पूर्णिमा पाण्डेय का आलेख : दुनिया घूमने के कुछ अनूठे उपाय

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पूर्णिमा पाण्डेय आपको बता रही हैं दुनिया घूमने के चंद ऐसे अनूठे उपाय, जिनमें आपका घेला भी खर्च नहीं होगा मगर यात्रा इतनी होगी, आनंद इतना आएग...

पूर्णिमा पाण्डेय आपको बता रही हैं दुनिया घूमने के चंद ऐसे अनूठे उपाय, जिनमें आपका घेला भी खर्च नहीं होगा मगर यात्रा इतनी होगी, आनंद इतना आएगा कि आप ताजिंदगी उसे याद रखेंगे…

आप बाजार में, स्टोर में, दोस्त से मिलने के लिए यात्रा करते हैं और यह सभी काम नीरसता में बदल जाते हैं और फिर अचानक आपको लगता है कि आप कहां हैं. जगह के अलग होने का एहसास दीवार पर पड़ने वाली रोशनी, लोगों के चेहरों के भाव, मौसम का एहसास ही है जो आपको बताता है कि आप यात्री हैं. यह एहसास आपको अच्छा लगता है, यह आपको राहत देता है, आप कभी नहीं भूल पाते कि रोड पर आपने क्या सीखा था.

हम अपने आस पास की दुनिया के बहुत जल्दी आदी हो जाते हैं, खासतौर पर अगर हम उस माहौल में पले बढ़े हों या सालों से रह रहे हों. यह पहचान बिलकुल बुरी नहीं है लेकिन हमारा दिमाग किसी अनजानी बात पर ध्यान देना बंद कर देता है और हम अपने प्रोजेक्ट, काम, रिश्तों में उलझ कर रह जाते हैं.

और बहुत बार हमारी इच्छा (असंतुष्ट तीव्र इच्छा कुछ नया देखने की) हमें यात्रा की याद दिलाती है कई बार यह पीड़ा हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाती है. आप खुद से यह पूछने लगते हैं कि मैं उस जगह को वैसा क्यों नहीं देख या महसूस कर रहा हूं जैसा मैंने दूसरी जगहों के लिए किया था?

यात्रा का मतलब सिर्फ हिमालय की चढ़ाई चढ़ना या समुद्र की लहरें देखने के लिए मीलों की दूरी तय करना नहीं है यह कुछ लोगों के लिए यात्रा हो सकती है लेकिन सचाई यह है कि यात्रा का मतलब है देखने का नजरिया.

पर्यटन को देखने का आपका दृष्टिकोण आपको एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकने और ढेरों पैसा खर्च करने से बचाता है और आपको उस दुनिया को फिर से खोजने और जीने का मौका देता है जिसे आप पहले से अच्छी तरह जानते हैं.

तो लीजिए, आपके लिए बजट पर्यटन. इसमें आपका घेला भी खर्च नहीं होगा, लेकिन इतनी यात्रा हो जाएगी कि जिंदगी भर याद रखेंगे.

· चींटी को ललचाने के लिए एक चीनी का टुकड़ा डालें जब वह चीनी को मुंह में दबा ले और अपने घर की ओर चले तो उसके पीछे चल दें देखिए आपको यह यात्रा कहां तक ले जाती है.

· बस या ट्रेन से आफिस जाते समय उसकी खिड़की के बाहर की दुनिया को इस तरह देखें जैसे कोई टीवी डाक्यूमेंट्री हो यह आपको अपने लोगों और अपने शहर की आत्मा से परिचित करवाएगा.

· हाइकिंग (प्राकृतिक वातावरण में यात्रा) की तर्ज पर आप एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी पर बने घर के बीच यात्रा तय करें जिसके लिए न टेंट चाहिए होगा न स्लीपिंग बैग. बस साथ रखना होगा थोड़ा भोजन पानी और फर्स्ट एड किट.

· आपके शहर में कोई छोटी नदी तालाब तलैया बांध झरना हो तो बीच डे के रूप में वहां वाँलीबाँल खेलें, फाइ वस्टार शेफ की बताई किसी फैंसी आइस ड्रिंक का सिप लें. यह आपको गोवा, केरल, कर्नाटक, लक्ष द्वीप और अंडमान और निकोबार में समुद्र तट पर यात्रा का आनंद देगा.

