भोर की ओस में नहाया है
धूप के कतरे सुखा ड़ालेंगे
ओस की कनियों को
रोजमर्रा की आपाधापी की तरह
+ + +
याद के कई रंग
उजली धूप का
ऊदी बदली का
गीली हरियाली का
गुलाबी पंखुरी का
पीले पतझर का
लाल अंगारे का
काली राख का



+ + +



प्रेम के कई चेहरे

वाटिका की तापसी सीता का
नकटी शूर्पणखा का
चिरबिरहन गोपिका का
जुए में हारी द्रौपदी का
यम को ललकारती
सावित्री का



संतो की बानी: बुश की विदेश नीति


राक्षस ढूढंन मैं गया, मिला न राक्षस कोय
अपणे भीतर झांकयों, मैं ही राक्षस होय

जो मैं सो जाण्ती, हमलो कियो दुख होय
नगर ढिंढोरा पीटती, बैर करो न कोय

रहिमन पानी राखियै, बिन पाणी सब सूण
पाणी छाड़यो बूश ने, होयो खून ही खून

टोनी बुश दोउ खड़े, काके लागूं पाय
बलिहारी बुश आपने, टोनिय नाव ड़ुबाय

लाड़न पेरत जुग गया, मिला न लाड़न कोय
लाड़न-वाड़न छाड़ के, असली कामहु देख



बहुत हो लीं
बहुत हो लीं
फोन पर बातें,
बहुत हो गये
ईमेल पत्र आर-पार
तुम इन्हें आधा मिलन कहो या पौना
तुम्हारे पास बैठने का एक पल
तुम्हारा एक हल्का सा स्पर्श
जाने कितने ही खतों-फोनों को
नगण्य कर देगा


प्रेरण

जाने किसके आशीर्वाद से सिक्त होते हैं वे क्षण
जब तुम धरती हो चरण,
मेरे मानस पटल पर
बेखबर होती हूं जब तुम आती हो
पर मन का जगत न केवल जगता है
अचानक कुलांचे भरने लगता हे
कोई दिशा हो या न
ढूंढ लेता है दिशायें और दौड़ पड़ता है
कैन्द्रीभूत उजात से उन्मत्त
चाहे बिन बताये ही आती हो
फिर भी तुम्हारा आना शुभ है
शिरोधार्य है
मेरा अंतस ,
मेरा सृष्टा
कहता˙ है
---

संपर्क:


सुषम बेदी 404 वेस्ट 116 सट्रीट, अपार्टमेंट 33
न्यूयॉर्क 10027

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: सुषम बेदी की कुछ कविताएं
सुषम बेदी की कुछ कविताएं
http://bp2.blogger.com/_t-eJZb6SGWU/SCPzk1Ceu6I/AAAAAAAAC6c/Otc7r1rP8JM/s400/shusham+bedi+ki+kavitayen.jpg
http://bp2.blogger.com/_t-eJZb6SGWU/SCPzk1Ceu6I/AAAAAAAAC6c/Otc7r1rP8JM/s72-c/shusham+bedi+ki+kavitayen.jpg
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2008/05/blog-post_09.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2008/05/blog-post_09.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content