· अपने शहर, कस्बे या गांव के उस कोने को खोजें जिसके बारे में किसी को न पता हो.

· अपने शहर के उन जगहों को खोजिए जहां आपको बहुत दिन हो गए हों, वहां रिक्शा या तांगे से सफर करें.

· कभी आप किसी रैली में शामिल नहीं हों तो किसी मैराथन रैली, दिवस, कार या बाइक रैली, जागरूकता मिशन, घोटाला रथ यात्रा जैसी रैली में शामिल हो जाएं

· धार्मिक स्थल की पदयात्रा सांस्कृतिक यात्रा में शामिल हों और अपने ही शहर के उस सांस्कृतिक पक्ष को देखें जिसे आपने समय न मिलने की वजह से अनदेखा किया था.

· आफिस पैदल जाएं. शार्टकट अपनाने की जग उस रास्ते से जाएं जिस पर बाइक या कार दौड़ाते हुए आप मिनटों में आफिस तक पहुंच जाते हैं और उस रास्ते के सबसे बड़े मकान, खूबसूरत पार्क, हालीवुड- बालीवुड फिल्मों के पोस्टर लगे वीडियो पार्लर, गिफ्ट कार्नर को आजतक नहीं देखा था. आप लोगों से बात कर सकते हैं. सड़क के किनारे लगी बेंच के पास ठहर सकते हैं. घर लौटते वक्त उस छोटे रेस्टोरेंट में खाना खा सकते हैं जिस पर आपने कभी गौर नहीं किया.

· बारिश में खुद को भीगने से बचाते हुए घरों और दुकानों की ओट में से होते हुए गुजरें. कुछ भीगे और कुछ बिना भीगे आप मंजिल पर पहुंचेंगे तो जान जाएंगे कि आपको बारिश से बचाने वाली ओट कहां कहां धूप से बचाएगी.

· नक्शे को देखते हुए अपने शहर की यात्रा करें और जानें कि आपका शहर नक्शे से कितना अलग है.

· घर बैठे आपको चेरापूंजी का दर्शन करना है तो कार के पुराने हो चुके कवर को काटकर चौकोर बना लें. इसके बाद उसमें ऐसे छेद बनाएं कि उनमें से पानी बारिश की बूंदों की तरह निकलें. अब इस कवर को लकड़ी के चार बड़े डंडों पर तान दीजिए. इसके बाद पानी के पाइप को इस तरह फिट कीजिए कि पानी बारिश के रूप में उसमें से छनकर नीचे गिरे.

· अक्सर शहर में पाइप लाइन डालने का काम होता रहता है ऐसी जगह को ढूंढिए. खाली पड़ी पाइप लाइन के एक छोर से प्रवेश करके दूसरे से बाहर निकलिए यह आपको सुरंग या गुफा का आनंद देगा.

· शहर के दर्शनीय स्थलों के बारे में उपलब्ध जानकारियों को अपनी आवाज में रिकाँर्ड करें और उसे सुनते हुए उस जगह की यात्रा करें.

· विदेशी पर्यटकों को मुफ्त का गाइड बनकर शहर के बारे में उन बातों को बताएं जो अकसर गाइड बताने से चूक जाते हैं.

· घर से निकलने पर मिलने वाले पहले पेड़ से गिनती शुरू करके अपनी मंजिल तक मिलने वाले पेड़ों को गिनें. यह यात्रा बताएगी कि आपको छांव देने वाले कितने पेड़ों का आपने कभी शुक्रिया अदा नहीं किया.

· ट्रैवल का मतलब बस रेल हवाई यात्रा से किसी दूसरे देश या शहर जाना है. होटल या रेस्टोरेंट जो अलग अलग देशों के व्यंजनों का मेला आयोजित करते हैं, जिनके जरिए आप क्यूलिनरी टूर का आनंद ले सकते हैं.

· अपनी आंखें बंद कर लें और अपने किसी दोस्त का हाथ थामकर शहर की सबसे व्यस्त तम गलियों में चलें. उससे कहें कि वह आस पास होने वाली घटनाओं के बारे में बताए. आप वह सब देख पाएंगे जिन्हें आप खुली आंखों से नहीं देख सके थे.

· उस छोटी बच्ची या बच्चे से बात करें जिनसे आपने फूल गुब्बारे या खिलौने खरीदे थे. यह आपको फिल्मी पर्दे से बाहर निकलकर उस दुनिया को देखने का अवसर देगा जिसमें वे जद्दोजहद से मिलने वाली जिंदगी के बावजूद खुश रहते हैं. यह आपके लिए प्रेरणा यात्रा साबित होगी.

· मेडिटेशन सेंटर्स या आश्रम मुफ्त में साधारण कमरा और भोजन उपलब्ध करवाते हैं जहां उनकी अपनी अच्छी लाइब्रेरी होती है रात में आप लोगों के साथ भोजन करते हैं और दिन में उनके आश्रम के क्षेत्र में घूमने, तालाब के पास बैठने, फूल चुनने या शांत वातावरण को देखने का मौका मिल सकता है ऐसे ध्यान केन्द्र के बारे में आप ऑन लाइन पता कर सकते हैं.

· बस या ट्रेन को आने में आधे घंटे से ज्यादा का वक्त है और आस पास कोई फ्लावर श्राप, फैशनेबल बुटीक है तो वहां ।5 मिनट की यात्रा करें. यह आपको मिलान की गलियों में होने का एहसास देगा.

· एक देश चुनें वहां के लोगों के कपड़े पहनने के तरीके खान पान नृत्य के बारे में जानें और उसी तरह पेश आएं. जिस जगह की थीम रखें वहां के परम्परागत खेल को भी शामिल करने की कोशिश करें.

· आग के सामने बैठिए और उसकी उठती नाचती लपटों के साथ अपनी आंखों की पुतलियों को घुमाएं, रात के शांत माहौल में चलने वाली तेज हवा से होने वाली आवाजों के साथ आवाज निकालिए, अंगूर के टुकड़े को मुंह में रखिए, जैसे गोल ग्लोब हो उसे धीरे से दांतों के बीच दबाइए और जो रस आपके गले से होते हुए अंदर जाए उसे महसूस कीजिए. अपने शरीर की संवेदनाओं के प्रति जागरूक बनकर संवेदन यात्रा करें.

· विदेशी संगीत या नृत्य का वीडियो देखें और अपने दोस्तों के साथ वैसा ही नृत्य करने की कोशिश करें या किसी देश के युग को जीवंत करने के लिए वहां की लोककथा को पढ़कर उसे नाटक में रूपान्तरित कर दीजिए और उसे परिवार के साथ मिलकर मंचित कीजिए. इससे आप वहां की संस्कृति को आभासी रूप से महसूस कर पाएंगे.

· एक धीमी दौड़ लगाएं और सब पर नजर डालें कि कैसे रोशनी बिल्डिंग पर पड़ रही है. रेस्टोरेंट के बाहर कैसी आवाज आ रही है, आकाश कैसा दिख रहा है, मौसम में कितनी तपन है.

· रास्ते का ध्यान दिए बिना घूमें और इस बात का लाभ उठाएं कि आप इस जगह के भूगोल से अच्छी तरह परिचित हैं.

· बिना किसी वजह के अपने पड़ोसी के घर पहुंच जाएं और उनके हाल चाल इस तरह पूछें जैसे आप पहली बार मिलने आए हों.

· शहर को अलग अलग कोण से देखें- यह पहाड़ी की चोटी से कैसा दिखता है? नीचे से कैसा दिखता है? पश्चिम से पूरब की ओर सैर करते हुए कैसा लगता है? शहर की सबसे ऊंची बिल्डिंग से कैसा दिखता है या खण्डहर से कैसा नजर आता है?

· जब पुराने रास्तों पर चलकर कुछ नया न दिखे तो शहर से थोड़ा बाहर निकलकर वापस उसकी ओर लौटें आपको शहर में प्रवेश करना ज्यादा बेहतर महसूस करवाएगा और आप उस पहाड़ी खुले मैदान या जलकुम्भी से भरे तालाब को देख पाएंगे जो कभी उस जगह की पहचान था.

· सड़क के किनारे बैठकर स्कैच बनाने वाले कलाकार से अपना पोट्रेट बनवाएं. हो सके तो उसे आपके चेहरे और वेशभूषा से प्रयोग करने की छूट दें. विदेशी वेशभूषा, नयन नक्श के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं.

· एक काल्पनिक ट्रिप की योजना बनाएं. आपको कहां जाना है, आपका टूरिस्ट लिटरेचर आपको कहां ले जाएगा. ऐसे पेश आएं जैसे आप अपने शहर के बारे में कुछ नहीं जानते. लोगों से दिशाओं के बारे में पूछें. लोगों को देखकर मुस्कराएं. रास्ते में दिखने वाले हर खूबसूरत दृश्यों को कैमरे में कैद करें. कल्पना कीजिए कि आप पर्यटन स्थलों को पहली बार देख रहे हैं, वे आपसे क्या कहना चाह रहे हैं? आप उन्हें कैसे परिभाषित करते हैं? आप उनके बारे में अपने दोस्तों को क्या लिखेंगे ?

· अपने शहर के उस रेस्टोरेंट में जाएं जहां परम्परागत तरीके से बने स्थानीय व्यंजन मिलते हैं और उन्हें इस तरह खाएं जैसे उसका स्वाद वैसा ही है जैसा लोग उसके बारे में बाहरी लोगों को बताते हुए कहते हैं.

· हर शहर में एक जगह ऐसी जरूर होती है जहां दूसरी जगहों के लोग रहते हैं और उस जगह की पहचान बन जाते हैं. आप भी उस गली में जाएं वहां दूसरे देश के लोग रेस्टोरेंट या दुकान चलाते हैं, चाइनीज रेस्टोरेंट में चीनी भाषा का अभ्यास करें, शरणार्थियों को आश्रम दें या अप्रवासियों के साथ काम करें.

· योजना बनाएं जैसे आप अपना शहर छोड़ रहे हैं. अपने सारे काम और जिम्मेदारियां निपटाएं ताकि आप छुट्टियां बिताने वाले की तरह जी सकें. यात्रा की सबसे बड़ी खासियत होती है, उससे मिलने वाली स्वतंत्रता, जिसमें आप किसी नियमित दिनचर्या का हिस्सा नहीं होते. इस तरह आप उस अनुभव का आनंद ले सकेंगे जब आप खुद से पूछ सकें कि आप आज सचमुच क्या करना चाहते हैं.

· अपने घर से होटल की तरह पेश आएं. दिन के बीच में केवल एक घंटे के लिए घर आएं और परिवार के साथसाथ क्वालिटी टाइम बिताएं. जो भी करें लेकिन उस दिन घर पर न रुकें. वैसे भी जब आप कहीं घूमने जाते हैं तो पूरा दिन होटल मे बैठकर नहीं बिताते ।

· बच्चों के साथ पार्क में बैठकर देखें कि कौन से पशु पक्षी और जीव वहां आते हैं. खासतौर पर चिड़ियों की कौन सी प्रजातियां वहां देखने को मिलती हैं. हो सके तो तस्वीरें लें. पार्क में जितने तरह के पेड़ पौधे हों उनकी पत्तियों को इकट्ठा करें और फाइल बनाएं और उनके नाम खोजने की कोशिश करें.

अब नोट कीजिए कुछ नया नजर आया?

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(साभार – अहा! जिंदगी, अप्रैल 2009)

COMMENTS

BLOGGER: 3
  1. kamaal kee post

    bemisaal lekhan

    behad upyogi baaten


    padhkar aanand aa gaya

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  2. हिंदी में इस तरह के लोकप्रिय विषयों का अकाल-सा है। हिंदी ब्लागिंग यदि कहानी कविता से इतर इस तरह के लोकप्रिय विषयों की ओर बढे तो नए अनुभव और विषय की विविधता हिंदी भाषा के साहित्य को निश्चित ही सम्रद्ध करने में सहायक होंगे।
    आभार इस लेख को प्रस्तुत करने के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  3. भई वाह! मज़ा आ गया. इसी को तो कहते हैं हर्र लगे न फिटकरी, रंग चोखा आये. वास्तव में हमारें चारों तरफ देखने को बहुत कुछ है, बशर्ते हम अपनी आंखें खुली रखें और उदार मन से उसका सुख लें. धन्यवाद पूर्णिमा जी.

    जवाब देंहटाएं
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रचनाकार: पूर्णिमा पाण्डेय का आलेख : दुनिया घूमने के कुछ अनूठे उपाय
पूर्णिमा पाण्डेय का आलेख : दुनिया घूमने के कुछ अनूठे उपाय
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